Page 875

प्रियंका चोपड़ा की कंपनी बनाएगी बच्चों की तीन फिल्में

0

हाल ही में मराठी और पंजाबी फिल्में बनाने के बाद प्रियंका चोपड़ा की प्रोडक्शन कंपनी पर्पल पिक्चर्स ने अपनी नई योजनाओं की घोषणा करते हुए तीन नई फिल्में बनाने की योजना जारी की है। इन घोषणाओं की सबसे खास बात ये रही कि ये तीनों फिल्में बच्चों के लिए बनाई जाएंगी। घोषणा के मुताबिक, इनमें से एक फिल्म हिन्दी मे बनेगी और बाकी दो फिल्में प्रादेशिक भाषाओं में बनेंगी। ये फिल्में कोंकणी और सिक्कमी भाषा में बनेंगी। एक और खास बात इन घोषणाओं की ये रही कि तीनों फिल्मों का निर्देशन महिलाएं करेंगी।

सिक्कमी भाषा में बनने जा रही फिल्म का नाम ‘पहुना’ होगा, जिसका निर्देशन पाखी टायरवाला करेंगी। ये फिल्म माओवादी आंदोलन में नेपाल से भागकर सिक्कम पंहुचे तीन बच्चों की जिंदगी पर आधारित होगी। पहली बार सिक्कम की भाषा में कोई फिल्म बनने जा रही है और इसकी पूरी टीम स्थानीय प्रतिभाओं के साथ बनाई गई है। राज्य सरकार भी इस फिल्म को हर तरह से मदद कर रही है। फिल्म की पूरी शूटिंग सिक्कम के अलग-अलग स्थानों पर हुई है। दूसरी फिल्म कोंकणी में होगी और इसका निर्देशन सुवर्णा नसनोडकर करेंगी और इसका टाइटल ‘लिटिल जो’ कहां हो रखा गया है। ये फिल्म आरके लक्ष्मण और मारियो मिरांडा जैसी महान कार्टूनिस्टों को श्रद्धांजलि के तौर पर बनाई जा रही है। इसकी पूरी शूटिंग गोवा में होगी। तीसरी फिल्म ‘अलमसर’ हिन्दी में बनेगी, जिसका निर्देशन लारा मिश्रा करेंगी। ये आगरा के ताजमहल की पृष्ठभूमि पर होगी, जिसमें एक कुत्ते और बच्चों के प्रति उसके प्रेम पर कहानी होगी।
इन फिल्मों की घोषणाओं पर खुशी व्यक्त करते हुए प्रियंका चोपड़ा का कहना है कि आजकल बच्चों के लिए बनने वाली फिल्में कम होती जा रही हैं। ऐसे में हम कोशिश कर रहे हैं कि बच्चों के लिए फिल्में ज्यादा बनें। उन्होंने कहा कि तीनों फिल्में इसी साल रिलीज कर दी जाएंगी।

गंगा में लहरों का रोमांच,इंटरनेशनल कयाक फेस्टिवल 2017

गंगा की लहरों का रोमांचिक खेल इंटरनेशनल कयाक फेस्टिवल 2017 का देवप्रयाग में आयोजन होने जा रहा है जिसके लिए ऋषिकेश प्रेस क्लब में आयोजकों द्वारा प्रेस वार्ता की गयी। आयोजन करता ने बताया की इस साल ये फेस्टिवल दो दिवसीय होगा जो की देवप्रयाग में आयोजित किया जा रहा है। 17-18 फरबरी को होने वाला ये गंगा कयाक फेस्टिवल कयाक प्रेमियों के साथ-साथ एडवेंचर प्रेमियों के लिए भी होगा और इससे उत्तराखंड में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस बार भी नेपाल,स्वीडन,यूएस से कयाक प्रेमी इस फेस्टिवल का हिस्सा बनने जा रहे है और इससे हर कोई काफी उत्सुक है।

