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महाशिवरात्रि पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम

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महाशिवरात्रि के अवसर पर नीलकंठ, वीरभद्र चंद्रेश्वर, सोमेश्वर सहित तीर्थनगरी के तमाम शिवालयों में मंदिरों के संचालकों द्वारा जोर शोर से तैयारियां की गई है। नीलकंठ व वीरभद्र मंदिर में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन भी सतर्क है।

इस अवसर पर विशाल मेले का आयोजन भी किया जाएगा। महाशिवरात्रि के अवसर पर नीलकंठ सहित ऋषिकेश के तमाम शिवालयों में देश के विभिन्न प्रांतों से लाखों की संख्या में जलाभिषेक करने के लिए शिव भक्तों का आना प्रारंभ हो गया है। वही जलाभिषेक को लेकर मंदिरों के संस्थापकों द्वारा व्यापक रूप से तैयारी भी की गई है। सबसे ज्यादा तैयारी मणिकूट पर्वत पर स्थित नीलकंठ महादेव व वीरभद्र सोमेश्वर चंद्रेश्वर व पातालेश्वर मंदिरों में की जा रही है, जहां की मान्यता केदारखंड में भी बताई गई है। कहा जाता है की इन मंदिरों में जलाभिषेक करने से भगवान शिव तो प्रसन्न होते ही हैं, वहीं भक्तों द्वारा मांगी गई मनोती भी पूर्ण होती है। उक्त मंदिरों में शिव भक्तों का जलाभिषेक के लिए तातां लगता है।
इस दौरान वीरभद्र मंदिर में विशाल मेले का आयोजन भी किया जाता है जिसमें आस-पास के क्षेत्रों से लाखों की संख्या में लोग भाग लेते हैं जहां झूले व अन्य व्यवसाय भी मंदिरों के संस्थापकों द्वारा प्रारंभ कर दी गई है। लोगों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है। वहीं पुलिस क्षेत्रा अधिकारी मनोज कात्याल ने बताया कि वीरभद्र में लगने वाले मेले के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था की गई है । जिससे मिला सकुशल व शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके ।

एटीएम से दो हजार के ‘चूरन नोट’ मिलने पर एसबीआई की सफाई, वित्त मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट

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दिल्ली के संगम विहार इलाके के एसबीआई एटीम से दो हजार रुपये का चूरन नोट मिलने पर बैंक प्रबंधन ने सफाई दी है। अपने बयान में एसबीआई ने साफ किया कि ऐसा नोट बैंक की ओर से जारी होने की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि बैंक जारी होने से पहले हर नोट की हाई-तकनीकी मशीनों द्वारा जांच करता है, जिसके द्वारा कोई भी अवैध करेंसी नोट जाना संभव नहीं होता।

एसबीआई ने बताया कि इस मामले में दिल्ली पुलिस जांच कर रही है और संबंधित बैंक एटीएम को सील कर दिया गया है। साथ ही एटीएम सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस जांच दल को दे दिए गए हैं। इतना ही नहीं बैंक प्रबंधन ने एटीएम में पैसा भरने वाली एजेंसी से भी इस बारे में जवाब मांगा है। बैंक का कहना है कि इसकी शिकायत बैंक से नहीं की गई। बैंक को शरारती तत्वों के शामिल होने की आशंका है। ये किसी शरारती तत्व की हरकत हो सकती है, और बैंक इस बारे में जांच कर रहा है।
वित्त मंत्रालय ने इस मामले की आरबीआई और एसबीआई से रिपोर्ट मांगी है। वहीं एटीएम में कैश डालने वाली कैश लॉजिस्टिक एजेंसियों के एसोसियेशन ने भी इस मामले में आंतरिक जांच का एलान किया है।

