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बीजेपी पर जमकर बरसे हरीश रावत

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मुख्यमंत्री हरीश रावत  प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस को लाने के लिए पूरी तरह से जुट गए है। खुद ही जनता के बीच जाकर प्रत्याशियों को जिताने की अपील कर रहे है। इसके लिए वो हर विधान सभा क्षेत्र में ताबड़तोड़ नुकड़ सभाये कर रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से चुनाव प्रचार की कमान खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संभाल रखी है। हरीश रावत प्रदेश भर में जाकर जनसभाओं को संबोधित कर रहे है। ऋषिकेश में कांग्रेस के प्रत्याशी राजपाल खरोला के पक्ष में मतदान करने की अपील को लेकर मुख्यमंत्री हरीश रावत ऋषिकेश पहुचे जहां उन्होंने विशाल जनसभा को सम्बोधित किया। उन्होंने ऋषिकेश में जनता से कांग्रेस प्रत्याशी राजपाल खरोला को भी जीताने की अपील की , हरीश रावत ने कहा कि पूरे प्रदेश में जनता का कांग्रेस को बहुत समर्थन देखने को मिल रहा है ,और इस बार कांग्रेस पूर्ण बहुमत की सरकार प्रदेश में बनायेगी और भाजपा को कड़ी मात देगी। रावत ने कहा कि जनता जानती है उनके कार्यकाल में कितने कार्य हुए है भाजपा ने सिर्फ उत्तराखंड में जनता के साथ मजाक किया है सिर्फ जुमले पर वोट मांग कर जनता को गुमराह कर रहे है भाजपा वाले। 

भूकंप से दहला उत्तराखंड,रुद्रप्रयाग में रहा केंद्र

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सोमवार की रात 10:34 के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए।हालांकि भूकंप की तीव्रता का तुरंत पता नहीं चल सका लेकिन लोग डर जरूर गए थे। उत्तराखंड के अलावा यह झटके चंडीगढ़,शामली,गाजियाबाद और उत्तराखंड के कुछ इलाकों जैसे कि मसूरी,पिथौरागढ़,सहारनपुर,देहरादून आदि जगहों पर भी महसूस किये गये। राष्‍ट्रीय भूकंप ब्‍यूरो के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 5.6 थी। भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के पिपलकोटि को बताया जा रहा है।

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भूकंप जमीन के 33 किलोमीटर नीचे आया था और लगभग 30 सेकेंड तक झटके महसूस किए गए। देहरादून और हरिद्वार में अपेक्षाकृत ज्‍यादा तेज झटके महसूस हुए। देहरादून में लोग घरों से बाहर आ गए। वहीं मसूरी और पिथौरागढ़ जैसी पहाड़ी जगहों पर झटके ज्‍यादा तेज नहीं थे। अमेरिकी जीयोलॉजिकल सर्वे के अनुसार भूकंप की तीव्रता 5.6 थी>

भूकंप के झटकों के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत भी हालात पर नज़र रखने के लिये रात ही देहरादून स्थित आपदा प्रबंधन कक्ष पहुँचे और तमाम आला अधिकारियों को भी बुला लिया गया।

गृह मंत्री ने भूकंप पर विस्तृत रिर्पोट मांगी है और एन.डी.आर.एफ को हाई एलर्ट कर दिया गया है। एन.डी.आर.एफ टीम को गाजियाबद से उत्तराखंड के लिए रवाना कर दिया गया है ताकि जरुरत पड़ने पर बचाव में कोई कमी ना रह जाए। भूकंप के झटकों के बाद पीएमओ भी लगातार उत्तराखंड में अधिकारियों से संपर्क मे हैं।

गौरतलब है कि दिसंबर और जनवरी के महीने में पूर्वोत्तर भारत में तीन बार भूकंप आया था।

