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अप्रैल में ‘ट्यूबलाइट’ का ट्रेलर

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सलमान खान की नई फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ का ट्रेलर अप्रैल में रिलीज हो जाएगा। कबीर खान के निर्देशन में बनी ये फिल्म इस साल ईद के मौके पर रिलीज होगी। हाल ही में इस फिल्म की शूटिंग पूरी हो गई। ये फिल्म भारत-चीन सीमा पर बनी एक लव स्टोरी है, जिसमें सलमान के साथ चीनी हीरोइन जुजू हैं। चर्चा है कि सलमान की कथित गर्लफ्रेंड लूलिया वंटूर भी इस फिल्म के साथ जुड़ी हैं, लेकिन वे इसमें एक्टिंग नहीं कर रही हैं, बल्कि फिल्म के लिए एक गाना उन्होंने गाया है। लूलिया इससे पहले हिमेश रेशमिया के नए एलबम में भी एक गाना गा चुकी हैं। ट्यूबलाइट में सलमान के अलावा उनके भाई सोहेल खान हैं। स्व. ओमपुरी भी इस फिल्म में नजर आएंगे।

एक था टाइगर और बजरंगी भाईजान के बाद इस फिल्म के साथ सलमान और कबीर खान की जोड़ी हैट्रिक पूरी करने जा रही है। ट्यूबलाइट के बाद सलमान यशराज में बनने जा रही फिल्म टाइगर जिंदा है की शूटिंग शुरु करने जा रहे हैं, , जिसमें एक बार फिर उनके साथ कटरीना कैफ काम कर रही हैं।

रजनीकांत के साथ विद्या बालन

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विद्या बालन इन दिनों खबरों में हैं। कभी वे किसी नई फिल्म मिलने की खबर को लेकर मीडिया में आती हैं, तो कभी उनके किसी फिल्म से अलग होने की खबर मिलती है, तो कभी किसी फिल्म को लेकर उनके खिलाफ कानूनी एक्शन होने की खबर आती है। एक बार फिर विद्या बालन खबरों में हैं और इस बार खबर ये है कि वे सुपर स्टार रजनीकांत के साथ तमिल फिल्म में काम कर सकती हैं।

अगर ऐसा हुआ, तो रजनीकांत के साथ और किसी तमिल फिल्म में काम करने का विद्या का ये पहला मौका होगा। रजनीकांत एक बार फिर बॉलीवुड की हीरोइन के साथ काम करेंगे। इससे पहले रजनीकांत की फिल्मों मे ऐश्वर्या राय ने रोबोट में काम किया, तो सोनाक्षी सिन्हा ने लिंगा में उनके साथ काम किया। उनकी पिछली फिल्म कबाली में राधिका आप्टे हीरोइन थीं, तो आने वाली फिल्म रोबोट 2.0 में रजनीकांत के साथ ऐमी जैक्सन हैं और अक्षय कुमार पहली बार काम कर रहे हैं। ये फिल्म रोबोट की सीक्वल है और इस साल दीपावली पर रिलीज होगी।
रजनीकांत के साथ विद्या बालन की फिल्म की खबर में कहा गया है कि इस फिल्म का निर्देशन पा रंजीत करेंगे, जबकि उनके दामाद धनुष उनका सहयोग करेंगे। विद्या बालन पिछले साल कहानी 2 के बाद इस साल बेगम जान में नजर आएंगी, जो अप्रैल में रिलीज होगी और इस साल के अंत तक उनकी एक और फिल्म तुम्हारी सल्लू रिलीज होगी, जिसमें वे आरजे के रोल में हैं। हाल ही में विद्या बालन के साथ एक विवाद भी जुड़ा, जबकि मलयाली लेखिका कमलादास की जिंदगी पर बनने वाली बायोपिक फिल्म में विद्या बालन को कास्ट किया गया था। विद्या बालन ने निर्देशक कमल के साथ मतभेदों के चलते इस फिल्म को छोड़ दिया, तो उनके अनप्रोफेशनल रवैये को लेकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की खबर आई।

