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बेरोज़गार युवकों को समूह बनाकर मिलेंगे स्वरोज़गार के अवसर

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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में कृषि, उद्यान, पुष्प, जड़ी बूटी व रेशम उत्पादन तथा इन क्षेत्रों में सेवायोजन कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगार युवाओं को समूह बनाकर सुनिश्चित स्व-रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना प्रारंभ करने के निर्देश दिए है। इससे अधिक से अधिक युवा खेती व बागवानी से जुड़ सकेंगे। इस योजना का नोडल विभाग ग्राम्य विकास विभाग होगा।  

इस बारे में बताते हुए प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पंवार ने बताया कि इस योजना में 

  • श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत इच्छुक शिक्षित बेरोजगारों की सूची ग्राम्य विकास विभाग को उपलब्ध करायी जायेगी।
  • उपलब्ध सूची के आधार पर ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में कम से कम 5 तथा मैदानी क्षेत्रों में कम से कम 10 युवाओं को एक स्वयं-सहायता समूह में संगठित किया जाएगा। समूह में सदस्यों की अधिकतम संख्या 15 होगी।
  • इन समूहों को आधुनिक तकनीकी हस्तांतरण करते हुए सशक्त किया जाएगा। स्वयं सहायता समूह के संगठन एवं संचालन संबंधी प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास कार्य भी ग्राम्य विकास विभाग द्वारा किया जाएगा।
  • तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड कौशल विकास मिशन (यू0के0एस0डी0एम0) के माध्यम से भी युवाओं के गठित समूह को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।
  • कृषि, उद्यान, वन, जड़ी-बूटी तथा रेशम आदि विभागों द्वारा इन स्वयं सहायता समूह को शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर संबंधित योजनाओं से तकनीकी, वित्तीय आदि सभी अनुमन्य लाभ दिए जाएंगे।
  • राज्य की भूमि लीज नीति के तहत संबंधित स्वयं-सहायता समूह द्वारा स्वयं लीज पर भूमि की व्यवस्था की जाएगी।
  • उन्होने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा नियमानुसार अनु0 जाति/अनु0जनजाति के समूहों/समूह से जुडे़ युवाओं को विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से सभी अनुमन्य लाभ उपलब्ध कराये जायेंगे।
  • नाबार्ड द्वारा इस योजना में गठित समूह को सशक्त करने हेतु नाबार्ड सहायतित योजनाओं से वित्तीय व तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा जबकि अन्य बैंकों के साथ-साथ स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा भी वित्तपोषण उपलब्ध कराया जाएगा।
  • राज्य की भूमि लीज नीति के तहत समूह द्वारा लीज पर ली गई भूमि में यदि सिंचाई की सुविधा उपलब्ध न हो तो जलागम विभाग द्वारा उक्त क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जाएगी।
  • समूह द्वारा उत्पादित उत्पादों के विपणन के लिए पैकेजिंग, ब्रांडिंग आदि में तकनीकी सहयोग आईफैड द्वारा सहायतित समेकित आजीविका सुधार परियोजना (आई0एल0एस0पी0) द्वारा किया जाएगा।

विभिन्न रेखीय विभागों के माध्यम से संचालित योजनाओं के वित्तीय तथा तकनीकी सहयोग के साथ-साथ ग्राम्य विकास विभाग द्वारा इस योजना के तहत गठित युवा स्वयं सहायता समूह को समूह गठन के उपरांत बैंक खाता खोलने पर 25000 रूपये प्रति समूह सीड केपिटल के रूप में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी, जो कि समूह का रिवाल्विंग फंड होगा। समूह का माइक्रो क्रेडिट प्लान बैंक द्वारा स्वीकृत होने पर 1,25,000 प्रति समूह की दर से ग्राम्य विकास विभाग द्वारा अनुदान इन्वेस्टमेंट फंड के रूप में समूह के खाते में डीबीटी के तहत उपलब्ध कराया जाएगा

