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राज्य की 16 से 21 साल तक की परवरिश बीजेपी को सौंपे-पीएम मोदी

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आज का दिन पीएम मोदी का उत्तराखंड का तूफानी दौरा रहा,उन्होंने अपने सर्मथकों के सामने काफी बातें रखीं,उन्होंने कहा ‘अभी 16 साल का है उत्तराखंड, 16 से 21 साल की उम्र बेहद महत्वपूर्ण है। 21 साल तक निखारना है उत्तराखंड और ये पांच साल गंवाने नहीं चाहिएं। उन्होंने कहा, ‘ अटल जी ने उत्तराखंड बनाया, उन्होंने सपना देखा था देवभूमि के भाग्य को बदलने का।
उन्होंने कहा कि चारधाम की यात्रा पर हर कोई आना चाहता है, लेकिन यहां आकर उसे दुख होता है।
केंद्र सरकार ने 12 हजार करोड़ लगाकर चारधाम मार्ग को आधुनिक रास्तों से जोड़ने का बीड़ा उठाया है। छोटा इंजन- राज्य में भाजपा सरकार और बड़ा इंजन-केंद्र की भाजपा सरकार। दोनों इंजन मिलकर देवभूमि का नक्शा बदल देंगे।”
मोदी ने उत्तराखंड को वीरों की भूमि बताया और याद दिलाया, “सीमा पर उत्तराखंड का जवान डटा हुआ है। ये वीरों की भूमि, त्याग बलिदाम की भूमि है, वीर माताओं की भूमि है।” साथ ही साथ उन्होंने हरीश रावत को आड़े हाथ लेते हुए बोला कि, “ ये जो सीएम हैं वो पहले केंद्र में मंत्री थे। इनका ध्यान सीएम की कुर्सी खींचने पर था। जब सरकार में बैठे थे तो कम से कम वन रैंक-वन पेंशन का काम तो करवा लेते। फौजियों के बारे में रत्ती भर नहीं सोचा। हमने सत्ता में आते ही ओआरओपी का काम करवाया।” पीएम ने पूरे देवे ले कहा, “ 11 मार्च को यहां भाजपा की नई सरकार बनेगी। नई सरकार देवभूमि का नक्शा बदल देगी।” 2013 की त्रासदी को याद करते हुए मोदी बोले, “जब उत्तराखंड में बाढ़ आई तो मैं गुजरात से दौड़कर आया था। जब केदारनाथ की घटना हुई थी तो कांग्रेस के नेता विदेश में मौज कर रहे थे। “ मोदी जी ने उत्तराखंड की जल संपदा पर ध्यान आकर्षित करते हुए बोला, “यहां का पानी, बिजली हिंदुस्तान की प्यास बुझा सकती है, अंधेरा मिटा सकता है। जो राज्य देश का अंधेरा मिटा सकता है उसको कांग्रेस ने अंधेरे में डुबो रखा है। मैं केंद्र में बैठा हूं, मैं दूंगा यहां स्थिर सरकार।” मोदी ने कहा कि बस एक मौका दो , “देवभूमि की 16 से 21 साल की उम्र की परवरिश का दायित्व मुझे सौंपे।

पीएम मोदी उत्तराखंड के हरिद्वार में रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि ”आप अपनी जुबान संभाल के रखो नहीं तो मेरे पास आपकी पूरी जन्मपत्री पड़ी है, पीएम मोदी ने कहा कि मैं अपने विवेक और मर्यादाओं को छोड़ना नहीं चाहता” लेकिन अगर आप उन्हें छोड़ कर अनाप-शनाप बाते करोगे तो आपका इतिहास आपको नहीं छोड़गा।

आखिरी में पीएम मोदी ने कहा कि एक बार बीजोपी की सरकार आ गई तो उत्तराखंड में ऐसी टीम बैठाऊंगा जो 2021 तक उत्तराखंड को बदल देगी।

