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आपदा प्रबंधन के लिये लोकल लोगों को प्रशिक्षित करने की ज़रूरत: रावत

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न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में आयोजित आपदा प्रबंधन की राज्य स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आपदा प्रबंधन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को शामिल करने पर बल देते हुए कहा है कि इससे हम आपदा प्रबंधन का एक अच्छा परिमार्जित माॅडल बना सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आपदा से गांवों को बचाना है तो हरियाली को बढ़ाने, बरसात के पानी को संरक्षित करने व परम्परागत खेती को अपनाना होगा। पिछले वर्षों में हमारी आपदा प्रबंधन की क्षमता में बहुत सुधार हुआ है। भारत सरकार के पास एनडीआरएफ है तो हमारे पास एसडीआरएफ है। आपदा प्रबंधन के लिए एक वालंटियर कोर भी स्थापित किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमारे रेस्पोंस में कुशलता आई है। इसी का परिणाम है कि राज्य में पर्यटकों की संख्या वर्ष 2012 के बराबर हो गई है। बिना नेशनल हाईवे को बंद किए कांवड़ यात्रा को सफलतापूर्वक संचालित किया गया है। अर्धकुम्भ के आयोजन व चार धाम यात्रा में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। चारधाम यात्रा में इस बार 15 लाख से अधिक श्रद्धालु आए हैं।

आपदाओं की सूचना समय पर आपदा नियंत्रण कक्ष एवं स्थानीय पुलिस फायर व एंबुलेस सेवा को दिये जाने में ग्राम स्तर पर नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिये पहली बार राज्य स्तरीय कार्यशाला में ग्राम प्रधानों को शामिल किया गया है। राज्य सरकार द्वारा ग्राम स्तर पर जागरूकता के लिये कई क़दम उठाये जा रहे हैं:

  • इनमें न्याय पंचायत स्तर पर 10 दिवसीय खोज एवं बचाव प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें अबतक 486 न्याय पंचायतों में 12150 स्वयं सेवकों को प्रशिक्षित किया गया है।
  • प्रशिक्षण प्राप्त स्वयंसेवकों को विवरण वैबसाईट पर रखा गया है जिससे समय आने पर उनका उपयोग भी आपदा प्रबन्धन कार्यों में किया जा सके।
  • भूकम्प सुरक्षित निर्माण को बढ़ावा दिये जाने के लिये अभियन्ताओं तथा राज मिस्त्रियों को प्रशिक्षण आपदा प्रबन्धन विभाग की ओर से दिया जा रहा है। इन कार्यक्रमों के अन्तर्गत 1460 राजमिस्त्री तथा 50 प्रदर्शन ईकाइयों का भी निर्माण किया गया है। जीर्ण क्षीर्ण भवनों को भूकम्प सुरक्षित बनाये जाने के लिये रेट्रों फिटिंग का कार्य भी किया जा रहा हैं एवं
  • प्रदेश के 07 स्कूलों को इस विधि से भूकम्प सुरक्षित बनाया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य आपदा प्रबन्धन के लिये लगभग 15 करोड़ के उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं एवं अन्य उपकरणों के लिये कार्यवाही की जा रही है। आपदा प्रबन्धन बल की 02 और कम्पनियाॅं स्थापित करने हेतु भी प्रयास किया जा रहा है। राज्य आपदा प्रबन्धन कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है एवं विभिन्न विभागों से भी विभागवार आपदा प्रबन्धन योजनाऐं तैयार किये जाने का अनुरोध किया गया है, जिससे आपदा घटित होेंने पर सुनियोजित एवं समेकित प्रतिक्रिया हो सके। राज्य में राज्य स्तर पर तथा सभी जिलों में आपातकालीन परिचालन केन्द्र सभी दिवसों एवं 24 घंटे प्रतिदिन संचालित किये जा रह हैं। इसके साथ ही मौसम सम्बन्धी जानकारियों एवं आपदा से सम्बन्धित जानकारियों को बल्क एस0एम0एस0 के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य स्तर पर टाॅलफ्री नम्बर 1070 एवं जनपद स्तर पर 1077 उपलब्ध है।

 

