उत्तराखण्ड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग विधान सभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी के रूप में ज्योति कनवासी पत्नी स्व. कुलदीप सिंह कनवासी ने अपना नामांकन पत्र आरओ को प्रस्तुत किया। बताते चलें कि कर्णप्रयाग विधान सभा सीट पर बसपा प्रत्याशी कुलदीप कनवासी की 12 फरवरी को सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई थी। जिसके बाद 15 फरवरी को होने वाले चुनाव में कर्णप्रयाग विधान सभा का चुनाव स्थगित कर दिया गया था।
निर्वाचन आयोग ने इसके लिए अलग से तिथि 9 मार्च को मतदान की तिथि तय की थी। निर्वाचन आयोग ने इस सीट पर नामांकन प्रक्रिया के लिए तिथि का निर्धारण किया गया था। आरओ कर्णप्रयाग केएन गोस्वामी ने बताया कि नामांकन पत्र की संमीक्षा 21 फरवरी को की जायेगी व 23 फरवरी को नामांकन वापस लिया जा सकता है। बसपा के प्रत्याशी ज्योति कनवासी ने निर्धारित प्रक्रिया के तहत नामांकन पत्र गोपेश्वर जिला कार्यालय में बने कर्णप्रयाग आरओ कार्यालय में जमा किया।
कर्णप्रयाग से कनवासी की पत्नी ज्योति ने बसपा प्रत्याशी के रूप में किया नामांक
उत्तराखंड में कैलाश ,कैलाश खेर गंगा की शरण में
धर्मनगरी में शिव भक्त कांवड़ियों की गूंज
हरिद्वार धर्मनगरी में महाशिवरात्रि पर्व पर अन्य राज्यों से आने वाले शिव भक्त कांवड़ियों की दस्तक से बम-बम के जयकारें गूंज रहे है। महाशिव रात्रि पर्व पर हर वर्ष लाखों की संख्या में शिवभक्त हरिद्वार के हरकी पौड़ी व मंदिरों में पूजा अर्चना करने के पश्चात गंगा जल भरकर अपने राज्यों की ओर रवाना होते हैं। इसी क्रम में
हरकी पौड़ी पर शिव भक्त कावंड़ियें की टोली पहुंचने लगी है।
हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के सीमावर्ती क्षेत्रों से प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लाखों कांवड़ियों का आगमन होता हैं। केसरिया रंग के वस्त्र दुकानों पर शिव भक्त कांवड़ियों के लिए बिक्री के लिए दुकाने सजने लगे हैं।
कनखल दक्षेश्वर महादेव मंदिर पर लगातार शिव भक्त कांवड़िये पूजा अर्चना करने के लिए पहुंच रहे है।
शिव भक्त कांवडिये संजय ने बताया कि प्रतिवर्ष आस्था की इस नगरी में पहुंचता हूं और भगवान शिव सभी की मनोकामनायें पूर्ण करते हैं। उन्होंने बताया कि कांवड़ ले जाने से सभी मनोकामनायें पूर्ण होने के साथ परिवारों में सुख समृद्धि का वास होता है। पुलिस प्रशासन भी महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियों में जुट गया है।
नियमों का उल्लंघन कर सीएम ने बांटे 4 दर्जन शराब लाईसेंस-अजय भट्ट
शनिवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया।कांफ्रेंस में भट्ट ने कहा कि राज्य की जनता बीजेपी को स्पष्ट बहुमत दे रही है।भट्ट ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस लोकतंत्र में कांग्रेस ने आचार संहिता का उलंघन किया है।भट्ट ने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कोई बताएगा कि कांग्रेस ने प्रशांत किशोर का चुनाव जीताने के लिए कितने का ठेका दिया है??उन्होंने कहा कि पीके की 100 गाड़ियों ने पूरे प्रदेश नियमों पर ताक पर रख कर जाने दिया गया और इसके पीछे कौन था।अजय भट्ट ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने पीके को 1 लाख करोड़ रुपय देकर बुलाया है और पीके कांग्रेस को अपने इशारों पर चला रहे हैं।
