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कांग्रेस ने कहा ”अटल जी ने बनाया मोदी जी सवारेंगें” सिर्फ चुनावी जुमला

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 जैसे जैसे करीब आ रहा वैसे ही राज्य की सभी पाटिर्या कांग्रेस से बीजेपी और यूकेडी से सपा तक,हर कोई 16 साल पुराने राज्य को बनाने का क्रेडिट अपने नाम लेने की होड़ में है।

बीजेपी को ही देख लिजिए देहरादून शहर के हर गली हर नुक्कड़ पर अपने होर्डिंग जिनपर मोटे अक्षरों मे लिखा है अटल जी ने बनाया मोदी जी सवारेंगे।भाजपा का तकिया कलाम बनी यह पंक्ति पीएम मोदी के उत्तराखंड दौरे के बाद ज्यादा मशहूर हुआ क्योंकि पीएम मोदी ने अपने भाषण में इस लाईन का इस्तेमाल बहुत बार किया था।आलम यह है कि भाजपा की सभी टैग लाईनों में सबसे मजबूत यही बात है।बीजेपी हमेशा से यह कहती आ रही कि वर्ष 2000 में संसद में वाजपेयी जी के देखरेख में अलग राज्य बनाने का बिल पास हुआ था।

इस कड़ी में कांग्रेस खेमे से प्रदेश प्रवक्ता आर.पी रतूड़ी ने कहा भाजपा का पसंदीदा चुनावी जुमला अटल जी ने बनाया मोदी जी सवारेंगें केवल उत्तराखंड के लोगों को गुमराह करने के लिए बनाया गया है।रतूड़ी ने कहा कि रही बात अलग राज्य की तो वह नौजवानों की शहादत,महिलाओं के अपमान और हजारों लोगों के नौकरी गंवाने के बाद बना है।रतूड़ी ने कहा कि अलग राज्य सर्वदलीय सर्पोट से बना है ना कि किसी एक की वजह से और अगर सच में मोदी जी को प्रदेश संवारने की चिंता होती तो केदारनाथ आपदा के बाद वह सबसे पहले यहां आते लेकिन वह तो विदेश यात्राओं मे व्यस्त थे।रतूड़ी ने कहा कि केंद्र से राज्य को मिला ही क्या है एन.जी.टी पर रोक,ग्रीन बोनस पर रोक,और नमामि गंगा के नाम पर बजट में कोई राशि नहीं है और राज्य को संवारने के लिए भाजपा केवल चुनावी जुमले इस्तेमाल कर रही।रतूड़ी ने कहा कि भाजपा एक जुमला पार्टी है और जुमला छोड़ने के अलावा कुछ नहीं कर सकती।

उधर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने कहा कि हमने बहुत सोच समझ के यह टैग लाईन दी है,इस लाईन के पीछे उत्तराखंड राज्य बनने का इतिहास जुड़ा हुआ है।गोयल ने कहा साल 2000 में जब उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने का आंदोलन चल रहा था तब अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने सरकार की चिंता ना करते हुए संसद में इस बिल को पास किया।गोयल ने कहा कि अटल जी ने उस वक्त बिना यह सोचे कि 17 विधायक यू.पी से अलग होकर उनकी सरकार में कम हो जाऐंगे,अटल जी ने उत्तराखंड के इस बिल को संसद में आगे बढ़ाया।गोयल ने कहा कि अटल जी से पहले बहुत सी सरकारें आई लेकिन किसी ने इस प्रभावी मांग पर ध्यान नहीं दिया और अपनी सरकार से 17 विधायकों को कम करते हुए अलग राज्य के मांग को एक कामयाबी दिलाई।गोयल ने कहा कि अटल जी ने उत्तराखंड को मंत्री विशेष और उद्योगिक विशेष राज्य का दर्जा दिया जिसको कांग्रेस की सरकार ने शासन में आने के बाद खत्म कर दिया,सीएम रावत के कार्यकाल में तो राज्य का हित नहीं हुआ और कांग्रेस सरकार जिन योजनाओं का मजाक उड़ाती है शायद कांग्रेस को उन याजनाओं का मतलब ही नहीं पता,आल वेदर और ऋषिकेश पर्यटन योजना से राज्य का विकास होगा जिसे पीएम मोदी ने पास किया।गोयल ने कहा कि यूनियन बजट में 522 करोड़ रेल बजट और 120 करोड़ उत्तराखंड के लिए स्वीकृत किया गया है जिससे राज्य का ही विकास होगा तो यह सब देखने के बाद अटल जी ने जिस राज्य को बनाया था मोदी जी उसको संवार रहे है यह लाईन बिल्कुल सटीक है।

