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आप भी शामिल हों बकरियों की इस अनोखी शादी में

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शिवरात्रि के मौके पर उत्तराखंड में एक अनोखी परंपरा शुरू की गई। ग्रामीणों ने बकरियों का स्वयंवर रचाया। बकरियों के नाम हिंदू नाम के अनुसार रखे गए थे जिसमें दीपिका ने बैसाखू, प्रियंका ने टूकून और कैटरीना ने चंदू से शादी रचाई। यह आयोजन उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के पंतवाड़ी में किया गया। ग्रीन पीपुल किसान विकास समिति द्वारा पंतवाड़ी में बकरी स्वयंवर आयोजित किया गया जिसमें अलग-अलग गांव से 15 बकरों को स्वयंवर में लाया गया।
वहीं गांव से तीन बकरियां दीपिका, प्रियंका और कैटरीना ने अपने पसंदीदा बकरों को चयन किया। स्वयंवर के दौरान पांच बकरों को एक बकरी के साथ छोड़ा गया, जिसके बाद बकरियों ने अपनी पसंद के बकरें को चुना। कार्यक्रम से पहले ग्रामीण धूमधाम से बारात लेकर गांव पहुंचे।
इस मौके पर ग्रीन पीपुल विकास समिति के मुख्य सदस्य रूपेश राय ने कहा कि पहली बार देश में बकरी स्वयंवर किया गया। स्थानीय पशुपालकों को जागरुक करने और पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए यह पहल की गई है। ग्रीन पीपुल किसान विकास समिति के अध्यक्ष सुभाष रमोला ने कहा कि इस स्वयंवर से क्षेत्र में पशुपालन को भी बढ़ावा मिलेगा।

भोलेनाथ के दर्शन से पहले ही,दिल को दौरा पड़ने से बुजुर्ग की हुई मौत

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शुक्रवार को जब सारा उत्तराखंड महा शिवरात्रि के पर्व को हर्षोंउल्लास से मना रहा था तभी हल्द्वानी के छोटा कैलाश मंदिर पर जल चढ़ाने जा रहे बुजुर्ग श्रद्धालु को दिल का दौरा पड़ गया।

मंदिर पहुंचने से थोड़ी देर पहले ही दिल को दौरा पड़ने से बूजुर्ग की मौत हो गई।आस पास वालों से पूछने पर पता चला कि बुजुर्ग चम्पावत का निवासी है।मौके पर पहुंच कर एसडीआरएफ की टीम ने शव को भीमताल पहुँचाया।

लंदन के फेसबुक दफ्तर में पहुंची हुमा कुरैशी

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हाल ही में रिलीज हुई फिल्म जॉली एलएलबी 2 को बाक्स आफिस पर मिली सफलता से खुश हुमा कुरैशी अब अपनी आने वाली नई फिल्म वायसराय हाउस के प्रमोशन में जुट गई हैं। ये फिल्म 3 मार्च को रिलीज होने जा रही है। इसी प्रमोशन के तहत हुमा लंदन पंहुची और वहां फेसबुक दफ्तर का उन्होंने दौरा किया। लंदन के इस दफ्तर में आने वाली वे बालीवुड की पहली स्टार मानी जा रही हैं। अपने फेसबुक दफ्तर के अपने दौरे को लेकर हुमा काफी रोमांचित रहीं और इसे उन्होंने अपने लिए गर्व का पल बताया कि उनको यहां आने का मौका मिला। इस मौके पर उन्होंने फेसबुक से लाइवचैट में भी हिस्सा लिया। लंदन में फेसबुक दफ्तर के अलावा हुमा ने लंदन फैशन वीक में भी हिस्सा लिया और वहां उनको बतौर मुख्य मेहमान सम्मानित किया गया। भारतीय मूल की ब्रिटिश फिल्मकार गुरिंदर चड्ढा द्वारा बनाई गई फिल्म वायसराय में हुमा कुरैशी ने एक दुभाषिया की भूमिका निभाई है, जो लंदन में रहने वाला एक मुस्लिम किरदार है। हुमा के अलावा फिल्म में अनुपम खेर और स्व. ओमपुरी भी हैं। गुरिंदर चड्ढा इससे पहले बैंड इट लाइक बैंकम और ऐश्वर्या राय को लेकर ब्राइड एंड प्रोज्युड्यूस बना चुकी हैं।