पीएम मोदी की हरिद्वार रैली पर परमिशन के लिए लगाए कांग्रेस के इल्जाम पर अजय भट्ट ने कहा कि कांग्रेस उल जलूल बातें कर बीजेपी को बदनाम कर रही हैं।उन्होंने कहा कि कांग्रेस अफवाह उड़ा रही है, और प्रधानमंत्री के राज्य में रैली का एक प्रोटोकॉल होता है जिसको फालो करने के बाद ही रैली हो सकती है और काग्रेंस ऐसी अफवाहों से बीजेपी को बदनाम कर रही है।
कांग्रेस के बाद अब बीजेपी ने भी दावा किया कि प्रदेश में बीजेपी 44-50 सीट हासिल करेगी और अपनी सरकार बनाएगी।अजय भट्ट ने कहा कि मैं जनता का आभारी हूं कि उन्होंने हमें पूरा सर्मथन दिया।भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली बार होगा जब यहां स्पष्ट बहुमत से सरकार बनेगी और जो कभी नहीं हुआ इस बार होगा।
भट्ट ने उन सभी को धन्यवाद दिया, जिन्होंने खुल के बीजेपी को अपनी भागीदारी दी और उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से दिसम्बर 25 के बाद तराई आ जाती है जिस वजह से वोट प्रतिशत कम ही रहता है लेकिन उसके बाद भी बीजेपी सबसे आगे हैं।भट्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री ने नियमों के विरुद्ध जाकर लगभग 4 दर्जन शराब के लाइसेन्स आनन-फानन में दिए है आखिर इसका क्या मतलब है और क्या चल रहा है इस प्रदेश में और यह जनता सोचे कि कितनी भ्रष्ट है यह सरकार??।भट्ट ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि देवप्रयाग,पौड़ी और सतपुली में नियमों की धज्जियां उड़ायी गई है।भट्ट ने कहा कि नैनीताल और टिहरी की एक जगह पर संस्तुति मिली है,और इसपर तो सीएम रावत को अपने अधिकारों का प्रयोग करके लाइसेंस की जांच करवानी चाहिए।उन्होंने कहा कि जहां कि पुलिस ही शराब की गाड़ियों के साथ पकड़ी जा रही उस प्रदेश का क्या होगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे कैसे पैरोल पर आरोपी को छोड़ दिया गया,और कैसे किसी अपराधी को आजीवन पैरोल पर छोड दिया जाता है मुझे इसका जबाब दें सीएम?? अंत में उन्होंने कहा कि सपना देखने का सबका अधिकार है लेकिन असल में बीजेपी ही सरकार बनाएगी।
चुनावी दौर खत्म हो चुका है अब जो रह गया वो है दावों का दौर और इसमें दोनों पार्टियां दिल खोल कर दावे कर रही बीते दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर अपाध्याय ने 46 सीटों पर जीत का दावा किया थी अब बीजेपी ने जवाब में 45 सीट पर पूर्ण बहुमत की घोषणा कर दी है। आने वाले 11 मार्च को दोनों पार्टियों को एक बात साफ हो जाएगी किसको मिलेगी बहूमत और किसकी होगी हार।
स्पाइनल ट्यूमर के मरीज को मदद की जरुरत
गोविन्द को इस मुश्किल की घडी में मदद करने के लिए कुछ समाजसेवी आगे आए हैं।समाज सेवी रमेश आर्या का मानना है कि वो गोविन्द को इस हालात से जल्द बाहर निकाल लिया जाएगा।उन्होंने बताया कि वो गोविन्द को हर तरह से मदद कर रहे हैं । उसके परिवार के लिए इस मुश्किल की घडी में राशन देकर कुछ राहत पहुंच रहे हैं।
फंड की कमी से एनजीओ ने बंद किया वेस्ट कलेक्शन