डब्लू आई आई को मिले डीम्ड यूनिवर्सिटी का स्टेटस

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वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (डब्लू आई आई) देहरादून में रविवार को दो नई बिल्डिंगों की आधारशिला रखी गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अनिल माधव दवे, राज्य मंत्री, पर्यावरण वन एंव जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार व विशिष्ट अतिथि डा.एस.एस नेगी,वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव भी मौजुद थे। इस समारोह में महिला छात्रावास और अतिथि गृह की नींव रखी गई।इस कार्यक्रम में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के डायरेक्टर डा.वी.बी माथुर ने बताया कि उन्होंने पर्यावरण मंत्रालय से पिछले साल कैंपस में दो नई बिल्डिंगों को आवश्यकता बताई थी और मार्च में उनकी यह डिमांड पूरी हो गई और आज उसकी आधारशिला भी रख दी गई है। उन्होंने बताया कि इस निर्माण कार्य के लिए मंत्रालय से संस्थान को पांच करोड़ राशि प्रदान की गई है। डब्लू आई आई अपने कैंपस को डिजीटल बनाने के लिए कार्यरत है और आने वाले समय में उम्मीद हैं कि पूरा कैंपस डिजीटाइज्ड होगा,इतना ही नहीं एनर्जी कन्जरवेशन के लिए भी इंस्टीट्यूट ने विशेष प्रबन्ध किये है जिसके बलबूते पर पूरा कैंपस सोलर होने के कगार पर है।

डा.एस.एस नेगी,डायरेक्टर जनरल आफ फारेस्ट ने कहा कि यह इंस्टीट्यूट भारत का एक यूनिक इंस्टीट्यूट है क्योंकि इसमें केवल भारत नहीं बल्कि यूरोप और दूसरे देशों के बच्चे आकर शोध करते हैं और इसकी कनेक्टिवीटी भारत से बाहर के देशों में भी है। उन्होंने कहा कि हाल में जो मैन एनिमल कन्फिल्क्ट,इंसानों की बस्ती में हाथी,नीलगाय और बंदरों के आने की समस्या बढ़ी है उसको रोकने में यह इंस्टीट्यूट एक महत्तवपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि अभी यह इंस्टीट्यूट सौराष्ट्र यूनिर्वसिटी गुजरात व एफ.आर.आई के अंर्तगत आता है और आगे आने वाले समय में भारतीय वनजीवन संस्थान को अपने लिए खुद काम करना चाहिए। उन्होंने वहा मौजूद पर्यावरण मंत्री से अपील की भारतीय वनजीवन संस्थान को डीम्ड यूनिर्वसिटी घोषित करना एक उचित फैसला होगा क्योंकि इससे उसके काम का दायरा तो बढ़ेगा ही साथ ही वो खुद अपनी डिग्री पर ठीक तरीके से काम कर पाऐंगे।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फारेस्ट डिर्पाटमेंट को प्रोटेक्टेड एरिया के बाहर आने वाले वाईल्डलाईफ विषयों पर भी काम करना चाहिए।

मसूरी में विंटर कार्निवल की मचेगी धूम, स्थानिय कलाकारों को मिलेगी तरजीह

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मसूरी

मसूरी में पांच दिन का विंटर कारनिवल 25दिसंबर से 30 दिसंबर तक मनाया जाएगा। पिछले कुछ दिनों के नोटबंदी और चुनावी माहौल की जद्दोजहद से निकलने का ये मसूरी वासियों के लिये बेहतरीन मौक़ा होगा। इस कार्निवल के अध्यक्ष हमेशा से देहरादून के जिलाधिकारी रहे हैं मगर इस बार कार्निवल के समय आचार संहिता लागू हो सकती है जिसकी वजह से वह इसका संरक्षण नहीं कर पाएंगे इसलिए मसूरी के भूतपूर्व बीएसएफ डी.आई.जी मनोरंजन त्रिपाठी कार्यवाहक अधिकारी के रूप में इस कार्यक्रम का पदभार संभालेंगे, त्रिपाठी ने कहा “य़ह मेरे लिए एक गर्व की बात है की मैं किसी भी ऐसी चीज से जुड रहा हूँ जो मेरे होमटाउन के लिए अच्छा है। मैं आने वाले सभी कार्यों में भाग लेने के लिए बिल्कुल तत्पर हूँ।”

पाँच दिन के कार्यक्रम से पहले उसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए एक मीटिंग की गई जिसमें यह तय हुआ कि कार्निवल में स्थानीय कलाकारों पर फोकस होगा हालांकि पिछले कुछ सालों में मोहित चौहान और लकी अली जैसे बड़े कलाकारों ने इस उत्सव में प्रदर्शन किया था। मसूरी के होटल व्यवसायी संदीप साहनी जो बहुत सारे व्यव्सथापकों में से एक है वो बताते हैं कि “हमने यह निर्णय लिया कि इसमें आने वाली सभी रुकावटों पर काम किया जाए ताकि, चली आ रही परंपरा टूटे ना और आखिरकार ऐसा ही हुआ उत्सव की तैयारियों अब अंतिम चरण में है।”

