Page 876

चुनावी में रण में कभी न हारने वाले ये हैं उत्तराखंड के रणबांकुरे

0

2017 उत्तराखंड चुनावी समर में कई योद्धा अपना दमखम आजमाने उतरे हैं। इनमें कुछ ऐसे हैं जो पहली बार चुनावी समर में उतरे हैं तो कुछ हैं जिन्होने पहले भी इस रण में हिस्सा ले रखा है औऱ या तो अपनी कुर्सी बचा रहे हैं या फिर अपनी हारी बाज़ी को जीतने की कोशिस कर रहे हैं।

लेकिन इन सबके बीच राज्य में 11 ऐसे महारथी भी जिन्होने राज्य बनने के बाद से अब तक चुनावों में हार का मुंह नहीं देखा है। इन्हें सच में चुनावी रणभूमि का शूरवीर कह सकते हैं। साल 2012 में 7 कांग्रेसी विधायक थे जिन्होने तीसरी बार जीतकर ये रिकाॅर्ड बनाया था। हांलाकि अब उनमें से सिर्फ तीन ही कांग्रेस में हैं। इनमे स्पीकर गोविॆद सिॆह कुंजवाल जागेशवर से मैदान मे हैं वहीं प्रीतम सिंह और दिनेश अग्रवाल अपनी पारंपरिक सीटों चकराता और धरमपुर से लड़ रहे हैं।

ok-2

वहीं बीजेपी ती तरफ से ये रिकाॅर्ड बनाने वाले उसके पांच विधायक हरबंस कपूर देहरादून कैंट, मदन कौशिक हरिद्वार, बिसन सिंह चुफाल डिडीहाट और हरभजन सिंह चीमा काशीपुर से इस बार मैदान में हैं। वहीं पांचवी विधायक यमकेशवर से विजया बर्थवाल इस बार भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी ऋतु खंडूरी के समर्थन में चुनावी रेस से बाहर हैं।

इसके अलावा चार कांग्रेसी बागी भी इस बार चौथी बार विधानसभा में पहुंचने की कोशिसों में लगे हैं लेकिन इस बार बीजेपी के टिकट पर। ये हैं बाजपुर से यशपाल आर्या, कोटद्वार से हरक सिंह रावत, खानपुर से कुवंर प्रणव सिंह औऱ जसपुर से शैलेंद्र मोहन सिंघल। इन सबके साथ दो ऐसे विधायक भी हैं जिनके चुनावी सफर को ब्रेक लग गये हैं। रामनगर से विधायक रहीं अमृता रावत और बीएसपी के टिकट पर हरिद्वार जिले से विधायक रहे हरिदास।

उत्तराखंड की राजनीति में कई पहलु देखने को मिले हैं। हर बार अपने नाम पर चुनाव जिताने के बावजूद मुख्यमंत्री न बनने वाले हरीश रावत से लेकर मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव हारने वाले भुवन चंद्र खंडूरी। ऐसे में इन नेताओं की ये चुनावी पारी किसी उपलब्धि से कम नही है। लेकिन लगातार बदलते समीकरणों में ये आगे कैसा खेलते हैं ये देखने वाली बात होगी।

 

वोटरों, उम्मीदवारों और कर्मचारियों की मदद के लिए ई-ड्यूटी मित्र लांच

0

विधानसभा चुनाव में मतदाता, प्रत्याशी को सुविधा को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग द्वारा वोटर मित्र, उम्मीदवार मित्र एवं ई-ड्यूटी मित्र नाम के मोबाईल एप लांच किये गये हैं।

जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्रेश कुमार ने बताया कि विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2017 के लिए निर्वाचन कार्याें में लगे कार्मिकों की सुविधा को ध्यान में रखकर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा एप निर्वाचन विभाग उत्तराखण्ड की वेबसाइट htt://ceo.uk.gov.in से अथवा गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है जहां से डाउनलोड किया जा सकता है।
जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्रेश कुमार ने बताया कि वोटर मित्र एप के सहयोग से मतदाता अपने मतदान स्थल की जानकारी, गूगल मानचित्र, मार्ग, मतदान स्थल पर व्हील चेयर, पेयजल,रैम्प, विद्युत, प्रतीक्षा कक्ष व फर्नीचर आदि सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसी प्रकार केैण्डीडेट मित्र एप के सहयोग से निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी निर्वाचन कार्य में ड्यूटी पर तैनात कार्मिकों की जानकारी एवं ई-ड्यूटी मित्र एप के सहयोग से निर्वाचन में लगे कार्मिक निर्वाचन सम्बन्धी बहुत सारी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

रजनी रावत: उत्तराखंड ट्रांसजेंडर कैंडिडेट

0

उत्तराखंड राज्य के इतिहास में यह पहली बार नहीं है जब किसी ट्रांसजेंडर जो पहले प्रदेश की राजधानी देहरादून की मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं, 2012 में रायपुर क्षेत्र से विधानसभा चुनाव के साथ ही टिहरी सीट से निर्दलीय एम.पी चुनाव लड़ने का फैसला(कांग्रेस पार्टी के सर्पोट में आखिरी पल में अपना नामांकन वापस ले लिया) किया हो।

ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी की देहरादून हेड रजनी रावत ने 41 साल की उम्र से चुनाव को और ज्यादा रंग और अपने प्रतिद्वदों को कठिन लड़ाई दी है। 2008 से 2017 के चुनाव में एक बार उन्होंने अपना नामांकन रायपुर क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी की तरह भरा है।रवीना जो एक युवा ट्रांस्जेंडर है वह सबकी तरफ से कहती हैं, “जनता ने आज भी मैडम को वही मान,सम्मान और प्यार दिया है।चुनाव जनता से होती है नेता से नहीं होती, और हमारी मैडम जनता की सेवा करती है,फ़कीर है,अगर मैं दो रोटी आपसे मांग कर खा सकती हूं तो आपसे वोट भी मांग सकती हूं,शर्म नेता को आनी चाहिए जो 5 साल में आते है वोट लेते हैं और चले जाते है।” पूर्ण विश्वास के साथ बोले गई बात।

यह लोगों का प्यार ही है जिसने 41 साल की देहरादून की रजनी रावत को एक निर्दलीय प्रत्याशीकी तरह खड़ा कर दिया है,जिन्हें उनके सर्मथक प्यार से मैडम बुलाते हैं, रजनी रावत नेता वादा करती है, ‘बीजेपी कांग्रेस दोनों पर मैं भारी पड़ूंगी,’ शायद राजनीति के विषय में उनके अपनी कोई अलग प्लानिंग है,लेकिन जैसे वह देहरादून की सकरी गलियों में चुनाव कैंपेन कर रही,भीड़ दिल खोल के उनका स्वागत कर रही और उनके वादों को सुनने के लिए तत्पर रह रही है।हालांकि बहुत से लोगों को उनकी जीत पर आशंका है लेकिन काफी लोगों को लगता है कि उनकी पापुलारिटी बहुत से प्रत्याशीयों के चुनाव समीकरण को गड़बड़ा देगी।

