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27 को उत्तराखंड में प्रधानमंत्री रखेंगे देश के पहले ऑल वेदर रोड की नीव

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 दिसम्बर को देहरादून आयेंगे। परेड ग्राउण्ड में अपराह्न 1.00 बजे चारधाम परियोजना का शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री जौलीग्रांट एयरपोर्ट से जीटीसी हेलीपैड आयेंगे। जीटीसी से सड़क मार्ग से परेड ग्राउण्ड पहुंचेंगे। देहरादून से प्रधानमंत्री की वापसी अपराह्न 2.00 बजे होगी। मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने शुक्रवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री आगमन के सिलसिले में बैठक की। उन्होंने सुरक्षा, कनेक्टिविटी, चिकित्सा आदि व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। 

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बैठक में डीजीपी एम.ए.गणपति, प्रमुख सचिव गृह डाॅ.उमाकांत पंवार, आयुक्त गढ़वाल विनोद शर्मा, सचिव अमित नेगी, डीएम देहरादून रविनाथ रमन, एस.एस.पी. स्वीटी अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पीएम बनने के बाद उनका यह उत्तराखंड का पहला दौरा होगा। पीएम इस दौरे में मुख्य रुप से कुछ नए इतिहास रचने वाले कार्यो की नींव रखेंगे। देश के पहले ऑल वेदर रोड की नीव 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में रखेंगे। अप्रैल माह से ऑल वेदर रोड का शिलान्यास लंबित चल रहा है। 11 हजार 700 करोड़ रुपये की ये सामरिक महत्व की परियोजना चीन बार्डर तक न केवल सेना का हर मौसम में आवागमन सुलभ बनाएगी बल्कि प्रदेश के चार धाम सहित पर्यटन और आपदा प्रबंधन के लिए फायदेमंद होगी।

पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड में पहला आधिकारिक दौरा है। इससे पहले वह निजी दौरे में अपने गुरु दयानंद सरस्वती मिलने ऋषिकेश आ चुके हैं।इस दौरे से भाजपा को उत्तराखंड की जनता से उम्मीद है कि कुछ माहौल बदलेगा। यह दौरा राज्य में चुनावी माहौल को देखते हुये भी महत्वपूर्ण रहेगा। हाल ही में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से एक काॅर्परेट घराने से पैसे लेना का आरोप लगाया था। इसके बाद प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी की बातों पर ध्यान न देने की बात कही थी। नोटबंदी के बाद राज्य में पहली बार आ रहे प्रधानमंत्री से प्रदेश बीजेपी नेताओं को उम्मीद होगी कि वो लोगों के नोटबंदी से होने वाले फायदों को लेकर आश्सवत करेंगे।

घरती पर प्रकृतिक सौंदर्य का प्रारूप मसूरी की विंटरलाइन

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मसूरी की विश्व प्रसिध्द विंटरलाइन

Ev’ry night when the winter line is forming

I can hear lonely Allen boys a-calling

Down the pine trees I wanna go exploring

When we sing that Wynberg Allen lullaby.

(1930)

मैं इन लाइनों को काफी लंबे समय से जानती हूँ, लेकिन बचपन से साल के इस समय केवल यही धुन मेरे कानों में गूंजती है- और यह आवाज मेरे कानों में तब गूंजती जब सर्दियां अपनी दस्तक देती हैं। मैं अपने पिता को भी बिना शब्दों के यह धुन गुनगुनाते हुए सुनती हूं और यह धुन विनवर्ग एलेन स्कूल की लड़कियां बोनफायर के पास बैठी होती तब गुनगुनाती हैं।

आज की बात करे तो , जिस भी तरफ मैं जाती हूं, कोई ना कोई ढलते हुए सूरज के सामने होता है- हाथ में एक र्स्माट फोन और और उस पल को अपने कैमरे में कैद करने के लिए एकदम तैयार, सर्दी की खूबसुरती के साथ सेल्फी। जैसे ही सर्दियां दस्तक देती है, एक दहकता हुए आसमान वातावरण के कई चेहरे दिखाता है कभी नारंगी,गुलाबी,लैवेंडर के फूलों का रंग,हल्का बैंगनी तो कभी गहरा लाल रंग। 