अब ATM से एक दिन में निकाले जा सकेंगे 4500 रुपये, एक जनवरी से लागू होगा नया नियम

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चलन से बाहर किए गए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को जमा कराने की 50 दिन की समय-सीमा समाप्त होने के अंतिम दिन यानी 30 दिसंबर को सरकार ने देर रात नकदी संकट से जूझ रहे लोगों को राहत की खबर दी। अब एटीएम से एक दिन में 4500 रुपये निकाले जा सकेंगे. नया नियम एक जनवरी से लागू होगा।

हालांकि, पैसे निकालने की साप्ताहिक सीमा में कोई बढ़ोतरी नहीं की गयी है जो एटीएम सहित एक व्यक्ति के लिए 24,000 रूपया है। छोटे व्यापारियों के लिए यह राशि 50,000 रुपये है। एक अधिसूचना में केंद्रीय बैंक ने कहा कि स्थिति की समीक्षा के आधार पर एक जनवरी 2017 से एटीएम से पैसे निकालने की सीमा प्रतिदिन वर्तमान 2,500 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपया किया जा रहा है। नौ नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद किए जाने के बाद बैंक के साथ साथ एटीएम से पैसे निकालने की सीमा तय कर दी गई थी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी नोटबंदी पर शनिवार को राष्ट्र के नाम संबोधन देने वाले हैं। पीएम मोदी के संबोधन के ठीक एक दिन पहले निकासी की सीमा में ढील दी गई है। आरबीआई ने बैंकों से जमा किए नोटों का विस्तृत विवरण मुहैया कराने को कहा है. ऐसा अनुमान है कि 90 फीसदी से ज्यादा प्रतिबंधित नोट बैंक में जमा हो गए हैं. ऐसे में कालेधन से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए नोटबंदी का कदम निर्रथक साबित होता जा रहा है।

इसी बीच सरकार ने बुधवार को एक अध्यादेश जारी किया जिसके मुताबिक जिसके पास 10 से अधिक प्रतिबंधित नोट मिलेंगे उन पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

नये साल के साथ राज्य में बढ़ेगी ठंड और बर्फबारी

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राज्य के सभी इलाकों में जमकर बर्फबारी हो रही है

देश के मैदानी क्षेत्र जहां कोहरे की मोटी चादर से ढका हुआ है और तापमान लगातार गिर रहा है, उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में इन सर्दियों में भी अभी तक धूप खिल रही थी और नीला आसमान अपनी छटा बिखेर रहा था। मगर नया साल आते आते ये तस्वीर भी बदलने वाली है। उत्तराखंड के पहाड़ों में मौसम का बदलना आने वाले समय में बारिश की ओर संकेत कर रहा है और दिसंबर में बारिश सर्दियों में होने वाले फसल के लिए नुकसानदेह है, जो कि किसानों के लिए चिंता का विषय है। राज्य की राजधानी से केवल 20 किमी दूर पर स्थित बड़े क्षेत्र में ज़मीन आजकल बंजर पड़ी है, लेकिन यह हमेशा से ऐसी नहीं थी कुछ साल पहले तक यह जमीन सर्दियों की फसल से लहलहाते रहती थी। लेकिन साल दर साल बदलते मौसम के चलते,घटते और बढ़ते तापमान की वजह से और तो और सूखा पड़ने की वजह से आज सर्दियों की फसल के नाम पर किसानों के हाथ असफलता ही लगती है।

45 वर्ष के अनिल से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि पिछले आठ दशक से उनके हिस्से की जमीन जो उन्हें और उनके परिवार का पालन कर रही थी,लेकिन उनकी फसल बारिश की कमी से छोटी की छोटी दोती जा रही है। वो बताते हैं कि अगर बारिश हुई होती तो हमारी फसल बच गई होती और आज हमारे पास खाने के लिए कुछ तो होता और उस राशन में से हम थोड़ा बहुत आने वाले महीनों के लिए बचा लेते, लेकिन जैसा भी चल रहा ना तो हमारे पास कुछ है और हमारी फसल भी नाकामयाब हो गई। 