चुनावी ड्यूटी करने वालों पर भी नोटबंदी की मार

0
विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को बूथों के लिए पोलिंग पार्टिया रवाना हो गयी है। पहली पोलिंग पार्टी चकराता के लिए रवाना की गयी है,रविवार को 23 पोलिंग पार्टी को रवाना किया जाना था जब की निर्वाचन अधिकारियो ने 216 को  बुलाया। इसके अलावा रिज़र्व ड्यूटी में रहने वाले कर्मचारियों को भी बुला लिया गया। ऐसे में ऋषिकेश व विकासनगर से आये कर्मचारी आधीअधूरी तैयारी के साथ मौके पर पहुचे और यहाँ पहुँचे के बाद उन्हें बताया गया कि उनकी ड्यूटी आज नही हैं।
ऐसे में एस डी एम चकराता प्रत्युष मिश्रा ने पोलिंग पार्टी को रवाना किया। वही विधानसभा चुनाव में नोटबंदी का असर प्रत्याशियों के खर्चे के बाद अब कर्मचारियों के खाने के खर्चे पर भी पड़ा है। कम कैश उपलब्ध होने के कारण इस बार कर्मचारियों को केवल 600 रु खाने के खर्चे के लिए दिए जा रहे हैं जबकि पिछले चुनाव में 900 रु कर्मचारियों को दिए थे
इसी तरह अन्य भत्तो में भी कटौती की गयी है हलाकि निर्वाचन अधिकारी ड्यूटी से लौटने के बाद बिल लगाने पर भुगतान की बात कर रहे हैं।
जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी पी एस रावत ने बताया कि प्रशासन की ओर से बैंको से करीब 75 लाख रु का  कैश जुटाया गया है। समान अनुपात में कर्मचारियों को खर्च उपलब्ध कराया गया है और कुछ अतिरिक्त खर्च होने पर उसके बिल आदि वह बाद में जमा कर सकते हैं। वहीं पुलिस कर्मियों के लिए धन की व्यवस्था नही हो पाई है। इसके चलते पुलिस कर्मियों को वाउचर उपलब्ध करा दिए गए है। ऐसे हालात मे कर्मचारियों को निर्वाचन आयोग से कितना सहयोग मिल पाता है। ये देखना होगा अभी तक निर्वाचन आयोग ने मतदान के प्रति कोई भी कमी छोड़ी है लेकिन कर्मचारियों की हालत देख मतदान जैसे तैसे निपट जाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत तहसील मुख्यालय से पोलिंग पार्टिर्यो को बूथों के लिए रवाना कर दिया गया है। दूरस्थ क्षेत्र रानीखेत विधानसभा के 85, द्वाराहाट की 144 व सल्ट विधानसभा की 134 पोलिंग पार्टियों को रवाना किया गया है। मंगलवार को अन्य 48 पोलिंग पार्टियां बूथों के लिए रवाना होंगी।

तुम तो ठहरे दलबदलु देश क्या चलाओगे, दलबदलुओं का अखाड़ा बना विधानसभा चुनाव

0

उत्तराखंड के आने वाले पांच सालों के शासक का फैसला 15 फरवरी को ईवीएम मशीनों में बंद हो जायेगा। आने वाले चुनाव में क्या होगा यह तो वक्त ही बताएगा फिलहाल जो एक बात चुनाव से पहले देखने को मिल रही वो है नेताओं का दल बदलना। इस परिस्थिती में एक ही बात ज़हन में आती है “तुम तो ठहरे दलबदलू देश क्या चलाओगे”। जी हां उत्तराखंड चुनाव तो दल बदलते नेताओं का अखाड़ा बन चुका है। कभी कोई भाजपा का कमल खिला रहा है तो कोई कांग्रेस का हाथ पकड़ रहा है। इन सबके बीच कोई भी वोटर की मानसिकता नहीं समझ रहा है। सालों साल एक पार्टी की सेवा और प्रचार करने के बाद चुनाव से ठीक एक महीना पहले अपनी पार्टी बदल कर दूसरी पार्टी में शामिल होना शायद आजकल का फैशन हो गया है। कभी जो नेता एक पार्टी का चेहरा और पहचान था उसके पार्टी बदलते ही वह भ्रष्टाचारी और गलत हो जाता है? जो प्रत्याशी कभी एक पार्टी के लिए सारे बेहतर कदम उठाता था दूसरी पार्टी में जाकर पहली पार्टी के तौर तरीको पर सवाल उठाता है? हमारे देश की राजनिती क्या सिर्फ सवालों-जवाबों,आरोप-प्रत्यारोप और एक दूसरे पर उंगली उठाने के लिए है। सवाल यह है कि चुनाव को अब एक पुरा महीना भी नहीं बचा और पार्टियां एक दूसरे की टांग खिंचाई से बा़ज नही आ रहे हैं।