पिछले साल इस कार्यक्रम में माल रोड पर गढ़वाली फूड स्टाल स्थानीय लोग व पर्यटकों के बीच एक हिट साबित हुआ था जिसमें आलू जखिया, मंडवा रोटी,पकौड़ीयों से लेकर झंगोरा खीर एक बार फिर लोगों के बीच आ सकती है। जबकि अधिकारियों और स्थानीय लोग इस काम में जुटे हैं कि तैयारी में कोई कमी ना रह जाए। होटल मालिक एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल बताते हैं कि “शहर को आने वाले उत्सव के लिए ऐसे तैयार किया जा रहा जैसे एक भी कोना बिना सजाए ना छूटे, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग आएं, और होटलों में हमेशा की तरह 50 प्रतिशत के बजाए 60 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।”

नवंबर से देशभर मे लागू हुई नोटबंदी का उत्तराखंड के पर्यटन और ख़ासतौर पर होटल व्यवसाय पर खासा असर पड़ा है। ऐसे में मसूरी वासियों को उम्मीद है कि विंटर कार्निवल में लोग आयेंगे और सीज़न में हो रहे नुक़सान तीस कुछ भरपाई हो सकेगी।

 

नये सेना प्रमुख की नियुक्ति पर विवाद, विपक्ष ने उठाये सवाल

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सेना प्रमुख
लेफ्टिनेंट जेनरल बिपिन रावत होंगे नये सेना प्रमुख

लेफ़्टिनेंट जेनरल रावत की नियुक्ति का मामला अब राजनीतिक रंग लेता दिख रहा है। कांग्रेस और वाम दलों ने इस मामले पर सरकार से सफ़ाई माँगी है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी का कहना है कि “हम जेनरल रावत की क़ाबिलियत पर सवाल नहीं उठा रहे हैं लेकिन सरकार को जवाब देना चाहिये कि क्यों अन्य सीनियर अधिकारियों को छोड़कर जनरल रावत की नियुक्ति की गई है”

सीपीआई ने कहा है कि “ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी नियुक्तियाँ इस तरह की जा रही हैं कि वो सवालों के घेरे में आयें, सेना पूरे देश की है और इसलिये सरकार को सारे देश को इस फ़ैसले में साथ लेना चाहिये”

वहीं बीजेपी ने इस मामले पर विपक्ष को आड़े हाथों लिया है। पार्टी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा है कि “सेना के मामलों में ऐसे सवाल खड़ा करना सही नहीं है और इससे सेना के मनोबल को ठेस पहुँचेगी।”

लेफ्टिनेंट जनरल रावत की नियुक्ति सबसे वरिष्ठ सैन्य कमान्डर लेफ़्टिनेंट जनरल प्रवीण बख़्शी जो कि पूर्वी कमान के प्रमुख हैं और दक्षिणी कमान के प्रमुख पीएम हरीज को अनदेखा कर कोल की गई है।

सूत्रों का कहना है कि लेफ़्टिनेंट जनरल रावत को चुनने की वजह उनका अनुभव और जम्मू-कश्मीर आतंकवाद विरोधी आपरेशन ,लाईन आफ कंट्रोल के साथ ही भारत-चीन सीमा जैसे दो सेंसिटिव फ्रंट में उनका अनुभव है।

लेफ़्टिनेंट जनरल रावत ने दीमापुर बेस्ड III बल का संरक्षण किया और म्यांमार में उस आपरेशन का नेतृत्व किया था,जिसमें भारतीय सेना के विशेष बलों ने आतंकवादी शिविरों को नष्ट किया और उनके कैंप पर छापा भी मारा था जिसके।
लेफ़्टिनेंट जनरल रावत एक इंफेट्री आफिसर है और दिसंबर 1978 में ग्यारवे गोरखा राइफल्स के अधिकृत पांचवे बटालियन में थे। उन्हें इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून के बहुत ही आकांक्षित स्वोर्ड आफ आनर से भी सम्मानित किया गया था,जो कि उनके आल राउंड परफारमेंस के लिए था।