जुमलों और चुनावी प्रचार में लिप्त दोनों पार्टियों ने जनता को लुभाने के लिए हर कोशिश की है लेकिन इन जुमलों का असर कितना हो रहा यह तो आने वाले समय में पता चलेगा।

भाजपा ने कहा किसानों का भला करने में रावत सरकार रही फिसड्डी

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रविवार को भाजपा ने बीजेपी कार्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया।कांफ्रेंस को केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने संचालित किया।राधा मोहन सिंह ने कहा कि केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी में 13वें वित् आयोग में 16,709 करोड़ प्राप्त हुए जबकि मोदी सरकार के आने पर 14 वें वित आयोग में उत्तराखण्ड को 43,441 करोड़ प्राप्त हुए, यदि एक वर्ष का ही हिसाब 2013-14  में 3,643 करोड़ तो 2015-16 में 5,807 करोड़ रुपये राज्य को प्राप्त हुए है जो पिछले साल से बहुत ज्यादा है लेकिन विकास के नाम पर तब भी राज्य सरकार ने कुछ नहीं किया।

राधा ने कहा कि रावत सरकार सिर्फ नारे लगाती रही,निष्ठा के साथ विकास का कोई काम नहीं किया।आगे उन्होंने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार से लिप्त है।राज्य में कांग्रेस की भ्रष्ट चौकड़ी ने अपने हवाले से पिछड़े गांव, गरीब किसान के विकास की योजनाओ के लिए आने वाली राशि को ठीक ढंग से खर्च भी नहीं किया।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राधा मोहन ने कहा कि प्रधान मंत्री कृषि सिचाई योजना और उसके सम्बंधित अन्य कार्यों के लिए राज्य को पिछले दो सालों में दी गए राशि को राज्य सरकार ने ना तो खर्च किया और ना ही इसकी प्रगति की रिपोर्ट  भारत सरकार को दी।प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के खर्च का ब्यौरा दो वर्षों में भी केंद्र सरकार को उपलब्ध नहीं कराया।राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए प्राप्त 2015-16  के 36.74  करोड़ में लगभग 10 करोड़ और 2016-17 में राज्य के पास उपलब्ध 54.4 करोड़ में से अभी तक केवल 15 करोड़ ही खर्च हुए हैं।कांग्रेस हवाला देती है कि हरीश रावत ने पहाड़ी क्षेत्रों का विकास किया है लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।पहाड़ी राज्यों में बागवानी किसानों का मुख्य साधन है बागवानी मिशन के तहत दी गई राशि को भी खर्च करने में राज्य सरकार फिसड्डी ही रही।उत्तराखंड राज्य के पिथौरागड़ और चमोली जिले केंद्र सरकार ने राज्य पोशित वित्त केंद्र शुरु करने के लिए मार्च 2016, सितम्बर 2016, दिसम्बर 2016, में तीन बार जमीनों के लिए पत्र दिया लेकिन यह काम भी सरकार अब तक नहीं कर पाई है।

जन आंदोलन के बाद भी नहीं बन पाया सपनों का उत्तराखंड

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‘लड़ के लेंगे,भीड़ के लेंगे,लेकर रहेंगे उत्तराखंड’’ कवि अतुल शर्मा कि इन पंक्तियों ने एक अलग पहाड़ राज्य बनाने के लिए समूह आंदोलन किया था, आज खुद को वो उदास और ठगा हुआ महसूस करते है।70 विधानसभा सीट में से 38 सीटें मैदानी क्षेत्र की है और बाकी 32 सीटें पहाड़ी हैं,जिसमें कहने के लिए पहाड़ी राज्य का फायदा उठा रहे है मैदानी क्षेत्र। “इसकी संस्कृति एक बड़े यू.पी से अलग थी इसलिए एक कल्पना की गई थी इसके अलग हो जाने से बहुत सारी बातें बन जाएंगी,लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इस वजह से एक निराशा बनीं हुई है।”