शिवरात्रि में भक्तजनों ने की नयना देवी मंदिर में पूजा अर्चना

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शिवरात्रि की पूजा के लिए नैनीताल के नयना देवी मंदिर में सवेरे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भगवान् शिव शंकर के भक्तों ने आज उन्हें दूध व् गंगाजल से छककर नहला दिया। मंदिर पहुंचे भक्तों ने आस्था के चलते व्रत धारण किया है और कई भक्तों ने भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना भी की। देशभर में आज शिवरात्रि का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है।  सरोवर नगरी भी इससे अछूती नहीं है। यहाँ नयना देवी के मंदिर स्थित शिवलिंग को पूजने के लिए हजारों की तादाद में भक्त पहुँचे। शिवलिंग को दूध से नहलाने का क्रम लगातार बना हुआ है।  सर्दियों में मौसम में आज सूर्यदेव ने भी भक्तों को दर्शन दिए जिससे मंदिर का माहौल भक्तिमय हो गया। बहुत दिनों के बाद आज अच्छा मौसम होने से भक्तजनों की भीड़ उमड़ पड़ी है।  मान्यताओं के चलते मंदिर व शिवलिंग की प्रतिष्ठा बहुत ज्यादा है। जहाँ एक तरफ स्थानीय शिव भक्त हजारों की तादाद में यहाँ मंदिर परिसर में पहुँचे हैं वहीँ शिवलिंग व देवभूमि उत्तराखंड की पवित्रता के चलते बाहर से आए पर्यटक भी खास इस मंदिर के पूजन को यहाँ पहुंचे है। पांच हजार वर्षों से पूजा जाने वाला यह पर्व आज भी हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक हैं और देश के बारह ज्योतिर्लिंग इस बात के गवाह हैं।

3 मई को खुलेंगे बाबा केदारनाथ के कपाट

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महाशिवरात्रि के पर्व पर पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने की तारीख का ऐलान किया गया है।

इस बार मई माह की 3 तारीख को केदारधाम के कपाट 8 बजकर 50 मिनट पर पूरे विधि-विधान के साथ खुलेंगे। जबकि 30 अप्रैल को भगवान शिव की डोली उखीमठ के ओंकेश्वर मंदिर से केदारधाम के लिए रवाना हो जाएगी।

गौरतलब है कि हर साल महाशिवरात्रि के मौके पर ही केदारधाम के कपाट खुलने की ताऱीख का ऐलान विधि-विधान के साथ किया जाता है। ओंकेरेश्वर मंदिर को आज चार कुंतल गेदा और बुराश के फूलों से सजाया गया है।  मंदिर के मुख्य पुजारी ने बाबा केदार का महाभिषेक और श्रृंगार किया। उसके बाद विधि-विधान और अन्य अनुष्ठानों के बीच केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की मौजूदगी में पंचांग गणना की गई और उसी के आधार पर बाबा केदार के कपाट खुलने की तिथि का ऐलान किया गया।