मसूरी के नीचे पश्चिम की ओर देहरादून की फैली हुई वादियों की छटा दिखने लगती है जिसकी परछाई की हर तरफ फैली हुई है- विंटरलाईन और उसके ऊपर गिर्डल आफ वीनस है। कहते हैं कि रोमन की देवी विनस एक जादुई कढाई किया हुआ बेल्ट पहनती हैं जो उसके पति स्मीथ-गाड वोल्कन जो देखने में बहुत ज्यादा अच्छे नहीं थे उन्होंनें बहुत प्यार से उनके लिये बनवाई थी।

प्रसिद्ध लेखक गनेश शैली बताते हैं कि- “हमसे हमेशा यह पूछा जाता है कि तुम मसूरी वाले विंटरलाइन के बारे में हमेशा कैसे बोल सकते हो, और मैं हमेशा यही कहता हूं कि काश आज भी वैसी विंटर लाईन होती लेकिन अब नही है वो बात। उस खास चीज के होने के लिए कुछ विशेष माहौल का होना ज़रूरी है। मसूरी प्लेन की वैली से 5000 फीट ऊपर रहते हैं और नीचे गहरी वैली है और वो भी दैहरादून से 30 किलोमीटर की दूरी पर, और वहां का तापमान जो जल्दी जल्दी बदलता रहता है वह हवा में और सुंदर दृश्य बनाता है जिससे कोई नहीं बच सकता, डस्ट, नमीं, धूम कोहरा, और धूआँ सब एक साथ एक लाईन में आकाश मे नजर आते है और साथ में ढ़लता हुआ सूरज इसके पीछे की आकाशीय कतार में।”

मसूरी के अलावा यह दृश्य देखने को मिलता है दक्षिणी हेमिस्फेयर- केप टाउन मे, जहां टेबल टाप पहाड़ एक शेर की तरह दुबक कर बैठा होता है, और क्लीफ्टोन के किनारों और कैंप बे से 3500 फीट उंचाई पर यह द़श्य दिखता है। यहां वह सागर के जल के ऊपर नजर आता है। 

अगली बार जब भी आप कुछ एकदम असली और खूबसूरत और आकाश की सीमा देखना चाहते हैं तो मसूरी की तरफ आईए। लेकिन इस बात का धयान रखे कि गोधूलि बेला से पहले लगभग दिसंबर २२ के आसपास दो यहां सबसे छोटा दिन होता है। यह उतना ही ऊंचा होता है जितना विटर लाईन। जैसे जैसे सूरज आकाश में भंचा उठता है वैसै ही यह लाईन कम होने लगती है। लेकिन निराश न हो। यह फिर एक बार वापस आएगा जैसे आप आऐंगे सालों साल इस स्वागिक और अद्भभुत कुदरत की देन को देखने। 

देहरादून के होटल में भाई बहन के शव मिलने से सनसनी

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बुधवार की  देर शाम  देहरादून स्थित अजंता होटल के एक कमरे में डबल मर्डर का मामला सामने आया। पुलिस विभाग में उस वक्त हड़कम्प मच गया जब उन्हें इसकी खबर मिली। सूचना मिलते ही मौके पर पंहुची पुलिस बल ने मृतक भाई बहन के शवों को कब्जे मे लिया और जांच पड़ताल में जुट गई। इस दोहरे हत्या कांड को लेकर बताया जा रहा है कि पहले भाई ने अपनी मासूम बहन की गला घोंट कर हत्या की और फिर धारदार हथियार से अपनी गर्दन काट ली।पुलिस ने मृतको के परिजनो को सूचना दी है।
कुछ दिन पहले ही यूपी फतेहपुर निवासी 22 वर्षीय अलोक अपनी छोटी बहन अनामिका के साथ देहरादून में घूमने आया था। मिली जानकारी के अनुसार अलोक के पिता एक एनजीओ में नौकरी करते है और अलोक की माँ की मौत कुछ माह पहले हुई थी। तभी से अलोक कुछ डिप्रेशन में रहने लगा था। इन सबके बीच कुछ दिन पहले आलोक ने अपने पिता से कहा कि उसके आफिस से एक टूर जा रहा जिसमें वो जाना चाहता है, आलोक के डिप्रेशन को ध्यान में रखते हुए पिता ने हामी भर दी और आलोक अपनी 10 वर्षीय बहन अनामिका के साथ 29 नवम्बर को देहरादून आ गया था।