12 फरवरी को चुनावी मोर्चा संभालेंगी अर्ध सैनिक बल

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सोमवार को सचिवालय में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव में ड्यूटी करने वाले मतदान कर्मियों/पुलिस जवानों को शत-प्रतिशत चुनाव पत्र दिलवाने, फोर्स उपलब्धता और अन्य जरुरी विषयों पर नजर डालते हुए दोनों आयुक्त और सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षक के साथ विडियो कान्फ्रेंस की। वीडियों कान्र्फेसिंग से मुख्य निर्वाचन आधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग के उपायुक्त संदीप सक्सेना से प्रदेश के 4 विधान सभा में इस बार की जा रही वीवीपेट मशीनों के सफल संचालन के लिए अतिरिक्त इंजीनियर्स की मांग करते हुए आयोग से इजाजत ली है कि वीवीपेट मशीनों के खराब हो जाने की स्थिति में मतदान को जारी रखा जाए। इस पर उपायुक्त ने मामले को उनके जरिए मुख्य चुनाव आयुक्त के सूचना में लाने को कहा है।उपायुक्त ने 13 फरवरी 2017 तक संवेदनशील मतदान केन्द्रों की वेब कास्टिग नेटवर्किग की जांच कर लेने की अपेक्षा की गई है,और अवगत कराया गया है, कि आयोग 13 फरवरी 2017 को प्रक्रिया  का खुद परीक्षण करना चाहेगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने डयूटी पर लगे मतदान कर्मियों और पुलिस जवानों को उनकी विधान सभा का पोस्टल बैलेट ही जारी करने के लिए विशेष सावधानी बरतने के निर्देश देते हुए व्यवहारिक रूप से मतदान प्रक्रिया को समझाया।उन्होनें सभी जिला निर्वाचन अधिकारी से विभिन्न जिलों में निर्वाचन डयूटीरत मतदान कर्मियों के लिए पोस्टल बैलेट प्रत्येक दशा में 10 फरवरी 2017 तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि प्रदेश को अर्धसैनिक बल की 70 कम्पनी 12 फरवरी 2017 तक उपलब्ध हो जायेगी। उन्होंने समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों से अपेक्षा की,  कि पैरा मिलट्री जवानों की तैनाती में भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखा जाए और हाई एल्टीटयूड में तैनात किये जाने वाले मतदान कार्मिक एवं सुरक्षा बलों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएं।

इस अवसर पर आयुक्त गढ़वाल विनोद शर्मा, आयुक्त कुमाउ डी0 सैंथिल पांडियन, बिग्रेडियर  राजीव गुप्ता, आई0जी0 दीपम सेठ, डीआईजी पुष्पक ज्योति ने भी पुलिस प्रबन्धन की जाकारी दी।

 

साहित्य,कला और संस्कृति है ”नेचर फेस्ट” की थीम

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देहरादून के वाईल्ड लाईफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया में 7-8 फरवरी को दो दिवसीय नैचुरल हैरिटेज फैस्ट का आयोजन किया जाएगा।यह फैस्ट बाकी सभी मेलों से अलग है क्योंकि इसमें नेचर को साहित्य,कला और संस्कृति के माध्यम से मनाया जाता है।दो दिवसीय इस मेलें में एक साथ बहुत से प्रसिद्ध प्राकृतिक लेखक,साइंटिस्ट,फिल्ममेकर,कवि,फोटोग्राफर और पत्रकारों का पैनल डिस्कसन,वर्कशाप होंगी जिसका मुख्य फोकस प्रकृति,वाईल्ड लाईफ,और सांस्कृतिक संरक्षण होगा।

यूनेस्को के दूसरे कैटगीरि से वर्ड नेचुरल हैरिटेज मैनेजमेंट और ट्रेनिंग फार एशिया एंड द पैसिफिक रीजन ने यह समारोह देहरादून के डब्लू आई आई में उन लोगों के लिए रखा है जो इसमें रुचि रखते हैं।