हल्द्वानी को मिला इंटरनेशनल स्टेडियम और प्राणी उद्यान

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स्टेडियम का माहौल

वैदिक मंत्रों के बीच रविवार को ग्रेटर हल्द्वानी गौलापार में लगभग 200 करोडों की लागत से बने इन्दिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय स्र्पोटर्स काम्पलैक्स क्रिकेट स्टेडियम का लोकार्पण किया गया। स्टेडियम परिसर में आयोजित कार्यक्रम मे उपस्थित जनसमुदाय, खेल प्रेमियों को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कुमाऊ के प्रवेश द्वार में नवनिर्मित अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और बनने वाला प्राणी उद्यान प्रदेश वासियों के लिये नववर्ष की सौगात है। उन्होने कहा कि 2018 मे प्रदेश में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होगा ऐसे में सरकार द्वारा खेल सुविधायें मजबूत की जा रही है। इसी कडी में पौडी, देहरादून और हल्द्वानी के भव्य स्टेडियम राष्ट्रीय खेलो के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंनें कहा कि 2018 में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी के लिए उत्तराखण्ड तैयार है। खेल गांव स्थापित करने का कार्य तेजी से चल रहा है। रावत ने गौला नदी के सौन्दर्यीकरण के लिए रीवर डवलपमैन्ट फण्ड की घोषणा की और सिंचाई मंत्री यशपाल आर्य से कहा कि वह इसका तत्काल प्रस्ताव बनाकर अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करें।

प्राणी विहार का शिलान्यास
प्राणी विहार का शिलान्यास

प्रदेश में पर्यटन विकास एवं मनोरंजन के दृष्टिकोण से हल्द्वानी में अन्तर्राष्ट्रीय प्राणी उद्यान का शिलान्यास किया गया है, जो आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा। प्रदेश में कार्बेट, व राजाजी पार्क के बाद हल्द्वानी का चिडियाघर भी विश्वस्तर पर अपनी पहचान बनायेगा, क्योंकि इस चिडियाघर में विश्वस्तर के वन्यजीव व आधुनिकतम सुविधाएं होंगी।
लगभग सौ करोड की लागत से बनने वाले प्राणी उद्यान मे विश्व स्तरीय वन्यजीव जन्तुओं के अलावा सफारी की व्यवस्था होगी। जिसमे टाइगर, लेपर्ड, लायन,सफारी, अफी्रकन सफारी, आस्ट्रेलियन, यूरोपियन तथा अमेरिकन वन्य जीव जोन्स, आधुनिक वन्य जीव चिकित्सालय, जैव विविधता पार्क, मोनो रेल, टाॅय रेल, चिल्ड्रन पार्क के साथ ही ईको कैफेटेरिया बनाया जायेगा। उन्होने कहा कि पर्यटकों को बख्तर बन्द वाहनों में सफारी करायी जायेगी। उन्होने कहा कि यह प्रदेश का पहला प्राणी उद्यान होगा जिसमे विण्ड एनर्जी पावर स्टेशन स्थापित किया जा रहा है।

भारत बना जूनियर विश्व कप हॉकी का चैंपियन

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भारत ने एफआईएच जूनियर हॉकी विश्व कप के फाइनल मुकाबले में बेल्जियम को मात देकर 15 साल के सूखे को खत्म करते हुए दूसरी बार खिताब जीत लिया|

भारत ने खिताब की आशा लिए पहली बार फाइनल में पहुंची बेल्जियम की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए 2-1 से जीत हासिल की|
लखनऊ के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में खेले गए खिताबी मुकाबले में भारत के लिए गुरजंत सिंह और सिमरनजीत सिंह ने गोल किए| भारत की जीत में गोलकीपर विकास दहिया ने भी अहम भूमिका निभाई|
गुरजंत ने आठवें और सिमरनजीत ने 22वें मिनट में शानदार फील्ड गोल किए| मैच के आखिरी मिनट में बेल्जियम को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिस पर वे गोल करने में सफल रहे, लेकिन यह गोल उन्हें जीत दिलाने में नाकाफी साबित हुआ|
भारतीय टीम ने 2001 में अर्जेटीना को मात देकर पहली बार इस खिताब पर कब्जा जमाया था|

अब तक की सबसे बड़ी चरस की खेप के साथ पकड़े गये तस्कर

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तस्कर
चरस की खेप के साथ पकड़े गये तस्कर

राज्य स्थापना के बाद से अबतक की सबसे बड़ी चरस की खेप के साथ पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के दो लोगों को गिरफ़्तार किया है।