लेकिन जो पर्यटक अपना नया साल 2017 मनाने मसूरी आ रहे, उनके लिए खुशखबरी है जैसा मौसम अभी है उसके हिसाब से बादलों ने अपने पर्यटकों के लिए बर्फबारी के संकेत दे दिए हैं। मसूरी में नया साल मनाने अपने परिवार के साथ आई पूजा नायर कहती हैं कि अगर यहां बर्फ गिरी तो वो कुछ ऐसा होगा जैसा केक के ऊपर किसी ने बर्फ बिखरा दी हो, और इसेस ज्यादा नए साल की परफेक्ट शुरुआत हो भी नहीं सकती, लेकिन ये तो वक्त ही बताएगा। मौसम विभाग के मुताबिक कई जगहों पर बारिश और हल्की बर्फ गिर सकती है, और लगभग 3000 मीटर तक बर्फ भी गिर सकती है जिसमें मसूरी भी है और मैदानी क्षेत्रों में भी कहीं कहीं बारिश की आशंका है।

उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में लैपटॉप राजनीति

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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को समाज कल्याण विभाग द्वारा बीजापुर हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम में एस0सी0/एस0टी0 के मेडिकल/इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को लैपटाॅप वितरित किए। इस अवसर पर अरविन्द सिंह चैहान, हिमांशु राणा, नेहा आर्य, अमरीश कुमार, शुभम, पंकज, पूजा, रितिका एवं वैशाली को लैपटाॅप वितरित किए गए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर विभाग को बधाई देते हुए कहला कि इस योजना की स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी थी परन्तु तकनीकी समस्याओं के कारण इसमें कुछ विलम्ब हो गया। इस योजना से कमजोर वर्गों के मेधावी छात्रों को अपने अध्ययन में सहायता मिलेगी।
गौरतलब है कि इस स्कीम के तहत समाज कल्याण विभाग द्वारा 1425 लैपटाॅप एस0सी0/एस0टी0 वर्ग के मेडिकल/इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को वितरित किए जाने है। जिनमें से आज तीन जिलों से आये 9 छात्र-छात्राओं को लैपटाॅप वितरित किए गए। चुनावी माहौल में उत्तर प्रदेश की तर्ज़ पर राज्य में लैपटॉप बाँट कर वोटर और ख़ासतौर पर युवा वोटरों को अपनी ओर करने की कोशिश की गई है। राज्य में आचार संहिता किसी भी समय लग सकती है ऐसे में आनन फ़ानन में ये कार्यक्रम किया गया। इस स्कीम के अंतर्गत क़रीब 1500 छात्रों को लैपटॉप दिये जाने हैं लेकिन ज़ाहिर सी बात है कि राज्य में हज़ारों ऐसे छात्र छात्राएँ हैं जो बेहतर सुविधाओं के अभाव में सही तरीके से अपना पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते। ज़रूरत है ऐसे सभी छात्रों को बेहतर सुविधाएँ देने के लिये पॉलिसी बनाने की जिसके चलते ठीक चुनावों से पहले फ़्री की रेवड़ियां बाँटने की ज़रूरत न पड़े।

विराट-अनुष्का ने सगाई की ख़बरों को बताया गलत

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एयरपोर्ट से निकलते विराट अनुष्का

नया साल आने को है और ऐसे में आम लोगों के साथ साथ सितारें भी नये साल का आगाज़ करने के प्लैन बना रहै हैं। गुरूवार को सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और उद्योगपति अनिल अंबानी अपनी पत्नियों जया बच्चन और टीना अंबानी के साथ टिहरी स्थित आनंदा रिसार्ट पहुंचे। इन सितारों के यहां पहुंचने से अनुष्का शर्मा और विराट कोहली को लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म है। लेकिन शुक्रवार को विराट कोहली ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए अपनी सगाई की ख़बरों को गलत बताया। विराट कोहली ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्वीटर पर लिखा कि “सगाई की ख़बरें गलत हैं, जब सगाई होगी तब सबको बतायेंगे”। इससे पहले अनुष्का शर्मा की मैनेजर ने भी सगाई की ख़बरों को गलत बताया था। विराट और अनुष्का पहले से ही अपने परिवार के साथ आनंदा में कुछ दिनों से रुके हुए हैं। वो विशेष विमान से देहरादून के जाॅलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे और वहां से सीधे फाइव स्टार रिसोर्ट आनंदा पहुंचे। न केवल इस जोड़ी ने क्रिस्मस यहां मनाया बल्कि नये साल का स्वागत भी यहीं रह कर करेंगे।