ऐसे ही अलग राज्य निर्माण के लिए आंदोलनकारी है गणेश सैली।उनसे पूछने पर कि क्या यह वही उत्तराखंड है जिसकी कल्पना आपने की थी? उनका जवाब बहुत ही ज्यादा दुख पहुचाने वाला था,उन्होंने कहा,”मुझे सोच कर आर्श्चय होता है कि हमने इस राज्य के लिए आंदोलन किया था, मैं और मेरे साथ जितने भी लोग इस आंदोलन का हिस्सा थे, हमरी आशाओं और महत्तवाकांक्षाओं को प्रदेश के राजनितिक पार्टियों ने निगल लिया और सबसे ज्यादा खतरनाक तो यू.के.डी पार्टी है।यू.के.डी के लोगों ने राज्य का मतलब ही बदल दिया।” आगोे सैली जी कहते है, “यह वो राज्य है ही नहीं जिसके लिए हमने संघर्ष किया था। यह तो उसी उत्तर प्रदेश की कार्बन कापी है जिससे हम अलग हुए थे और शायद भ्रष्टाचार में उससे कहीं आगे निकल रहा उत्तराखंड।”

जो राज्य यह सब आंदोलनकारी चाहते थे वह एक सुखद सपना बन कर रह गया है और अभी जो राज्य है यह एक डरावना सपना है जिसकी किसा ने भी कल्पना नहीं की थी। उत्तराखंड  प्रदेश जहां है वहां से उसे वापस लाना मुश्किल होगा पर यह नामुमकिन नहीं।वह दिन दूर नहीं जब हमारी तत्कालीन राजनीति एक ऐसे लेवल पर पहुंचेगी और तब एक बार फिर वहीं हवा चलेगी और हमें हमारा सपनों का उत्तराखंड वापस मिलेगा.

जब  एक भी राज्य की कल्पना की गई तब आज के राज्य आंदोलन  युवा वर्ग में आते थे और इनके अथक प्रयासों के बाद अलग राज्य मिला और  इन  सभी का यही मानना है कि आने वाले समय में इतिहास खुद को दोहराएगा और एक बार फिर से सपनों का उत्तराखंड वापस मिलेगा। यह हर उस आंदोलनकारी का सपना है जो कि 16 साल पहले उत्तराखंड के लिए सड़कों  पर निकला था, आजकल जो राजनीति प्रदेश में देखने को मिल रही वो कुछ इस तरह है कि पहले भ्रष्टाचार करो फिर भजपा में शामिल होकर खुद को स्वच्छ दिखाओं।भाजपा में शामिल होने के बाद नेता ऐसा समझते हैं मानों गंगा नहा लिया हो।

उत्तराखंड को संभव करने वाले उन सभी आंदोलनकारीयों का कहना है कि  कि, ‘बदलाव तो युवा ही करेंगें और उस बदलाव के लिए इंतजार हैं सरकार कि तरफ से एक ऐसी गलती का जो युवाओं का मुद्दा बनेगा- ’हम होंगें कामयाब एक दिन’’

कांग्रेस ने जारी किया पुराने वादों का नया संकल्प पत्र

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रविवार को कांग्रेस ने उत्तराखंड चुनावों के लिये अपना “संकल्प पत्र” जारी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सबसे पहले बीजेपी के विशन डाॅक्यूमेंट को महज़ चुनावी स्टंट करार दिया। हांलाकि जब कांग्रेस के वोदों की बारी आई तो पार्टी ने भी पहाड़ों के सबसे ज्वलंत और पुराने मुद्दे को ही अुना मुख्य चुनावी दांव बनाया। पार्टी ने राज्य से लगातार हो रहे पलायन को 2022 तक पूरी तरह रोकने का वादा किया। इस पत्र में :

  • नए जिले को बनाने का प्रवधान
  • पलायान और रोजगार के लिए उठाये जायेगें कदम
  • 2022 तक पलायन रोका जायेगा
  • 48 प्रतिशत करीब प्रदेश में बेरोजगारों मिलेगा रोजगार
  • युवाओ पर खासा जोर
  • 50 हज़ार युवाओं को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी जायेगी
  • शिक्षा पर दिया जायेग जोर स्कूलो को किया जायेगा मॉडर्नाइजेशन
  • महिला कल्याण के लिये हर संभव मदद
  • कृषि से जुडी महिलाओं को सहायता राशि एक 1 लाख
  • दलितों और ओबीसी छात्रों के लिए खोले जाएंगे नए इंस्टिट्यूट
  • मदरसों को मार्डनाइज किया जायेगा
  • जल संरक्षण के लिए बेहतर कदम उठाया जाएगा
  • व्यापरियों को मुआवजे दिए जायेगें और उनकी समस्या की लिए जिला अदालतों को दुरस्त किया जायेगा
  • एक्स सर्विस मेंन के लिए एक अलग मंत्रालय
  • एक्स सर्विस मैन के लिये अलग सोसाइटी बनाई जायेगी
  • 10 लाख लोगों को पेंशन दिया जायेगा 2017-2018 तक
  • महँगाई को दूर किया जायेगा
  • एपीआई कार्ड धारकों को 3 रूप गेहूं 2017 में 2018 तक इसे 2 रूप किया जायेगा
  • गैरसैण में 3 साल के अंदर खूब विकास किया जायेगा

