बागियों पर भाजपा हुई कठोर, प्रणव सिंह चैंपियन को दिया नोटिस

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देहरादून। उत्तराखंड में राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेंस वाली सरकार के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत पर उन्हीं के सहयोगियों द्वारा करारा प्रहार किया जा रहा है। कांग्रेस से आए हुए लोग जिन्होंने कांग्रेस में खटास पैदा की थी, वही लोग भाजपा में भी खटास पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन है। इन्हें भाजपा प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

भले ही राजे-रजवाड़े समाप्त हो रहे हैं लेकिन आज भी कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन में अकड़ वैसे ही है। चैंपियन जहां भी रहे हैं उन्होंने अपनी ही सरकारों के लिए हमेशा गड्ढा खोदने का काम किया है लेकिन भाजपा में शायद यह थ्योरी न चल पाए। यही कारण है कि उनके इस तेवर को देखते हुए पार्टी ने महामंत्री मुख्यालय नरेश बंसल को जांच अधिकारी बनाकर उनके प्रकरण की जांच को कहा है।
प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के निर्देशन पर जांच अधिकारी नरेश बंसल ने उन्हें नोटिस भेज दिए हैं और प्रथम दृष्टया उनके आचरण और बयानों को पार्टी विरोधी पाया गया है। पिछले कुछ दिनों से संगठन में कुछ नेताओं के विरोधी तेवर को देखते हुए पार्टी ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। प्रदेश अध्यक्ष ने साफ कहा था कि बागियों को बख्शा नहीं जाएगा। कुंवर प्रणव के प्रकरण को भी इसी कड़ी में देखा जा रहा है।
प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने साफ किया है कि कोई भी नेता चाहे वह किसी भी पद का हो, अगर अनुशासनहीनता के दायरे में आएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व की ओर से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के निष्कासन को लेकर अनुमति मिल गई है। माना जा रहा है कि कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बहाने और कई नेताओं को भाजपा सबक सिखाने वाली है। चैंपियन को भाजपा ठीक भीमलाल की तरह ही निलंबित करेगी।
पिछले कुछ दिनों से खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और उनकी पत्नी कुुंवरानी देवयानी संगठन के विरुद्ध लगातार मुखर हैं। मीडिया में दिए गये उनके बयानों के कारण उन पर पार्टी का रुख काफी टेढ़ा है, जिसके कारण वह अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए मुख्यमंत्री से मिलना चाहते थे लेकिन मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में होने के कारण उनसे नहीं मिल पाए। यहां भी मीडिया से बातचीत के दौरान कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने जो कुछ कहा वह उनकी नाराजगी से देखा जा सकता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी दबाव में आने वाली नहीं है, जिसके कारण मुख्यमंत्री और पार्टी के पदाध्किारी उन्हें अनुशासनहीन मानने लगे हैं।
शुक्रवार को दून विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मीडिया टीम की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसे बजट पर चर्चा का नाम दिया गया था। पहले तो इस कार्यक्रम में मीडिया टीम भीड़ नहीं जुटा पाई और इसी बीच कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन भी वहां पहुंच गए, जिससे मुख्यमंत्राी का मन खराब हो गया। हालांकि औपचारिक रूप से उन्होंने कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को कुछ नहीं कहा लेकिन कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन मीडिया से मुखातिब होते समय अपनी तल्खी नहीं छुपा पाए। जो इस बात का संकेत था कि मुख्यमंत्री ने उन्हें अपेक्षित सम्मान नहीं दिया है।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन भाजपा से निष्कासित हो सकते हैं। हाल ही में कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन प्रकरण की जांच के बाद प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसका जवाब कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को 10 दिन के भीतर देना है। प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल ने कहा कि प्रथमदृष्टया पूरा मामला अनुशासनहीनता का बनता है। उनके द्वारा समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया में जो बयान दिए गए हैं उनका परीक्षण करने के उपरांत जांच की गई है। जांच रिपोर्ट को अध्यक्ष को सौपे जाने के बाद उनके निर्देश पर खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को नोटिस जारी किया गया है।