सूत्रों के अनुसार देहरादून में अलग अलग स्थानों पर रहने के बाद अलोक आज थाना डालनवाला क्षेत्र में स्तिथ अजंता होटल के रूम न.305 में अपनी बहन के साथ आए।आलोक ने डिप्रेशन के चलते शाम के समय पहले अपनी बहन की दम घोट कर हत्या की और फिर अपना गला काट कर आत्म हत्या कर ली। बताया गया है कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद नहीं था और शाम को एक वेटर ने जब अचानक कमरे का दरवाजा खोला तो उसके पैरों तले की जमीन खिसकती नजर आई। उसने एक साथ दो लाशो को कमरे देखकर तुरंत सूचना अपने अधिकारी को दी जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही एस एस पी स्वीटी अग्रवाल,एस पी सिटी अजय सिंह,सी ओ डालनवाला सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पंहुच गई। 
देहरादून एसएसपी स्वीटी अग्रवाल का कहना है की पुलिस ने मौजुद दोनों शवों को कब्जे में लिया है और आगे की जाँच की जा रही है। उन्होंने कहा कि डिप्रेशन के चलते पहले भाई ने अपनी बहन की हत्या की और फिर आत्म हत्या की, बहरहाल घटना की पूरी जाँच की जा रही है।

विपरीत भौगोलिक हालातों से निपटने के लिये मैनपावर को ट्रेन करना जरूरी: रावत

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मुख्यमंत्री ने  एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि इज आॅफ र्डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में हम पहले से नौ नम्बर के बीच आए। उन्होंने कहा कि हमारी पाॅलिसी में स्थायित्व जैसा दिखाई देता है, वह इन्वेस्टर को भी एक विश्वास दिलाने के साथ-साथ राज्य के विकास में हमारे कांफिडेंस लेवल को उपर उठाने का काम करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी भौगौलिक परिस्थितियां अनुकूल नही है, अगर हमें भौगौलिक परिस्थियों को पराजित करना है, तो इसके लिए बहुत जरूरी है कि हम अपने मैन पाॅवर को उबारे व अपने मैन पावर में वो गुणवत्ता व खासियत लाए, ताकि जो लोकेशनल डिस्एडवान्टेज है, उसके उपर विजय पा सकें। राज्य के पास मैनुफैक्चर वस्तुओं के लिए मार्केट व रा मेटिरियल नही है, हम इन कमियों को तभी दूर कर सकते है, जब हम अपने मैन पावर को तराशे और उसके जरिए अपने प्रोडक्ट को क्वालिटी प्रोडक्ट के रूप में बदलें, ताकि हमको हमारी मेहनत के अनुरूप लाभ मिल सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि रा मेटिरियल के आधार पर हम अपने उद्योग स्थापित करें। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने स्थानीय उत्पादो का उपयोग करें, तो हमें उसका अधिक लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उद्योग निदेशालय में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की विभिन्न योजनाओ का शुभारम्भ किया। उन्होंने इस अवसर पर रिंगाल व काॅपर प्रोडक्सट् की कैटालाॅग, ईज आॅफ र्डूइंग बिजनेस की पुस्तिका एवं यू.एच.एच.डी.सी. वैबसाईट भी लांच की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने उत्तराखण्ड की पहली सात महिला उद्यमियों को पुरस्कृत कर प्रमाण पत्र भी प्रदान किए। उन्होंने ईज आॅफ डूईंग बिजनेस और सिंगल विंडो टीम को भी सम्मानित किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, निदेशक उद्योग आर.राजेश कुमार, उद्योग संघ के प्रतिनिधि अरूण नैथानी, अपर निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल, अध्यक्ष, इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आॅफ उत्तराखण्ड पंकज गुप्ता, प्रांतीय अध्यक्ष उद्योग विभाग राज्य कर्मचारी संगठन माधो सिंह, उप निदेशक उद्योग अनुपम द्विवेदी आदि उपस्थित थे। 