शिवालयों में महाशिवरात्रि की धूम,सुबह से ही भक्तों का तांता

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उत्तराखंड के कण कण में भगवान् भोलेनाथ शिव शंकर का वास है ऋषिकेश में कई पौराणिक शिवालय है जीके दर्शन मात्र से भक्तो  की मन्नते पूरी होती है। मणिकूट पर्वत पर नीलकंठ महादेव है तो गंगा तट पर चन्द्रेस्वर ,वीरभद्र और सोमेश्वर महादेव है,जंहा माह शिवरात्रि पर श्रद्धालुओ की भारी भीड़ है।महाशिवरात्रि को भगवन शिव के दिन के रूप में मनाया जाता है।शिव भक्त अपने भगवन को प्रसन्न करने के लिए दूध,गंगाजल,फल-फूल आदि चढ़ाते है और हर तरफ बम-बम भोले की गूंज सुनाई देती है।
ऋषीकेश के पौराणिक शिव मंदिर वीरभद्र महादेव में भी  शिवरात्रि की धूम है। दूर-दूर से आये शिव भक्त अपने अराद्य का जलाभिषेक कर रहे है, सुबह से ही शिवालयो में जलाभिषेक के लिए लम्बी-लम्बी कतारे  लगी हुयी ,श्रद्धालु जलाभिषेक कर पुण्य लाभ कमा रहे है।ऋषीकेश मे पौराणिक महत्व के कई शिव  मंदिर है जिनका उलेल्ख ऋग्वेद के केदार खंड में भी मिलता है साथ ही नीलकंठ महादेव में कल से और देर रात  तक 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालु जलाभिषेक कर चुके है। लगातार भीड़ बढ़ने की उम्मीद है । ऋषिकेश में चन्द्रेवश्वर महादेव , वीरभद्र महादेव और पतळालेश्वर महादेव ,सोमेश्वर महादेव में भी श्रद्धालु रुद्राभिषेक  कर रहे है।श्रद्धालु इन पौराणिक मंदिरो में जलाभिषेक कर अपने आराध्य से  कृपा की कामना कर रहे है।ऋषिकेश के वीरभद्र मंदिर से लेकर नीलकंठ महादेव तक शिव भक्तों का तां-तां लगा हुआ है, महाशिवरात्रि के मौके पर देश के कोने -कोने से शिव भक्त अपने अराध्य से मिलने नीलकंठ धाम पहुचते हैं। आपको बता दें की पहाड़ ओर जंगल के बीच बसे इस स्थान पर भगवान शिव खुद विराजमान है ।पौराणिक मान्यता है की यही वो स्थान है जहा भगवान शिव ने विष धारण कर तपस्या की थी ओर वो नीलकंठ महा देव कहलाये थे । यहाँ पहुँचने वाले शिव भक्त बताते है कि यहाँ दर्शन मात्र से ही कल्याण हो जाता है।
शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के विवाह का प्रतीक मानी जाती है ऋषिकेश के वीरभद्र मंदिर की कथा भी शिव विविआह से जुडी हुयी है शिवभक्त इस शिवनगरी में दर्शन कर अपने आराध्य को प्रसन्न करने में जुटे हुए है।

टेलीनॉर को खरीदेगा एयरटेल

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भारत की अग्रणी मोबाइल सेवाप्रदाता कंपनी भारती एयरटेल जल्दी ही एक बड़ा सौदा करने जा रही है। एयरटेल अाने वाले समय में टेलीनॉर को खरीद सकती है। वैसे अभी ये सौदा बातचीत के स्तर पर है, सरकारी एजेंसियों से अनुमति मिलने के बाद ही एयरटेल ये कदम उठा सकेगी।

सूत्रों के मुताबिक एयरटेल ने रिलायंस जिओ को मिल रहे रिस्पांस और आईडिया-वोडाफोन के एक होने खबर के जवाब में अपना नेटवर्क और मजबूत करने का फैसला किया है। इसके लिए एयरटेल जल्दी ही उत्तर-प्रदेश (पश्चिम), यूपी (पूर्व), आन्ध्रप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, असम जैसे सात सर्कल में मजबूत पकड़ रखने वाली टेलीनॉर कंपनी को खरीदेगी। बताया जा रहा है कि सौदा करीब 7 हजार करोड़ रुपये में होगा, जिसमें डेढ़ हजार करोड़ टेलीनॉर का कर्ज भी शामिल है।
दूरसंचार के विशेषज्ञ इसे एयरटेल के लिए कई मायनों में अच्छा सौदा मान रहे हैं। सातों सर्किल घनी ग्राहक आबादी वाले हैं, जिसका सीधा फायदा एयरटेल को मिलेगा। इसके अलावा एयरटेल को टेलीनॉर का स्पेक्ट्रम भी मिल जाएगा। इस सौदे से एयरटेल भारतीय बाजार में अपनी स्थिति एक बार फिर मजबूत कर सकेगा