वनाग्नि से बचने को ली जाएगी नासा की मदद

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71 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में पिछले साल जंगलों में भड़की भीषण आग से वन महकमे ने इस बार खासा सबक लिया है। इसके लिए उसने सूचना एवं तकनीकी का भरपूर उपयोग करने की ठानी है। विभाग अब जंगलों की आग बुझाने में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की मदद लेने का फैसला किया है।
नासा के उपग्रह से मिलने वाले चित्रों के जरिए वह स्थल चिह्नित किए जाएंगे, जहां आग लगी है। फिर तत्काल ही इस सिलसिले में संबंधित वन प्रभागों के डीएफओ से लेकर बीट स्तर तक वन रक्षकों को एसएमएस से जानकारी दी जाएगी। ताकि, आग पर नियंत्रण को जुट सकें।
दरअसल, पिछले साल जंगलों को आग से सर्वाधिक नुकसान हुआ था। जंगल की आग खेत-खलिहानों से लेकर गांव-घरों की देहरी तक पहुंच गई और वन विभाग इस पर काबू पाने में बेबस नजर आया। हालात बिगड़े तो आग बुझाने में सेना की मदद लेनी पड़ी थी।
सरकारी आंकड़े ही देखें तो आग बुझाते वक्त छह लोगों को जान गंवानी पड़ी, जबकि 31 लोग झुलस गए थे। स्थिति ये रही कि मानसून के आगमन के बाद ही जंगलों की आग बुझ पाई थी।
आग से पर्यावरण के साथ ही वन एवं वन संपदा को पहुंचे नुकसान से सबक लेते हुए उत्तराखंड वन महकमे ने आग पर काबू पाने के लिए जमीनी कदम उठाने के साथ ही इसमें सूचना-तकनीकी का भी समावेश किया है। राज्य के प्रमुख वन संरक्षक आरके महाजन ने बताया कि अब तक विभाग की ओर से भारतीय वन सर्वेक्षण से मिलने वाली सूचना के आधार पर कार्मिकों को अलर्ट भेजा जाता था।
इस बार इसके लिए नासा की मदद भी ली जाएगी। महाजन ने बताया कि नासा के उपग्रह से मिलने वाले चित्र वैसे तो नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, हैदराबाद के भुवन पोर्टल के जरिये मिलते हैं। लेकिन, इस मर्तबा विभाग सीधे भी नासा के उपग्रह से मिलने वाले चित्रों के जरिये उन स्थलों को चिह्नित करेगा, जहां आग लगी है। फिर तुरंत ही इसकी जानकारी संबंधित डीएफओ के साथ ही बीट स्तर पर वन रक्षकों को भी दी जाएगी। इससे आग बुझाने के उपाय तुरंत हो सकेंगे। इस क्रम में कसरत शुरू कर दी गई है।

दून में फ्री होंगे लेफ्ट टर्न

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शहर के चौराहे व तिराहों पर लेफ्ट टर्न फ्री रखने से ट्रैफिक व्यवस्था काफी हद तक सुधर सकती है। देहरादून पुलिस ने इसका अध्ययन करने के बाद करीब 28 लेफ्ट टर्न  बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा है। सुरक्षा के मानक पुरे होने से इन लेफ्ट टर्न से शहर में जाम की समस्या कम हो जायेगी। राजधानी में वाहनो का बढ़ता दबाव,सँकरी सड़के जाम का कारण बनी रहती हैं। ट्रैफिक और पुलिस चौकियों की कोशिशों के बाद भी जाम का असर कम नही हो पा रहा है,ऐसे में पुलिस ने अध्ययन करा और जाम से निजात दिलाने के लिए नए तौर तरीके तलाशने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत शहर में चलाए जा रहे लेफ्ट टर्न अब चौराहे और तिराहों पर स्थाई रूप से जारी रखने का प्लान बनाया है। यह प्लान ट्रैफिक पुलिस ने लोक निर्माण विभाग को भेजा है, इसमें एमडीडीऐ व नगर निगम के सुझाव मांगे गए हैं ताकि इससे लागु करने में कोई अड़चन ना आये। अगर लोक निर्माण ने प्लान को हरी झंडी दी तो इससे जाम की समस्या काफी हद तक खत्म हो सकती है। इसके लिए शहर में करीब 28 लेफ्ट टर्न के आस पास नाली निर्माण, सड़क, चौकीकरण एवं सुरक्षा के अन्य मानकों को पूरा किया जाना है।
वही एसपी ट्रैफिक धीरेंद्र गुंजियाल ने कहा कि ट्रैफिक सुधार को लेफ्ट टर्न पर अस्थायी ट्रायल कई  जगह सफल रहा है। अब ट्रायल को स्थायी करने के लिए प्लान बनाकर लोनिवि को भेजा गया है और सुरक्षा के मानक पुरे होने से लेफ्ट टर्न से वाहनों की आवाजाही ठीक रहेगी जिससे कहीं जाम नही लगेगा।
यहां बनेंगे स्थायी लेफ्ट टर्न:
  • दून में रिस्पना पुल
  • आराघर चौक,
  • सर्वे चौक,
  • ईस्ट कैनाल रोड,
  • टैगोर विला,
  • दिलाराम चौक,
  • मसूरी डायवर्सन,
  • सहारनपुर चौक,
  • मनोज क्लीनिक चौक एस बी आई मुख्य शाखा,
  • प्रिंस चौक,
  • निरंजनपुर सब्जी मंडी,
  • आई एस बी टी चौक,
  • जी एम् एस रोड,
  • बल्ली वाला चौक,
  • बल्लूपुर चौक