प्रदेश की दो बड़ी पार्टियां एक दूसरे को नीचा दिखाने में लगी हुई है,अपनी उपलब्धियों से ज्यादा दूसरों की कमिया गिनाने में दोनों पार्टियां मुकाबला कर रही हैं। आधे से ज्यादा सभाओं में पार्टी के लोग इस बात से परेशान है कि दूसरी पार्टी ने यह घोषणा कैसे कर दी? कोई भी पार्टी इस बात को नहीं सोच रही कि उन्हें अपनी योजनाओं पर ध्यान देने का समय निकालना चाहिए और जितना हो सके जनता से मुखातिब होने के विषय में सोचना चाहिए। जनता की इच्छाओं को जानने के बाद य़ोजनाएं बना कर,उसपर काम करना सभी पाटिर्यों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। यह आरोप प्रत्यारोप शायद हर राजनितिज्ञ जानता है और इन कामों के लिए नेताओं के पास बहुत समय है और आगे भी होगा। अभी इन उम्मीदवारों के समय की दरकार जनता को है जिनसे बातचीत करने के बाद ही शायद नेताओं को अपनी जनता को जानने का मौका मिलेगा,ऐसे में जनता की मंशा जानने के बाद कोई भी पार्टी ज्यादा अच्छा काम कर पाएगी,अगर उनकी सरकार बनती है।

विधानसभा चुनाव केवल नेताओं क लिए नहीं बल्कि जनता के लिए भी महत्तवपूर्ण है क्योंकि जनता भी अपनी समझ से एक ऐसा प्रतिनिधि चाहती है जो अपने वादों पर अडिग रहे और भविष्य में अच्छे काम कर सके।जनता के मन में इस बात का संदेह है कि अगर एक नेता उस दल का नही हुआ जहां से उसे मान-सम्मान मिला है तो वह जनता के क्या होगा? चुनाव से पहले जब इन नेताओं ने दल बदल लिया तो क्या गारंटी है कि चुनाव जीतने के बाद यह नेता अपने वादों पर खरा उतरेंगें! इन सभी सवालों के साथ यह चुनाव नेताओं के साथ जनता के लिए भी बहुत जरुरी है। जहां प्रदेश के नेता एक दूसरे पर इल्जाम लगा रहें वही अगर वह अपना समय जनता से मिलने में और उनकी मंशा जानने की कोशिश करने में लगाऐंगें तो फायदा शायद नेता और पार्टी दोनो को ही मिलेगा।चुनाव से कुछ दिन पहले जनता के सामने भी पार्टियों का चिट्ठा खुलने से नुकसान तो दोनों ही पार्टी को हो रहा है। पार्टियों की इस उठा पटक में जनता भी अपना कैंडिडेट फिल्टर कर रहीं और समझने की कोशिश कर रही कि असल में उनके लिए कौनसी पार्टी फायदेमंद है और कौन सिर्फ वादों के राजा है। समय कम है लेकिन दूर नही जब सबके सामने जनता का प्रतिनिधि होगा।

उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव में 62 महिला अाजमा रही हैं किस्मत