7 फरवरी पहले दिन की शुरुआत डा.जार्ज शालर के भाषण से होगी जो एक मशहूर बायोलाजिस्ट,16 किताबों के लेखक होने के साथ साथ बायोलाजी क्षेत्र के दिग्गज भी हैं।उसके बाद हिस्ट्री एंड लीगेसी आफ नेचर राइटिंग इन इंडिया पर एक पैनल डिस्कशन,और फिर द माउंटेंन्स स्पीकःसैलिब्रेटिंग एंड कन्जरविंग हिमालया हैरिटेज,के लेखक स्टीफन आल्टर,वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफर धृतीमान मुर्खजी और डब्लू आई आई के डीन एजेटी जान सिंह एक डिस्कशन में भाग लेंगे।इनके अलावा कार्यक्रम में बिक्रम ग्रेवाल,डा.असद रहमान और रंजीत लाल भी मौजूद रहेंगें।

हिंदी कविता के निष्ठावान कवि मंगलेश डबराल,नरेश सक्सेना,अशोक वाजपेयी,केदारनाथ सिंह और पदमश्री लीलाधर जागूरी नेचर और लैंडस्कैप पर आधारित पोएट्री रीडिंग में भाग लेंगें।पहले दिन के अंत में कहानीकार अंकित चड्डा दास्तानगोईः 16वी सदी के उर्दू कहानीकला, एक इंटरेक्टिव स्टोरी टैलिंग के माध्यम से लोगों के प्रकृति के बारे में जागरुक करेंगें।

फेस्ट का दूसरा दिन हिस्ट्री आफ नेचर इन हिमालया और प्लेस आफ नेचर इन इंडिया पोएट्री बिंदुओं पर पैनल डिस्कशन से शुरु होगा।फेस्ट का एक और दिलचस्प टापिक होगा कैपचरिंग नेचर थ्रू द लेंस एंड ड्राइंग।दूसरे दिन के अंत में पत्रकारों के लिए वर्कशाप का आयोजन होगा जिसमें पर्यावरण पत्रकारिता के बारे में बात की जाएगी जिसको मशहूर पर्यावरण पत्रकार प्रेरणा बिंद्रा जी संचालित करेंगीं।

श्रद्धा बनी ‘हसीना’, पहला लुक जारी

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भारत के मोस्ट वांटेड कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की जिंदगी पर तो बॉलीवुड में कई फिल्में बन चुकी हैं। अब उनकी बहन हसीना पारकर की जिंदगी पर भी फिल्म बनकर तैयार हो गई है। निर्देशक अपूर्वा लखिया की इस फिल्म में हसीना की भूमिका श्रद्धा कपूर निभा रही हैं। फिल्म का नाम ‘हसीना- द क्वीन ऑफ मुंबई’ है। फिल्म का पहला लुक सोमवार को सोशल मीडिया पर जारी कर दिया गया, जिसमें श्रद्धा कपूर अलग तेवरों में नजर आ रही हैं। इस फिल्म में श्रद्धा कपूर के भाई सिद्धांत कपूर परदे पर भी उनके भाई, यानी दाऊद का किरदार निभा रहे हैं। ये पहला मौका होगा, जब दोनों बहन-भाई किसी फिल्म में एक साथ काम कर रहे हैं। हसीना के बारे में कहा जाता है कि मुंबई बम धमाकों के बाद जब दाऊद दुबई भाग गया, तो उसकी गैरमौजूदगी में हसीना ने ही मुंबई में गैंग की कमान संभाली। ये फिल्म 14 जुलाई को रिलीज होगी।

कांग्रेस जनता को बरगला रही: तीरथ सिंह रावत

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भाजपा के नवनियुक्त राष्ट्रीय सचिव तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस अपने झूठ के पुलिंदे के साथ जनता को बरगला रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में तमाम बातें ऐसी है जो उसके झूठ को बेनकाब कर रही हैं। रावत सोमवार को प्रदेश बीजेपी मुख्यालय पर आयोजित अपने सम्मान समारोह में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र के बिंदुओं का उल्लेख किया और कहा कि कांग्रेस ने अपने 2012 के घोषणा पत्र में जो वादे किए थे उन पर इसे पहले अपना रिपोर्ट कार्ड देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में माफियाराज स्थापित हुआ।
शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, परिवहन, पर्यटन, अनुसूचित जाति, जनजाति, पेयजल, विद्युत आदि क्षेत्रों में कोई कार्य नहीं हुआ। इन विभागों में भ्रष्टाचार हुआ। बीजेपी नेता ने कहा कि भाजपा सत्ता में आई तो कांग्रेस के भ्रष्टाचार की जांच कराई जाएगी और दोषियों को जेल भेजा जाएगा। तीरथ ने कहा कि जनता ने मन बना लिया है और बीजेपी की सरकार आएगी और प्रदेश के विकास को तेज किया जाएगा।