फोर्टिस अस्पताल में कि गई,य़ुवक की सफल एंजियोप्लास्टी

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देहरादून के फोर्टिस एस्कोर्टस हाॅस्पिटल  में वरिष्ट हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ. योगेन्द्र सिंह द्वारा 31 साल के नवयुवक का सफल एंजियोप्लास्टी द्वारा इलाज किया गया।

सूर्यांश गुलाटी जिनको वैष्णो देवी से आते वक्त छाती में गंभीर  दर्द महसूस हुआ,इसके बाद डाॅक्टर को जांच कराने मे पता चला कि युवक केा हार्ट अटैक आया और उसे तुरन्त ही कार्डियोलोजिस्ट को दिखाने की सलाह दी।

मरीज देहरादून पहुंचते ही हाॅस्पिटल गया एंव हृदय संबंधी सभी जांच की गई, तथा उन्हें तुरंत ही कार्डियक सेन्टर जाने की सलाह दी गयी। इसके बाद तुरंत ही मरीज को हार्ट सेन्टर ले जाया गया, जहां डाॅक्टरो ने उन्हें तुरंत ही बाईपास सर्जरी की सलाह दी। इसी बीच उन्होंने फोर्टिस अस्पताल के कार्डियोलोजी से सलाह लेने का विचार बनाया।

कार्डियोलोजिस्ट डाॅ. योगेन्द्र सिंह द्वारा परामर्श लिया, और डाॅ. योगेन्द्र सिंह ने मरीज की सारी रिपोर्ट को देखते हुए उन्हें एंजियोप्लास्टी करने की सलाह दी। मरीज की जांच के दौरान डाॅ. योगेन्द्र सिंह ने एक नस को 100 प्रतिशत बन्द होने की पुष्टि की और स्टेन्ट के माध्यम से मरीज की जान बचाई गयी।

मरीज को चलने फिरने मे सीने में तेज दर्द की शिकायत की। आम तौर पर इतनी कम उम्र में नसो में रुकावट की सम्भावना कम होती है। परन्तु तकलीफ की वजह से मरीज को एनजियोग्राफी की सलाह दी गयी। एनजियोग्राफी के उपरान्त उनकी एक नस 100 प्रतिशत ब्लाॅक पायी गयी, परन्तु मरीज की कम उम्र देखते हुए कार्डियोलोजिस्ट डाॅ. योगेन्द्र सिंह ने सीटीओ एंजियोप्लास्टी की सलाह दी, उन्होने डाॅ. योगेन्द्र सिंह का परामर्श लिया एंव मरीज की जापानी तकनीक द्वारा सीटीओ एंजियोपलस्टी की गई।

एंजियोप्लास्टी के उपरान्त मरीज को सकुशाल डिस्चार्ज कर दिया गया। एंव मरीज पूर्णतः सवस्थ है।

हल्द्वानी मे एक फौजी परिवार के घर डबल मर्डर

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उत्तराखण्ड के हल्द्वानी स्थित डहरिया मे एक फौजी परिवार के घर डबल मर्डर ने क्षेत्र मे सनसनी फैल गई है। हाल ही मे सेना से रिटायर होकर आये कर्नल डी.के.साह की 75 वर्षीय माॅ और उनकी 55 वर्षीय पत्नी की किसी ने धारदार हथियार से हत्या कर दी है।
डहरिया की सत्यलोक कालोनी मे सेना के रिटार्यड कर्नल के घर में हुई इस वारदात में घर का सारा सामान बिखरा पडा है। हत्या को घर मे लूट के लिए की गई ह्त्या भी माना जा रहां है।पुलिस के अनुसार घटना के समय कर्नल अपने घर मे नही थे। वह किसी काम के सिलसिले मे शहर से बाहर गये हुए है। वही कर्नल के रिश्तेदार और उनके घर में काम करने वाली नौकरानी का कहना है की वह सुबह जब कर्नल के घर मे गये तो काफी देर आवाज देने के बावजूद अन्दर से कोई जवाब नहीं मिला। अन्दर किसी भी प्रकार का कोई मूवमेंट नही दिखाई दिया तो उन्होने कर्नल को फोन करके इसकी सूचना दी। कर्नल ने उनको बताया कि वो भी घर मे सुबह से फोन लगा रहे है लेकिन कोई फोन नही उठा रहा है। इसकी सूचना पुलिस को दी गई जिसके बाद रिश्तेदारों की मौजूदगी में पुलिस को फोन किया, पुलिस ने दरवाजा खोला जहाॅ कमरे का सारा सामान बिखरा हुआ था।एक कमरे मे कर्नल की पत्नी और ऊपर दूसरी मंजिल के कमरे मे कर्नल की माॅ का शव पडा हुआ मिला जिनके चेहरे पर धारदार हथियार से घाव के निशान पाये गये है। नौकरानी अनीता का कहना है की वह पिछले तीन महिने से कर्नल के घर पर काम कर रही है और कल दोपहर वह अपना काम पूरा करके चली गई थी जिसके बाद आज उसे कर्नल के घर पर उनकी माॅ और पत्नी की हत्या की जानकारी मिली है।

