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चुनाव के चलते 26 जनवरी परेड में नहीं होगी विभागों की झांकियां

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राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। राज्य की राजधानी देहरादून में भी चुनावी माहौल अपने चरम पर है।चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद से राज्य में आचार संहिता लागू हो चुकी है और इसी कड़ी में गुरुवार को एक और घोषणा करते हुए संयुक्त सचिव सूचना एस.एस.टोलिया ने बताया कि गणतंत्र दिवस समारोह 2017 के आयोजन के संबंध में आंशिक संशोधन किया गया है। उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण यह निर्णय लिया गया है कि गणतंत्र दिवस समारोह-2017 के अवसर पर परेड़ ग्राउण्ड देहरादून में किसी भी विभाग द्वारा झांकी प्रदर्शित नही की जायेगी। टोलिया के अनुसार ये कदम किसी भी प्रकार से वोटरों को सरकारी मशीनरी के माध्यम से प्रभावित करने को रोकने के मकसद से किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में समस्त प्रमुख सचिव/सचिव/विभागाध्यक्षों व जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश जारी कर दिये गये है।

पौड़ी में हुई चुनाव समीक्षा बैठक, अधिकारियों को सख्त़ रहने के मिले निर्देश

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गुरुवार को डीएम पौड़ी ,कमिश्नर गढ़वाल, डीआईजी गढ़वाल ने अन्य अधिकारियों के साथ चुनाव समीक्षा बैठक की। बैठक में आदर्श चुनाव आचार संहिता राज्य में लागू हो चुकी है इसलिए सभी अपने अधिकारियों/कर्मचारियों को चुनाव सम्बन्धी नियमों, दिशा-निर्देशों के बारे में पूरी तरह से जानकारी दें ।

किसी भी प्रकार की घटना होने की सम्भावना की स्थिति में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन आपसी तालमेल बनाते हुए एकजुट होकर तुरंत कार्यवाही करे, जनपद और राज्य की सीमाओं पर सघन चेकिंग करने, निरोधात्मक कार्यवाही करने, लाईसेन्सी हथियारों को जमा करने, संवेदनशील/अतिसंवेदनशील मतदान केन्द्रो का मुआयना कर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने आदि के सम्बन्ध में निर्देश दिए।