82 वकीलों के मताधिकारी पर फैसला आज

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दून बार एसोसिएशन की पांच सदस्यीय टीम ब्रस्पतिवार को बार कॉउंसलिंग से 182 अधिवक्ताओं के दस्तावेजों का मिलान कर देर रात वापस लौट आई हैं।शुक्रवार को समिति अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके बाद साफ़ होगा कि इस बार कितने अधिवक्ता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
दून बार एसोसिएशन के 28 फरवरी को होने वाले चुनाव में मतदाताओकी सङ्ख्याको लेकर विवाद था। एसोसिएशन ने 2770 सदस्यों की सूची जारी की थी, जबकि बार कॉउंसिल ने यह संख्या 2070 बताई थी। इसी शख के चलते 23 फरवरी के चुनाव को टाल दिया गया था। जनरल हाउस ने बार कॉउंसलिंग से बात करने के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की थी। बार कॉउंसलिंग के पूर्व उपाध्यक्ष एमएम लांबा, पूर्व अध्यक्ष योगेंद्र तोमर, रजनी बेगम, सुमित कुमार और सचिन चौधरी नैनीताल से ब्रहस्पतिवार को लौट आये। उन्होंने 180 अधिवक्ताओं को दिखाए। टीम शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट देगी।

कुमांऊ से दिल्ली के सफर की कमान अब बेटियों के हाथ

रेनू श्रीवास

रेलवे में प्रतिदिन हज़ारो सफर करने वाले यात्रियों की जान अब महिलाओ के हाथ में होगी, कुमाऊ से दिल्ली जाने वाली शताब्दी ऐसी पहली ट्रैन है जिसमें संचालक के तौर पर बेटियां बतौर लोको पायलट काम कर रही है । रेलवे अधिकारी बेटियो की इस उपलब्धि से गदगद तो है है साथ ही लोको पायलट बनी बेटियां भी खुद को गौरवांन्वित महसूस कर रही है।

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देश के इतिहास में पहली  बार 1882 में  कुमांऊ में ट्रेन गयी थी । तब से लेकर आज तक रेलवे में कई बदलाव आये लेकिन करीब 130 साल बाद जो बदलाव देखने को मिला वो काफी गौरवांन्वित करने वाला है।काठगोदाम से दिल्ली तक चलने वाली शताब्दी ट्रेन में  5 बेटियां बतौर लोको पायलट काम कर रही हैं।उत्तर रेलवे ने पहली बार यह जिम्मेदारी बेटियों के कन्धे पर डाली है,जिसमें रेनू श्रीवास, सुनीता कुमारी, अंजू सिंह, रीना और आकांशा शामिल है। लोको पायलट रेनू श्रीवास बताती हैं की 10 साल की उम्र में उनके पापा का निधन हो गया लेकिन उनका सपना था की रेनू रेलवे में पायलट बनें और उनका सपना पूरा करे। जिसके बाद रेनू ने कड़े संघर्ष के बावजूद यह मुकाम हासिल किया, उनके मुताबिक उनको एक बहुत महत्व्पूर्ण जिम्मा दिया गया है जिसे वे अपने सहयोगियों के माध्यम से पूरा कर रही है, रेनू मानती है की बेटियां हर क्षेत्र में अपनी दमदार उपस्थित दर्ज करा रही है ।
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काठगोदाम के स्टेशन प्रबन्धक चयन रॉय के मुताबिक ट्रेन की संचालन का जिम्मा बेटियों को दिया जाना बेहद गौरव की बात है।उनके मुताविक शताब्दी कुमांऊ आने वाली पहली ऐसी वीआईपी ट्रेन है जिसके संचालन का जिम्मा बेटियों के पास है ।पुरुष प्रधान समाज में आज भी महिलाओं को वो सम्मान नहीं दिया जाता रहा है जिस सम्मान की वो हकदार हैं,लेकिन फिर भी इसके बीच बेटियां  हर उस क्षेत्र में दमदार उपस्थिति दर्ज करा रही हैं जो सामान्य तौर पर पुरुष प्रधान काम माने जाते थे, इसलिए रेलवे ने भी बेटियों की हिम्मत ओर दक्षता को सलाम किया है।