असली नकली की लड़ाई

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उत्तराखण्ड की सितारगंज विधानसभा में पूर्व कांग्रेस कमेटी सदस्य श्याम विश्वास की कांग्रेस प्रत्याशी पत्नी मालती विश्वास और उनकी ‘असली पत्नी’ बिन्दा विश्वास जो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव में उतरी हैं।इन दोनों के बीच असली और नकली का कड़ा मुकाबला चल रहा है। उधम सिंह नगर जिले की सितारगंज सीट में अबतक सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और बागी विजय बहुगुणा विधायक थे, जिन्होंने भा.ज.पा. में जाकर अपने पुत्र सौरभ बहुगुणा को भा.ज.पा.प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा है। इसी सीट में बंगाली समुदाय के लोगों का 30 प्रतिशत का अच्छा खासा प्रभाव है जिसे देखते हुए कांग्रेस ने बंगाली मूल की मालती विश्वास को प्रत्याशी घोषित किया है।
निर्दलीय प्रत्याशी 52 वर्षीय बिन्दा और 56 वर्षीय कांग्रेस प्रत्याशी मालती ने एस.डी.एम.को दिए अपने शपथपत्र में व्यवसायी श्याम विशवास को अपना पति बताते हुए शक्ति फार्म के टैगोर कॉलोनी को अपना घर का पता बताया है। यहाँ बिन्दा ने अपनी संपत्ति 48,690 रूपये बताई है तो मालती ने 71 लाख रूपये बताई है । श्याम ने मालती को अपनी क़ानूनी पत्नी बताया है जबकि उनके बिन्दा अपने को उनकी पत्नी होने की अफवाह फैला रही है।बिन्दा ने बताया कि वो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव इसलिए लड़ रही है कि इस चुनाव से वो न्याय और अपने खोए वजूद को वापस ला सके । उन्हें विशवास है कि वो चुनाव में जरूर जीत दर्ज करेंगी ।बिन्दा ने बताया कि उनका विवाह सन 1976 में श्याम से कोलकत्ता में हुआ था, जिसके बाद वो वृन्दावन जाकर वहीँ बस गए थे। इसके बाद वो उत्तराखण्ड के सितारगंज आ गए और यहाँ बिन्दा के मायके वालों की मदद से बीड़ी बनाने की फैक्ट्री लगाकर व्यवसाय शुरू किया और श्याम का भाग्य बदल गया ।
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बिन्दा ने बताया कि एक बार जब वह कोलकत्ता स्थित अपने मायके गई थी तो श्याम मालती को लेकर आए थे और उसके बाद से ही वो उसके के साथ रह रहे हैं। उन्होंने बताया की श्याम ने बिन्दा को घर से निकाल दिया और तभी से वो अपनी विवाहित बेटी के साथ रहती हैं और बीड़ी बनाकर आजीविका कमाती हैं। बिन्दा का दावा है कि श्याम से उनकी तीन बेटियां हैं जबकि मालती से दो बेटे हैं। मालती और उनके पति श्याम विशवास ने कोई भी जवाब नहीं दिया है । बिन्दा ने इन आरोपों के साथ जनता से इस असली नकली की लड़ाई में साथ देने की बात कही है ।

चुनावों में शराब का खेल है जारी, ऋषिकेश पुलिस ने पकड़ी लाखों की शराब

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मुनि के रेती पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पहाड़ो में चुनावों के दौरान वोटरों को प्रभावित करने के लिए लायी जा रही 310 पेटी शराब को चेकिंग के दौरान एक जीप से बरामद किया गया। ये शराब बड़ी सफाई से छुपा कर लायी जा रही थी ,गौरतलब है चुनावी मौसम के दौरान अवैध शराब का कारोबार काफी फल फूल रहा है। चुनावी मौसम में उत्तराखंड में शराब की खपत बहुत ज्यादा हो जाती है, यही कारण है शराब माफिया चंडीगढ़ से सस्ती शराब को लेकर उत्तराखंड में सप्लाई करते है।

