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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिए आदेश से एक बार फिर से सजेंगी टेंट कॉलोनिया

पर्यटन के छेत्र में उत्तराखंड की खास पहचान गंगा में रिवर राफ्टिंग और बीच कैंप है जिसके लिए दुनिया भर के लोग ऋषिकेश का रुख करतें है एनजीटी के आदेश के बाद उत्तराखंड सरकार पिछले 1 साल से गंगा 100 मीटर के दायरे में केम्प साईट पर रोक लगा दी है अब जाकर  एक बार फिर एनजीटी ने बीच कैम्पों पर लगी रोक हटा ली है लेकिन नदी से 100 मीटर के दायरे को  के प्रतिबंध को पहले की तरह रखा है सिर्फ 25 लोकेशन पर कड़े नियमो के साथ बीच कैम्पिंग की इज्जाजत दी है।
नियम का दायराः
  • बीच कैम्प में म्यूजिक और लाइटिंग प्रतिबंधित
  • किसी भी तरह के ईधन का प्रयोग नही
  • सिर्फ सोलर लाइट वो भी रात ९ बजे तक
  • प्लास्टिक और अन्य कूड़ा फैलाना प्रतिबंधित
गंगा की उफनती लहरो में राफ्टिंग का रोमांच और गंगा तटोंं पर बीच  कैम्पिंग का मजा ऋषीकेश को विश्व के नक्शे पर एक अलग ही पहचान देता है,मनीष डिमरी,कैंप संचालक का कहना है की यही कारण है की ऋषीकेश में राफ्टिंग और कैम्पिंग स्थानीय  लोग के रोज़गार का मुख्य आधार है साथ ही इससे बड़ी संख्या में युवा जुड़े जिस से पलायन पर रोक लगी है।एनजीटी के कोडियाला से ऋषिकेश के बीच चल रहे बीच कैम्पिंग के  व्यवसाय पर रोक के  फैसले को लेकर ऋषिकेश में मायूसी छाई थी। इस व्यवसाय से जुड़े लोगो को भविष्य की चिंता सताने लगी थी,अब जाकर एमजीटी के पर्यावरण मंत्रालय को  निर्देश देते  हुये  कहा है कि विभाग जल्द से जल्द बीच कैंपो के लिए नियमावली बनाए जिसके उनका रोज़गार प्रभावित न हो।
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एनजीटी के इस कदम के बाद निराश में जी रहे  कैंप संचालकों के चेहरे खिल गए है,और ख़ुशी की लहर है।राहुल सिंह,डीएफओ नरेंद्र नगर ने कहा की बीच कैंपिंग को लेकर कड़े नियम बनाये जायँगे और अगर नियमो का उलंघन करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्यवाही भी की जाएगी। ऋषीकेश से कोड़ियाला तक राफ्टिंग हब है जहा 113 राफ्टिंग कम्पनी रीवर रफ्टिंग और टेंट कालोनी बना कर अपना व्यवसाय कर रही थी। जिस से उत्तराखंड में पर्यटन को एक नयी पहचान मिल रही है,लेकिन अभी तक बीच कैंपिंग को लेकर किसी भी तरह की नियमावली नही बनाई गई थी जिसके कारण कई जगहों पर अवैध रूप से कैंप चल रहे थे,पर अब एनजीटी के आदेश के बाद नियमावली बनाने  के निर्देशों के बाद सम्बंधित विभाग भी पूरी हरकत पर आ गया है।अब सिर्फ ऋषिकेश से कौडियाला तक गंगा का 100 मीटर तक क्षेत्र प्रतिबंधित है और सिर्फ 25 लोकेशन पर कड़े नियमों के साथ बीच कैम्पिंग की इज्जाजत दी गयी है। गंगा पर रीवर राफ्टिंग राज्य सरकार के साथ-साथ स्थानीय युवाओं कि आमदनी का मुख्य जरिया है ऐसे में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के ऋषिकेश कोडियाला में राफ्टिंग कैम्प की गतिविधियों में रोक लगाने के फैसले  ने स्थानीय लोगो  में मायूसी थी लेकिन अब कैंपिंग के लिए नियमावली बनाने के आदेश के बाद कैंप संचालकों और लोगों को उम्मीद है की इससे  प्रदेश  में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।