  • पुलिस उप महानिरीक्षक पुष्पक ज्योति घिल्डियाल ने निर्देश दिया है कि चुनाव के लिए मिलने वाले सुरक्षा बलों के व्यवस्थापन, उनके रहने, वाहन व्यवस्था आदि के सम्बन्ध में जरुरी व्यवस्थायें अभी से कि जाए तथा इमरजेंसी को ध्यान में रखते हुए मॉक ड्रिल करने व मतदान के समय उपयोग होने वाले संशाधनों की जांच सुनिश्चित की जाए। बैठक में बताया गया की जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को आपस में बेहतर तालमेल बनाते हुए, लगातार संपर्क में रहना जरूरी है, जिसके लिए अलग अलग स्तर पर अलग अलग जगह सयुंक्त टीमें बनायीं जाये।
  • जनपद में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन आपस में बेहतर तालमेल बनाते हुए सयुंक्त कार्यवाही करे।निरोधात्मक कार्यवाही का प्रतिदिन विवरण।
  • संवेदनशील मतदान केन्द्र की अध्यावधिक सूचना।
  • पोस्टल बैलेटः-कितने कार्मिकों के मतदाता फोटो पहचान पत्र बनाये गये है व कितने शेष रह गये तथा शेष कार्मिकों के वोटर कार्ड शीघ्र बनवाये जाये।
  • फ्लाईंग स्क्वाड तथा स्टेटिक सर्विलांस टीमः- फ्लाईंग स्क्वाड तथा स्टेटिक सर्विलांस टीम को क्रियाशील किया जाना, अन्तर्राज्जीय बैरियरों पर चैकिंग।
  • पैरोल पर छोड़े गए अभियुक्तों पर सतर्क निगरानी रही जाए।
  • जनपद में सक्रिय आपराधिक गैंग की गतिविधियों पर लगातार सतर्क दृष्टी रखी जाये।
  • सोशल मीडिया में विभिन्न ग्रुप्स पर लगातार मोनिटरिंग की जाये, ऐसी भ्रामक बातो के प्रशारण पर तत्काल कार्यवाही की जाए जिनसे कोई साम्प्रदायिक भावना भड़कने की सम्भावना हो।
  • CLG मेम्बर/ ग्राम सुरक्षा समिती/ पुलिस पैंसनरो के साथ मीटिंग कर लगातार संपर्क रखा जाये,ताकि सम्यक जानकारी एकत्र की जा सके।
  • अवैध शस्त्रों, शराब की तस्करी पर अंकुश लगाना।
  • बाहर से आने वाले पुलिस बलों के रहने हेतु उपयुक्त स्थान चयन एवं उसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करना।
  • जनपद में चुनाव प्रभावित करने की सम्भावना वाले व्यक्तियो को तत्काल 107/116 crpc में पाबन्द करे, किन्तु पाबन्द करने से पूर्व उनकी आयु और स्थिति का भौतिक सत्यापन कर लें ।
  • सीमावर्ती राज्यो से लगातार संपर्क/ मीटिंग कर सीमावर्ती थानो में सघन चेकिंग अभियान चलाया जाये।
  • अपने अपने क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहते हुए किसी भी प्रकार के जुलुस/सभा/नुक्कड़ नाटकों इत्यादि कि पूर्व में ही जानकारी कर समुचित प्रबंध कर लें।
  • किसी भी सभा/ जुलूस/ राजनैतिक गतिविधियों की एवं स्वयं के द्वारा चलाये गए अभियान की वीडियो रिकॉर्डिंग करें।
  • चुनाव आचार संहिता का अक्सरतः पालन करते हुए किसी भी छोटी से छोटी घटना पर आपसी तालमेल बनाते हुए तत्काल कार्यवाही करें ।

बैठक में कमिश्नर गढ़वाल एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल की अध्यक्षता में जिला मजिस्ट्रेट/ ए एस पी समस्त क्षेत्राधिकारी, समस्त एस डीएम, प्रभारी जिला निर्वाचन एवं अन्य जिला प्रशाशन के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

हरी मिर्च का तीखापन है बहुत से रोगों का इलाज

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हरी मिर्च के तीखेपन के कारण बहुत से लोग हरी मिर्च को खाने से बचते हैं, लेकिन हाल में हुए कई शोध इस बात का दावा करते हैं कि हरी मिर्च खाने से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

हरी मिर्च अपने तीखेपन के अंदर बहुत से रोगों का उपचार छुपाए हुए है।

  • हरी मिर्च में विटामिन ए, बी6, सी, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट जैसे कई पोषक तत्व होते हैं,जो शरीर के लिए लाभदायक हैं।
  • हरी मिर्च एंटी-ऑक्सीडेंट और डाइट्री फाइबर्स का एक अच्छा माध्यम है। इससे पाचन अच्छे से होता है और कब्ज की समस्या नहीं होती।
  • हरी मिर्च में मौजूद विटामिन सी शरीर में दूसरे विटामिन्स को अच्छी तरह अवशोषित करने में मदद करता है।
  • विटामिन ए से भरपूर हरी मिर्च आंखों और स्किन के लिए भी काफी अच्छी होती है।
  • एक स्टडी में ये पाया गया है कि हरी मिर्च ब्लड शुगर को कम करने में भी बहुत कारगार है।
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में भी हरी मिर्च मददगार है,इसका एंटी-बैक्टीरियल गुण शरीर को बैक्टीरिया से मुक्त रखता है।
  • हरी मिर्च को खाने से मस्तिष्क में एंडोर्फिन का संचार होता है जो हमारे मूड को काफी हद तक खुशनुमा रखने में मदद करता है।