खूफिया सुचना के आधार पर मुनि की रेती पुलिस ने गाड़ियों की चेकिंग के दौरान दो अलग अलग गाड़ियों को पकड़ा जिस में कुल 310 पेटी शराब थी। इसकी कीमत 10 लाख रुपये बताई जा रही है और माना जा रहा है कि ये शराब विधान सभा चुनाव में राजनीतिक दल या उम्मीदवार द्वारा अपने छेत्र में बाटी जानी थी। पुलिस निरीक्षक रवि कुमार ने बताया ये शराब पौड़ी और चमोली ले जायी जा रही थी और इस खेप के साथ 3 लोगों को पुलिस ने पकड़ा। इन सभी से और पूछताछ जारी है। 

राज्य में अलग अलग जगह जिस तरह शराब पकड़ी जा रही है उससे एक बात तो साफ है कि हमारी पार्टियां और नेता जितना चाहे साफ चुनावों के और सालों लोगों के लिये काम करने के दावे कर ले लेकिन आखिरकार उनके कामों में कुछ बहुत द्यादा कमी रह जाती है जिसके चलते वोटरों को अपनी तरफ करने के लिये  उन्हें शराब का सहारा लेना पड़ता है।

केंद्र सरकार कांग्रेस शासित प्रदेशों से भेदभाव कर रही है: वीरभद्र सिंह

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केंद्र सरकार पर जमकर साधा निशाना। चुनावी प्रचार के लिये शुक्रलार को देहरादून पहुंचे वीरभद्र ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य में अस्थिरता फैलाने के लिये लगातार सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करती आ रही है। उन्होने कहा कि पहाड़ी प्रदेशों की पृष्ठभूमि एक जैसी ही है। प्रदेश में हरीश रावत सरकार रॉकी तारईप करते हुए सिंह ने कहा कि रावत के कार्यकाल में प्रदेश में बहुत विकास हुआ है और इसी के चलते बीजेपी भौखलाी हुई है।  बीजेपी को ये मालूम है कि वो चुनावों में किसी भी तरह से कांग्रेस के मुकाबले में नही है और इसी लिये केंद्र सरकार हर तरह के हथकंडे अपना रही है सत्ता पाने के लिये।

प्रधानमंक्त्री के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर दिये गये बयान पर सिंह ने कहा कि मोदी ने जिस भाषा का प्रयोग किया है वो संसदीय गरिमा के अनुकूल नही है लेकिन फिर बी हम उनका सम्मान करते हैं। केंद्र सरकार ने प्लानिंग कमिश्न को खत्म कर दिया।वह संस्था बहुत अच्छा काम करती थी, वह संस्था हर किसी पर नजर रखती थी लेकिन अब प्लानिंग कमिश्न केंद्र द्वारा खत्म करने की वजह से राज्यों के कई काम रुक गए हैं।

वहीं नोटबंदी पर बोलते हुए उन्होने कहा कि इसकी वजह से आम आदमी परेशान है। सरकार ने नोटबंदी  के लिये पूरी तैयारी नही की। नोटबंदी से देश को कुछ फायदा नही हुआ बल्की इकोनॉमी प्रभावित हुई है।

मनमोहन पर मोदी का बयान छाया रहा राहुल के उत्तराखंड दोरे पर

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राहुल गांधी ने आज अपने चुनावी दौरे पर सितारगंज विधानसभा के शक्तिफार्म में पहुँच चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उत्तराखंड पहुँचे राहुल गांधी ने चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को अपने निशाने पर लिया। राहुल ने कहा की वाजपेयी व मनमोहन सिंह मर्यादा में रहकर बोलने वाले प्रधानमंत्री थे। संसद में किस तमीज के साथ बोलना है उन्हें आता था। लेकिन मोदी संसद में जिस तरह मनमोहन सिंह के बारे में बोलते है वो देश के दस साल प्रधानमंत्री रहे मनमोहन की नहीं बल्कि देश की जनता के बारे में बोलते है। गौरतलब है कि संसद में प्रधानमंत्री ने ये कहा था कि मनमोहन सिंह ऐसे प्रधानमंज्त्री रहे जो बाथरूम में रैनकोट पहनकर नहाते थे। इसके चलते संसद से लेकर सड़क तक कांग्रेस मोदी को घेर रही है। 