ऋषिकेश में बीजेपी के बागी संदीप गुप्ता ने बढ़ाई दोनों राष्ट्रीय दलो की मुसीबते

0

एक लाख बावन हजार  से ज्यादा मतदाता जनसँख्या वाली ऋषिकेश विधान सभा में जैसे जैसे मतदान का दिन नजदीक आते जा रहे है चुनाव रोचक मोड़ पर पहुच गया है ,दोनों राष्ट्रीय पार्टिया जंहा एक दूसरे को पछाड़ने के लिए दिन रात एक कर रही है है वही बीजेपी के बागी और पूर्व राज्य मंत्री संदीप गुप्ता ने बीजेपी के साथ साथ कांग्रेस के प्रत्याशी की भी नींद उडा  दी है अभी तक कांग्रेस के प्रत्याशी राजपाल खरोला बागी निर्दलीय प्रत्याशी को बीजेपी का वोट कटुवा केंडिडेट मान रहे थे और जीत के मुगलाते में थे और भाजपा प्रत्याशी प्रेम चन्द अग्रवाल के लिए बड़ा झटका मान रहे थे इसके विपरीत संदीप गुप्ता ने ऋषिकेश विधान सभा छेत्र के कांग्रेस के पारम्परिक वोट पर सेंध लगा कर और भाजपा के असन्तुस्ट नेताओ के साथ मिलकर नए समीकरण  बना लिए है जिस से ये चुनाव रोचक मोड़ पर पहुच गया ,मतदाता ख़ामोशी बनाये हुए जिस से प्रत्याशियों में बेचेनी बढ़ती जा रही है ,हालात ये है कि 180 बूथों वाली विधान सभा में  71,792 महिला वोटर और  79,256 पुरुष वोटर  11 प्रत्याशियों  के भाग्य का फैसला करने जा रहे है जिसमे बागी और निर्दलीय प्रत्याशी का तड़का इस सीट को रोमांचक मोड़ पर ले आया है

चुनाव प्रचार के साथ ही बंद हो जाऐंगे शराब के ठेके

0

सोमवार को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है और साथ ही आज जिलें में शराब के सभी ठेके बंद हो जाऐंगें।राज्य में 15 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार सोमवार शाम 5 बजे से बंद हो जायोगा।इसके बाद जनसभा,रैली,जुलूस,रोड शो,लाउड स्पीकर, आदि पर प्रचार नहीं किया जा सकेगा।इसके साथ ही होर्डिंग लगाना,फ्लैक्स लगाना और पोस्टर चिपकाना भी आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।इन सबके अलावा सोशल मीडिया पर,अखबारों,मैगजीन या किसी भी तरह से चुनाव प्रचार करने के पहले अनुमति लेनी पड़ेगी।

प्रदेश में चुनाव से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।जिला आबकारी अधिकारी पवन सिंह ने बताया कि प्रचार थमने के साथ ही जिले में शराब की दुकानें भी बंद हो जाऐंगी।शाम पांच बजे सभी शराब की दुकानें बंद करने के आदेश दिए गए हैं।ठेके 14 और 15 फरवरी को मतदान खत्म होने तक बंद रहेंगे।सोमवार को सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी है राज्य में 10854 पोलिंग बूथ बनाएं गऐं हैं,जिसमें सबसे ज्यादा 1725 बूथ देहरादून और सबसे कम 312 बूथ रुद्रप्रयाग में  बनाए गए हैं।चुनाव के लिए 10854 सीयू ईवीएम और 11240 बीयू ईवीएम लगाई गई है।

गोपेश्वर में चुनाव बहिष्कार का निर्णय ग्रामीणों ने लिया वापस

0

जिले के घाट विकास खंड के कनौल के ग्रामीणों ने निर्माण विभागों से हुई वार्ता और सहमति के बाद चुनाव वहिष्कार का अपना निर्णय वापस ले लिया है। बता दें कि सड़क का काम अधूरा रहने से नाराज कनौल के ग्रामीणों ने चुनाव वहिष्कार लिया था और इसकी जानकारी प्रशासन को पूर्व में ही दे दी थी। जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी विनोद कुमार सुमन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ग्रामीणों की समस्याओं जानने के लिए गांव में जाए।