केंद्र सरकार के पेट प्राॅजेक्ट “स्वच्छ भारत” हर किसी को एक सुंदर भारत का सपना दिखा रहे हैं और आने वाले कल को साफ सुथरा बनाने का गुणगान कर रहे हैं। ऐसे में बहुत सारे एनजीओ अलग अलग पहल कर शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम में लगे हुए हैं। लेकिन मसूरी में एक एनजीओ है जो पिछले दो दशक से शहर के कूड़े की हालात को सुधारने की कोशिश कर रहा है लेकिन इन दिनों एनजीओ की मुहिम अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है क्योंकि इस एनजीओ के पास फंड भारी कमी हो गई है।
“कीन”(कीपिंग द इनवारमेंट इकोलोजिकल नेचुरल) लगभग 300 घरों से और 7 होटल्स से वेस्ट मैनेंजमेंट का काम करते रहे हैं।यह घर और होटल नगर पालिका के क्षेत्र में नहीं आते। पिछले कई सालों में इस एनजीओ ने अपनी जान लगा दी शहर को साफ रखने के लिए और इस उम्मीद में कि पहाड़ों की रानी मसूरी कूड़े के ढेर के नीचे ना दबे। लेकिन अब यह एनजीओ अपनी सुविधाएं बंद करने वाला है क्योंकि उन्हें मसूरी म्यूंसिपल काउंसिल से कोई मदद नहीं मिल रही। कीन के संयोजक डाना क्रिगर कहते है “हम अबतक अपना बेस्ट कर रहे थे लेकिन ऐसी बहुत सी चीजें है जो पैसों और फाइनेंनसियल सर्पोट के बिना मुमकिन नहीं है। हमें पिछले बहुत दिनों से तारीख मिल रहीं थी ताकि हम इस विषय पर बातचीत कर सकें। इस बार यह तारीख 15 मार्च के आस पास है। सच तो यह है कि कूड़े और गंदगी का संरक्षण मसूरी के लिए बहुत बड़ी परेशानी है,और अगर सच में पहाड़ों की रानी मसूरी को कूड़े के ढ़ेर में दबने से बचाना है तो यह संरक्षण का काम रुकना नहीं चाहिए। पहाड़ों के आस पास कूड़े के ढ़ेर होना बहुत आम बात है और इसकी वजह से पहाड़ो की हालत खराब होते जा रही है।”
इस विषय पर नगर पालिका ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। पालिका के ई.ओ, डी.एस राणा कहते हैं कि “हमारा कीन के साथ कोई फार्मल एग्रीमेंट नहीं था।हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे कि अपने शहर को साफ सुथरा रख सके।”
लोग अभी इस एनजीओ की सर्विस से जागरुक भी नही है, उन्हों यह तक नही पता कि उन्हे फायदा कहां से मिल रहा है। रायल आर्किड फोर्ट रिर्जाट के पंकज थपलियाल कहते हैं कि “हमारे लिए वेस्ट मैनेजमेंट हमेशा से एक परेशानी का विषय रहता है क्योंकि हम नगर पालिका के क्षेत्र में नहीं आते। हमें वेस्ट मैनेंजमेंट के लिए लोगों पर निर्भर रहना पड़ता था जिनकी क्वालिटि उस लेवल की नहीं होती जो होटल के चाहिए होती थी। लेकिन कीन के होने की वजह से हमें वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कभी परेशान नहीं होना पड़ता था चाहें कितनी ही बड़ी पार्टी या भीड़ क्यों ना हो जाए।”
बहरहाल इस प्रशासनिक उदासीनता ही रहेंगे कि जिस स्वच्छ भारत अभियान पर सरकार करोड़ों खर्च कर रही है उसी मुहिम में स्वेच्छा से लगे एक संस्तान को अपना काम बंद करना पड़ रहा है।
अब कैश के बिना भी होगा इस नगर पालिका में काम
नैनीताल चिड़ियाघर को जानवरों के रेस्कयू और उपचार का गौरव प्राप्त