शराब विक्रय और तस्करी करने वाले गिरफ्तार

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदया के आदेशानुसार और पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशन व श्रीमान सहायक पुलिस अधीक्षक/ क्षेत्राधिकारी सदर की देखरेख में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली पटेलनगर द्वारा थाना क्षेत्र में अवैध नशीले पदार्थों के विक्रय एवं तस्करी की रोकथाम हेतु थाना हाजिर पर वरिष्ठ उप निरीक्षक के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया व टीम द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर आज यानि शुक्रवार को सेंट जुड्स चौक पर वाहन संख्या यूके 07 बीएम 4917 आई20 कार को रोककर चेक किया गया, जिसमें 03 व्यक्ति सवार थे,जो पुलिस को देखकर सकपका गए व शक होने पर सख्ती से पूछताछ करने उनके कब्जे से 21 ग्राम स्मैक तथा 510 ग्राम चरस के साथ आई20 कार के गिरफ्तार कर थाना पटेल नगर पर मुकदमा अपराध संख्या 124/17, 125/17, तथा 126/17 धारा 8/20/21 एनडीपीएस एक्ट पंजीकृत किया गया। पूछताछ पर उक्त अभियुक्तों के द्वारा बताया गया कि वे बाहर से चरस लाकर ग्राफिक एरा व पटेलनगर क्षेत्र के छात्रों को ऊंची कीमत पर बेची जाती थी। अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है। अभियुक्त नवदीप द्वारा देहरादून में ईंटों की सप्लाई का कार्य करना बताया गया, अभियुक्त बलजीत की अपनी दुकान होना बताया गया तथा अभियुक्त पार्थ द्वारा 12वीं कक्षा पास करने के पश्चात कोई कार्य न करना बताया गया जिनकी मादक पदार्थों की तस्करी में सम्मिलित होने की सूचना पूर्व में प्राप्त हो रही थी। अभियुक्तों से अन्य जानकारी प्राप्त की जा रही है।
आपराधिक इतिहास अभियुक्त बलजीत:-
  •  मुकदमा अपराध संख्या 327/16 धारा 392 भादवि, थाना पटेलनगर।
  • थाना जानसठ मुजफ्फरनगर में धारा 307 भादवि व 25 आर्म्स एक्ट का अभियोग पंजीकृत है।
 बरामद माल:-

  • अभियुक्त नवदीप के कब्जे से – 21 ग्राम स्मैक।
  • अभियुक्त बलजीत के कब्जे से – 310 ग्राम चरस।
  • अभियुक्त पार्थ के कब्जे से – 200 ग्राम चरस।
  • वाहन संख्या यूके 07 बीएम 4917  आई20 कार।
बरामद माल की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कुल कीमत 1,50,000/- है।
पुलिस टीम:-  प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह, वरिष्ठ उप निरीक्षक हेमंत खंडूरी, उप निरीक्षक मनोज नैनवाल,  उपनिरीक्षक संदीप कुमार, उप निरीक्षक प्र0 अजय शाह,  कांस्टेबल हितेश कुमार, सुधीर कुमार, प्रवीण कुमार।