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वही उनके सफाई अभियान से लेकर नोटबंधी के फैसले पर चुटकी भी ली।राहुल ने अपने सम्बोधन में उत्तराखंड के पलायन व पर्यटन के मुद्दे को भी छुआ। वही हरीश रावत के कार्यकाल को उम्दा बताते हुए राहुल ने जनता से रावत को फिर से पांच साल देने की अपील की।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में चुनाव प्रचार अब आकिरी दौर में पहुंच गया है। और ऐसे में सभी पार्टियों के स्टार प्रचारक राज्य में धुआंधार सभाऐं कर वोटरों को अपनी तरफ करने ंमें लगे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी भी राज्य में आने वाले दिनों में जनसभाऐं करने वाले हैं।

अमित शाह ने उत्तराखंड में चुनावी जनसभाओं को किया संबोधित

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भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह टिहरी में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ दिन बाकी है उत्तराखण्ड का भविष्य तय होगा जो यहां की जनता के हाथ में है। इस दौरान शाह ने जनता से आह्वान किया कि उत्तराखंड से हरीश रावत की सरकार को उखाड़ फेंक दें। शाह आज टिहरी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी धन सिंह नेगी के समर्थन में जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए कुछ दिन शेष हैं। इस कारण भाजपा ने अपने स्टार प्रचारकों की फौज को मैदान में उतार दिया है। गुरुवार को दोपहर करीब एक बजे टिहरी जिले के बौराड़ी में भाजपा की जनसभा आयोजित हुई। इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जनसभा को संबोधित किया। शाह ने अपने लगभग 45 मिनट के भाषण में कांग्रेस को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का भविष्य तय होने जा रहा है, यह आपको तय करना होगा किसकी सरकार बने। शाह ने कहा कि किसी विधायक और मुख्यमंत्री को बदलने के लिए वोट ना करें, बल्कि उत्तराखंड के भाग्य को बदलने के लिए वोट करें।
शाह ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का निर्माण बड़े संघर्ष के बाद बना है। पांच साल में कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार, घोटालों और घपलों से उत्तराखंड को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने टिहरी की जनता से उत्तराखंड से हरीश रावत की सरकार को उखाड़ फेंकने को कहा। शाह ने कहा कि हम लोग उत्तराखंड बनाने वाले लोग हैं। उत्तराखंड के संघर्ष में भाजपा में साथ रही है।

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इसके बाद बागेश्वर के बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में अमित साह ने पहुंचकर मौजूद जनता से कमल के फूल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट डालने की अपील की। पहली बार बागेश्वर पहुँचने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अमित शाह का जोरदार स्वागत किया। अमित शाह ने अपने सम्बोधन में कांग्रेस पार्टी पर जमकर प्रहार किए। उन्होने कांग्रेस पार्टी पर भ्रष्टाचार को बढावा देने वाली पार्टी के साथ उत्तराखण्ड को बर्बाद करने का भी आरोप लगाया है ।

कांग्रेस पार्टी और हरीश रावत पर प्रहार करते हुए अमित साह ने कहा कि आज तक अपने जीवन में किसी टेलविजन पर विधायकों की खरीद फरोख्त करते हुए नही देखा है । कहा कि किसी मुख्यमंत्री का सचिव शराब के ठेकेदारों के साथ भाव तोल मोल करते नही देखा है। हरीश रावत सरकार विकास के नाम पर कुछ नही कर पायी। राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड को गुन्डागर्दी, बेरोजगार, भ्रष्टाचार में धकेल दिया है जिसके बाद भी कांग्रेस को उसका मलाल नही है । उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस का तो उत्तराखण्ड से लगाव ही नही है।