इससे पहले तीरथ सिंह रावत का राष्ट्रीय सचिव बन कर पहली बार प्रदेश कार्यालय पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने फूल माला और

पटाखों के साथ जोरदार स्वागत किया। महानगर अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने कार्यक्रम संचालन किया और बताया कि तीरथ सिंह रावत ने 1982 में राजनीति शुरू की। इससे पहले वह आठ साल तक संघ के प्रचारक रहे है। 1990 में गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। बाद में उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के सदस्य और उत्तराखंड की अंतरिम सरकार में शिक्षा मंत्री रहे। 2012 से 2015 तक प्रदेश अध्यक्ष और चैबट्टाखाल से निवर्तमान विधायक रहे।

(इस खबर को न्यूज़ पोस्ट टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

कांग्रेस के तीन पदाधिकारी पार्टी से निष्कासित

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प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष ताहिर अली ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश सचिव तनवीर शेख रियाजुद्दीन, इम्तियाज अली एवं संगठन सचिव मोईनखान को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।

जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष ताहिर अली ने बताया तनवीर शेख रियाजुद्दीन, इम्तियाज अली एवं संगठन सचिव मोईनखान काफी लम्बे समय से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे जिन्हें पूर्व में मौखिक रूप से चेतावनी भी दी गई थी,किन्तु वह लगातार पार्टी अनुशासन को तोड़ने का काम करते रहे हैं। ताहिर अली ने कहा कि किसी भी कार्यकर्ता ने पार्टी अनुशासन के खिलाफ कार्य किया तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

पीएम मोदी की उत्तराखंड में 4 जनसभाएं तय

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भाजपा के स्टार कैंपेनर में सबसे पहला नाम पीएम मोदी का है और प्रेदेश में चुनाव प्रचार के लिए पीएम मोदी का कार्यक्रम तय हो चुका है।पार्टी ने पीएम मोदी का चुनाव प्रचार अभियान अंतिम चरण के लिए सुरक्षित रखा है।प्रधानमंत्री मोदी 10 से 12 तक दो दिन प्रदेश में जनसभाएं करेंगें।

पीएम मोदी का कार्यक्रमः

  • 10 फरवरी- हरिद्वार(दोपहर 2 बजे)
  • 11 फरवरी- पिथौरागढ़(दोपहर 2 बजे)
  • 12 फरवरी- श्रीनगर(सुबह 11 बजे)
  • 12 फरवरी- रुद्रपुर(दोपहर 2 बजे)

10 फरवरी को पीएम मोदी के कार्यक्रम की शुरुआत देवों के स्थान हरिद्वार से होगी ।अमित शाह 7 फरवरी से जनसभाएं शुरु करेंगें और गढ़वाल औपॉर कुमाऊं मिलाकर कुल 12 जनसभाएं करेंगें।6 फरवरी को रुड़की से केंद्रीय मंत्री पीयुष गोयल का कार्यक्रम शुरु होगा जिसके बाद 7 फरवरी को पीयूष गोयल देहरादून के धर्मपुर में जनसभा करेंगें।7 फरवरी को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की जनसभाएं नई टिहरी और केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित हैं।7 फरवरी को शहनवाज हुसैन पिरानकलियर आ रहें।12 फरवरी को सांसद मनोज तिवारी की ऋषिकेश,देहरादून में चार जनसभाएं प्रस्तावित हैं।