आनंदा रिसाॅर्ट में फुरस्त के पल बिताती अनुष्का शर्माहांलाकि इस जोड़े के साथ ही रिसोर्ट प्रबंधन ने इनकी यात्रा को काफी प्राइवेट रखने की कोशिश की है लेकिन रह रह कर दोने के यहां मस्ती करने की तस्वीरें सामने आ रही हैं।

उधर बाॅलिवुड अभिनेता और मुन्नाभाई के सर्किट अर्शद वारसी भी अपने परिवार के साथ उत्तराखंड पहुंचे हैं। वो पहाड़ों की रानी मसूरी में नये साल का स्वागत करेंगे। कुछ दिन पहले ही अभिनेता विवेक आॅबरोय भी अपने परिवार के साथ ऋषिकेश पहुंचे थे।

उत्तराखंड और सितारों का साथ नया नहीं है। समय समय पर अपने अपने क्षेत्रों के सितारे यहां की हसीन वादियों में सुकून के कुछ पल बिताने आते रहते हैं। लेकिन इस साल नये साल के आगाज़ के लिये इन सितारों का राज्य के अलग अलग हिस्सों को अपना आशियाना बनाना ये साबित करता है कि आज भी उत्तराखंड सितारों की पसंदीदा जगह बना हुआ है।

नए साल के जश्न की तैयारियां पूरी, पुलिस की रहेगी सख़्त नज़र

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मसूरी

नया साल आने वाला है और इसके स्वागत के लिये राज्यभर में तैयारियां ज़ोरों पर है। चाहे वह युवा वर्ग हो या फिर बुजुर्ग लोग, नये साल की धूम तो हर किसी के लिए उत्सव जैसी है। हर साल की तरह इस साल भी देहरादून और पहाड़ी क्षेत्र मसूरी के सभी बड़े व छोटे होटल व्यव्सायी पर्यटकों को लुभाने के लिए अलग अलग थीम से अपने होटलों को सजा रहें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इनके होटल में आए और दस्तक दे रहे नये साल का मजा ले सकें। पहाड़ो की रानी मसूरी में लगभग सभी होटल और रेस्टोरेंट व्यव्सायीयों ने आने वाले साल में पर्यटकों को लुभाने के लिए अपनी कमर कस ली है, तरह तरह के माध्यम जैसे कि डी.जे,गेम्स,थीम पार्टी,और लाजवाब खाने से वो ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित करने की पूरी कोशिश कर रह हैं।

होटल व्यव्सायी रजत अग्रवाल ने बताया कि 30,31 और 1 तारीख मसूरी में पीक टाईम होता है और इस टाईम सभी होटल फुल टैरिफ लेते हैं। नए साल के स्वागत में सभी होटलों को सजाया जाता है,रंग बिरंगी लाईटें लगाई जाती है,डी.जे,बोनफायर और लैविस बुफे कि व्यव्स्था भी की जाती है। उन्होंने बताया कि मसूरी के लगभग सभी होटलों में म्यूजिक व बैंड को परफार्म करने कि इजाजत है लेकिन अगर किसी होटल में कुछ स्पेशल परफार्मेंस जैसे कि टी.सीरीज या सोनी कंपनी का प्रदर्शन करवाना चाहते हैं,तो उसके लिए पब्लिक परफारमेंस लाइसेंस लेना पड़ता है। रजत ने बताया कि मसूरी की मेजर पार्टियां यहां के बड़े होटल जे.डब्लू मैरियाट, फार्चून, जे.पी रेजीडेन्सी और ब्रेन्टवुड होटल में होगी। देहरादून के फोर पाइंट बाइ शेराटन होटल में भी नए साल की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और सभी की तरह यहां भी बेहतरीन बुफे के साथ लाइव म्यूजिक बैंड, डी.जे की व्यव्स्था होगी 