    इस मौके पर कांग्रेस के तमाम नेताओं के साथ साथ दिल्ली से अंबिका सोनी और कुमारी शैलजा भी मौजूद रहीं।

टिहरी हाउस में भीषण आग से कई दुकानें खाक

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जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हरकी पैड़ी स्थिति बड़ा बाजार के टिहरी हॉउस की दुकानों में देर रात करीब साढ़े 12 बजे आग लग गई। जिसकी चपेट में आने से कई दुकानों में रखे लाखों के सामान जलकर राख हो गए। इससे स्थानीय व्यापारियों को बड़ी क्षति पहुंची। अग्निकांड की सूचना मिलते ही आनन-फानन में फायर ब्रिगेड की कई गाड़िया मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया।

प्राप्त सूचना के अनुसार आग पर काबू पाने के लिए दमकल की गाड़ियां रात भर मशक्कत करती रही। आग लगने के कारणों का पता नहीं लग सका है। घटना की सूचना पर शहर के व्यापारी मौके पर जुट गए। अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार आग से तीन दुकानें पूरी तरह राख हो गई हैं जबकि आग लगने से लाखों का नुकसान का भी अनुमान लगाया जा रहा है। प्रशासन इस अग्निकांड से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है।
बताया गया कि बड़ा बाजार की गलियां संकरी होने के कारण फायर बिग्रेड की बड़ी गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में परेशानी हुई। जिसके चलते फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को सुभाष घाट पर खड़ा किया गया। टिहरी हाऊस की दुकानों में कोयले की भट्टी पर अधिकतर कार्य किया जाता था। समोसे, पूरी और अन्य खाद्य सामग्री भी कोयले की भट्टी पर तैयार की जाती थी। प्राथमिक तौर पर कोयले की भट्टी से ही दुकान में आग लगने का कारण बताया जा रहा है।

खाली हाथ लौटे जे. पी नड्डा मान मुनुव्वल के बाद भी नहीं माने ऋषिकेश के बागी कार्यकर्त्ता

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मतदान में अब कुछ ही दिन का समय बचा है लेकिन ऋषिकेश विधान सभा में भाजपा की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व राज्य मंत्री बागी संदीप गुप्ता समेत 150 से ज्यादा कार्यकर्ताओं और पधादिकारियों को मानाने में भाजपा के रणनीतिकार फेल साबित हो रहे है जिससे चुनावी गणित बिगड़ता जा रहा है। उत्तराखंड प्रभारी जे. पी नड्डा ने रूठे हुए कार्यकर्ताओ के साथ बंद कमरे में लगभग २ घण्टे बातचीत की लेकिन कार्यकर्त्ता टिकट वितरण में हुयी अनदेखी से नाराज रहे। नड्डा की सभी कोशिश बेकार गयी ,बागी सार्थक कार्यकर्ताओ को कहना था कि पार्टी प्रेम अग्रवाल का टिकट वापस लेकर संदीप गुप्ता को समर्थन दे जिस पर जे पी नड्डा राजी नहीं हुए और उनकी सभी कोशिश नाकाम रही। गौरतलब है कि ऋषिकेश विधान सभा से विधायक प्रेमचन्द्र अग्रवाल को भाजपा आलाकमान ने तीसरी बार विधायक के रूप में उतारा है जिस से ऋषिकेश में भाजपा में दो फाड़ हो गए हैं। टिकट बाटने में उपेक्षा के चले पूर्व राज्य मंत्री संदीप गुप्ता बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में है उनके साथ दो पूर्व जिलाध्यक्ष समेत 150 से ज्यादा कार्यकर्ता हैं जो भाजपा के लिए ऋषिकेश में मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। 

उत्तराखंड में बदला मौसम, मैदान में बारिश तो उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिमपात

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उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने करवट बदली है जिसके चलते राज्य के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में हल्की बरसात के साथ गलन बढ़ गई है। मौसम के बदलने के साथ ही बादलों ने डेरा डाल लिया है। चमोली जिले में हेमकुंड साहिब सहित अन्य चोटियों पर रुक-रुककर हिमपात हो रहा है।
इस बारे में पूछे जाने पर राज्य मौसम विभाग ने बताया कि आगे भी बादल छाये रहेंगे और अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फ पड़ने की संभावना है। विभाग ने चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिलों में चोटियों पर भारी बर्फबारी की चेतावनी भी जारी की है।
बताते चले कि मौसम के बदलने के साथ ही बादलों की आवक तेज हो गई। सूबे के सभी हिस्सों में कहीं आंशिक तो कहीं घने बादल छाए हुए है। चमोली जिले में हेमकुंड साहिब समेत अन्य चोटियों पर बर्फबारी से निचले इलाकों में ठिठुरन बढ़ गई है।
उत्तरकाशी जिले के दियारा बुग्याल में छह से सात फुट मोटी बर्फ की चादर बिछी है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के चलते सूबे में मौसम ने करवट बदली है। उन्होंने बताया कि राज्यभर में आमतौर पर बादल छाए रहने से लेकर आसमान बादलों से घिरा रहेगा।
उन्होंने कहा कि ऊधमसिंहनगर को छोड़ अन्य सभी जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा और चोटियों पर बर्फ गिरने की संभावना है। उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में भारी बर्फबारी हो सकती है। दूसरी ओर, मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए संबंधित जिलों में प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है।

कांग्रेस और भाजपा आरक्षण खत्म करने की रच रही साजिश : मायावती

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विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा सुप्रीमो मायावती चुनाव प्रचार के लिए रविवार को उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले में सितारगंज पहुंची। सितारगंज में रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस और भाजपा पर आरक्षण खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बसपा अकेले दम पर चुनाव लड़ रही है। उम्मीदवारों का चयन सोच समझकर किया गया है। उत्तराखंड में दलितों का विकास नहीं हुआ है। प्रदेश में हर बार सरकार गलत हाथों में रही।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में चार बार सरकार बनाई है, इस दौरान हमने अपनी पार्टी की विचारधारा पर चलकर काम किया है। हमने सभी मामलों में प्राथमिकता कमजोर, उपेक्षित, अनुसूचित, जाति, जनजाति, सिख, ईसाई को दी है। जिसकी उपेक्षा हमेशा की गई। उन्होंने कहा कि यहां धन्ना सेठों की मदद से विरोधी पार्टियां सत्ता में आती रही हैं। यहां भ्रष्टाचार चरम पर है। केंद्र की नीतियों से मध्यवर्ग परेशान है। देश में सिर्फ पूंजीवादियों का विकास हुआ है। उन्होंने जनता से चुनाव में बसपा को साथ देने की अपील की।
रैली में उन्होंने अपने शासनकाल में अच्छाइयों को भी गिनाया। कहा, अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने गरीब लोगों के लिए पक्के मकान बनवाए। उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने का हर संभव प्रयास किया। मायावती ने कहा अगर बसपा सत्ता में आई तो सर्वसमाज की समस्याओं का हल होगा। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर आरक्षण विरोधी नीतियां रखने और पिछड़ी जातियों से धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया।