माओवादी पोस्टर को लेकर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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सोमेश्वर विधानसभा में माओवादी पोस्टर लगाने पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने एक बयान में कहा कि पोस्टर चिपकाने वाले अज्ञात लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी अल्मोड़ा ने इस संबंध में कार्रवाई की है।
बता दें कि सोमेश्वर विधानसभा में कई इलाकों में माओवादी पोस्टर दिवारों पर चस्पा मिले है। इन पर्चों में विधानसभा चुनावों के बहिष्कार करने की अपील की गई है। सोमेश्वर में पहले से ही माओवादियों की उपस्थिति का आंकलन किया जाता रहा है और अब क्षेत्र में माओवादियों ने सैकड़ों पोस्टर और लाल रंग से दीवारों पर अपना संदेश लिखकर अपनी भावनाओं से जनता को अवगत कराया है साथ ही साथ उन्होंने जनता से विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने की अपील की है। प्रशासन पहले से ही यह मान रहा था कि माओवादी तो हैं,लेकिन सुप्ता अवस्था में है पर इन पोस्टरों ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है।

इससे पहले भी नैनीताल में माओवादियों ने एक सरकारी गाड़ी को आग के हवाले कर दिया था। साथ ही चुनाव के बहिष्कार के लिये दीवारों पर पोस्टर भी लगाये गये थे। इन सभी घटनाओं के चलते प्रशासन सतर्क हो गया है और तमाम इलाकों में काॅम्बिंग आॅपरेशन चलाये जा रहे हैं।

उत्तराखंड के रजवाड़ों की राजधानी में चुनावी घमासान

नरेन्द्र नगर  राजनीति दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण विधान सभा है जो ऋषिकेश,देवप्रयाग,यमकेश्वर और टिहरी विधानसभाओं से लगी होने के कारण काफी प्रभाव रखती है, इस बार इस नरेन्द्र नगर की चुनावी लड़ाई काफी दिलचस्प होने वाली है। पहले कांग्रेस और अब बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले इस विधान सभा क्षेत्र में एक बड़ा राजनीतिक उलट फेर हुआ है। कांगेस से बगावत कर बीजेपी में आए सुबोध उनियाल को  इस बार बीजेपी के ही बागियों का सामना करना पड़गा वहीँ दूसरी ओर कांग्रेस के लिए भी यहाँ से जीतना किसी बड़ी चुनोती  से कम नही है। ऐसे में कैसे रहेंगे विधान सभा के चुनावी समीकरण ,गढ़वाल के इतिहास में नरेन्द्र नगर का विशेष महत्व है।महाराजा नरेन्द्र शाह ने 1919 में टिहरी से अपनी राजधानी को नरेन्द्र नगर में बसाया था,जो एक खूबसूरत पहाड़ी के बीच का मनोहारी स्थान है जिसके शीर्ष पर कुंजापुरी शक्ति सिद्ध पीठ है,यहाँ से चुनावी मैदान में कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी का दामन थाम चुके सुबोध उनियाल बीजेपी के टिकट से मैदान में है जिनको उनके प्रतिद्वंदी के रूप ओम गोपाल रावत से कड़ी टक्कर मिल रही है ,कार्यकर्ताओ का सम्मान और विकास का मुद्दा इस बार के चुनाव में जोर शोर से उठ रहा है।
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नरेन्द्र नगर विधान सभा में चुनाव विशेषकर बागियो के बीच सम्मान और अहम की लड़ाई  का हिस्सा बन गया है।ओम गोपाल रावत का आरोप है कि वो भाजपा से सम्मान की लड़ाई लड़ रहे है जिससे कार्यकर्ताओं को उनका सम्मान मिल सके वही सुबोध उनियाल मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार के खिलाफ विकास का मूढ़ लेकर मैदान में है दूसरी ओर कांग्रेस ने युवा चेहरे के रूप में हिमांशु बिल्जवान को मैदान में उतारा है।
अब फैसला जनता के हाथ में है देखना यह होगा की क्या जनता बीजेपी या कांग्रेस पर भरोसा दिखाती है या इस बार नरेन्द्र नगर विधानसभा में बदलाव देखने को मिलता और जनता किसी निर्दलीय को चुनती है।