भारत में रह कर नेपाल की मोबाइल सेवा इस्तेमाल करने को मजबूर हैं लोग

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संचार सेवाओं की बेहतरी के लिये जंतर मंतर पर घरने पर बैठै धामी

आज के डिजिटल युग में सुनने में अजीब लगता है कि देश के लोग किसी और देश की संचार सेवाओं का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं। धारचूला में संचार व्यवस्थाओं के नाकाफ़ी होने का हवाला देते हुए इलके के परव विधायक और प्रदेश के दबंग कांग्रेसी नेता हरीश धामी ने केंद्र सरकरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। धामी दिल्ली के जंतर मंतर पर इस मुद्दे पर अनशन पर बैठे इलाके आंदोलनकारियों के बीच पहुंचे और केंद्र सरकरा से इस मसले पर जल्द कार्यवाही करने की मांग करी। धामी ने बताया कि भारत-नेपाल और भारत- तिब्बत सीमा से उत्तराखंड का धारचूला का इलाका सटा हुआ है। वहां के इलाकों में किसाी भी टेलिकाॅम आॅपरेटर का नेटवर्क सही नही है औऱ भारतीय मोबाईल कंपनियों की सेवाऐं न के बराबर हैं। इसके चलते इलाके के अधिकतर लोग सीमा पार नेपाल के टेलिकाॅम आॅपरेटरों के सिमों का इस्तेमाल करते हैं। ये न सिर्फ लोगों की जेबों पर महंगा पड़ता है क्योंकि लोगों को नेपाल के आॅपरेटरों की सेवाऐं लेने के लिये इंटरनेशनल रोमिंग दरों का भुगतान करना पड़ता है वहीं इसके चलते ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा भी बन सकता है।

संचार व्यवसथाओं के दुरुस्त न होने के कारण न सिर्फ मोबाइल सेवाओं पर असर पड़ता है बल्कि अन्य रोज़ाना के काम जैसे गैस बुकिंग, एटीएम सेवाऐं और अन्य बैंकिंग सेवाओं में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। धामी ने कहा कि जहां एक तरफ केंद्र सरकार और खासतौर पर प्रधानमंत्री मोदी देश को कैशलेस इकाॅनमी बनाने पर ज़ोर दे रहे हैं जिसे हासिल करने के लिये मोबाइल बैंकिंग पर ज़ोर दिया जा रहा है वहीं देश के दूर दराज़ के इलाकों में संचार सेवाओं की ये तस्वीर हकीकत से रूबरू कराती हैं। उनके मुताबिक राज्य और केंद्रीय स्तर पर हर जगह ये मसला उठाया गया है लेकिन कहीं से कोई समाधान नहीं निकला। जिसके वजह से इलाके के लोगों को दिल्ली में अनशन करने पर मजबूर होना पड़ा है।

देहरादून से पिथौरोगड़ और पंतनगर जुड़े हवाई मार्ग से

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हवाई सेवा की शुरुआत करते मुख्यमंत्री

बुधवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट से देहरादून-पिथौरागढ़, देहरादून-पंतनगर घरेलू हवाई सेवा का विधिवत शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हए कहा कि घरेलू हवाई सेवाएं प्रारम्भ करने से राज्य में 750 से 800 करोड़ रूपए खर्च करके तैयार किए गए हेलीपेड, हवाई पट्टियों आदि हवाई सेवा संबंधी इंफ्रास्ट्रक्चर का बेहतर उपयोग हो सकेगा और दूरदराज के क्षेत्रों को एयर कनेक्टीवीटी से जोड़ा जा सकेगा। इससे राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गतिशील राज्य के रूप में पहचान बनाने के लिए एयर कनेक्टीवीटी व रोड कनेक्टीवीटी आवश्यक है। रोड कनेक्टीवीटी में काफी काम किया गया है। एयर कनेक्टीवीटी के लिए घरेलू हवाई सेवाएं प्रारम्भ की गई हैं। ये सेवाएं राज्य के दूरदराज क्षेत्रों को आपस में जोडेंगी। आगे इन सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि अभी इन सेवाओं को इसलिए प्रारम्भ किया गया है ताकि आने वाले पर्यटन सीजन में इसका लाभ मिल सके। प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों को हवाई सेवा के माध्यम से जोड़ना सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। हम चौखुटिया में भूमि देने को तैयार हैं। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी का भी विस्तार किया जा सकता है।