योग महोत्सव के तीसरे दिन 150 आयामों का अभ्यास

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परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयुष मंत्रालय भारत सरकार, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड, एवं गढ़वाल मण्डल विकास निगम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन विशेषज्ञों द्वारा योग विधा के 150 विभिन्न आयामों का अभ्यास कराया गया।
शुक्रवार को कक्षाओं में विशेषतः कुण्डलिनी योग, हठ योग, पावर प्राणायाम, विन्यास योग, एरोमा चिकित्सा, अष्टांग योग, सोमेटिक योग, रेकी, योग निद्रा, सूर्योदय नाद योग एवं लीला योग का अभ्यास कराया गया। आज की शुरूआत कैलिफोर्निया, अमेरिका से आए गुरुशब्द सिंह खालसा द्वारा कुण्डलिनी साधना के अभ्यास के साथ हुई। तत्पश्चात चीन के कृष्णमूर्ति मोहन राज द्वारा हठ योग का अभ्यास, योगीराज विश्वपाल जयंत द्वारा पावर-प्राणायाम, कैलिफोर्निया की लौरा प्लम्ब द्वारा ’योग आफ लव’ का अभ्यास कराया गया।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन योग साधकों को दिए संदेश में पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा,योग की यात्रा को स्वच्छता, एकता और सामंजस्य के मार्ग से विश्व शान्ति तक पहुंचाना ही हमारा लक्ष्य हो।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि योग की कक्षायें तो दुनिया के हर कोने में सम्पन्न होती है परन्तु योग साधना केवल भारत में गंगा के तट पर ही सम्भव है। गंगा के तट पर योग एवं ध्यान करना हर प्रतिभागी के लिये गर्व का विषय है।
इस दौरान परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज को मानवतावादी कर्मयोग विशेष पुरस्कार से नवाजा गया। कैल्फिोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका के भक्ति फेस्ट के संस्थापक श्रीधर द्वारा कर्मयोग पुरस्कार प्रदान किया गया। श्रीधर सिल्वरफेन ने कहा कि स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज भक्ति, ज्ञान और कर्म तीनों धाराओं के माडल है। उनकी उच्चस्तरीय भक्ति एवं ज्ञान अतुलनीय है। श्रीधर सिल्वरफेन जी ने कहा की प्रत्येक वर्ष अमेरिका में होने वाले विशाल भक्ति महोत्सव के सू़त्रधार भी पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी है।
स्वामी जी द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में सहभाग कर रहे योगाचार्य स्वामी भक्ति आलोक पद्धमवेति, योगाचार्य किया मिलर, योगाचार्य ब्राइन सिद्धार्थ इंगले, योगाचार्य भरत शेट्टी, योगाचार्य एरिका काॅफमेन, चान्दनी मग्लिनों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिये पुरस्कृत किया गया।
योगासन का अभ्यास कराते हुए योगी किया मिलर ने कहा, शरीर में बुद्धिमत्ता का सृजन जीवन में बुद्धिमत्ता का मार्ग प्रशस्त करता है। इन आसनों से आप के अतंःकरण में निहित शक्तियां का उद्दभव होगा। प्राणायाम के माध्यम से श्वास की प्रक्रिया अतंःकरण में विद्यमान अवरोधों को नष्ट कर देती है। अंततः आप देखेंगे कि प्राणायाम से अतंःकरण में निहित शक्ति को प्रकट करने में सक्षम हो रहे है। यही योग का यथार्थ स्वरूप है।
इटली की फ्रान्सेस्का केसिया ने कहा, ’हैपी हिप्स फ्लो’ का अभ्यास कराया जबकि कनाडा की ग्लोरिया लैथम ने चक्रों के माध्यम से जीवन यात्रा की जानकारी दी। कैलिफोर्निया की क्रिस्टिन ओलसन ने हठ-योग तथा भरत शेट्टी ने विन्यास प्रवाह एवं स्थिर आसनों की कक्षा सम्पन्न की।
दोपहर के बाद की कक्षाओं में एरोमा थिरेपिस्ट डाॅ अंजना भगत ने एरोमा थिरेपी के माध्यम से भावनाओं के संतुलन तथा पूर्व राजदूत तथा योगी श्री चन्द्रमोहन भण्डारी ने समग्र स्वास्थ्य के लिये योग अभ्यास पर परिचर्चा की। तत्पश्चात प्रसिद्ध वैज्ञानिक ब्रुस लिप्टन ने समझाया कि अवचेतन मन के पावर को योग के माध्यम से किस प्रकार विकसित कर सकते है।

जाॅलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहली बार उतरा सैन्य कार्गो विमान

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राजधानी का एक मात्र एयरपोर्ट आज सेना के कार्गो विमान का साक्षी बना। सुबह 08 बजे भारतीय सेना के कार्गो विमान की देहरादून एयरपोर्ट में सफल लैंडिंग हुई। इस दौरान सेना के आला अधिकारी भी मौजूद थे।
आसमान में जोरदार गड़गड़ाहट के बीच जौलीग्रांट हवाई पट्टी पर कार्गो विमान की सफल लैंडिंग हुई तो बाहर खड़े सैन्य अधिकारी भी गदगद हो गए। हवाई जहाज से बाहर निकले सैन्यकर्मियों का स्वागत हवाई पट्टी पर पहले से ही मौजूद लोगों ने जोरदार तालियों से किया।
सेना के अधिकारियों ने बताया कि इस विमान की लंबाई 53 मीटर और चैड़ाई 56 मीटर है। सैन्य अधिकारियों का कहना था कि सामरिक दृष्टि से संवेदनशील और चीन नेपाल की सीमा से लगते इस राज्य के एयरपोर्ट पर सेना के कारगों विमान की सुरक्षित लैंडिंग महत्वपूर्ण है।