श्रद्धा और आदित्य को ”ओके जानू ” से काफी उम्मीद

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अपनी आने वाली फिल्म ओके जानू के लिए बॉलीवुड अभिनेत्री श्रद्धा कपूर और अभिनेता आदित्य रॉय कपूर ने ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ का खुलकर समर्थन किया है।श्रद्धा और अभिनेता आदित्य का कहना है कि वह ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ के लिए तैयार हैं, लेकिन यह रिश्ता सही समय पर और सही इंसान के साथ होना जरूरी है।

‘लिव-इन रिलेशनशिप’ के विषय पर अपनी राय देते हुए श्रद्धा ने कहा, “मैं खुले विचारों वाली हूं, लेकिन मेरा मानना है कि यह मेरे लिए थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि मैं अपने परिवार के साथ रहती हूं। हालांकि, ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ में रहना आपके साथी पर निर्भर करता है और अगर मुझे लगता है कि उसके साथ मुझे समय बिताना चाहिए और हमारे रिश्ता का आगे कोई भविष्य है, तो मैं इसके लिए तैयार हूं।”

वहीं आदित्य ने कहा, “मैं ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ के लिए तैयार हूं। मैं इससे पहले कभी इस तरह से किसी के साथ नहीं रहा, लेकिन मेरा मानना है कि ऐसा रिश्ता सही समय पर और सही इंसान के साथ होना जरूरी है। इसके अलावा, मैं ऐसा कोई काम नहीं करना चाहता, जो मेरे माता-पिता को पसंद न हो।”

सुपरहिट फिल्म आशिकी के बाद एक बार फिर इस फिल्म में श्रद्धा और आदित्य की जोड़ी को एक साथ देखा जाएगा। इस फिल्म का निर्देशन शाद अली ने किया है।यह फिल्म एक प्रेमी जोड़े के ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ में रहने की कहानी है।

श्रद्धा और आदित्य अभिनीत फिल्म ‘ओके जानू’ निर्देशक मणि रत्नम की फिल्म ‘ओ काधल कनमानी’ का हिंदी रीमेक है और यह शुक्रवार को रिलीज होगी।

देशभक्ति की कहानी है करण जौहर की ‘गाजी अटैक’

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करण जौहर की आने वाली फिल्म गाजी अटैक का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इंडिया में यह पहली अंडरवॉटर वॉर के प्लॉट पर बनाई गई फिल्म है। फिल्म को लेकर लोगों में उत्सुकता तभी बढ़ गई थी, जब कुछ दिनों पहले फिल्म के प्रोड्यूसर करण जौहर ने फिल्म का फर्स्ट लुक शेयर किया था।

यह फिल्म 1971 में हुए नेवी के एक क्लासीफाइड ऑपरेशन की कहानी है।इस फिल्म में इंडियन नेवी के पाकिस्तान नेवी से हुए एक ऐसे युद्ध को दिखाया है जो देश के सामने कभी नहीं आ पाया।

इस लड़ाई में अपनी जान की बाजी लगा देने वाले सैनिकों की बहादुरी और देश के लिए प्रतिबद्धता के साथ हुए टकरार को बहुत ही उम्दा टेक्निकल डिटेल्स और बढ़िया प्रोडक्शन के साथ एक नए तरीके से बुना गया है। करण को उम्मीद है कि ये बात पूरी फिल्म में भी दर्शकों नजर आएगी।

ट्रेलर की शुरूआत होते ही अमिताभ बच्चन की आवाज सुनाई देती है जो अपने आप में दर्शकों को बांधने के लिए बहुत फायदेमंद है।इस फिल्म का नैरेशन बच्चन साहब की आवाज में है।

फिल्म में राणा दुग्गुबाती के आलावा दिवंगत ओम पुरी, केके मेनन और तापसी पन्नू है। ओम पुरी ने इस फिल्म में एक नवल ऑफिसर का किरदार निभाया। वहीं तापसी पन्नू भी अहम रोल में नजर आ रही हैं। फिल्म 24 फरवरी को रिलीज हो रही है।