इस योजना में लेफ्ट टर्न के साथ ही अन्य चौक भी चौड़े किए जाऐंगे ताकि चौक पर लेफ्ट टर्न में आने वाले वाहनों से जाम की स्थिति पैदा ना हो। इस योजना में अभी प्रिंस चौक और सर्वे चौक को शामिल किया गया है व अन्य चौक को भी बाद में शामिल कर दिया जायेगा।

देहरादून में बढ़ती आबादी के कारण हर रोड व चौक पर जाम दिखाई देता है लेकिन पुलिस नए-नए उपाय निकाल कर प्रयोग करती रहती है। अब देखना यह है कि इस लेफ्ट टर्न के प्रयोग से लोगो को सड़क पर लगने वाले ट्रेफिक जाम से कितना निजात मिल पाता है।

रैगिंग रोकने में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करें : औलख

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प्रदेश भर के डिग्री काॅलेजों में रैगिंग के मामलों को गंभीरता से लेते हुए सचिव राज्यपाल डाॅ. भूपिन्दर कौर औलख ने राजभवन स्थित सभागार में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व जिला प्रशासन की संयुक्त बैठक बुलाई। डा. औलख ने काॅलेजों में रैगिंग की घटनाओं को शत प्रतिशत रोकने के लिए सुप्रिम कोर्ट व यु.जी.सी के दिशा-निर्देशों का पूर्णतः पालन किये जाने के निर्देश दिए।बैठक में सचिव डाॅ. औलख ने वि.वि के कुलपतियों व प्रतिनिधियों से कहा कि सीनियर व जूनियर छात्रों के बीच समन्वय व सौहार्दपूर्ण वातावरण तैयार करने का दायित्व विवि प्रबन्धन व शिक्षकों का है। उन्होंने कहा कि सभी काॅलेज दाखिले के समय प्रतिवर्ष छात्रों के अभिभावकों से सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित प्रारूप पर अनुबंध पत्र अवश्य लेंगे।
रैंगिग को रोकने के लिए ऐसे छात्रों को प्रोत्साहित व सम्मानित किया जाए जो अपने जूनियर छात्रों के साथ सद्व्यवहार अपनाते हैं। सभी काॅलेज साल में एक बार अनिवार्य रूप से अभिभावक, शिक्षक मीटिंग का आयोजन करेंगे।
विधिक रूप से चलाई जा रही हैल्पलाइनों व चेतावनी को अनिवार्य रूप से वि.वि व काॅलेजों में प्रचारित करेंगे। जिला प्रशासन को विवि व काॅलेजों के आस-पास पुलिस पैट्रोलिंग को बढाये जाने के भी निर्देश दिए।
सचिव ने कुलपतियों को अपने संस्थानों में एन्टी रैगिंग की गतिविधि को रोकने में सहायता करने वाले छात्रों को सीक्रेट बैलेट के माध्यम से प्रोत्साहित व सम्मनित किये जाने की व्यवस्था लागू किये जाने के भी निर्देश दिए। काॅलेज-हाॅस्टल स्तर पर निगरानी समितियां बनाने को कहा। राज्यपाल के निर्देशों से अवगत कराते हुए सचिव ने बताया कि राज्यपाल की अध्यक्षता में होने वाली त्रैमासिक बैठक में एण्टी रैगिंग विषय भी सम्मलित रहेगा। बैठक में समस्त कुलपतियों सहित जिलाधिकारी रविनाथ रमन, आईजी गढ़वाल पुष्पक ज्योति उपस्थित थे।