उत्तराखण्ड में महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा किया मतदान।

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उत्तराखण्ड 2017 के सबसे बड़े महा पर्व में मातृशक्ति ने बढ़ चढ़ कर मतदान में हिस्सा लिया है। महिलाओं ने पुरुषों को  2017 विधानसभा चुनाव मतदान में पीछे छोड़ दिया है। राज्य में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने 6.06 फीसदी ज्यादा मतदान में अपनी भागीदारी की है। उत्तराखंड में 2012 विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई हैं लेकिन महिलाओं के जोश में कोई कमी नहीं दिखाई दी है। उन्होंने घरों से निकल कर निकल कर बूथों पर अपना दबदबा जमाया और 69.34 फीसदी वोट देकर महिला जागरूकता की मिसाल पेश की है।
उत्तराखण्ड में पुरुष वोटर्स की संख्या महिलाओं से ज्यादा है, और उसके बावजूद वोट देने में महिलाओं की फीसदी इतनी ज्यादा कैसे साबित हो गयी है। उधमसिंघनगर में सबसे ज्यादा 77.30 फीसदी महिलाओं ने वोट दिए है।
जिला वार वोट प्रतिशत:
  • जनपद                           पुरुष               महिला
  • उधमसिंहनगर                74.46              77.30
  • हरिद्वार                        75.32            76.14
  • उत्तरकाशी                    63.69             73.21
  • चम्पावत                       53.37            70.81
  • रुद्रप्रयाग                      52.61            70.25
  • नैनीताल                       64.96            68.80
  • चमोली                        55.41            65.96
  • देहरादून                      61.27             65.93
  • पिथौरागढ़                    56.64             64.52
  • पौड़ी                          48.52            61.63
  • अल्मोड़ा                      45.20             60.69
  • टिहरी                         64.62             50.00
मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने भी महिलाओं के इस जागरूकता व उत्साह को सलाम किया है। पिछले चुनाव में भी महिलाये अव्वल रही थी वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में भी महिलाओं ने मतदान में पुरुषों को मात दी थी। तब 68.84 फीसदी महिलाओं और जबकि 65.74 फीसदी पुरुषों ने वोट किया था। वर्ष 2007 के चुनाव में भी एक फीसदी महिलाओं ने ज्यादा वोट दिया था। पुरुष कुल वोटर 38,87,296 है जबकि 24,21,019 वोटर ने दिए वोट। वही महिलाओं के बारे में बात करे तो कुल वोटर 35,33,229 है और इस बार 24,49,844 वोटर ने दिए वोट। दूसरी तरफ महिला वोटर हर चुनाव में आगे क्यों रह रही है इसके बारे में अगर ध्यान से सोचा जाये तो वो पलायन है। पर्वतीय इलाको में रोजगार ना होने के कारण वहां के नोजवान मैदानी इलाकों की तरफ जाते दिख रहे हैं। दिल्ली व बंगलोर जैसे बड़े शहर की रौनक बढ़ाने गये उत्तराखण्ड के नोजवानो को मजबूर कर दिया पलायन के लिए। ऐसी हालत में महिलाओं, बच्चे व बुजुर्ग से रह गये अब पर्वतीय इलाके। क्या आने वाली नई सरकार इस मुद्दे पर ध्यान देगी उनके मैनिफेस्टो में जरूर प्रथम श्रेणी में यह मुद्दा होगा लेकिन चुनाव जाते ही अंतिम श्रेणी बन जाता है।