आसन बैराज से घर वापसी करने लगे विदेशी पक्षी

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हम परिंदे हैं कहीं भी आशियाना बना सकते हैं भले ही पक्तियां एक मशहूर शायर की है,लेकिन उत्तराखंड में विदेशी पक्षियों का आने का सिलसिला वर्षों से आने का प्रारंभ हुआ है वह सर्दियां शुरू होते ही शुरू हो जाता है और गर्मियां प्रारंभ होते ही विदेश पक्षी लौटने लगते हैं। उत्तराखंड पक्षी प्रजाति के लिए काफी मशहूर स्थान है। जहां अधिकांश पक्षी आते हैं। गंगा यमुना का क्षेत्र इनके लिए और आकर्षण के केन्द्र हैं। डोईवाला के आसपास मालदेवता,लक्षीवाला इन पक्षियों के लिए काफी प्रमुख स्थल हैं। इसी तरह अलगार घाटी का देवलसारी, गोविंद पशु विहार में पक्षियों का आना, देवरिया ताल, चैपता, तुंगनाथ मंडल अद्भुद रूप से पक्षियों का निवास है। तापमान बढने के कारण अब इन विदेशी सैलानी पक्षियों का प्रवास अपने देशों की ओर हो रहा है। आसन बैराज से प्रवास पर आए पक्षी अपनी देशों को लौटने लगे हैं।

आंकड़े बताते हैं कि अब पक्षियों की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है,जो विदेशी पक्षी इन क्षेत्रों में आते हैं। उनकी लगभग डेढ़ दर्जन प्रजातियां उत्तराखंड आती हैं, जो अब धीरे-धीरे वापस हो रही हैं हालांकि अब तक लगभग तीन प्रजातियों के पक्षी ही कम हुए हैं,लेकिन गर्मियों के आते ही इनके वापसी का तरीका इस बात का संकेत देता है कि पक्षी मनुष्यों से अधिक चालक हैं। हमने चाहे अनचाहे अपने साथ-साथ पशु पक्षियों के आवासों को भी प्रभावित किया है। उसके बावजूद वर्षों से आ रहे ये पक्षी निरंतर यहां पहुंच रहे हैं।
प्रदेश में लगभग दो दर्जन ऐसे स्थल हैं जहां ये पक्षी आते ही आते हैं इनमें बिन्सार जागेश्वर भी शामिल है,जो पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। ये स्थिति वन विभाग के लिए काफी सुखद मानी जाती है और विभाग इन पक्षियों की हत्या करने वाले हत्यारों पर लंबी नजर रखता है। कई पक्षियों के शिकारी इन्हें पूरी तरह नेस्तनाबूद कर देते हैं जिसके कारण पक्षियों को काफी क्षति होती है। उत्तराखंड में लगभग सौलह ऐसे स्थान हैं जहां ये पक्षी निरंतर भ्रमण करने के लिए आते हैं। इनमें आसन बैराज के साथ-साथ चकराता का कोटी कनासर भी शामिल है।