      वहीँ डहरिया क्षेत्र मे हुए डबल मर्डर से सनसनी फैल गई है पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुँच गए है और शव को अपने कब्जे मे लेकर मामले की जाॅच शुरू कर दी है, वही फौरेन्सिक एक्सपर्ट की टीम ने शव के साथ – साथ घर के हर कोने से घटना के सैपंल एकत्रित कर लिये है, इस डबल मर्डर के मामले में यशवंत सिह चौहान एसपी सिटी का कहना है की कर्नल के रिश्तेदार के द्वारा जानकारी मिली थी की कर्नल के घर के लोग अन्दर से किसी भी तरह की कोई मूवमेंट नही कर रहे है और उनको कुछ संदेह हो रहा है, जिसके बाद पुलिस कर्नल के घर मे गई और जहाॅ उनको कर्नल की पत्नी और माॅ का शव बरामद हुआ है, मामले की जाॅच शुरू कर दी गई है और जल्द मामले का खुलासा कर दिया जायेगा।

देवभूमि इंसटीट्यूट के छात्र ने की आत्महत्या

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बुधवार को थाना प्रेमनगर पर सिटी कण्ट्रोल रूम के माध्यम से सुचना प्राप्त हुई की नन्दा की चौकी पर सैनी हॉस्टल में एक लड़के ने आत्महत्या कर ली है। इस सूचना पर थाना प्रेमनगर पुलिस द्वारा तत्काल मौके पर पहुँच कर जानकारी की गई तो पता चला की मृतक इक्जोत सिंह पुत्र के0 एस0 नरूला निवासी हाउस नंबर 43 गाली नंबर 3 शिव विहार सहारनपुर उत्तरप्रदेश उम्र 22 वर्ष वर्तमान में देवभूमि इंस्टीट्यूट नोगावँ झाझरा प्रेमनगर में ऍम0सी0ए0 द्वितीय वर्ष का छात्र था और नौगावँ में पी0जी0 में रहता था। मंगलवार तारीख 21.02.17 को इक्जोत अपने घर सहारनपुर से आया था। प्रेमनगर देर से पहुँचने के कारण उसने सैनी हॉस्टल नंदा की चौकी में रहने वाले अपने सहपाठी सौरभ बालियान पुत्र अशोक बालियान निवासी आदर्श कॉलोनी थाना जानसठ जिला मुजफ्फरनगर उत्तरप्रदेश को फ़ोन करके बोला की वह अब लेट हो चूका है और उसको नौगावँ जाने का साधन नही मिल रहा है इसलिए वह सैनी हॉस्टल में ही रुक जाता है। इस पर सौरभ बालियान उसको अपने हॉस्टल ले गया और खाना खाने के बाद दोनों अलग अलग कमरे में जाकर सो गया क्योंकि सौरभ के साथ उसका रूम पार्टनर अक्षित चौहान था। जब आज सुबह सौरभ अपने रूम से इक्जोत को कॉलेज जाने के लिए जगाने के लिए गया तो रूम अंदर से लॉक था। काफी खटखटाने के बाद भी इक्जोत ने रूम नही खोला तब शक होने पर सौरभ ने आसपास के लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ कर देखने पर इक्जोत अपने बिस्तर पर मृत अवस्था में पड़ा था और उसके मुंह से झाग निकले हुए थे। रूम की तलाशी लेने पर उसके पर्श से अल्प्राजोलम साल्ट की नशे/नींद की गोलियां बरामद हुई है। जानकारी पर पता हुआ की इक्जोत नशे/नींद की गोलियां खाने का आदि था और उसने सौरभ को बताया कि ये बात उसके घर वालों को पता चल गई है और इस बार उन्होंने उसको खर्च के लिए पैसे भी नही दिए है। प्रथम दृष्टतया प्रतीत होता है कि इक्जोत की मृत्यु नशे/नींद की गोलियों का ओवरडोज लेने के कारण हुई है। कमरे से कोई सुसाइड नोट आदि बरामद नही हुआ है और न ही शरीर पर कोई जाहिरा चोट आदि हे। शव को कब्जे पुलिस लेकर पोस्टमॉर्टेम की कार्यवाही की जा रही है। मृतक के परिजनों को फ़ोन द्वारा सूचित किया जा चूका है। बाद पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।।