0

उत्तराखण्ड सहित देश भर में संसद व विभिन्न विधानसभाओं में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करने के मामले में हालात अब भी चिंताजनक हैं। चुनाव से पहले महिलाओं को आरक्षण से लेकर तरक्की की चाहत दिखाकर लुभाने में राजनीतिक पार्टियां पीछे नहीं रहना चाहती है, जब उन्हें जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए मैदान में उतारने की बारी आती है तो खुद को समेट ली है। आंकड़े के अनुसार प्रदेश में पुरूष और महिला मतदाता का अंतर पांच हजार से भी कम है। जबकि प्रदेश में कुल 637 उम्मीदवार मैदान में अपना भाग्य अजमा रहे हैं जिससे 62 महिला भी चुनाव लड़ रही हैं। महिलाओं की इतनी कम संख्या में चुनाव मैदान में है।

बताते चले कि उत्तरखण्ड विधान सभा आम चुनाव 2017 में 75,12,559 कुल मतदाता हैं जिसमें 39,33,564 पुरुष वोटर है और 35,78,995 महिला मतदाता हैं।
उत्तराखण्ड के केदारनाथ, पौड़ी, चौबट्टाखाल, पिथौरागढ़ और द्वाराहाट सीटों पर महिला मतदताओं की संख्या और पिछले चुनावों में मतदान मामले में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। धारचूला और डीडीहाट में भी वे पुरुषों से अधिक है। फिर भी प्रदेश में तीन सीटों पर मात्र पांच महिलायें मैदान में उतरी है। केदारनाथ में भाजपा प्रत्याशी शैलरानी रावत, तो निर्दलीय आशा नौटियाल तथा चौबट्टाखाल में प्रजा मंडल पार्टी से पूनम कैंतूरा, जबकि मंजू रावत निर्दलीय तथा पिथौरागढ़ में सुषमा माथुर यूकेडी प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरी है। डीडीहाट, द्वाराहाट, धारचूला और पौड़ी में एक भी महिला प्रत्याशी नहीं है।

फूलो कि कलियों से महकने लगे बाज़ार ,युवाओ के लिए विभिन्न आयटमों से बाज़ार में रौनक 

15 फरवरी को मतदान है सभी राजनीतिक दल आखरी जोर लगा रहे है,ऐसे में युवा दिलो की धड़कन बढाने वाला त्यौहार वेलेंटाइन डे का खुमार युवाओ पर साफ़ देखा जा रहा है।बसंत का असर मौसम में साफ़ झलकने लगा बाज़ार रंग बिरगे फूलों और गिफ्ट आइटम से सज गए ,प्यार के इजहार के दिन को युवा कुछ खास तरीके से मानना चाहते है,जिसके लिए बाज़ारो में तरह तरह के गिफ्ट और गुलाबो कि मांग बढ़ गयी है, लाल सुर्ख गुलाब कि कलिया हर किसी का मन मोह ले रही है , फूल व्यवसायी मानते है कि इस त्यौहार के चलते गुलाबो कि डिमांड काफी बढ़ जाती है और दाम भी इस समय तेज़ हो जाते है। ऋषिकेश का फूल बाज़ार इन दिनों सबाब पर है जिस से आसपास के कास्तकारो कि फायदा हो रहा है। युवा अपने प्रेम का इजहार करने के लिए गुलाब के फूल खरीद रहे है ऋषिकेश की फूल मंडी में चाँदना फ्लावर की मालकिन का कहना है कि आज के दिन बड़ी संख्या में गुलाब बिक चुके है,बड़ी डिमांड के चलते कीमतों में काफी उछाल है। गुलाब के एक फूल का दाम 30 -50 रुपये चल  रहा है जिसे सभी खरीद रहे है विदेशी भारी संख्या में इस दिन के लिए गुलाब के बुके और फूल ले जा रहे है। साथ ही युवा कपल इस दिन को खास बनाने के लिए रिवर राफ्टिंग कर राफ्टिंग  रोमांच का मजा ले रहे हैं।