उत्तराखंड की शालू ने जूडो कराटे में जीता रजत पदक

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25 फरवरी से 28 फरवरी 2017 तक चैन्नई में आयोजित सीनियर नेशनल जूडो चैम्पियनशिप के समाप्त होने के पश्चात उत्तराखण्ड राज्य की टीम आज वापस देहरादून पहंची। इस चैम्पियनशिप में उत्तराखण्ड पुलिस की महिला जूडो खिलाड़ी कुमारी शालू द्वारा अण्डर 78 कि.ग्रा. भार (महिला वर्ग) में सी.आई.एस.एफ. के प्रतिद्वन्धी को हराकर रजत पदक प्राप्त किया। इस अवसर पर आज उत्तराखण्ड पुलिस स्पोर्ट्स कण्ट्रोल बोर्ड के सचिव, ए.डी.जी. श्री अशोक कुमार द्वारा एक सादे समारोह में जूडो खिलाड़ी कुमारी शालू को बधाई दी।

स्वाईन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क

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स्वाइन फ्लू के बढ़ते खतरों को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा तैयारी में जुट गया है। जिले के प्रमुख अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बना दिए गए हैं। अस्पतालों में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए दवाईयां भेज दी गई हैं। स्वास्थ्य महकमा स्वाइन फ्लू से निपटने का पूरा दावा कर रहा है।

जिला मुख्यालय स्थित चिकित्सालय के साथ ही जिले के अन्य प्रमुख अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीज के लिए आइसोलेशन वार्ड बना दिए गए हैं। अस्पतालों में स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयां भेज दी गई हैं। फिलहाल स्वाइन फ्लू का कोई भी मामला जिले में सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य विभाग स्वाइन फ्लू से निपटने का पूरा दावा कर रहा है। एच-1 एन-1 वायरस स्वाइन फ्लू के मरीज चम्पावत जिले में फिलहाल कोई नहीं है।
विभाग का कहना है कि स्वाइन फ्लू को लेकर टनकपुर-बनबसा क्षेत्र संवेदनशील है। मैदानी क्षेत्र में महानगरों से नेपालियों के आगमन से यहां स्वाइन फ्लू की संभावना बनी रहती है लेकिन, फिलहाल अभी तक ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया है। संवेदनशील टनकपुर-बनबसा क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग नजर बनाए हुए है।
इस बारे में पूछे जाने पर जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. डी.एल. साह ने बताया कि स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। जिला मुख्यालय सहित अन्य अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। सभी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की दवाइयां भेज दी गई हैं। अभी तक जिले में स्वाइन फ्लू का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।

उत्तराखण्ड के तीन विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस के बने सात सीएम

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उत्तराखण्ड राज्य गठन होने से लेकर अब तक राज्य के तीन विधानसभाओं में भाजपा-कांग्रेस के कुल सात मुख्यमंत्री प्रदेश की बागडोर संभाल चुके हैं।वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश पर्वतीय जिलों को अलग करके उत्तराखण्ड राज्य बनाया गया था। अब तक इस राज्य में कुल सात मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जिनमे से चार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शेष तीन कांग्रेस पार्टी से हैं। जबकि इनमें से एन.डी. तिवारी को छोड़ दिया जाए तो कोई भी मुख्यमंत्री पांच साल तक राज्य में शासन नहीं कर पाया।
उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में यूपी में विधान परिषद रहे डॉ. नित्यानंद स्वामी नौ नवम्बर, 2000 से 29 अक्टूबर, 2001 तक यानी कुल 354 दिन तक राज्य के सीएम रहे।
भगत सिंह कोश्यारी विधान परिषद सदस्य 30 अक्टूबर 2001 से 1 मार्च 2002 यानी कुल 123 दिन मुख्यमंत्री का पद संभाले।
प्रथम विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की जीत पर कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी दो मार्च, 2002 से लेकर सात मार्च, 2007 तक यानी 1832 दिन मुख्यमंत्री रहे।
दूसरी विधानसभा चुनाव में भाजपा के भुवन चन्द्र खण्डूरी आठ मार्च, 2007 से लेकर 23 जून, 2009 यानी कुल 839 दिन मुख्यमंत्री के पद पर आसन्न रहे। फिर उनके बाद थलीसैंण से भाजपा विधायक रमेश पोखरियाल निशंक ने 24 जून 2009 से लेकर 10 सितम्बर 2011 तक कुल 808 दिन मुख्यमंत्री का पद संभाला। निशंक के बाद बीसी खण्डूड़ी दोबारा 11 सितम्बर, 2011 से 13 मार्च, 2012 यानी 185 दिन कुल मिलाकर 1024 दिन मुख्यमंत्री रहे।
तीसरी विधानसभा में कांग्रेस पार्टी की ओर विजय बहुगुणा 13 मार्च 2012 को मुख्यमंत्री की कमान संभाले और उसके बाद सांसदी छोड़ सितारंगज से विधायक बने और 31 जनवरी 2014 तक कुल 690 दिन तक मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता पर काबिज रहे।
बहुगुणा के बाद केन्द्रीय मंत्री रहे हरीश रावत एक फ़रवरी 2014 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 1113 दिन मुख्यमंत्री के पद पर रहे। राज्य में चौथी विधानसभा का 69 सीटों पर चुनाव हो गया है, जबकि एक सीट पर नौ मार्च को चुनाव होना है। इसके बाद 11 मार्च को सभी 70 सीटों पर एक साथ मतगणना होगी।