डीजीएमओ अनिल कुमार भट्ट पहुंचे अपने गांव; किया गया भव्य स्वागत

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डॉयरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) बनने के बाद पहली बार अपनी जन्मभूमि पहुंचे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट का स्थानीय लोगों ने फूल-मालाओं और ढोल-नगाड़ों से गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। लेफ्टिनेंट जनरल भट्ट यहां लोस्टू बड़ियारगढ़ पट्टी के घंटाकर्ण राजजात में शामिल हुए। गांव के लोगों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। उनके गांव पहुंचने पर गांव के लोगों में खुशी की लहर देखी गई। इस दौरान श्री भट्ट यूथ फाउंडेशन की ओर से आयोजित भर्ती कैंप में भी गए और उन्होंने युवाओं का मार्गदर्शन किया।

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल भट्ट सबसे पहले सुबह अपने गांव खत्वाड़ पहुंचे। उन्होंने यहां सबसे पहले अपने कुलदेवता के दर्शन किए और उसके बाद घंटाकर्ण राजजात में शामिल हुए। यहां उन्होंने घंटाकर्ण मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सभी लोगों को अपने बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा देनी चाहिए। ताकि वह जीवन में आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता उन्हें नहीं पढ़ाते तो आज वह इस मुकाम पर नहीं होते। उस जमाने में उनके पिता को तीन सौ रुपए वेतन मिलता था, इसी से उन्होंने पूरे परिवार चलाया। उन्होंने कभी हमारी पढ़ाई में कमी नहीं की। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं इस क्षेत्र के बच्चे भविष्य में प्रधानमंत्री बने, राष्ट्रपति बने। बड़े से बड़े पदों पर आसीन हो। इस दौरान उन्होंने अपने बचपन की यादें भी साझा की। बच्चों से लेकर बुजुर्गों से मुलाकात कर उनका हाल जाना।

डीजीएमओ श्री भट्ट यूथ फाउंडेशन की ओर से घनियालधार में आयोजित भर्ती कैंप में भी गए। इस मौके पर उन्होंने भर्ती पूर्व प्रशिक्षण ले रहे युवाओं को सेना के तौर-तरीको के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सभी के अंदर देशभक्ति और देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। उन्होंने आर्मी में भर्ती के लिए तैयारी संबंधी टिप्स भी युवाओं को दिए। साथ ही उन्होंने यूथ फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत निम के प्रिंसिपल कर्नल अजय कोठियाल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कर्नल कोठियाल यूथ के लिए बहुत बड़ा काम कर रहे हैं। उनके कैंपों से निकले हजारों युवा आज देश सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपना लक्ष्य बनाना चाहिए और उसी के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए।

गोरखा राइफ्ल में कमिश्न लेफ्ट जेन भट्ट डीजीएमओ नियुक्ति से पहले भी भारत की सर्वोत्तम अटैक फोर्स में से एक स्ट्राइक वन काॅर्प के जीओसी के साथ कई अन्य पद संभाले हैं।

उत्तराखंड कांग्रेस ने फाइनल की उम्मीदवारों की सूची; केंद्रीय नेतृत्व से ग्रीन सिग्नल का इंतज़ार

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राज्य में चुनावी पारा काफी चड़ा हुआ है। इस गहमागमी के बीच टिकट मांगने वालों का तांता दिल्ली से लेकर देहरादून में पार्टी के नेताओं के यहां देखा जा सकता है। हर टिकट चाहने वाला अपनी पूरी ताकत लगाये हुए है अपना नाम “लिस्ट’ में डलवाने को। दोनों ही प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी अपने पत्ते नहीं खोल रही है। लेकिन इन सब कयासों के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने ये साफ कर दिया है कि पार्टी ने प्रदेश स्तर पर अपने उम्मीदवारों की सूची फाइनल कर दी है। न्यूज़पोस्ट से बात करते हुये उपाध्याय ने कहा कि ” प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी ने सबी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की सूची तैयार कर ली है। और अब उन्हें केंद्रीय स्क्रीनिंग कमेटी से समय मिलने का इंतज़ार है जिसके बाद इन नामों को फाइनल रूप दे दिया जायेगा”। अपाध्याय ने कहा कि मुमकिन है कि इन नामों पर फाइनल बैठक गोवा और पंजाब के उम्मीदवारों के नामों के ऐलान के बादज हो सके।