उत्तराखंड में 69 विधानसभा में थम गया चुनाव प्रचार

0

उत्तराखण्ड की 70 विधानसभा में से 69 विधानसभा पर 15 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए पूरे जोर-शोर और शोर-शराबे के साथ चल रहा चुनाव प्रचार अभियान सोमवार शाम पांच बजे थम गया। प्रदेश में 70 में से 69 विधानसभा सीटों पर बुधवार को मतदान होगा। कर्णप्रयाग विधानसभा पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रत्याशी के सड़क हादसे में रविवार को मौत हो जाने के बाद इस सीट पर निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव स्थगित कर दिया गया है।
राज्य में 75,12,559 मतदाता हैं, जिसमें 39,33,564 पुरुष और 35,78,995 महिला मतदाता हैं। सबसे ज्यादा 1725 मतदेय स्थल देहरादून और सबसे कम 312 रुद्रप्रयाग जिले में बनाए गए हैं। चुनाव के लिए 10854 सीयू ईवीएम और 11240 बीयू ईवीएम लगाई गई है। कुल 4,106 सीयू ईवीएम और 4235 बीयू ईवीएम रिजर्व रखी गई है। प्रदेश में 34 पॉलिटिकल पार्टियों के कुल 637 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि बसपा ने 69, कांग्रेस ने 70, सीपीआई ने 5, सीपीएम ने 5, एनसीपी ने 2, आरएलडी ने 3, सपा ने 21, एसएस ने 7 और 262 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं। निर्वाचन आयोग द्वार राज्य में चुनाव के लिए कुल 10854 मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में भाजपा कांग्रेस समेत बसपा और निर्दलीय प्रत्याशियों ने पूरा दमखम लगा दिया है।
उत्तराखण्ड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गढ़वाल और कुमांउ मंडल में तीन दिनों में ताबड़तोड़ चार रैली कर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया। वहीं कांग्रेस राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हरिद्वार में 10 विधानसभा में रोड शो कर मोदी की रैली का जवाब देकर जनता को कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की। बसपा सुप्रीमो मायावती भी अपने प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करते हुए कांग्रेस भाजपा से लोगों को दूर रहने की सलाह दी।
सोमवार को प्रचार के अंतिम दिन भाजपा की ओर से केन्द्रीय मंत्री उमा भारती तथा केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह और स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा, केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल, दिल्ली भाजपा प्रदेश मनोज तिवारी सहित सभी नेताओं ने प्रदेश में ताबड़तोड़ दर्जनों से अधिक सभायें कर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में बनाने का भरपूर प्रयास किया। वहीं कांग्रेस की ओर मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित अन्य स्टार प्रचारकों ने सभायें कर मतदताओं को लुभाने का प्रयास किया।
उत्तराखण्ड के प्रथम चरण में गढ़वाल और कुमाऊं के दोनों क्षेत्रों 69 विधानसभा क्षेत्रो में एक ही चरण चुनाव में संपन्न होगा। हालांकि कर्णप्रयाग के बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाने से वहां का चुनाव रद्द कर दिया गया है। गढ़वाल और कुमाउं मंडल के दोनों क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस की बीच जोरदार टक्कर है। उत्तरप्रदेश से सटे जिला हरिद्वार के आसपास बसपा प्रत्याशी भी दोनों पार्टियों को जोरदार टक्कर दे रहे हैं।
जानकारों का मानना है कि ठंड के मौसम होने के चलते पहाड़ों में मतदान केन्द्रों तक लोगों को पहुंचने में थोड़ी दिक्कतों को सामना करना पड़ सकता है। हालांकि मतदाताओं को सुविधा के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा पूरी व्यवस्था की गयी है।
उत्तराखंड के सभी विधानसभाओं की सीमाएं नेपाल और उत्तरप्रदेश से सटी है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा 72 घंटे पहले सील हो गई है। भारत को नेपाल से जोड़ने वाले सभी अंतर्राष्ट्रीय पुलों पर आवागमन बंद हो गया है। 15 फरवरी को मतदान के बाद सीमा खुलेगी।
शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पैरामिलेट्री फोर्स एवं राजस्थान होमगार्ड तैनात रहेंगे। अन्तरर्राज्यीय सीमा पार से गड़बड़ी न फैलाई जा सके इसके लिए उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश की पुलिस मिलकर निगरानी रखेगी।