नशे के आदि नाबालिग

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आपने अकसर मासूम बच्चो को सडको के किनारे कूड़ा कचरा बिंनते हुए देखा होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपनी आजीविका चलाने के लिए कूड़ा बिनते बिनते ये नाबालिग नशे के आदि होते जा रहे हैं। देश के भविष्य के रूप में देखे जाने वाले ये नाबालिग एक ऐसे अंधेरे कुँए में गिरते जा रहे है जहाँ से निकल पाना आसान नहीं होगा।
          उत्तराखंड के भी हर शहर में ऐसे ही नशे के शिकार बने बच्चों को देखा जा सकता है। उधम सिंह नगर जिले के खटीमा की गलियों में कूड़ा बिनकर नशा करने वाला कल्लू सिर्फ इसलिए कूड़ा बिनता है तांकि वो नशा कर सके। कल्लू नामक ये नाबालिग खटीमा की सडको पर अपनी आजीविका के लिए कूड़ा बिंनता है और दिनभर की दिहाड़ी से कमाए पैसे से नशा कर लेता है। नशे के चंगुल में फसा सूबे का भविष्य अपनी अलग ही कहानी सुनाता है। खतरनाक नशे के आदि हो चुके इन बच्चो का ना तो कोई आज है और ना ही कोई भविष्य, क्योकि इन पर किसी राजनेता या बुद्धिजीवी समाजसेवियों की नजरे इनायत नहीं होती है। इसका एक बड़ा कारण ये है कि इन नाबालिगों के तो वोट ही नहीं होते है तो इनकी सुध क्यों लेनी है।
          खटीमा के गौटिया निवासी कल्लू के मुताबिक उसके पिता नहीं है इसीलिए वो और उसके भाई व् बहन कूड़ा कचरा बिनकर ही अपनी आजीविका कमाते हैं। कल्लू की ही तरह कई और नाबालिग बच्चे कूड़ा बिनते है जिनके साथ रहते हुए कल्लू को पंचर जोड़ने की ट्यूब से नशा करने की लत लग गई। कल्लू की बेबसी देखिये कि अब वो बिना रोटी खाए तो रह सकता है लेकिन बिना नशा किये नहीं रह सकता। देश के विकास के लिए नीव माने जाने वाले ये बच्चे अगर ऐसे ही नशे के चंगुल में फंसते रहेंगे तो ना केवल इनका आर्थिक बल्कि स्वास्थ्य का भी भारी नुक्सान होगा। विकास के बड़े बड़े दावे करने वाले राजनीतिक दल क्या सरकार बनने के बाद इन मासूमो की सुध लेंगे या वोट की राजनीती के शोर में कही इन मासूमो की सिसकियां दब कर रह जाएँगी।
           सरकारी अस्पताल खटीमा के डॉक्टर प्रदीप के अनुसार ये बच्चे ज्यादातर नशे के लिए कैमिकल पदार्थो का प्रयोग करते हैं जो बहुत हानिकारक होता है। ऐसे बच्चो को विशेष इलाज एवं निगरानी की जरुरत होती है। पुलिस भी इस मामले से अनभिज्ञ नहीं है। उनका कहना है कि मासूमो को नशे से बचाने के लिए एक अभियान चलाया जायेगा । साथ ही मेडिकल स्टोर् मालिको को सूचित किया जा रहा है कि नसीली दवाईया बगैर डॉक्टर के पर्चे के बच्चो को नहीं दी जाये ।