जश्न तो होगा ही लेकिन जोश में होश को बैठने वाले लोगों के लिये चेतावनी भी है। राज्य पुलिस ने शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर सख्ती करने के लिये कमर कस ली है। शहर में जगह जगह पुलिस पिकेट लगाई जायेंगी और खास इलाकों में पुलिस की गस्त भी बढ़ाई जा रह ही ै। हम उम्मीद ये ही करेंगे कि नये साल का आगाज़ आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ पूरे जोश से मनाये लेकिन इन सबके बीच एक ज़िम्मेदार नागरिक की तरह अपना और अपने आस पास के लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखें।

देहरादून में हुआ डिजि धन मेले की शुरुआत

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डिजि धन मेले का शुभारंभ करते राज्यपाल

नोटबंदी के बाद केंद्र और राज्य सरकार कोशिशें कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग कैशलेस या डिजिटल पैमेंट को अपनाये। इसी कोशिश में राज्य सरकार 04 जनवरी तक डिजी-धन मेला आयोजित कर रही है। देहरादून में कैशलेस पेमेंट के बारे में डिजिटल मेला का शुभारम्भ गुरुवार को राज्यपाल के के पाॅल ने किया।। मेले में लकी ग्राहक योजना के अन्तर्गत ड्रा निकाला जायेगा। इस मेले में

  • कैशलेस पेमेंट के बारे में बेस्ट स्लोगन, बेस्ट पोस्टर, बेस्ट जिंगल का पुरस्कार दिया जायेगा। पुरस्कार प्रथम, द्वितीय, तृतीय तीन श्रेणीयों में दिये जायेंगे। इसके अलावा तकनीकी और उच्च शिक्षण संस्थान अपने-अपने स्तर से प्रतियोगिता का आयोजन होगा। 
  • आधार कार्ड भी बनाये जायेंगे
  • बैंक खाते खोले जायेंगे
  • पीओएस मशीन की बिक्री, पंजीकरण भी किया जायेगा
  • साथ ही ई-वैलेट, मोबाईल पेमेंट सेवाओं की जानकारी भी दी जायेगी

मेेले में विभिन्न बैंकों, खाद्य, बीज, दुग्ध, किसान सहकारिता, कृषि के स्टाॅल भी लगाये जायेंगे। कैशलेस पेमेंट करने वाले ग्राहकों और प्राप्त करने वाले व्यापारियों को भी प्रमाण पत्र और कैश एवार्ड दिये जायेेंगे। मेले में एनपीसीआई, पीओएस, टेल्को, बीएसएनएल, आईओसी, इफ्को आदि के प्रतिनिधि भी रहेंगे। 

देश की इकाॅनमी को कैशलेस बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन अबी भी देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा है जो बैंकिंग की बेसिक प्रक्रिया से भी वाकिफ़ नही है। ऐसे में इन सभी लोगों को ई पैमेंट सिस्टमों से परिचित कराना एक बड़ी चुनौती होगी। 

नोटबंदी के पचास दिन बाद बैंकों और एटीएम में लाइनें हुई कम

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नोटबंदी के पचास दिन पूरे हो चुके है और साथ ही पीएम मोदी द्वारा मांगे हुए 50 दिन की मोहलत भी खत्म हो गई  है। इन पचास दिनों में देशभर ने कई तरह की तस्वीरें देखी। बैंकों के सामने लंबी लंबी लाइने, बैंको के अंदप परेशान स्टाफ और ग्राहक, राजनीतिक दलों द्वारा घरने, कैश डिपाॅसिट और निकालने को लेकर रैज़ बदलते नियम कायदे। लेकिन प्रदानमंत्री द्वारा देश की जनता से मांगी गई इस मोहलत के बाद क्या हालात है ये जानने की कोशिश की हमने।

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देहरादून में एटीएम और बैंकों की लाईनें छोटी हो गई हैं और कैश की परेशानी पहले से काफी कम हो गई है। नेशविला रोड स्थित स्टेट बैंक के मैनेजर ने बताया कि “नोटबंदी के बड़े फैसले का शुरुआती दौर मुश्किलों भरा था लेकिन समय के साथ परेशानियां कम होती गई और आज पचास दिन बाद मेरे हिसाब से लोग इस फैसले से संतुष्ट हैं।अब हमारे ब्रांच में न तो लंबी लाइनें है न एटीएम में कैश की कमी है। लोग आते है अपना काम करते हैं और चले जाते हैं।” उन्होंने कहा कि “किसी भी बड़े फैसले को अमल करने में परेशानी तो होती है वही परेशानी शहर के बैंकों में आई थी और लोगों के जीवन में भी आई लेकिन अब स्थिति पहले से काफी बेहतर है।” उन्होंने बताया कि पिछले 50 दिनों में हमारे पास हजारों लोगों ने एटीएम कार्ड स्वैपिंग मशीन के लिए आवेदन किया है और हम जल्दी से जल्दी सभी को मशीन उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं।इसके साथ ही अब पब्लिक ज्यादा से आनलाईन लेन देन कर रही जो कि 50 दिनों में बड़ा बदलाव है।