पैनिक बटन के साथ एलजी ने लॉन्च किया फोन

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सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप मुसीबत में मदद के लिए एक विशेष ‘पैनिक बटन’ वाले देश के पहले मोबाइल फोन को केंद्रीय कानून और सूचना तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को लांच किया। एलजी के इस के-10 फोन की कीमत 13 हजार 990 रुपए है।
उल्लेखनीय है कि मार्च 2017 से सभी मोबाइल निर्माताओं के लिए फोन में ‘पैनिक बटन’ अनिवार्य किया है। एलजी ने इसके तहत कंपनी ने देश भर में सभी इमरजेंसी कॉल्स के लिए मोबाइल फोन्स में एक नंबर ‘112’ को दिया है। इसे पैनिक बटन इम्प्लीमेंटेशन के रूप में जाना जाता है। इस नंबर पर पुलिस, अस्पताल, फायर ब्रिगेड और महिला हेल्पलाइन, चारों से मदद मिल जाएगी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम लोगों के लिए तकनीकी श्रेष्ठता के माध्यम से सुरक्षित और सहयोगी परिवेश के लिए विभिन्न पहल पर लगातार काम कर रहे हैं। नया बटन से यह बतायेगा कि कैसे तकनीक सुरक्षा ढ़ाल मुहैया करा सकती है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस स्मार्टफोन का 13 मेगापिक्सल रियर कैमरा और 120 डिग्री वाइड एंगल सेल्फी लेंस के साथ 5 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा शानदार तस्वीरें लेने में मदद करता है। इसका 5.33 इंच एचडी इन-सेल टच डिस्प्ले बेहतर व्यूइंग एंगल देता है। इस फोन की कीमत 13,990 रुपये है।
फोन में 1.5 गीगाहर्ट्ज ऑक्टाकोर प्रोसेसर के साथ 2 जीबी रैम है। साथ ही इसमें फिंगर प्रिंट स्कैनर, ओटीजी सपोर्ट, मजबूत मगर स्लिम 7.9 एमएम प्रोफाइल, 2.5डी आर्क ग्लास डिजाइन और 4 जी वीओएलटीई कनेक्टिविटी के साथ नवीनतम एंड्रॉयड ओएस 7.0 के साथ मैटेलिक यू-फ्रेम है। फोन में 2,800 एमएएच की बैटरी है।

ऋषिकेश एम्स में मध्य प्रदेश हवाला कांड आरोपी संतोष गर्ग की मौत

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मध्य प्रदेश के कटनी जिले में नोट बंदी के दौरान 26 सौ करोड़ के हवाला कांड के एक आरोपी संतोष गर्ग  की ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 21 फरवरी को मौत हुई थी।एम्स प्रशासन के मुताबिक संतोष गर्ग 55 वर्ष को उसके परिजन 18 फरवरी को एम्स में लाए थे। संतोष को काफी कमजोरी की शिकायत थी ।जिस पर उसे जनरल मेडिसन वार्ड में भर्ती किया गया था। यहां उसका पता ललित आश्रम हरिद्वार लिखाया गया था । 21 फरवरी को संतोष की उपचार के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद परिजन उसके शव को यहां से ले गए थे। ऋषिकेश स्तिथ एम्स में एक बड़ा मामला सामने आया है, मध्यप्रदेश के बहुचर्चित 2600 करोड़ के हवाला कांड का आरोपी संतोष गर्ग की ऋषिकेश एम्स  में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, बताया जा रहा है कि आरोपी संतोष गर्ग काफी समय से फरार चल रहा था। संतोष अनीमिया बीमारी से ग्रस्त था और 21 फरवरी को उसे ऋषिकेष एम्स में इलाज के लिए लाया गया था जहाँ उसकी मौत हो गयी.उसके परिजन हरिद्वार में संतोष का गुपचुप तरीके से अंतिम संस्कार कर rahe थे जिसकी जानकारी मिलते ही हरिद्वार पुलिस ने शव को कबजे में लेकर इसका अंतिम संस्कार रुकवाया। मामले के बाद से ऋषिकेश एम्स सवालों के घेरों में खड़ी होती दिख रहा है, फिलहाल एम्स के अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी सiधी हुई है। बड़ा सवाल ये उठता है की क्या देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान से इलाज में कोई चूक हुयी है?या बात कुछ और है? फिलहाल मामले की जाँच चल रही है। मृतक को पोस्टमार्टम के लिए हरिद्वार ले जाया गया है।

 

रूड़की में एडवेन्डाजोल खाने से बिगड़ी बच्चों की हालत

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Mid-day Meal Children Akshaya Patra