नीलकंठ महादेव के दर्शन मात्र से पूरी होती हैं सभी मन्नतें

महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर नीलकंठ महादेव के दर्शन के लिए लगातार देश के कोने -कोने से शिव भक्त अपने अराध्य से मिलने नीलकंठ धाम पहुचने लगे हैँ।पहाड़ ओर जंगल के बीच बसे इस स्थान पर भगवान शिव खुद विराजमान है। पौराणिक मान्यता है की यही वो स्थान है जहा भगवान शिव ने समुद्र मंथन में निकले विष को अपने कंठ में धारण कर तपस्या की थी। ज़हर के प्रभाव से महादेव का कंठ नीला पड़ गया था और वो नीलकंठ महादेव कहलाये थे।मणि कूट  पर्वत के शीर्ष पर स्थित है भगवान् शिव का पौराणिक नीलकंठ धाम जहां सावन के महीने मे बड़ी संख्या मे शिव भक्त कावड़ लेकर जलाभिषेक के लिए पहुचते है।मान्यता है यहाँ पर भगवान शिव ने समुद्र मंथन मे निकले विष से धरती को बचाने के लिए विष को अपने कंठ मे धारण कर तपस्या की थी। विष की तेज़ जलन से भोलेनाथ को इस स्थान पर काफी शांति मिली थी देवताओ के आग्रह पर इस स्थान पर भोलेनाथ ने शिवलिंग की उत्पति की तब से देव ओर मानव यहाँ आराधना कर रहे है।
नीलकंठ महादेव की कावड़ यात्रा के लिए  शिव भक्तो मे नया जोश ओर उमंग उठने लगती है ओर अपने क्षेत्र से बड़ी संख्या मे कावड़ लेकर यात्रा पर निकल पड़ते है। इनका पहला पड़ाव होता है हरिद्वार जंहा हरकी पौड़ी पर स्नान करके ये आगे ऋषीकेश पहुचते है। ऋषीकेश मे स्वर्गाश्रम  से शुरु होती है नीलकंठ महादेव की यात्रा जो पैदल मार्ग से 12 किमी के राजा जी पार्क के घने जंगलो से होकर गुजरती है। सड़क मार्ग से ये रास्ता लगभग 24 किमी पर पड़ता है , इस यात्रा मे पश्चिमी उत्तर प्रदेश,हरियाणा,राजस्थान ओर पंजाब से लाखों की संख्या मे श्रद्धालु नीलकंठ महादेव पर जल चढाने के लिए आते हैं और भगवान शिव इनकी मन्नतो को पूरा कर देते हैं। यू तो उत्तराखंड के कण-कण मे भगवान शिव  का वास है,हिमालय शिव परिवार का वास स्थान है। यहाँ की यात्रा ओर यहाँ के दर्शन मात्र से भक्तो के सभी दुःख दूर हो जाते है।नीलकंठ महादेव अपने सभी भक्तो की सभी मनोकामनाए पूरा कर देते है।यही कारण है यहाँ साल भर बड़ी संख्या में श्रद्धालु देश के कोने -कोने से अपने आराध्य नीलकंठ महादेव  दर्शनों लिए मणिकूट पर्वत पहुचते हैं।

