उत्तराखंड के सौंदर्य को विश्वपटल पर लाने की जरूरतः खेर

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देहरादून। देवभूमि उत्तराखण्ड के अनछुए सौंदर्य और आध्यात्मिकता को विश्व के समक्ष लाने का जरूरत है। देहरादून पहुंचे प्रख्यात सूफी गायक कैलाश खेर ने कहा कि पाताल भूवनेश्वर, नीलकंठ, जागेश्वर, बालेश्वर जैसे पवित्र स्थलों की आध्यात्मिकता दुनिया को अचंभित करती है। उन्होंने कहा कि यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा को संगीत के माध्यम से भी दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
गुरुवार को सचिवालय में प्रसिद्ध सूफी गायक पदमश्री कैलाश खेर ने महानिदेशक सूचना डॉ. पंकज पाण्डेय से शिष्टाचार भेंट की। इस मौके पर कैलाश खेर ने देवभूमि उत्तराखंड की विशिष्टताओं को वैश्विक पटल पर लाने की संभावनाओं पर चर्चा की। खेर ने कहा कि संगीत लोगों की सकारात्मक मनोवृत्ति को विकसित करती है। उन्होंने कहा कि वे अपनी संगीत की छोटी-छोटी प्रस्तुतियों के माध्यम से उत्तराखण्ड की सौंदर्य और आध्यात्मिकता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं। महानिदेशक डॉ. पाण्डेय ने बताया कि उत्तराखण्ड सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ’13 जिले-13 नए पर्यटन गंतव्य’ विकसित कर रही है। इससे उत्तराखण्ड में आने वाले पर्यटको की संख्या में इजाफा होगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में चल रही चारधाम यात्रा अत्यन्त सफल रही है, इस वर्ष अबतक लगभग 21 लाख श्रद्धालुओं ने उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब के दर्शन किए हैं। चार धाम यात्रा के सफल संचालन से सरकार सुरक्षित उत्तराखण्ड का संदेश देश-विदेश में देने में सफल रही है। उत्तराखण्ड सरकार चारधाम यात्रा और अन्य पर्यटन क्षेत्रों को वर्षभर लोगों के आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए अनेक कदम उठा रही है। सरकार का प्रयास है कि धार्मिक पर्यटन के साथ पर्यटन के अन्य प्रकारों को बढ़ावा दिया जाए, जिससे कि उत्तराखण्ड की आर्थिकी में सार्थक बदलाव दिखे। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक आशीष कुमार त्रिपाठी भी मौजूद थे।