सचिव, नागरिक उउ्डयन डा.आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि देहरादून से पिथौरागढ के लिए 8 यात्रियों को लेकर पहली उड़ान भरी गई है। या६ियों को इसके लिये 4000 रुपये देने होंगे। योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में 4 एयरपोर्ट हैं। इनमें से दो एयरपोर्ट जौलीग्रान्ट व पंतनगर कार्यरत हैं जबकि दो अन्य पिथौरागढ़ व चिन्यालीसौड़ हैं। योजना का उद्देश्य इन्हें फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट के माध्यम से आपस में जोड़ना है। गढ़वाल व कुमायूं के कम से कम 5-5 स्थानों को हेलीसेवाओं से जोड़ना है। एक विस्तारित कलेन्डर बनाकर जल्द ही नियमित उड़ानें प्रारम्भ की जाएंगी।  

राज्य में हवाई सेवाओं को लेकर जमीन का माहौल काफी गर्म रहता है। हवाई सेवाओं के लिये दिये जा रहा ठेकों को लेकर पहले ही हाई कोर्ट में केस चल रहा है। हांलाकि राज्य के दूर दराज़ के इलाकों को राजधानी से जोड़ने के लिये हवाई मार्ग से इन्हें जोड़ना काफी फायदेमंद है। सरकार का उद्देशय है कि इससे न केवल आम लोगों को सुविधा हैगी बल्कि उन सरकारी अधिकारियों को भी राहत मिलेगी जिन्हें लगातार काम के सिलसिले में घंटों सड़क सफर तय कर देहरादून पहुंचना होता है।

देहरादून-हरिद्वार-ऋषिकेश में दौड़ेगी मेट्रो? डीएमआरसी करेगा स्टडी

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दिल्ली, मुंबई, जयपुर, बंगलौर और लखनऊ की तर्ज़ पर उत्तराखंड में भी मेट्रो रेल चलाने की तैयारी है। इसका संभावनाएँ तलाशने के लिये मंगलवार को बीजापुर हाउस सभागार मे हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून मेट्रो रेल योजना की डी.पी.आर. तैयार करने के लिए एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किये गये। इस एम.ओ.यू. पर उत्तरखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (उडा) के मुख्य प्रशासक आर.मीनाक्षी सुन्दरम तथा दिल्ली मेट्रो रेल काॅरपोरेशन के निदेशक(मैनेजमेंट) सोमदत्त शर्मा द्वारा हस्ताक्षर किये गये। डी.पी.आर. के लिये उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण द्वारा दिल्ली रेल मेट्रो काॅरपोरेशन (डी.एम.आर.सी.) को प्रारम्भिक तौर पर 2.10 करोड़ की फीस दी जायेगी। डी.एम.आर.सी. द्वारा एक माह में प्रारम्भिक रिपोर्ट (Inception Report) के बाद 5 माह में पूरी डी.पी.आर. उपलब्ध करायी जाए।

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इस अवसर पर मौजूद मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून के मध्य मेट्रो रेल परिचालन से शहरी आबादी को यातायात के सुलभ संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून में वर्ष भर पर्यटक आते रहते है। इस योजना से यहां आने वाले पर्यटकों व स्थानीय लागों को काफी फायदा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून से विकासनगर-कालसी तथा जसपुर-काशीपुर-रूद्रपुर-किच्छा-हल्द्वानी-काठगोदाम के मध्य भी मेट्रो रेल योजना के लिये कदम बढ़ाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि डी.एम.आर.सी. द्वारा डी.पी.आर. उपलब्ध कराने के बाद इसके लिये फण्ड जुटाने के लिए रास्ते निकाले जायेंगे।
इस अवसर पर सचिव डी.एस.गब्र्याल, उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण के संयुक्त मुख्य प्रशासक बंशीधर तिवारी, सचिव एम.डी.डी.ए. के निदेशक(वक्र्स) जितेन्द्र त्यागी, डीजीएम राजशेखर मौजूद थे।
ग़ौरतलब है कि मेट्रो रेल परियोजना काफ़ी महत्वाकांक्षी परियोजना है। जिन शहरों में इसे लागू किया गया है वहीं इससे यातायात नियंत्रण में काफ़ी मदद मिली है। लेकिन यहाँ बड़ा सवाल ये है कि पहले से ही आर्थिक क़र्ज़ का बोझ ढो रहा राज्य ऐसी बड़ी परियोजना के लिये पैसों का इंतज़ाम कैसे करेगा। ऐसे में कहीं ये घोषणा और डीपीआर चुनावी मौसम का एक और पब्लिसिटी स्टंट न बनकर रह जाये।