इस बीच लंबे समय से राज्य में सरकार और संगठन में सब कुछ ठीक न होने की खबरें आती रही हैं। इसका असर और छाया चुनावों में उम्मीदवारों के चयन पर भी पड़ने की खबरें भी आती रही है। बताया गया था कि उम्मीदवारों के नामों पर सहमति न बन पाने के कारण मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने दो अलग अलग लिस्टें पार्टी हाई कमान को भेजी हैं। इन खबरों को भी किशोर उपाध्याय ने सिरे से खारिज कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक ‘ पाार्टी और मुख्यमंत्री में पूरा पूरा समन्वय है और राज्य कांग्रेस की तरफ से एक ही लिस्ट कांग्रेस हाईकमान को भेजी गई है। इस लिस्ट में जगह पाने वाले सभी नामों पर मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों की पूरी सहमति है।’

बहरहाल किशोर उपाध्याय ने इस बयान से पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक है ऐसा दिखाने की कोशिश तो की ही है साथ ही साथ टिकट की चाह रखने वाले भावी नेताओं को ये भी साफ कर दिया है कि अब टिकट पाने के जुगाड़ का रास्ता केवल दिल्ली हाई कमान से ही होकर जाता है।

प्रशांत किशोर के नहीं आने से कार्यकर्ताओं में मायूसी

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कांग्रेस ने जब से रणनीतिकार प्रशांत किशोर को उत्तराखंड चुनावों की कमान सौंपी तभी से पार्टी कार्यकर्ताओं में खासा जोश था। चुनावों में अचूक रणनीति बनाने के लिये मशहूर प्रशांत किशोर से चुनावी रण के टिप्स लेने के लिये सभी कांग्रेसी उत्साहित थे। लेकिन बुधवार को उस समय कार्यकर्ताओं को मायूसी हाथ लगी जब हरिद्वार में एक ट्रैनिंग सेशन में सभी लोग प्रशांत किशोर के आने का इंतजार करते रहे लेकिन प्रशांत किशोर वहां नहीं पहुंचे। इसके चलते खबरें ये भी आने लगी कि आखिर क्यों प्रशांत किशोर हरिद्वार नही पहुंचे। क्या वो पार्टी नेताओं से मतभेद के चलते यहां नहीं आये?

इस सबके बीच पार्टी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने ये साफ कर दिया कि प्रशांत किशोर का पहले से ही हरिद्वार आने का कोई कार्यक्रम नहीं था। उपाध्याय ने कहा कि “ये कार्यक्रम पार्टी कार्यकर्ताओं के लिये आयोजित था और इसमें प्रशांत किशोर या उनकी टीम के आने का कोई प्रोग्राम नहीं था।उनके आने की खबरें केवल मीडिया में ही चल रही थी और पार्टी या खुध प्रशांत किशोर की टीम ने कभी भी इस पर मुहर नही लगाई।”

वैसे तो कांग्रेस किससे अपनी चुनावी रणनीति बनवाये ये उसका आंतरिक मामला है लेकिन पंजाब और उत्तरप्रदेश में जिस तरह काफी पहले प्रशांत को कमान दे दी गई थी वैसा उत्तराखंड में नही हुआ। इसके चलते ये भी कहा जा रहा है कि पार्टी हाई कमान को राज्य में कांग्रेस की तैयारियों शायद कुछ कमी दिख रही है शायद इसिलिये चुनावों से ठीक पहले राज्य में चुनावी कमान उनकी टीम को दे दी गई है। खबरें ये भी है कि खुद मुख्यमंत्री भी प्रशांत किशोर की टीम के आने से ज्यादा उत्साहित नही हैं। हांलाकि मुख्यमंत्री और पार्टी संगठन दोनों ही इन खबरों को गलत बताते रहे हैं।