रविवार को ग्रामीणों की बैठक अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड के प्रतिनिधि के रूप में सहायक अभियंता के साथ गांव में हुई। मंमद अध्यक्ष शकुंतला देवी ने बताया कि कनौल को जोड़ने वाले मोटर मार्ग के प्रथम चरण की कार्यवायी को छह के भीतर पूर्ण किया जाएगा तथा प्रगति की जानकारी बार-बार गांव को दी जायेगी। सहमति के बाद ग्रामीणों ने चुनाव वहिष्कार निर्णय वापस लिया।

मोदी के आरोपो पर रावत का पलटवार,कहां जाँच क्यों नही कराते पीएम

0

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरदा टैक्स व भ्रष्टाचार के आरोपों पर प्रधानमंत्री को खुली चुनौती देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार सीबीआई या अन्य एजेंसियों से मेरे खिलाफ जांच करा ले, अगर दोष साबित हुआ तो सजा भुगतने को तैयार हूं।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पीएम के भाषण में धमकाने की शैली में प्रधानमंत्री की गरिमा को ख्याल नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने पीएम को चुनौती देते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के कार्यरत जज या सी.बी.आई. को लगाकर उनकी सरकार पर लगे तमाम आरोपों की जॉच छह महीने के अंदर कराई जाये। अगर किसी भी मामले में मेरे खिलाफ कोई शिकायत मिलती है तो सजा भुगतने को तैयार हूं। अगर ऐसा नही हुआ तो खुद पीएम को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
पूर्व प्रधानमंत्री के नाम से वोट मांगने पर भी हरदा तंज कसते हुए कहा कि मोदी जी अपनी पूरी कैबिनेट को लेकर स्ंघीये ढ़ाचे को अपमान करते हुए छोटें से राज्य और मुझ जैसे अदने कार्यकर्ता पर टूट पड़े हैं । चुनाव को प्रधानमंत्री ने अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बनाकर तमाम भ्रष्टाचारी, घोटालेंबाजों के लिए वोट मांग रहे हैं ।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 18 मार्च 2016 को धनबल से उनकी सरकार को गिराने व दलबदल का पाप करने के बाद मोदी जी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का नाम से वोट मांगने का अधिकार नहीं रहा है।
चुनाव को हरीश रावत बनाम मोदी बनाने पर उन्होने कहा कि मेरी पूंछ में आग लगाकर भाजपा अपनी लंका में आग लगाने को तैयार बैठी है। भूतपूर्व सैनिक, सैनिकों व जनता को गुमराह कर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर सत्ता में काबिज होने का प्रयास को जनता सफल नहीं होने देगी।

बीजेपी का बहिष्कार

0

वन रैंक वन पेंशन मामले पर सरकार से नाराज पूर्व सैनिको का एक गुट अब भी जंतर मंतर पर धरने में बैठे हुआ हैं । ये पूर्व फौजी केंद्र सरकार पर सैनिकों के सांथ धोखा करने का आरोप लगा रहे हैं । इसी को लेकर आज सेवानिवृत सैनिकों का एक दल हल्द्वानी पहुंचा और उन्होंने आगामी 15 फरवरी को उत्तराखण्ड में होने वाले विधान सभा चुनावों में कॉंग्रेस पार्टी को सपोर्ट करने का ऐलान किया है, सेवानिव्रत मेजर जरनल सतवीर सिंह ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने सैनिकों के सांथ भेदभाव किया है,उनके अनुसार वर्तमान में उत्तराखण्ड में 20 लाख सैनिकों के वोट हैं ,उन्होंने फौजी भाइयों से अपील करते हुए कहा कि यूनाइटेड पॉवर ऑफ़ वोट का इस्तेमाल करें,  मेजर जरनल सतवीर सिंह के अनुसार लगभग 30 से 35 विधान सभा सीटों पर सैनिकों के वोट आगामी विधान सभा चुनावों में प्रभाव डाल सकते हैं । यदि ऐसा होता है तो कहीं न कहीं बीजेपी को इसका नुकसान चुनावों के नतीजों पर पड़ सकता है ।