उत्तराखण्ड के नैनीताल स्थित चिड़ियाघर को सैकड़ों खतरनाक और सामान्य वन्यजीव को सुरक्षित रेस्क्यू और उपचार करने का गौरव प्राप्त है । हालाँकि यहाँ के अधिकारी इस खतरनाक काम में उपकरणों की भारी कमी बताते हैं । नैनीताल का चिड़ियाघर काफी लंबे समय से चोटिल, फंसे हुए और नरभक्षी वन्यजीवों को सुरक्षित रखने का बेहतरीन स्थल बना हुआ है । यहाँ जिलेभर से ऐसे जानवरों को रेस्क्यू कर नैनीताल के उच्च स्थलीय वन्यजीव प्राणी उद्यान लाया जाता है । जहाँ चिड़ियाघर के विशेषज्ञ चिकित्सक उनका चिड़ियाघर में उपचार किया जाता है । नैनीताल जू प्रबंधन की रेस्कूय टीम के द्धारा बीते एक वर्ष में तकरीबन 300 जानवारों को रैस्क्यू करके नैनीताल ज़ू लाया गया है । इसी ज़ू में पहाड़ों के इतिहास में पहली बार पहाड़ में बाघ के सफल रेस्क्यू कर उसका यहाँ उपचार किया जा रहा है। यहाँ अब तक यहाँ तेंदुए, हिरन, काँकण, किग कोबरा, बन्दर लंगूर जैसे कई जानलेवा साँपों को भी रेस्क्यू करके नैनीताल ज़ू लाया गया और उपचार के बाद उनके प्राकृतिक वास में छोड़ा जा चुका है ।
भले ही जू प्रबंधन ने अपनी जान को खतरे में डालकर कई सफल रेस्क्यू करके सैकड़ों जानवारों की जान बचाई हो मगर आज भी जू प्रबंधन के पास जानवारों को रेस्क्यू करने वाले उपकरणों का अभाव है । यहीं कारण है कि रेस्क्यू के दौरान वनकर्मी और वन्यजीव दोनों की जान को खतरा बना राहत है । डी.एफ.ओ.धर्म सिंह मीणा बताते हैं कि उन्हें सफल और सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए रेस्क्यू पिकअप और विशेष मोटर साईकिल की जरुरत है । हालाँकि उन्होंने बताया कि सरकार के पास उपकरणों को खरीदने के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है लेकिन सरकार की तरफ अब तक कोई जवाब नही आया है।
जंगल में भटका यात्रियों का दल
हरियाणा से नीलकंठ मंदिर के दर्शन के लिए आएं यात्रियों का एक दल शनिवार की रात जंगल में रास्ता भटक गया। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर यात्रियों को सकुशल जंगल से बाहर निकाला।
हरियाणा के एक महिला सहित चार यात्रियों का दल नीलकंठ में जलाभिषेक करने के बाद कुछ ही दूरी पर स्थित झिलमिल गुफा देखने के लिए निकला था। रात हो जाने के कारण जंगल में वह रास्ता भटक गए।
घटना की सूचना वन विभाग को मिली। वन विभाग की संयुक्त टीम रेस्क्यू चलाकर करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उनके पास पहुंची। सभी यात्रियों को जंगल से बाहर निकाला। यात्रियों ने वन विभाग टीम की प्रशंसा की।
आजाद हिन्द फौज के लासंनायक भीम सिंह बिष्ट का निधन,सीएम ने जताया शोक
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 96वें वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी व नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज के लासंनायक भीम सिंह बिष्ट के निधन पर अपनी संवेदना प्रकट की। 96 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भीम सिंह बिष्ट का शुक्रवार को निधन हो गया। वे कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भीम सिंह बिष्ट ने आजादी की लड़ाई में अपना अहम योगदान दिया है जो कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने ईश्वर से उनके परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
बता दें कि देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भीम सिंह बिष्ट 19 वर्ष की उम्र में 28 अगस्त 1940 को सेना में भर्ती हो गए थे। इसी दौरान देश की आजादी के लिए छिड़े आंदोलनों और अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस की ओर से 1941 में गठित आजाद हिंद फौज से वह खासे प्रभावित हुए और 1942 को सेना की नौकरी छोड़कर आजाद हिंद फौज में भर्ती हो गए थे।