बीजेपी उम्मीदवारों की फर्जी सूची जारी, पार्टी ने की पुलिस में शिकायत दर्ज

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प्रदेश बीजेपी कार्यालय औऱ नेता कार्यकर्ताओं में बुधवार देर शाम खलबली मच गई जब खबर आई कि दिल्ली से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दफ्तर ने राज्य विधानसभा चुनावों के लिये पहली सूची जारी कर दी है। ये सूची दिल्ली से जारी बताई गई और बकायदा राष्ट्रीय अध्यक्ष के लैटर हेड पर लिखी थी। आनन फानन में ये लिस्ट राज्य भर में सोशल मीडिया पर दिखने लगी। जिनके नाम लिस्ट में थे वो खुश भी थे और डरे हुये भी क्योंकि अचानक आई इस लिस्ट पर यकीन कर पाना ज़रा मुश््किल लग रहा था।

हुआ भी कुछ ऐसा ही बीजेपी ने खबर मिलते ही पार्टी की तरफ से इस लिस्ट का खंडन किया और इसे फर्जी करार दिया। पार्टी प्रवक्ता देवेंदर्र भसीन ने कहा कि “व्हाट्सऐप ग्रुपों में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के नाम से विधान सभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों की एक सूची चल रही है वह पूरी तरह से जाली है। पार्टी ने मामले को गम्भीरता से लिया है और इस बारे में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की जायेगी।”

 उन्होने कहा कि “व्हाट्सऐप ग्रुपों में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के कथित पेड पर उनके हस्ताक्षरों से उत्तराखंड विधान सभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची के रूप में सूचना चलाई जा रही है। इसमें सूची की प्रति भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को प्रेषित किया जाना भी लिखा है। लेकिन पैड, सूची सभी कुछ पूरी तरह फर्जी है और एक बड़ी जालसाजी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सूची पर किसी को भी ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।”

पार्टी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इस बारे में कल पुलिस को औपचारिक शिकायत की जायेगी। जिससे इसके मूल का पता लग सके और कार्यवाही हो सके। डॉ भसीन ने कहा की यह हरकत भाजपा विरोधियों की है लेकिन ऐसे जालसाजी के कारनामों से भाजपा का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है।

लिस्ट का मामला तो फिलहाल ठंडा पड़ गया लेकिन इस कुछ घंटों के प्रकरण ने कई टिकटचाहने वालों के चेहरों पर रौनक और कईयों के चेहरों पर मायूसी ज़रूर ला दी थी।

देहरादून के इंम्पलाॅयमेंट एक्सचेंज आॅफिस में एक दिन

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16 साल पुराने राज्य उत्तराखंड में युवाओं के लिए रोजगार का मुद्दा इस विधानसभा चुनाव में हर एक पार्टी के राजनितिक एजेंडें में सबसे प्राथमिक तौर पर रखा गया है। इस बार के विधानसभा चुनावों में भी ये तय है कि युवा वोटर जिस भी दल को चुनेंगे वो ही सत्जि्सेता की कुर्सी तक पहुंचने में कामयाब होगा। किसी भी राज्य में इंम्पलाॅयमेंट ऐक्सचेंज वहां के युवाओं के लिये एक बड़ी उम्मीद का केंद्र होता। उत्त््राखंड में बी ऐसा ही है लेकिन अगर देखा जाए तो राज्य में रोजगार की केवल बात ही की गई है। रोजगार के नाम पर ऐक्सचेंज का नया पता और नई बिल्डिंग ही तैयार हुई है ताकि युवाओं का रजिस्ट्रेशन हो सके इसके अलावा बेरोजगारी की तस्वीर में ज्यादा कुछ नहीं बदला है।