स्पेशल टास्क फोर्स, उत्तराखण्ड को मुखबिरों से जानकारी मिली कि नेपाल से भारी मात्रा में चरस को बहराईच, उ0प्र0 से उत्तराखण्ड एवं सहारनपुर में सप्लाई किया जाना है। सूचना मिलने का साथ ही एसटीएफ़ की टीम बनाई गई जिसने मिली सूचना पर कामों करना शुरू कर किया।

सूचना के आधार पर रविवार को एसटीएफ टीम ने हरिद्वार रोड़, देहरादून में संदिग्ध वाहन यू0पी0 40 यू 8503 को रोककर उसकी तलाशी की। तलाशी के दौरान पाया गया कि अभियुक्तों ने उक्त बुलेरों की असली टंकी के साथ अन्य डुप्लीकेट टंकी को भी फिट कर रखा था। वाहन में डीजल की सप्लाई डुप्लीकेट टंकी से की गई थी तथा असली टंकी में भारी मात्रा में चरस छिपा कर रखी गई है। मौके से राम भुल्लन और पृथ्वी राज को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों के कब्जे से 50 किलो0 चरस बरामद की गई। उक्त बरामद चरस की अन्तर्राष्ट्रीय बाजार मे कीमत लगभग 2.5 करोड़ (दो करोड़ पचास लाख रुपये) रुपये है।
पूछताछ पर अभियुक्त राम भुल्लन निवासी उपरोक्त द्वारा बताया गया कि वह लल्ली देवी प्राथमिक विद्यालय, केसरगंज बहराईच में अध्यापक के पद पर कार्यरत है। उसे उक्त बरामद चरस को नेपाल से लाकर उत्तराखण्ड एवं सहारनपुर, उ0प्र0 में सप्लाई किया जाना था। चरस की सप्लाई में लिप्त अन्य व्यक्तियों के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित की जा रही है।

उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना से लेकर पहली बार राज्य में एस0टी0एफ0 के द्वारा इनती बड़ी मात्रा में चरस खेप बरामद की गई है।
राज्य में नशे के कारोबारी तेज़ी से पैर पसार रहे है और इस लिये राज्यों पुलिस समय रहते इन पर लगाम लगाने के लिये कमर कसे हुए है।

जल्द होगी पाँच राज्यों में चुनावों की घोषणा

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चुनाव की तारीखों का ऐलान

राज्य में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने में बमुश्किल दस दिन बचे हैं। आयोग 23 से 27 दिसंबर के बीच इसका ऐलान कर सकता है। उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव आयोग के अफसर इन सभी राज्यों में तैयारियों का जायजा भी ले चुके हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. नसीम जैदी शुक्रवार को अफसरों के साथ गोवा का दौरा कर भी लौट चुके हैं।

उत्तराखंड में वर्ष 2012 में विधान सभा चुनाव आचार संहिता 24 दिसंबर को लागू हुई थी। इस बार भी यह तिथि इसके इर्द-गिर्द ही रहेगी। आयोग ने 19 दिसंबर को 14 राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की बैठक बुलाई है, इसमें वे पांच राज्य भी शामिल हैं, जिनमें चुनाव होने जा रहे हैं। आयोग के अधिकारी 20 व 21 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ बैठक करेंगे।

सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में चुनाव ड्यूटी में सुरक्षा बलों की उपलब्धता पर चर्चा होगी। आयोग के अफसर अर्ध सैनिक बलों की उपलब्धता के आधार पर चुनाव तिथियों का ऐलान कर सकेंगे। सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड में 27 दिसंबर तक आचार संहिता लागू होने की उम्मीद है।

उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी में एक साथ चुनाव होने की संभावना है। माना जा रहा है आयोग फरवरी के दूसरे पखवाड़े में मतदान की तिथि घोषित की जाएगी।

लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत अगले सेना प्रमुख ; अनिल धस्माना होंगे राॅ चीफ़

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सेना प्रमुख
लेफ्टिनेंट जेनरल बिपिन रावत होंगे नये सेना प्रमुख

भारत सरकार ने शनिवार देर शाम नए सेना प्रमुख और वायुसेना प्रमुख के नामों की घोषणा कर दी। सरकार की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत अगले सेना प्रमुख होंगे। वे दलबीर सिंह सुहाग की जगह लेंगे। सुहाग का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।

लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत 11वीं गोरखा राइफल्‍स की 5वीं बटालियन से हैं। अभी वे भारतीय सेना के आर्मी स्‍टाफ के उप प्रमुख हैं। उत्तराखंड और फ़ौज के रिश्ते सालों साल पुराने हैं और इन्हें और गहरा बनाते हुए लेफ्टिनेंट जनरल रावत की नियुक्ति ने एक नया अध्याय जोड़ दिया है।