सैनिकों के बाद नेताओं ने सोशल मीडिया पर बयां किया दर्द

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सोशल मीडिया के माध्यम से देशभर में पीड़ित और कमजोरों को अपने शब्द कहना का एक बेहतरीन मौका मिल गया है। बी.एस.एफ. हो सी.आर.पी.एफ. या हो भारतीय फ़ौज, सभी ने अपने दर्द सोशियल मीडिया के माध्यम से ही अपने बॉस तक पहुंचाया है। उत्तराखण्ड के हल्द्वानी में अब चुनाव से ठीक पहले एक निष्काशित भाजपा कार्यकर्ता का अपने साथ हुई अलोकतांत्रिक कार्यवाही को बयां करता विडियो वायरल हुआ है। उन्होंने अपने को उपेक्षित मानते हुए पार्टी पर अपमानित करने का आरोप लगाया है। आरोप लगाया कि गलत काम करके कुछ लोग आर.एस.एस.का नाम बदनाम कर रहे हैं। यहाँ योग्यता कोई मायने नहीं रखती और पार्टी में पद को आर.आर.एस.तय करती है। सुशील भट्ट कहते हैं कि उन्होंने कुछ समय पहले पार्टी सदस्यों के शोषण को पार्टी हाईकमान के आगे उठाया जिसके बाद उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वायरल विडियो में अपने दोस्तों को संबोधित करते हुए शुशील भट्ट ने कहा है कि उनके साथ अन्याय हुआ और अपने दोस्तों से अनुरोध किया है कि इस विडियो को शेयर करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भा.ज.पा.राष्ट्राध्यक्ष अमित साह तक पहुंचाएं। उन्होंने ये भी कहा कि उनका मन्ना है कि राजनितिक पार्टियों में बिना लोकतंत्र स्थापित किये आजाद भारत की परिकल्पना बेईमानी होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री और भा.ज.पा.राष्ट्राध्यक्ष से अनुरोध किया है कि पार्टी में पद योग्य लोगों के हाथों में दिया जाए और एक सर्जिकल स्ट्राइक भा.ज.पा.में भी की जाए।

29 मई 2010 को बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल नें पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। दो बार भा.ज.पा.के सक्रीय सदस्य रहे व उत्तराखंड भा.ज.पा.खेल प्रकोष्ट में 2 बार प्रदेश सह संयोंजक के पद पर भी रहे हैं । दस अगस्त 2015 को भा.ज.पा.में कार्यकर्ताओं के हो रहे शोषण के खिलाफ तथा पार्टी में लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना के लिए एस.डी.एम.हल्द्वानी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भा.ज.पा.राष्ट्राध्यक्ष अमित शाह को ज्ञापन भेजा था । जिसके बाद 13 अगस्त 2015 को प्रदेश संगठन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया गया । बीस अगस्त 2015 को सुशील भट्ट ने इसका लिखित जवाब भी दिया । आरोप है कि चार सितम्बर 2015 को अचानक उन्हें अलोकतांत्रिक तरीके से पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्काशित कर दिया गया । इसके बाद 2 अक्टूबर 2015 को पार्टी कार्यकर्ताओ के शोषण के विरूद्ध और पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की माँग को लेकर अपने समर्थकों के साथ सुशील भट्ट आमरण अनशन शुरू करने के लिए दिल्ली रवाना हुए, जहाँ भा.ज.पा.मुख्यालय कूच करते हुए उन्हें समर्थकों समेत दिल्ली पुलिस ने 10 घंटे तक हिरासत में ले लिया और पार्लियामेंट थाने में नजरबन्द कर दिया।

उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी में वापस जोड़ने के लिये तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने 2 मई 2010 को उत्तराखंड प्रदेशाध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल के लिए एक पत्र भी लिखा था । सुशील ने ये सभी लिखित तथ्य अपने वायरल विडियो में डाले हैं जिन्हें लोग देख भी रहे हैं।