कांग्रेस ने बंद कमरे में पीके पर उतारा गुस्सा

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विधानसभा चुनाव का नतीजे चाहे जो भी हो, मगर इलेक्शन कैंपेन गुरु पीके को लेकर कांग्रेस प्रत्याशियों की नाराजगी सामने आने लगी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक राजधानी में जुटे कांग्रेस के कई प्रत्याशीयो ने पीके के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली है। कुछ प्रत्याशी तो यह शिकवा करने से भी नहीं हिचके की पीके का कैम्पेन प्रत्याशीयों के बजाय मुख्यमंत्री पर फोकस रहा। कांग्रेस की बैठक में पार्टी प्रत्याशियों ने जम कर पीके की शिकायत की। प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रत्याशियों ने संसाधनो की कमी का मुद्दा उठाया। पार्टी के सह प्रभारी संजय कपूर ने कहा कि चुनाव के नतीजे आने के बाद पार्टी विरोधी गतिविधियों से घिरे लोगो को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
प्रत्याशियों ने चिंता जताई कि पूरे चुनाव में सीएम से लेकर अध्यक्ष तक कोई भी अंदरूनी महफूज नहीं रहा। कई पार्टी नेता और कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में जुटने के बजाय घर बैठ गए थे। कइयों ने दूसरे चुनाव क्षेत्रों का रुख कर लिया। मगर कई ऐसे भी थे जिन्होंने पार्टी प्रत्याशी को हराने के लिए कहीं बीजेपी तो कहीं अन्य दलों या निर्दलीय प्रत्याशियों के लिए काम किया है। सभी ने ऐसे अंदरूनी लोगो को कड़ा सबक सिखाने की मांग की है। बंद कमरे में करीब तीन घंटे तक चली बैठक में प्रत्याशियों ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधा। एक प्रत्याशी ने कहा कि उन्हें पीके के प्रचार से कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि वह पूरी तरह से सीएम पर फोकस था। हरिद्वार जनपद के प्रत्याशी का कहना है कि सीएम और प्रदेश अध्यक्ष के साथ टीम पीके की मौजूदगी ने एक तीसरा कोण बना दिया था,जिससे हर जगह उलझाव की स्थिति पैदा हो गई थी। कुछ प्रत्याशियों ने फण्ड ना मिलने की भी शिकायत की उनका कहना है कि प्रचार के समय प्रयाप्त सामग्री संगठन को नही मिली।