ऊर्जा क्षेत्र में रिसर्च के लिये हुए समझौते

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मंगलवार को यूजेवीएन लि0 एवं उत्तराखण्ड शुगर्स के बीच सह-विद्युत परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु परियोजना विकास अनुबन्ध जबकि यूजेवीएन लि0 व वैकल्पिक जल ऊर्जा केन्द्र, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की के मध्य सतही टरबाइन के शोध एवं विकास के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। इस अवसर पर यूजेवीएनएल द्वारा 10 करोड़ 14 लाख 37 हजार 112 रूपए जबकि पिटकुल द्वारा 5 करोड 1 लाख 74 हजार 460 रूपए़ के लाभांश का चैक मुख्यमंत्री को भेंट किया गया।
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र के तीनों निगमों के अधिकारियों एव कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि वर्तमान में ऊर्जा क्षेत्र के दो निगम यूजेवीएनएल एवं पिटकुल लाभ कमाने वाली यूटिलिटी बन गये है। लक्ष्य अब उरेडा की सरंचना में भी इस प्रकार के परिवर्तन लाने का है कि यह व्यवसायिक आधार पर संचालित हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रांसमिशन लॉस को राज्य में काफी सीमा तक नियंत्रित व कम किया गया है। राज्य में घरेलू एवं कमर्शियल को सबसे सस्ती दरों पर बिजली प्रदान की जा रही है। ऊर्जा क्षेत्र में रावत ने तीन उपलब्धियां गिनाई जिसमें

  • सबसे सस्ती बिजली,
  • पूरी बिजली एवं
  • अबाधित बिजली व गुणवतापूर्ण बिजली आपूर्ति है।

इस अवसर पर विधायक विजयपाल सजवाण, प्रमुख सचिव ऊर्जा डा0 उमाकान्त पंवार, सचिव गन्ना विनोद शर्मा, प्रबन्ध निदेशक यूजेवीएन लि0 एस एन शर्मा तथा निगम के अधिकारी व कर्मचारी गण उपस्थित थे।

जंगलों की आग पर क़ाबू नहीं हुआ तो स्सपेंड होंगे अधिकारी

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जंगलों में आग पर हाई कोर्ट सख़्त

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने वनाग्नि पर कठोर रुख अख्तियार करते हुए कहा कि अगर जंगल में लगी आग 24 घंटों में नहीं बुझती है तो क्षेत्रीय डी.एफ.ओ.को निलंबित समझा जाए, अगर आग 48 घंटे में नहीं बुझती है तो कन्ज़रवेटर को निलंबित और अगर 72 घण्टे में भी नहीं बुझती है तो प्रधान मुख्य वन्य संरक्षक को निलंबित समझकर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। ग़ौरतलब गैस कि राज्य में जंगलों मे हर साल आग लगती है जिससे करोड़ों की वन संपत्ति का नुक़सान होता है। राज्य में जंगलों में आग प्राकृतिक और जानबूझकर भी लगाई जाती है। लेकिन सरकारी और विभाग की लचरता के कारण ये की बार बेक़ाबू हो जाती है। पिछले साल ही लगी आग को काबू करने कोल लिये प्रशासन को खासी मेहनत करना पड़ी थी। ऐसे में कोर्ट का ये आदेश सरकार और ख़ासतौर पर वन विभाग के अधिकारियों के लिये परेशानी का सबब बन सकता है।

वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने केंद्र सरकार से कॉर्बेट व् दूसरे राष्ट्रिय पार्क समेत सेंचुरी के 10 किलोमीटर के दायरे को ईको सेंसटिव ज़ोन घोषित करने को कहा है।

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हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य में बाघ और तेंदुओं को वन विभाग द्वारा आदमखोर घोषित करने और मारने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने मृत बाघों की फ़ोटो और वीडियो बनाने पर भी रोक लगा दी है।

न्यायालय ने राजाजी और कॉर्बेट नैश्नल पार्क में ट्रेन से कटकर और बिजली के खम्बों में करेंट लगने से हो रही हाथियों की मौत पर कहा कि रेलवे विभाग पार्क के अंदर ट्रेन की स्पीड 30 किलोमीटर प्रति घंटा करे और खम्बों के चारों तरफ सुरक्षा गड्ढे खुदवाए तांकि हाथियों की असमय मौत नहीं हो ।

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने केन्द्र व राज्य को दिये ये अहम निर्देश
· 6 माह में केंद्र बनाये राष्ट्रीय वन पॉलिस, पॉलिसी में संयुक्त राष्ट्र की गाइडलाइन्स का हो पालन
· शिकारियों को उम्रकैद तक की सजा का हो प्रावधान, संशोधित हो नियमावली
· मई, जून, जुलाई में एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की हो तैनाती
· राजाजी नेशनल पार्क के वन्य जीवों के मामले में रेलवे को निर्देश
· खतरा बने वन्य जीव के बारे में हाईपॉवर कमेटी लेगी फैसला
· प्रमुख सचिव वन की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी
· राज्य सरकार एफआरआई हेड की अध्यक्षता में बनाये कमेटी
· अगले वित्तीय वर्ष में आग से बचाव के लिए पर्याप्त बजट जारी हो
· आग लगने की सूचना के लिये प्री वार्निंग सिस्टम विकसित करे राज्य सरकार

अन्त में न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा कि एक नीति बनाकर कृषकों के खेतों में आग से नुक्सान की भरपाई के लिए मुआवजे और हर्जाना छह माह में दें।

चुनाव ड्यूटी पर तैनात होने वाले अफ़सरों के नहीं होंगे तबादले

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चुनाव की तारीखों का ऐलान

राज्य में चल रही आगामी चुनावों की तैयारियों के चलते राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिकारियों के तबादलों पर बिना आयोग की जानकारी के करने पर रोक लगा दी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती राधा रतूड़ी ने मुख्य सचिव, सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिवों से कहा है कि वे अपने अधीनस्थ विभागों के समस्त विभागाध्यक्षों/प्रमुख कार्यालयाध्यक्षों को तुरंत निर्देशित करें कि वह ऐसे किसी भी अधिकारी आदि का आयोग की पूर्वानुमति के बिना तबादला न करें, जिन्हें विधान सभा के आगामी सामान्य निर्वाचन-2017 के लिए रिटर्निंग/सहायक रिटर्निंग ऑफिसर अथवा नोडल या सहायक नोडल ऑफिसर आदि के रूप में नियुक्त किया गया है।
राधा रतूड़ी ने बताया कि विधान सभा चुनावों के लिये विभिन्न विभागों आदि के अधिकारियों को रिटर्निंग ऑफिसर/सहायक रिटर्निंग ऑफिसर अथवा निर्वाचन संबंधी अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए नोडल/सहायक नोडल ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया गया है। आयोग के दिशा-निर्देशो के अनुसार इस प्रकार नियुक्त सभी अधिकारियों को आयोग एवं अन्य स्तरों पर प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि फ़िलहाल 24 दिसम्बर, 2016 तक प्रशिक्षण कार्यक्रम गतिमान है, ऐसी स्थिति में विभागों द्वारा अचानक किये जा रहे तबादलों से निर्वाचन के कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
इस संबंध में रतूड़ी ने कहा कि यदि किसी अधिकारी के तबादले का आदेश दिया जा चुका हो, तो ऐसे अधिकारी को कार्यमुक्त करने से पूर्व भी आयोग की अनुमति प्राप्त की जानी आवश्यक होगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि आयोग के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से लागू करना होगा।