लोगों की निगाहें 31 दिसंबर पर टिकी है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित कर सकते हैं। गौरतलब है कि 8  नवंबर को भी ऐसे ही एक अचानक संबोधन में प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का ऐलान किया था। ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री लोगों के लिये कुछ नये ऐलान कर सकते हैं।

अमूमन राज्य के अधिकतर इलाकों से इसी तरह की खबरे आ रही हैं। अब इसे मजबूरी कहें या बदलाव की तरफ बढ़ता देश लोग पेटीएम और आनलाईन लेन देन करने के लिए तैयार हो रहे है और एटीएम कार्ड स्वैपिंग मशीन की मांग बढ़ना इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि पीएम ने कालेधन के खिलाफ जो जंग छेड़ी थी उसमें अब हालात कुछ बेहतर हो रहे हैं। लेकिन अभी भी सरकार और खासतौर पर प्रधानमंत्री के लिये राह आसान नही है क्योंकि नोटबंदी तो सिर्फ पहला पढ़ाव है। अबी देश को कैशलेस इकाॅनमी बनाने और भ्रष्टाचार से निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिये सरकार को बहुत कुछ करना बाकी है। 

रावत ने दिये मोदी के दौरे को ज़ीरो नंबर

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मंगलवार को देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चारधाम सड़क परियोजना के शिलान्यास और उसके बाद जन संबोधन को सूबे के मुखिया हरीश रावत ने ज़ीरो नंबर दिये हैं। बुधवार को देहरादून में ख़ासतौर पर बुलाई गई प्रेसनोट कॉन्फ़्रेंस में रावत ने कहा कि ऑल वेदर रोड और चार धाम रोड प्रोजेक्ट कोई नई योजनाओं नहीं है। ये परियोजना यूपीए के समय शुरू की गई थी और इससे जुड़ेंगे मसलों पर लंबे समय से केंद्र और राज्य सरकार के बीच वार्ता होती रही है। ऐसे में राज्य में चुनावों को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस परियोजना को नये नाम से की लॉंच कर दिया है।

चर्चित सीडी कांड पर भी रावत ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहला कि सीडी मसले पर ऐसा कुछ नहीं है जिसकी जाँच सीबीआई से कराई जाये। उन्होने कहा कि सीबीआई केंद्र सरकार का खिलौना बनकर रह गई है और चुनावों से ठीक पहले सोची समझी रणनीति के तहत केंद्र इस संस्था का इस्तेमाल कर रही है।  रावत ने कहा कि क्यों ठीक चुनावों के ऐलान से पहले सीबीआई ने उन्हें सम्मन भेजा?

आपदा प्रबंधन और इससे जुड़े घोटालों के आरोप पर रावत मेल कहा कि उस समय जो लोग निर्णयसकरने की स्थिति में थे वो आज बीजेपी में ही हैं और प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा कर रहे थे। ऐसे में बीजेपी या उनके नेताओं को कोई अधिकार नहीं है आरोप लगाने का। रावत ने कहा कि आपदा से जुड़ेंगे मामलों की जाँच हो चुकी है और कोई घोटाला नहीं पाया गया।  बक़ौल रावत उनकी सरकार के सामने आपदा के बाद यात्रा को दोबारा सुचारू रूप से शुरू करना सबसे बड़ी चुनौती थी। उन्होने उन अधिकारियों को इस काम की ज़िम्मेदारी दी जो इस कामों को बख़ूबी अंजाम दे सकते थे। और इन प्रयासों का नतीजा आज देखने को मिल रहा है जब यात्रा में वापस पुराने समय जैसी रौनक़ लौट आई है।