उत्तराखंड में माओवादियों की सक्रियता बढ़ी

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भले ही प्रदेश सरकार ने इस बात को स्वीकार नहीं किया कि माओवादी गतिविधियां जारी हैं पर अब पुलिस प्रशासन मानने लगा है कि उत्तराखंड में माओवादी सक्रिय हैं। इसका प्रमाण नैनीताल के धारी ब्लाक विकास खंड में सरकारी वाहन में आगजनी व झंडे पोस्टर बैनर मिलने से हुआ है।

इतना ही नहीं नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूरी ने आधा दर्जन से अधिक लोगों को चिन्हित भी कर लिया है जो इन गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं। सूत्रों की मानें तो इस घटना में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के उत्तराखंड क्षेत्रीय समिति के सचिव विजय पनेरू का नाम प्रमुख है। जिनकी खोज इन दिनों चल रही है। इनके लिए पुलिस की चार टीमें अल्मोड़ा, नैनीताल सहित कई जनपदों में अभियान चला रही हैं। मूल रूप से अल्मोड़ा के सोमेश्वर निवासी विजय पनेरू 2007 में भी ऐसी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए थे और उन्हें दोषी माना गया था। यही कारण है कि प्रशासन ने नैनीताल जिले के धारी ब्लॉक में माओवादियों की गतिविधियों के बाद चंपावत जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है।


सुरक्षा एजेसियों ने तराई व भाबर के जंगलों में गहन कांबिंग अभियान चलाया और सीमा पर गतिविधियों पर नजर रखी ताकि आरोपी को जल्द ही हिरासत में लिया जा सके। सूत्रों की मानें तो अन्य माओवादियों की तलाश में शारदा रेंज, दक्षिणी गुलिया पानी, उत्तर गुलिया पानी आदि जंगलों में संदिग्धों की तलाश में एसओटीएफ और वन विभाग की टीम ने तराई व भावर के जंगलों में सघन निरीक्षण अभियान चलाया गया है। इस अवधि में क्षेत्रवासियों से इनकी जानकारी भी मांगी गई और शत प्रतिशत मतदान का भी आग्रह किया गया।


एक लंबे अरसे से कुमाऊँ और गढ़वाल का कुछ क्षेत्र लाल घाटी के नाम से जाना जाता था जहां वामपंथी संगठनों और माओवादियों गतिविधियां तेज थीं। प्रदेश बनने के बाद इन गतिविधियों पर अंकुश लगा या यूं कह लें कि विकास के कारण माओवादी गतिविधियां कम हुई, लेकिन चुनाव में माओवादियों की सक्रियता ने गुप्तचर इकाईयों की नींद उड़ा दी है। जिसके कारण प्रशासन अब मानने लगा है कि क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति है। पिछले दिनों अल्मोड़ा और सोमेश्वर में चुनाव बहिष्कार और लोकतंत्र विरोधी पोस्टरों से चुनाव में इनकी उपस्थिति का आभास हुआ और अब प्रशासन इन पर नजर रखने लगा है।
चीन और नेपाल सीमा से सटे इलाकों में माओवादी गतिविधियां होती रही हैं। ऐसे ही तत्व अब मतदान को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। जिसके कारण शासनतंत्र द्वारा यहां रात्रिकालीन भ्रमण व्यवस्था शुरू कर दी गई है। साथ ही साथ सुरक्षा बलों ने अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है। पिछले दिनों हुई ऐसी गतिविधियों को तत्कालीन डीजीपी बीएस सिद्दू ने विशेष गंभीरता से नहीं लिया था। उनका कहना था कि यह आम घटनाएं हैं जिसके कारण सामान्य औपचारिकता के रूप में रात्रि कालीन भ्रमण तथा सुरक्षा बलों का प्रस्तुतिकरण किया जा रहा था| एक बार फिर पूर्व डीजीपी सिद्धू द्वारा नकारी गई व्यवस्थाएं प्रशासन की ध्यान में आयी हैं जिसके कारण माओवादी गतिविधियों पर विशेष सतर्कता की आवश्यकता आ गई।