जी.बी पंत के प्रोफेसर की सड़क हादसे में मौत

0

जी.बी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा. आलोक शुक्ला की सड़क हादसे में मौत हो गई। वह अपनी पुत्री को परीक्षा दिलाने कार से रुद्रपुर जा रहे थे। पत्थरचट्टा के पास कार को सामने से आ रही मिनी बस ने टक्कर मार दी। हादसे में बेटी भी मामूली रूप से घायल हो गई। प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया। पुलिस ने मिनी बस को कब्जे में ले लिया है।

मूल रूप से लखनऊ के इंदिरानगर निवासी शुक्ला (46) विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में प्लांट फिजियोलॉजी के प्रोफेसर थे।रविवार सुबह वह मारुति जेन कार से पुत्री प्रियांशी (13 वर्ष) को ओलंपियाड की परीक्षा दिलवाने भारतीयम स्कूल, रुद्रपुर जा रहे थे। पत्थरचट्टा के पास सामने से आ रही मिनी बस ने कार को जोरदार टक्कर मार दी।

दुर्घटना में डा. शुक्ला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पुत्री प्रियांशी को चोट आई। उसको रुद्रपुर के चिकित्सालय में प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया। हादसे की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने बस को कब्जे में लिया है, जबकि चालक मौके से फरार हो गया।

चुनावी मौसम में देहरादून पुलिस के हाथ लगे 80 लाख

0

पुलिस ने सोमवार की दोपहर मसूरी डाइवर्जन पर एक कार से 80 लाख की नगदी पकड़ी। कार सवार तीन लोग नगदी का ब्योरा नहीं दे पाए। इस पर पुलिस ने रकम को सीज कर दी गई।
पुलिस के अनुसार, राजपुर क्षेत्र में पुलिस की ओर से आज सोमवार को दोपहर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान मसूरी डायवर्जन पर पुलिस टीम और फ्लाइंग स्क्वार्ड की टीम ने एक इंडिका कार (यूके 07 एकएक्स 6052) को रोका। तलाशी में कार से 80 लाख रुपये की नगदी मिली।
इस पर पुलिस ने कार सवार सत्येंद्र सिंह नेगी निवासी भानियावाला, सुधांशु भारद्वाज निवासी डीएल रोड देहरादून और गजेंद्र सिंह निवासी कैंट देहरादून को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उन्होंने नगदी बैंक का होना बताया, लेकिन इस संबंध में कोई कागजात पेश नहीं कर पाए। पुलिस ने उक्त रुपयों को सीज कर बरामदगी के संबंध में आयकर विभाग को सूचित कर दिया है। उक्त व्यक्तियों से पूछताछ जारी है।

उमा भारती ने ऋषिकेश में की जन सभा,कांग्रेस सरकार पे कसा तंज

प्रचार के आखरी दिन बीजेपी ने उत्तराखंड चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोक दी है चुनावी रणभूमि सजते ही लगातार स्टार प्रचारक प्रदेश का रुख कर रहे है, इसी कड़ी में बीजेपी की फायर ब्रांड नेता  उमा भारती ऋषिकेश के छिद्रवाला  छेत्र में जनसभा को संबोधित करने पहुंची।
unnamed (8)
ऋषिकेश से भाजपा प्रत्याशी प्रेम चन्द अग्रवाल के समर्थकन में उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में उमा भारती  ने कांग्रेस सरकार पर निशाना लगाते हुए कहा कि कंग्रेस सरकार उत्तराखंड की उपेक्षा करने का काम करती है, उन्होंने बताया कि ऋषिकेश छेत्र से बीजेपी प्रत्याशी प्रेम चन्द एक योग्य उम्मीदवार है जो विकास के लिए लगातार काम कर ,कांग्रेस ने ऋषिकेश  विधायक  यहाँ का विकास कार्य  रोक दिया ,, उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के पास चार धाम और AAIMS जैसी सुविधा है लेकिन फिर भी उत्तराखंड विकास की राह पर धीमा है। उन्होंने कहा कि यहाँ गंगा की धारा खनन माफियाओं के द्वारा सूखा दी गयी है, अब वक्त आ गया है कि प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार को लाया जाये ताकि उत्तराखंड का रुक विकास आगे बढ़ सके।