रावत ये सभी बातें पहले भी कहते रहे हैं लेकिन मोदी की देहरादून हुई जनसभ और उसमें आई भीड़ से ये साफ़ है कि रावत ने मुक़ाबला सीधे नरेंद्र मोदी से मान लिया है। इस लड़ाई का राउंड वन तो रावत ने अपनी सरकार बचाकर जीत लिया था लेकिन अभी फ़ाइनल मुकाबला बाकी है जिसे जीतने के लिये दोनों पक्ष अपनी पूरी ताक़त झोंक देने वाले हैं।

हर साल हज़ारों विदेशी पक्षियों का मेज़बान होता है आसन

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आसन में हर साल सर्दियों में हज़ारों प्रवासी पक्षी आते हैं

देहरादून से पौंटा साहिब मार्ग पर स्थित, आसन नदी और यमुना नहर के संगम पर है उत्तराखंड का असन बैराज, भारत का पहला वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व जो लगभग 80 प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों के लिए सर्दियों का घर है और सर्दियों में यह पक्षी अपना रास्ता खोज ही लेते हैं। साल दर साल ये जगह पक्षियों के साथ साथ पर्यटकों का भी लोकप्रिय स्थान बन चुका है। चकराता श्रृंखला की तलहटी में लगभग डेढ़ किलोमीटर में पसरा हुआ यह भारत का पहला वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व है।
असन बैराज में पक्षियों की आवाज वहां आने वाले सभी लोगों का स्वागत करती है,और अगर करीब से देखें तो आप हजारों पक्षियों को नदी के ऊपर क्रीड़ा करते हुए देख सकते हैं। लाल कलगी वाले पोचर्ड, वीजीएम, गुच्छेदार पोचर्ड, हजारों ब्राहम्णी बतख, जंगली बतख, और गडवाल जैसे पक्षी इसके कुछ वार्षिक मेहमान हैं। मध्य एशिया भर से लगभग 6000 प्रवासी पक्षी सर्दियों में इस बैराज को अपना घर बना लेते हैं। गढ़वाल मंडल विकास निगम के विनोद कुमार पैन्यूली बताते हैं कि “यहां पर ज्यादातर अक्टूबर के मध्य से लेकर मार्च के मध्य तक प्रवासी पक्षी आते हैं और ज्यादातर यह साइबेरिया,चाईना,थाईलैंड,पाकिस्तान आदि जगहों से आते हैं।” यह रिर्जव उन लोगों को पैडल नावों की सुविधा भी देते हैं जो इन मेहमानों को करीब से देखना चाहते हैं। वो लोग जो यहां पर रात का लुत्फ उठाना चाहते हैं उनके लिए उचित दामों पर ए.सी और डीलक्स हट की सुविधा उपलब्ध है। उन लोगों के लिए जो रोमांच पसंद करते हैं एक अतिरिक्त आकर्षण कि तरह है अप्रैल,जून और सितंबर से अक्टूबर के महीने जब बहादुर दिल वाले लोगों के लिए वॉटर स्की प्रशिक्षण करवाया जाता है और उस वक्त बैराज प्रवासी पक्षियों से महरुम होता है।
दिल्ली के रहने वाले नावेद और देवरंजन बताते हैं कि “वो यहां इसलिए आए हैं ताकि शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से कुछ दिन छुटकारा पा सकें,अच्छा लग रहा यहां दिल्ली की व्यस्ततापूर्ण जीवनचर्या से दूर, यहां एकांत में, बहुत अच्छा पाइंट है यहां पर आकर दिल को संतुष्टि मिलती है क्योंकि दिल्ली में हम सभी लोग काफी व्यस्ततापूर्ण जिंदगी व्यतीत करते हैं तो यहां आकर रिलेक्स हो जाते हैं और यह एक तरह से ताज़गी देने वाला स्पाट है।” पक्षियों का इस बड़े पैमाने पर पलायन एक जादुई पल जो हर किसी को तरोताज़ा और स्फूर्ति से भर देता है और इसे छोड़ने में ऐसा लगता है मानो ये दिल मांगे मोर।