 प्रदेश की राजधानी देहरादून के इंम्पलायमेंट एक्सचेंज के आफिस में सुबह 10 बजे से रजिस्ट्रेशन के लिए युवाओं का तांता लग जाता है जिसमें दो खिड़कियां होते हुए भी एक खिड़की पर काम हो रहा और दूसरी खिड़की पर काम करने वाला कर्मचारी छुट्टी पर है और दिन बढ़ने के साथ लोगों की भीड़ भी बढ़ती जाती है। औसतन एक व्यक्ति फार्म भरने से लेकर ओरिजनल डिग्री की वेरिफिकेशन में लगभग 15 से 20 मिनट लेता है। लाइन में खड़े महिलाओं और पुरुषों में ज्यादा लोगों की उम्र 20 से 30 साल के बीच में होगी और कुछ लोग तो लाइन में आगे नंबर पाने के लिए अपना नाश्ता भी भूल कर सुबह 8 बजे से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।   

हालांकि आफिस का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक है जिसके बीच में एक घंटे का लंच ब्रेक भी होता है लेकिन इसकी सूचना के लिए न तो कोई बोर्ड है ना कोई बताने वाला है।ऋषिकेश की पूजा चौहान जो इस वर्ष पहली बार वोट देंगी,लाइन में मेरे आगे थी उनसे पूछने पर कि आने वाले चुनाव में उनको अपने विधायकों से क्या उम्मीदें है तो उन्होंने कहां कि फिलहाल मुझे वोट से ज्यादा इस लाइन की चिंता है पहले बस यह लाइन तो चले,वोट के बारे कुछ सोचा नहीं है। सुबह 11 बजे से इस लाइन में हूं पर यह लाइन आगें ही नहीं बढ़ रही है। वही लाइन में खड़े कपिल ने कहा कि लाइन तो कोई मुद्दा नहीं है उन्हें उम्मीद है कि अब जब मोदी जी की सरकार केंद्र में है तो उत्तराखंड मे भी उनकी सरकार ही होगी और मैं चाहता हूं कि मोदी जी कि सरकार बने ताकि वो बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए कुछ कदम उठा सकें।

जब आप ऐसी लाइन में खड़े हो जो आगे बढ़ने का नाम नहीं ले रही तो ऐसे में बहुत समय होता है कि आप राजनिति में हो रहे बदलाव पर लोगों से बातचीत कर सकें और वो भी तब जब चुनाव इतने नजदीक हो।ऐसे ही लाइन में अपनी बारी का इंतजार करने वाली पूनम जो 2 घंटे के सफर के बाद लाइन में खड़ी थी वो बताती हैं कि 2009 में एक्सचेंज आफिस में चीजें आसान और जल्दी हो जाती थी,अब तो आनलाईन साइट भी ज्यादा साथ नहीं देती 10 में से 8 बार तो काम भी नहीं करती और वो कहती है किसी भी राजनीतिक दल से कोई बदलाव की उम्मीद नही है।

घंटो लाइन में इंतजार के बाद जब मैं खिड़की पर पहुचने वाली ही थी तभी एक कर्मचारी आया और उसने कहा कि किसी तकनीकी खराबी के कारण आफिस का सिस्टम(कंम्प्यूटर) काम नहीं कर रहा और अगर आप चाहे तो आने वाले 15 दिन में वापस आए और रजिस्ट्रेशन करा ले या तो कुछ और समय रुके और इस तरह से मेरे अलावा बहुत से लोगों का पूरा दिन खराब हो गया।

एकस्चेंज आफिसर प्रवीन गोस्वामी ने मुझे यकीन दिलाया कि मेरा रजिस्ट्रेशन सिस्टम ठीक होते ही हो जाएगा लेकिन उन लोगों का क्या होगा जो किसी उम्मीद और महत्वाकांक्षा के साथ रोजगार पाने की होड़ में एक कदम आगे बढ़ने के लिए आए थे ? ये तो वक्त ही बताएगा कि आने वाली सरकार रोजगार के मौके देती है कि नहीं?? हम नहीं जानते- लेकिन सभी की तरह हमें भी इंतजार है कि आगे क्या होगा