उत्तराखण्ड में दर्जनों सीटों पर हार जीत ना के बराबर

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उत्तराखण्ड गठन के बाद यह चौथी विधानसभा का चुनाव है और अब तक तीन विधानसभा के चुनाव परिणामों में प्रत्याशियों की जीत के अंतर में भी बहुत ज्यादा फर्क नहीं रहा, जबकि कुछ सीटें तो ऐसी रही हैं जहां जीत और हार का अंतर ना के बराबर रहा है।
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो कांग्रेस की जीत में भी केवल एक सीट का फर्क रहा था। इस चुनाव में दर्जनों सीटों पर उम्मीदवारों की जीत में एक प्रतिशत से भी मामूली वोटों के अंतर से चुनाव में पराजय को देखना पड़ा।
उत्तरखण्ड के अल्मोड़ा के रानीखेत सीट जहां से भाजपा के अजय भट्ट (बीजेपी) के कांग्रेस के करना माहरा को 0.20% के अंतर से चुनाव हराया। भाजपा को और कांग्रेस को 35.88% फीसद मत मिला था।
चमोली के कर्णप्रयाग सीट पर क्रांगेस के अनसुया प्रसाद मैखुरी को 22.78 और निर्दलीय प्रत्याशी सुरेन्द्र नेगी 22.31 फीसद मत मिला था जिसमें 0.47% से मैखुरी चुनाव जीते।
वही देहरादून के रायपुर सीट उमेश शर्मा (कांग्रेस)- 39.05% तथा भाजपा के त्रिवेंद्र सिंह रावत को 38.43% मिला जिसमें 0.22 प्रतिशत वोट पाकर काउं विधायक बने।
हरिद्वार के ज्वालापुर सीट चंद्र शेखर (बीजेपी) के 30.26% तथा मदन लाल (बसपा)- 29.46% मात्र 0.80% के अंतर से मदन लाला चुनाव हार गये।
टिहरी के नरेंद्र नगर सीट सुबोध उनियाल (कांग्रेस) के 43.47% और ओम गोपाल रावत (बीजेपी) के 42.65% पाकर 0.82% फीसद से चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा।
टिहरी सीट निर्दलयी प्रत्याशी दिनेश धनै 29.77 प्रतिशत तथा उनके प्रतिद्धंदी कांग्रेस के किशोर उपाध्याय 28.83% पाकर 0.95 फीसद के अंतर से चुनाव हार गये।
हरिद्वार के मंगलौर सीट बसपा के सरवत करीब अंसारी 34.03% वोट मिला वहीं कांग्रेस के काजी मो. निजामुद्दीन 33.07% फीसद पाकर 0.96 प्रतिशत से पीछे रह गये।
चमोली के थराली सीट जीत राम (कांग्रेस) के 32.86% तथा मगन लाल (बीजेपी) के 31.59% पाकर 1.27% के मामूली अंतर से चुनाव हार गये।
हरिद्वार के रूड़की सीट से कांग्रेस के प्रदीप बत्रा 37.77% फीसद मत पाये वहीं सुरेश चंद्र जैन (बीजेपी) के 36.47% फीसद पाकर 1.30% से चुनाव हार गये।
टिहरी के प्रतापनगर सीट विक्रम सिंह नेगी (कांग्रेस) के 31.38% प्रतिशत वोट मिले वहीं
विजय सिंह (बीजेपी) 29.98% पाकर 1.40% के अंतर से चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा।
देहरादून के डोईवाला सीट पर भाजपा के पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक 30.68% पाये जबकि उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस के हीरा सिंह बिष्ट 29.01% फीसद मत पाये जिन्हें 1.67% प्रतिशत के अंतर से चुनाव हारना पड़ा।

पिथौरागढ़ को लोक प्रशासन के क्षेत्र में मिला प्रधानमंत्री पुरस्कार

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सीमांत जिले पिथौरागढ़ को इस वर्ष बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। जिले को लोक प्रशासन के क्षेत्र में प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चुना गया है। जिले में 20.48 फीसद किसानों ने इस योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा कराया था।प्रदेश में इस वर्ष कुल 7.51 फीसद किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा कराया था। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत किसानों को अतिवृष्टि, आपदा या अन्य कारणों से फसलों के बर्बाद होने पर मुआवजा दिए जाने का प्राविधान है।
योजना के व्यापक प्रचार प्रसार के बावजूद प्रदेश के अन्य जिलों के किसानों ने जहां इसमें कोई खास रुचि नहीं दिखाई वहीं सीमांत जिले के 16394 किसानों ने योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा करवाया जो जिले के कुल किसानों का 20.48 फीसद है। बीते वर्ष जिले के मात्र 2.21 फीसद किसानों ने ही योजना में बीमा करवाया था। बड़ी उपलब्धि पर सीमांत जिले को लोक प्रशासन के क्षेत्र में प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चुना गया है।
मुख्यकृषि अधिकारी अभय सक्सेना ने पुरस्कार के लिए चयनित होने की जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को भारत सरकार के दो उच्चाधिकारी पिथौरागढ़ पहुंचकर फसल बीमा योजना पर अधिकारियों से चर्चा करेंगे। जिले को यह पुरस्कार लोक प्रशासन के क्षेत्र में दिया जाएगा।