ईवीएम की सुरक्षा के लिए बनाई गयी त्रिस्तरीय सुरक्षा पोस्ट

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जिला मुख्यालय गोपेश्वर में मतदान के बाद मतदान पेटियां पहुंच गई है, जिन्हें तीन स्तरीय कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में रखा गया है। राबाइका गोपेश्वर में बने मतगणना स्थल पर बनाये गये स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीन तीन त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में रखी गयी है।
बदरीनाथ और थराली विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में हुए मतदान केंद्र की कुछ ईवीएम बुधवार की शाम को ही पहुंच गयी थी ये वे मतदान स्थल थे जो जिला मुख्यालय के करीब के थे। शेष ईवीएम को लेकर मतदान कर्मी गुरूवार को गोपेश्वर पहुंचे।
दूरस्थ क्षेत्रों से ईवीएम लेकर मतदान कर्मी मुख्यालय की ओर चल निकले है इनमें से कुछ ऐसे मतदेय स्थल है जहां से 10 से 25 किमी पैदल चल कर मतदान कर्मी मुख्यालय पहुंचेगे।
ईवीएम जमा करने आ रहे मतदान कर्मियों को मतगणना स्थल पर सभी प्रपत्रों की औपचारिकता पूरी करनी पड़ रही है। आवश्यक दस्तावेजों में कोई कमी न रह जाय इसके सभी नियमानुसार प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन स्वयं मतगणना स्थल व स्ट्रांग रूम पर निगरानी रखे हुए है।
पुलिस अधीक्षक प्रीति प्रियदर्शनी ने बताया कि जीजीआईसी गोपेश्वर में बने मतगणना स्थल व ईवीएम को तीन सुरक्षा घेरों में रखा गया है। जहां ईवीएम है उसकी जिम्मेदारी आईटीवीपी को सौंपी गई है, जबकि दूसरा सुरक्षा घेरा पीएसी के जिम्मे होगा है तथा तीसरा घेरा सशस्त्र पुलिस का है। प्रत्येक अनुमन्य व्यक्ति या वाहन पर भी निगरानी होगी। जो भी व्यक्ति प्रवेश करेगा उसका नाम लॉक बुक में दर्ज किया जाएगा। पुलिस व प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी वहां रहेंगे। हर गतिविधि पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगे है।

ट्रंप विरोधी 100 से ज्यादा निजी कंपनी के कर्मचारी बर्खास्त

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अमेरिका में पिछले सप्ताह प्रवासियों के समर्थन में हड़ताल करने वाले निजी कंपनियों के करीब सौ से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया गया है।यह जानकारी मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।उल्लेखनीय है कि गत गुरुवार को देश में प्रवासियों के योगदान और उपयोगिता को दर्शाने के लिए ‘डे विदाउट इमिग्रेंट्स’ नामक एक प्रदर्शन हुआ था जिसके समर्थन में बड़ी संख्या में कर्मचारी काम पर नहीं गए थे।हड़ताल का स्कूलों के कामकाज पर भी असर पड़ा था।
टीवी चैनल सीएनएन के अनुसार, कोलोरेडो के एक कंपनी मालिक ने जिम सेरोवस्की ने कहा कि कर्मचारियों को उनके उसूलों के लिए कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने 30 कर्मचारियों को बर्खास्त करने का अफसोस नहीं है।
जिम ने कहा, “उन्हें चेतावनी दी गई थी कि टीम के खिलाफ जाने पर आप टीम का हिस्सा नहीं रह पाएंगे।”
हालांकि अभी बर्खास्त कर्मचारियों की निश्चित संख्या का पता नहीं चला है, लेकिन कई अमेरिकी कंपनियों से कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है।