चुनाव में शराब की तस्करी करता पकड़ा गया पुलिस अधिकारी

0

उत्तराखण्ड में अल्मोड़ा जिले के सल्ट में चुनाव के दौरान शराब सप्लाई का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ अल्मोड़ा पुलिस के सल्ट थानाध्यक्ष मंगी राम आर्या अपनी सरकारी बोलेरो जीप में शराब की बोतलें सप्लाई करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। सल्ट के विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना के अनुसार उन्हें उनके समर्थकों से सूचना मिली थी कि पुलिस की गाडी में विपक्षियों की शराब सप्लाई की जा रहा है जिसके बाद उन्होंने पुलिस की गाड़ी को रोका और उसमें से 12 बोतल महँगी अंग्रेजी शराब बरामद की। उन्होंने बताया कि पहले टीओ थानाध्यक्ष ने शराब को अपनी निजी बताई और फिर बयान बदलते हुए कहा कि ये उन्होंने मर्चूला से एक मोटर साईकिल चालक से बरामद की जो रात में भाग गया था। आरोप लगाया की ये श्राप पुलिस की मिलीभगत के साथ लोगों तक पहुंचे जा रही थी जिसे यहाँ रँगे हाथो ग्रामीणों की मौजूदगी में पकड़ा गया और अब इसे उड़न दस्ते को सौंप दिया गया है। पुलिस के उच्च अधिकारीयों ने आरोपी थानाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है। थानेदार को तत्काल सस्पेंड कर उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है । चुनाव में पुलिस की गाडी में एक राजनितिक पार्टी को फायदा पहुँचाने के लिए की गई शराब सप्लाई की इस घटना से क्षेत्रवासियों में रोष है।

रविवार को सल्ट में एक थानेदार की जीप से शराब की बोतलों से भरी पेटियां पकड़े जाने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि राज्य के अफसर कांग्रेस का समर्थन करने से बाज आयें। उन्होंने कहा कि कुछ अफसरों की इस तरह की हरकतों से सारी ब्यूरोक्रेसी की छवि खराब होती है।
भट्ट ने कहा की हरीश रावत ने शराब माफिया के बूते राज्य में तीन साल तक लूट मचाई और अब शराब माफिया और पुलिस के चहेते अफसरों के बूते वोटरों की जमीर खरीदने की कोशिश कर रहे हैं, जिस में वह पूरी तरह नाकाम रहेंगे, क्योंकि उत्तराखंड की जनता राज्य के पर्यावरण और संस्कृति को बरबाद करने वाले को दुबारा सता सौंपने की गलती नहीं करेगी।
अजय भट्ट ने कहा कि कांग्रेस बुरी तरह हार रही है, इसलिए बौखलाई हुई है। भाजपा को दो तिहाई सीटों पर जीत हासिल हो रही है, ब्यूरोक्रेसी को जनता के आदेश को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को भी इस पर निगाह रखनी चाहिए कि कांग्रेस सरकार में उपकृत होने वाले अफसर चुनाव आयोग की आचार सहिंता का उलंघन नहीं कर पाएं।

कर्णप्रयाग बसपा प्रत्याशी का निधन,क्षेत्र में चुनाव हुआ रद्द

0

गौचर से कर्णप्रयाग जाते हुए चटवापीपल पुल के निकट एक कार i 20 A/F दुर्घटना ग्रस्त हुई, कार में कर्णप्रयाग विधान सभा से बसपा के प्रत्याशी कुलदीप कनवासी की मृत्यु हो गयी जिस कारण कर्णप्रयाग विधान सभा का चुनाव स्थगित कर दिया गया है। सड़क दुर्घटना में दो अन्य लोग भी घायल हुए हैं।

कुलदीप कनवासी की मृत्यु पर सीएम रावत ने दुख जाहिर किया और सुरेंद्र सिंह रावत ने दुख जाहिर करते हुए परिवार को शक्ति और इस दुख से उभरने की कामना की है।