राष्ट्रीय कृमि दिवस पर रुड़की विकास खंड के धर्मपुर प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को दी जा रही एडवेन्डाजोल (पेट के कीड़े मारने की दवा) के खाने से नौ बच्चों की हालत बिगड़ गयी। बच्चे बेहोश हो गये। इस पर ग्रामीणों ने स्कूल में हंगामा कर दिया। आनन-फानन सभी बच्चों को रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां करीब तीन घंटे तक तीन बच्चों की हालत नाजुक बनी रही। इस दौरान ग्रामीणों का जमावड़ा अस्पताल में लगा रहा।
हमारे संवाददाता ने बताया कि बुधवार को राष्ट्रीय कृमि दिवस के अवसर पर प्रदेश में बच्चों को एडवेन्डाजोल की दवा खाने को दी गई। रुड़की विकास खंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय धर्मपुर में दोपहर में मिड डे मील खिलाने के थोड़ी देर बाद बच्चों को यह खुराक दी गई। कुल 66 बच्चों को दवा दी गई। देखते ही देखते नौ बच्चे उल्टी करने लगे और बेहोश हो गए। इससे शिक्षकों के हाथ-पांव फूल गये। जानकारी मिलने पर ग्रामीण स्कूल की ओर दौड़ पड़े और हंगामा शुरू कर दिया। हेड मास्टर पूनम ने 108 आकस्मिक सेवा को इसकी जानकारी दी। बच्चों को सिविल अस्पताल रुड़की लाया गया। इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ. पीके दुबे ने बताया कि अस्पताल में अंजलि (10) निवासी कमलेपुर के अलावा धर्मपुर गांव की रिया (9), हिमांशु (9), वरुण (8), अभिषेक और वर्षा (9), साक्षी (7) , विभा (10) और गायत्री (9) को भर्ती कराया गया। इसमें से तीन बच्चों की हालत में करीब तीन घंटे बाद सुधार आ पाया।
उन्होंने बताया कि दो बच्चे सूरज और ब्रजेश जैसे ही घर पहुंचे तो उनको उल्टी शुरू हो गई। इसके साथ ही उनकी तबीयत बिगड़ गई। जैसे-तैसे गांव में ही इन बच्चों को उपचार दिलाया गया। इसी बीच किसी ने गांव में अफवाह फैला दी कि दवा खाने से एक बच्ची की मौत हो गई है। यह खबर आसपास के गांव में भी फैल गई। लोग प्राइमरी स्कूलों की ओर दौड़ पड़े। इसी बीच स्कूलों की छुट्टी हो गई। इस घटना के बाद शिक्षक भी बेहद डरे नजर आये। वह गांव से बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेते रहे।
हेड मास्टर ने पहले तो 108 को फोन किया लेकिन एंबुलेंस घंटेभर तक नहीं पहुंच पाई। बार-बार फोन करने पर यही बताया गया कि एंबुलेंस निकल पड़ी है। बीच रास्ते में जाम लगा हुआ है। इसी बीच कुछ ग्रामीण अपने प्राइवेट वाहन लेकर भी पहुंच गये। जैसे ही एंबुलेंस पहुंची तो ग्रामीणों ने चालक पर गुस्सा जाहिर किया।
इस बारे में पूछे जाने पर डॉ. पीके दुबे, इमरजेंसी मेडिकल अफसर, रुड़की सिविल अस्पताल ने बताया कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। जिन बच्चों के पेट में कीड़े होते हैं उनमें दवा लेने के बाद इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। पेट में टोक्सीन पदार्थ निकलता है। एक बार दवा देने के बाद कीड़े निकल जाते हैं लेकिन उसके अंडे पेट में रह जाते हैं। इसके आठ दिन बाद दूसरी खुराक दी जाती है। दो साल के ऊपर के बच्चे को पूरी खुराक दी जाती है।
बताते चले कि पिछले साल रूड़की क्षेत्र के ही बुग्गावाला में भी बच्चों को एडवेन्डाजोल देने पर कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ गई थी। इन बच्चों को पहले तो रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में दो बच्चों को देहरादून के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया था।