गढ़वाल, कुमांऊ मंडलों में दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

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उत्तराखंड विधानसभा के 69 सीटों पर चुनाव संपन्न होने के बाद भाजपा कांग्रेस के बीच इस बार गढ़वाल कुमाउं दोनों मंडल में लड़ाई बहुत दिलचस्प हो गयी है, कई अहम चेहरे और अहम सीटों पर दोनों दलों की प्रमुखों की प्रतिष्ठा दावं पर लगी है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के दर्जनों विधायक कांग्रेस का साथ छोड़ भरतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये और वे भाजपा के चुनाव चिन्ह पर अपना भाग्य भी अजमाये है। वहीं भाजपा से कई बागियों ने कांग्रेस का दामन थाम कर चुनाव मैदान में भाजपा के सामने संकट खड़ा कर दिये है। ऐसे में मुकाबला बहुत ही रोचक हो गया है।
कांग्रेस के स्टार प्रचाकर और उत्तराखण्ड में हरदा नाम से मसहूर मुख्यमंत्री हरीश रावत गढ़वाल और कुमाउं मंडल के दोनों जगहों से अपनी चुनावी पैतरा के तहत चुनाव लड़े है। जबकि विपक्ष का कहना है कि अपनी हार के देखते हुए दो सीटों का चयन किया है। वहीं राजनीतिक विषलेशकों का कहना है कि कांग्रेस के पक्ष में लहर बनाने के लिए सीएम ने ऐसा निर्णय लिया है।
लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस से भाजपा में आये सतपाल महाराज अपनी गहरी पैठ बना लिये है। भाजपा में उन्हें सीएम पद का दावेदार भी माना जा रहा है। यहीं कारण है कि भाजपा अपने पूर्व अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत का टिकर काट कर महाराज को गढ़वाल के चौबटाखाल सीट से चुनाव में मैदान में उतारा है। हालांकि तीरथ को संतुष्ठ करने के लिए पार्टी ने उन्हें संगठन में राष्ट्रीय सचिव बनाया है। अब देखना है तीरथ सतपाल महराज के लिए कितना काम करते है।
उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भाजपा के सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर खिलाफ चुनाव लड़े है जिनकी प्रतिष्ठा दावं पर लगी है। हालांकि इसी सीट पर बीजेपी की बागी लक्ष्मी अग्रवाल और कांग्रेस के आयेन्द्र शर्मा दोनों निर्दलयी प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक कर सीट को हाट बना दिया है, जिससे चर्चा का बाजार गर्म है।
वहीं कुमाउं के रानीखेत से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के सामने फिर पुराने प्रतिद्वंद्वी करन मेहरा से सीधी लड़ाई है। 2012 विधानसभा चुनाव में अजय भट्ट 100 वोटों के कम अंतर से चुनाव जीत थे। इस बार बीजेपी के बागी प्रमोद नैनवाल के आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। ऐसे में अजय भट की प्रतिष्ठा दावं पर लगी हुयी है।
हमेशा सुर्खियों में रहने वाली कोटद्वार सीट इस बार भी लोगों के बीच कौतुहल बना हुआ है। यहां भी कांग्रेस के बागी हरक सिंह रावत भाजपा के चुनाव चिन्ह पर अपना किस्मत अजमाये है। इससे पहले 2102 में पूर्व सीएम और पौड़ी गढ़वाल के सांसद बसी खण्डूरी की चुनाव हार गये थे जिससे भाजपा कांग्रेस से एक सीट से पीछे हो गयी थी और सरकार से हाथ धाना पड़ा था।
वहीं कांग्रेस से भाजपा में आयी केदारनाथ की विधायक शौला रानी रावत बीजेपी से तो,कांग्रेस से मनोज रावत है। इन दोंनों प्रत्याशियों को सीटी टक्कर कांग्रेस के बागी कुलदीप रावत और भाजपा के बागी आशा नौटियाल से है।
हालांकि कांग्रेस से भाजपा में आये नरेन्द्र नगर से सुबोध उनियाल, देहरादून के रायपुर से उमेश शर्मा काउ, रूड़की से प्रदीप पत्रा की अपनी पकड़ मजबूत बनाये हुये है। हालांकि रूड़की सीट पर भाजपा के बागी सुरेश चैन कांग्रेस से ताल ठोके है जिससे सीटी टक्कर है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहगुणा के पुत्र सौरव बहुगुणा अपने पिता के सीट पर सितारगंज से चुनाव लड़े है।