चार धाम यात्रा पर आने वाले वाले श्रद्धालुओ के लिए बायो टॉयले

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उत्तराखंड एक पर्यटन प्रदेश है देवभूमि के प्रवेश द्वार ऋषिकेश ने अपने योग और आध्यात्म से विश्व के नक़्शे पर अपनी एक अलग पहचान बनायीं है साल भर यहाँ देशी-विदेशी पर्यटक योग और शांति की तलाश में आते है यहाँ साहसिक पर्यटन युवाओ के आकर्षण का केंद्र रहता है ऐसे में यहाँ आने वाले सेलानियो को बेसिक सुविधाएं नहीं मिलती जिसमे टॉयलेट सबसे ज्यादा प्रमुख जरुरत है परमार्थ निकेतन और BHEL के सहयोग ऋषिकेश के यात्रा टर्मिनल पर एक नयी पहल शुरू की गयी है जिस से यहाँ आने वाले यात्रियों को बायो डायजेस्टर टॉयलेट की हाइजनिक सुविधा मिलेगी जिस से पर्यावरण के साथ साथ स्वास्थ का भी ख्याल रखा जायेगा ,पर्यावरण की सुरक्षा और स्वच्छ्ता को बढ़ावा देने के लिए परमार्थ निकेतन द्वारा ऋषिकेश के चार धाम बस अड्डे को एक नई मुहिम से जोड़ा गया हैयहाँ देश -विदेश से  आने वाले यात्री और पहाड़ पर जाने वाले पर्यटकों के लिए स्वच्छ और सुलभ बायो टॉयलेट्स का शुभारम्भ किया गया, इससे ऋषिकेश पहुँचने वाले यात्रियों को एक साफ़ पर्यावरण के साथ साथ अच्छा संदेश भी मिल सकेगा।  इस मौके पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि के बताया कि ऋषिकेश को योग और मैडिटेशन के लिए जाना जाता है अब ये अपनी स्वच्छता के लिए भी जाना जायेगा, उन्होंने बताया कि हमारा सन्देश लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है और वो इस पहल के लिए BHEL कारपोरेशन का भी धन्यवाद करते है।परमार्थ निकेतन और BHEL द्वारा बनाये गए बायो टॉयलेट्स से ऋषिकेश आने वाले पर्यटकों को खासकर महिलायों को अच्छी सहूलियत मिल सकेगी और वो यहाँ से स्वत्छ पर्यावरण की एक सोच को लेकर जा सकेंगे, इसके साथ-साथ यहाँ यात्रियों के लिए पेय जल की भी व्यवस्था की गयी है.परमार्थ निकेतन के साथ काम कर रही संस्था जीवा फाउंडेशन ने भी इस पहल की सराहना की। जिवा फाउंडेशन की सिनियर असिस्टेंट डायरेक्टर स्वाति साह ने बताया कि जीवा फाउंडेशन और परमार्थ ने मिलकर पर्यावण की स्वच्छता के लिए ये कदम उठाया है और आगे भी इस तरह के सामाजिक प्रयास किये जायेंगे।ऋषिकेश से चार धाम यात्रा की शुरुवात होती है इसके साथ साथ यहाँ रोजाना हजारों लोग और पर्यटक पहाड़ों के लिए सफर तय करते है ऐसे में इस बायो टॉयलेट्स के होने से उन्हें सहूलियत मिलेगी और ऋषिकेश की पहचान एक साफ़ और स्वच्छ शहर के रूप में भी होगी। 

खेलमंत्री विजय गोयल ने आईटीटीएफ विश्व टूर का ‘ लोगो ‘ किया लांच

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खेलमंत्री विजय गोयल और 11 इवन स्पोर्ट्स की चेयरपर्सन विता दानी ने शनिवार को यहां एक कार्यक्रम में इंडियन ओपन सेमेस्टर 2017 आईटीटीएफ विश्व टूर का “लोगो” लांच किया। इंडियन ओपन सेमेस्टर 2017 आईटीटीएफ विश्व टूर का हिस्सा है। भारतीय टेबल टेनिस फेडरेशन के सहयोग से 11 इवन स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड इसका आयोजन कर रही है।
इस अवसर पर खेलमंत्री विजय गोयल ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि भारत को इस टूर्नामेंट की मेजबानी करने के लिए चुना गया है। इस प्रतियोगिता से न केवल वैश्विक समुदाय में देश का कद बढ़ेगा बल्कि टेबल टेनिस प्रशंसकों को दुनियाभर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को खेलते हुए देखने का मौका मिलेगा। मैं 11 इवन स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और टीटीएफआई को बधाई और उन्हें टूर्नामेंट के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
इस मौके पर 11 इवन स्पोर्ट्स की चेयरपर्सन विता दानी ने कहा कि हम सेमेस्टर 2017 आईटीटीएफ वर्ल्ड टूर को भारत में लाकर हम बहुत उत्साहित हैं। हमारा उद्देश्य भारत में टेबल टेनिस को बढ़ावा देना है।
विश्व में छठे नंबर के दमित्री ओटचारोव और विश्व रैंकिंग में नंबर 8 पर काबिज बेलारूस के व्लादिमिर सैमसोनोव इंडियन ओपन टेबल टेनिस टूर्नामेंट में आकर्षण का केंद्र होंगे। महिलाओं के वर्ग में विश्व में 14वें नंबर की हांगकांग की दू होई केम और उनकी हमवतन वर्ल्ड नंबर 19 चिंग ली हो अगुआई करेंगी। 120,000 यूएस डॉलर इनामी राशि वाले इस टूर्नामेंट में अनुभवी अचंता शरत कमला और सौम्यजीत घोष पुरुष वर्ग में जबकि मनिका बत्रा और मौमा दास महिला वर्ग में भारतीय चुनौती पेश करेंगी।