प्रधानमंत्री की जनसभा और राहुल के रोड शो पर उठे सवाल

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राजनीति में आरोप प्रत्यारोप लगना आम बात है लेकिन प्रधानमंत्री की जनसभा पर ही सवाल उठाना एक विशेष प्रकरण है जो कांग्रेस ने उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विजय संकल्प रैली की अनुमति के मामले में हरिद्वार प्रशासन पूरी तरह सवालों के घेरे में आ गया है। जहां कांग्रेस ने भाजपा को घेरते हुए प्रधानमंत्री की रैली पर सवाल उठाए हैं वहीं भाजपा ने भी अब हरिद्वार प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने कांग्रेस के इस प्रश्न पर नहले पर दहला जड़ते हुए कहा है कि यदि अनुमति नहीं थी तो जिलाधिकारी ने रैली की व्यवस्थाएं कैसे की। वैसे इस मामले पर पहले ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी की और से चूक मानी जा चुकी है और मामला बढने पर निश्चित रूप से कुछ अधिकारियों पर इसकी गाज गिर सकती है। उल्लेख करना होगा कि रैली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 10 फरवरी को संबोधित किया था।


हरिद्वार के ऋषिकुल मैदान में आयोजित इस विजय संकल्प रैली के बारे में कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री की जनसभा के लिए अनुमति नहीं ली गई जबकि रैली के लिए मैदान की अनुमति ऋषिकुल विद्यापीठ से जरूर ली गई थी। सूत्र बताते हैं कि जिला निर्वाचन अधिकारी से इस रैली की अनुमति नहीं ली गई थी। मुद्दा उठने के बाद अब भाजपा जिलाध्यक्ष को नोटिस जारी किया है जिसे कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया है।


इस मुद्दे के बाद जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने देर रात तक रोड़ शो किया। देर रात किए गए इस रोड़ शो पर भाजपा हमलावर हो गई और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। इस पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने भेद-भाव का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग उठायी थी। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने भी इसे रिटर्निंग अ फसर लेवल से चूक माना है।

उत्तराखण्ड: जिलेवार मतदान प्रतिशत के नए आंकड़े

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उत्तराखण्ड में 15 फरवरी को प्रदेश के तेरह जिलों के 70 सीटों में से 69 विधानसभा सीटों चुनाव संपन्न होने के पांच दिन बाद एक बार फिर से निर्वाचन आयोग द्वारा नये सिरे से आंकड़े जारी किए गए है।
जारी किए गए जिलेवार आंकड़ा जो इस प्रकार है:—

  • उत्तरकाशी में 68.29 प्रतिशत (63.69 प्रतिशत पुरूष एवं 73.21 प्रतिशत महिलाएं),
  • चमोली में 60.51 प्रतिशत (55.41 प्रतिशत पुरूष एवं 65.96 प्रतिशत महिलाएं),
  • रूद्रप्रयाग में 61.46 प्रतिशत(52.61 प्रतिशत पुरूष एवं 70.25 प्रतिशत महिलाएं),
  • टिहरी गढ़वाल में 55.40 प्रतिशत(46.76 प्रतिशत पुरूष एवं 64.62 प्रतिशत महिलाएं),
  • देहरादून में 63.45 प्रतिशत(61.27 प्रतिशत पुरूष एवं 65.93 प्रतिशत महिलाएं),
  • हरिद्वार में 75.69 प्रतिशत(75.32 प्रतिशत पुरूष एवं 76.14 प्रतिशत महिलाएं),
  • पौड़ी गढ़वाल में 54.95 प्रतिशत(48.52 प्रतिशत पुरूष एवं 61.63 प्रतिशत महिलाएं),
  • पिथौरागढ़ में 60.58 प्रतिशत(56.64 प्रतिशत पुरूष एवं 64.52 प्रतिशत महिलाएं),
  • बागेश्वर में 61.23 प्रतिशत(52.53 प्रतिशत पुरूष एवं 70.18 प्रतिशत महिलाएं),
  • अल्मोड़ा में 52.81 प्रतिशत(45.20 प्रतिशत पुरूष एवं 60.69 प्रतिशत महिलाएं),
  • चम्पावत में 61.66 प्रतिशत(53.37 प्रतिशत पुरूष और 70.81 प्रतिशत महिलाएं),
  • नैनीताल में 66.77 प्रतिशत(64.96 प्रतिशत पुरूष और 68.80 प्रतिशत महिलाएं) और
  • ऊधमसिंह नगर में 75.79 प्रतिशत (74.46 प्रतिशत पुरूष और 77.30 प्रतिशत महिलाएं) मतदान दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि राज्य निर्वाचन आयोग पहले ही चुनावों के आंकड़ें जारी करने के मामलमें किरकिरी झेल रहा है।