asan1 सही मायने में आसन को जलपक्षियों का स्वर्ग कहा जाए तो अतिउक्ति नहीं होगी। 2005 में स्थित स्थान आसन पक्षी संरक्षण भारत का पहला संरक्षण रिजर्व है। लगभग 4.44 स्के किलोमीटर के क्षेत्र में फैला आसन बैराज यमुना और आसन के संगम पर है। इस क्षेत्र में 255 प्रजातियों से अधिक पक्षी आते थे। आसन से 12 किलोमीटर दूर तिमली और आसन पक्षी रिजर्व उत्कृष्ट स्थान हैं, जो पक्षी यहां आते हैं उनमें ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेट बिटर्न, आम गोल्डनआई, बेयर के पोचार्ड , कैरूगिनस पोचर्ड, मस्मर चैती, कम सफेद हंस, पेंट सारस, पालस फिश, ईगल, स्टोर्क बिल्ड किंगफिशर, सफेद पूछधारी रूबीथ्रोट वाइटेट,ताजपोषित पेनडूलाइन टिट जैसे पक्षियों के नाम शामिल हैं।
तापमान बढने के कारण देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में प्रवास पर आए परिंदे अपने देश लौटने लगे हैं। इसके चलते 20 में से तीन प्रजातियों के परिदों की संख्या काफी कम हो गई है। विधिवत गणना में नमभूमि क्षेत्र में 4589 पक्षी अनुमानित किए गए थे। चकराता वन प्रभाग की स्थानीय गणना में वर्तमान में 3 हजार से अधिक पक्षी ही दिख रहे हैं। पक्षी पर्यवेक्षक बताते हैं कि
नमभूमि क्षेत्र में अक्तूबर में पक्षी प्रवास के लिए आने शुरू हो जाते हैं और मार्च अंत तक सभी पक्षी अपने देश को वापस लौट जाते हैं। सबसे बाद में रुडी शेलडक यानि सुर्खाब लौटता है।

अपने ही चक्रव्यूह में फंसे कांग्रेस और बीजेपी के ‘’वजीर’’

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उत्तराखंड चुनावों में कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही प्रदेश अध्यक्षों के लिये बागी जी का जंजाल बन गये हैं। एक तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय है तो दूसकी तरफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट है। जी हां पार्टी के वजीर के रुप मे विराजमान इन दोनों ही नेताओं को बागियों ने इनकी विधानसभा क्षेत्र में ही घेर लिया है।

रानीखेत से कांग्रेस के उम्मीदवार कर्ण सिंह महारा अपने आप में एक मजबूत प्रत्याशी है और 2012 के चुनाव में महारा बहुत कम वोटों के अंतर पर चुनाव हारे थे।बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट माहरा से नििपटने की रणनीति बना ही रहे थे कि रानीखेत से निर्दलीय चुनाव लड़ने को तैयार बागी प्रत्याशी प्रमोद नैनवाल ने अजय भट्ट के रास्ते में परेशानियों खड़ी कर दी है। नैनवाल का लंबे समय से रानीखेत की भिखियासैन बैल्ट में सियासी सक्रियता भट्ट के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। इसके साथ ही महारा के साथ भट्ट का कांटे का मुकाबला है। 2012 के चुनाव में सिर्फ 78 वोटों से हारे थे महारा।

इधर सहसपुर से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का तो हाल और बुरा लग रहा है। 2012 अपनी पारंपरिक सीट टिहरी से किसोर क्या हारे मानो उनके राजनीतिक करियर पर ही ग्रहण लग गया। मुख्यमंत्री हरीश रावत के निर्दलीय विधायक और मंत्री दिनेश धनै प्रेम के आगे किशोर की एक न चली और उन्हें टिहरी सीट से दूसरी पारी खेलने का मौका नही मिला। इसके साथ ही उनके मना करते रहने के बावजूद उन्हें पार्टी ने सहसपुर सीट से आर्येंद्र शर्मा का टिकट काट उपाध्याय को उम्मीदवार बना दिया। सहसपुर से टिकट न मिलने से नाराज आर्येंद्र शर्मा ने निर्दलीय दावा ठोक कर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। सीएम से लेकर पार्टी हाईकमान ने आर्येंद्र को मनाने की कोशिश की लेकिन आर्येंद्र ने अपना फैसला नहीं बदला। किशोर उपाध्याय के सामने पहले से भाजपा विधायक सहदेव पुंडीर तो हैं ही, साथ ही कांग्रेस से खफा आर्येंद्र भी किशोर की परेशानी का सबब बन चुके हैं।

ये दोनों ही नेता राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी हैं लेकिन समय बहुत बलवान होता है। एक तरफ सारी पार्टी को चुनावों में ले जाने का बड़ा जिम्मा प्रदेश अध्यक्ष के उपर होतै है वहीं खुद उनकी ही सीट अगर खतरे में दिख रही हो तो इसे विडंबना ही कहेंगे।