भाजपा ने कहा किसानों का भला करने में रावत सरकार रही फिसड्डी

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रविवार को भाजपा ने बीजेपी कार्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया।कांफ्रेंस को केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने संचालित किया।राधा मोहन सिंह ने कहा कि केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी में 13वें वित् आयोग में 16,709 करोड़ प्राप्त हुए जबकि मोदी सरकार के आने पर 14 वें वित आयोग में उत्तराखण्ड को 43,441 करोड़ प्राप्त हुए, यदि एक वर्ष का ही हिसाब 2013-14  में 3,643 करोड़ तो 2015-16 में 5,807 करोड़ रुपये राज्य को प्राप्त हुए है जो पिछले साल से बहुत ज्यादा है लेकिन विकास के नाम पर तब भी राज्य सरकार ने कुछ नहीं किया।

राधा ने कहा कि रावत सरकार सिर्फ नारे लगाती रही,निष्ठा के साथ विकास का कोई काम नहीं किया।आगे उन्होंने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार से लिप्त है।राज्य में कांग्रेस की भ्रष्ट चौकड़ी ने अपने हवाले से पिछड़े गांव, गरीब किसान के विकास की योजनाओ के लिए आने वाली राशि को ठीक ढंग से खर्च भी नहीं किया।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राधा मोहन ने कहा कि प्रधान मंत्री कृषि सिचाई योजना और उसके सम्बंधित अन्य कार्यों के लिए राज्य को पिछले दो सालों में दी गए राशि को राज्य सरकार ने ना तो खर्च किया और ना ही इसकी प्रगति की रिपोर्ट  भारत सरकार को दी।प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के खर्च का ब्यौरा दो वर्षों में भी केंद्र सरकार को उपलब्ध नहीं कराया।राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए प्राप्त 2015-16  के 36.74  करोड़ में लगभग 10 करोड़ और 2016-17 में राज्य के पास उपलब्ध 54.4 करोड़ में से अभी तक केवल 15 करोड़ ही खर्च हुए हैं।कांग्रेस हवाला देती है कि हरीश रावत ने पहाड़ी क्षेत्रों का विकास किया है लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।पहाड़ी राज्यों में बागवानी किसानों का मुख्य साधन है बागवानी मिशन के तहत दी गई राशि को भी खर्च करने में राज्य सरकार फिसड्डी ही रही।उत्तराखंड राज्य के पिथौरागड़ और चमोली जिले केंद्र सरकार ने राज्य पोशित वित्त केंद्र शुरु करने के लिए मार्च 2016, सितम्बर 2016, दिसम्बर 2016, में तीन बार जमीनों के लिए पत्र दिया लेकिन यह काम भी सरकार अब तक नहीं कर पाई है।