उत्तराखंड ने राष्ट्रीय स्तर पर एक और उपलब्धि अपने नाम करी। पौड़ी जिले के चौबट्टाखाल विधानसभा के तौली गांव के अनिल धस्माना को अगले रिसर्च एेंड ऐनालिसिस (राॅ) के प्रमुख पद के लिये नामांकित किया गया है।धस्माना 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और इस पद पर उनका करीब दो साल का कार्यकाल रहेगा। इस नियुक्ति के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े तीन सबसे महत्वपूर्ण पद सेना प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और राॅ चीफ उत्तराखंड से होंगे।

वहीं, अगले वायुसेना प्रमुख के लिए सरकार ने एयर मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोवा के नाम की घोषणा की है। वे अरूप राहा का स्थान लेंगे, जोकि 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं।

 

रंगबिरंगा मोनाल होगा राष्ट्रीय खेल 2018 का मैस्कॉट

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मोनाल
मोनाल होगा राष्ट्रीय खेल 2018 का मैस्कॉट

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम के लोकार्पण के साथ ही राष्ट्रीय खेल के लोगो और मैस्कॉट का भी लोकार्पण किया। राष्ट्रीय खेल के लोगो के रुप में मोनाल को चुना गया है जो उत्तराखंड का राज्य पक्षी है और विलुप्त होने के कगार पर है। हरीश रावत ने कहा कि मोनाल को राष्ट्रीय खेल के लोगो की तरह चुनने का मुख्य कारण है कि वह हमारा राज्य पक्षी है और इसके जरिए हम राज्य की पहचान और इसके महत्व को आने वाले पीढ़ी तक पहुंचा सके।
उत्तराखंड में वर्ष 2018 में राष्ट्रीय खेल प्रस्तावित हैं। यह खेल लगभग 15 से 20 दिन तक चलेगा जिसमें पूरे प्रदेश में अलग अलग कार्यक्रम होंगे और जिनमें कुल 36 खेल प्रतिस्पर्धा होंगी। शुरुआत में ग्राउंड लेवल पर राष्ट्रीय स्तर के गेम्स के लिए अनूकुल ग्राउंड बनाने की कोशिश खेल विभाग की ओर से की जा रही है। आने वाले एक वर्ष के भीतर लोकल ग्राउंड को राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस करने में खेल विभाग के अधिकारी अपनी पूरी ताकत झोंकेने के लिए तैयार हैं।

नेशनल गेम्स
नेशनल गेम्स लोगो

वर्ष 2018 में अक्टूबर या नवंबर माह में ये नेशनल गेम्स होने की संभावना है। हालांकि अभी तक फाइनल डेट तय नहीं हुई है। देहरादून में एथलेटिक्स, बास्केटबाल, वालीबाल, हॉकी सहित कई मुख्य गेम्स होंगे। राष्ट्रीय स्तर के 34 गेम्स में आईएस हॉकी और आईएस स्केटिंग जोड़कर 36 राष्ट्रीय स्तर के खेल राज्य में होने हैं। हालांकि अभी धरातल पर कई कमियां हैं लेकिन वर्ष 2018 से पूर्व इन सभी सुविधाओं को चुस्त-दुरुस्त करने की मुहिम चल रही है।

देहरादून में होने वाले प्रमुख गेम्स के लिए सभी अवस्थापना विकास की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। खेल निदेशालय, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज परिसर में एथलेटिक्स, हाईटेक स्टोटर्फ ग्राउंड, फुटबाल के लिए पवेलियन ग्राउंड सहित अन्य कई खेलों के लिए धरातल पर मूलभूत सुविधाएं और विकसित की जा रही हैं।

प्रदेश में कई नए ग्राउंड तैयार किए जा रहे हैं। हरिद्वार में नया ऐस्ट्रो टर्फ़ ग्राउंड बनाया जा रहा है। हरिद्वार सहित देहरादून के हाईटेक ग्राउंड में ऐस्ट्रो टर्फ़ ग्राउंड बनाए जा रहे हैं और भी ग्राउंड विकसित किए जा रहे हैं। आने वाले समय में उम्मीद है कि सभी तैयारियां समय पर पूरी हो सकेंगी ताक़ी राज्य के खिलाडियों को इन पर अब्बास करने का पूरा समय मिल संकेत जिससे उनका प्रदर्शन बेहतर हो सके।