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नोटबंदी के चलते जहां सबकी जेबें खाली हैं, वहीं इनकी आमदनी बढ़ी है

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एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, चित्त या पट्ट ठीक वैसे ही किसी भी बात का असर दो तरीके से होता है अच्छा या बुरा। आज जहां सारा देश पैसों के लिए एटीएम से बैंकों के सामने लंबी कतारों में लगा हुआ है वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होने इस नोटबंदी को भी अपने व्यवसाय को बढ़ाने का ज़रिया बना लिया है।  आप सोच रहे होंगे कौन हैं वो लोग????

शहर में आजकल सबसे ज्यादा लोग और भीड़ एटीएम मशीनों और बैंकों के बाहर होती है और ऐसे ही एक बैंक के सामने अपनी दुकान लगाते हैं मोहम्मद महफूज़। पिछले आठ साल से देहरादून के सुभाष नगर रोड स्थित विजया बैंक के सामने फलों के जूस का ठेला लगाने वाले मोहम्मद महफूज़ बताते हैं कि पिछले एक महीने में उन्होंने अब तक कि सबसे ज्यादा कमाई की है। उन्होंने बताया कि न तो उनका बैंक अकाउंट है ना ही कोई एटीएम कार्ड दिन भर जितना कमाते हैं उससे ही खर्च चलता है। उन्होंने बताया कि पिछले महीने जो नोटबंदी हुई उससे उनका कोई नुकसान नहीं हुआ क्योंकि उनके पास इतने पैसे ही नहीं थे लेकिन हां नौ तारीख की सुबह से उनका फायदा ज़रुर हुआ है। उस दिन से लगातार बैंकों में पैसा जमा करवाने वालों की भीड़ के साथ साथ पैसे निकालवाने वालों की भीड़ लगी रहती है। वो कहते हैं कि बोनस तो तब होता है जब एटीएम में कैश होता है, कैश निकालने वालों की भीड़ ऐसी होती है कि लाइन में लगे लोग घंटो अपनी बारी का इंतज़ार करते हैं। ऐसे में घंटों लाईन में लगे लोग जब थक के चूर हो जाते हैं तो उनके ठेले का जूस उनके लिए एनर्जी ड्रिंक का काम करता है और ज्यादा से ज्यादा लोग उनकी दुकान से जूस खरीदते हैं जिसकी वज़ह से महफूज़ को काफी मुनाफा हो रहा है। महफ़ूज बताते हैं कि वो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं पर उन्हें इतना विश्वास है कि प्रधानमंत्री जी के इस फैसले से कुछ अच्छा जरुर होगा।

वो बताते हैं कि पहले जो कस्टमर महीनों और हफ्तों में आते थे अब वह कैश पाने की उम्मीद में लगभग हर रोज आ रहे हैं, पिछले 8 साल से एक ही जगह पर अपनी दुकान लगाने की वजह से बैंक के कर्मचारीयों से लेकर कस्टमर तक सब उनको पहचानते हैं। लाईन में घंटों लगने वालों के बारे में वो बताते हैं कि कुछ लोग तो एक साथ पाँच एटीएम कार्ड भी लेकर आते है जिसकी वजह से पीछे खड़े हुए लोगों का नंबर नहीं आता और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बुर्जुग लोगों को लाईन में खड़ा देख अपनी जगह दे देते हैं।

मोहम्मद महफूज़ कहते हैं कि इस वर्ष का नवंबर महीना उनके लिए काफी अच्छा रहा और इस महीने उनकी कमाईं भी अच्छी हुई, वो ज्यादा तो नहीं जानते ना ही उन्हें बैंक के मसले समझ आते हैं लेकिन एक बात है कि उनको मोदी सरकार पर पूरा भरोसा है,और लोगों के अच्छे दिन आए ना आए उनके अच्छे दिन आ गये हैं।

दुश्मन को मार गिराना पहला मकसद,देहरादून में बोले रक्षामंत्री पर्रिकर

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सोमवार की शाम देहरादून में भाजपा की परिवर्तन यात्रा के समापन अवसर पर आयोजित सभा को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने संबोधित किया। उत्तराखंड ऐसा राज्य है, जहां पर लगभग हर परिवार से जवान सेना में हैं। ऐसे में रक्षा मंत्री सैनिक परिवारों की नब्ज टटोलते नजर आये। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि जब हमारे जवान शहीद होते हैं तो हमें दुख होता है। हमने सैनिकों से कहा है कि दुश्मन को मारना उनका पहला कर्तव्य और मकसद है। रक्षा मंत्री ने सैनिकों को साफ संदेश दिया कि दुश्मन के हमले के चलते हमारे सैनिकों की शहादत हो, इससे पहले दुश्मन को मार गिराया जाये।

सैनिकों की शहादत की बात कर रक्षा मंत्री ने भावनात्मक तौर पर सैनिक परिवारों से जुड़ने की कोशिश की, वहीं दूसरी ओर उन्होंने वन रैंक वन पेंशन का मामला भी उठाया। रक्षा मंत्री ने कहा कि 40 साल पुरानी वन रैंक वन पेंशन की मांग केंद्र की भाजपा सरकार ने पूरी की है। रक्षा मंत्री को सुनने के लिए बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता पहुंचे। इससे पहले रक्षा मंत्री ने राजधानी देहरादून के टपकेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।

वहीं चुनावी माहौल की तैयारी करते हुए पारिकर ने कहा कि देश नरेंद्रर् मोदी के नेतृत्व में आगे बड़ रहा हैऔर ऐसे में उत्तराखंड के विकास के लिये भी ज़रूरी है कि राज्य में भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाये।  उन्होने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार ने अपने पैर हर स्तर तक फैला लिये हैं औऱ विकास ठप हो गया है।

भाजपा की परिवर्तन रैली के समापन अवसर पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट, भाजपा नेता सतपाल महाराज, विजय बहुगुणा, भगत सिंह कोश्यारी, हरक सिंह रावत और हिमानी शिवपुरी मौजूद रहे।

परिवर्तन यात्रा से भाजपा को दो तिहाई बहुमत की उम्मीद

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एक महीने से चली आ रही भाजपा की परिवर्तन यात्रा का गढ़वाल में भी समापन हो गया। प्रदेशभर में 5 हज़ार किलोमीटर का सफ़र तय करने के बाद बीजेपी की परिवर्तन यात्रा का समापन सोमवार को देहरादून में हो गया। करीब एक महीने तक बीजेपी की परिवर्तन यात्रा प्रदेश की सभी 70 विधानसभाओं में घूमी और बीजेपी के पक्ष और राज्य सरकार के खिलाफ वातावरण तैयार करने कई केंद्रीय मंत्री भी उत्तराखंड पहुंचे।

सूबे की सत्ता की दौड़ में दौड़ रही बीजेपी की परिवर्तन यात्रा क्या रंग लाएगी ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन 18 मार्च के घटनाक्रम के बाद सुस्त पड़े बीजेपी कार्यकर्ताओं में यात्रा ने जान फूंकने का काम तो किया ही है।पूरी यात्रा के दौरान जहां पार्टी ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की और खंडूड़ी, कोश्यारी व निशंक को यात्रा के साथ ही रखा तो वहीँ प्रादेशिक स्तर पर कोई चेहरा प्रोजेक्ट नहीं किया।

भाजपा नेताओं का कहना है कि अगर केंद्र की तर्ज पर राज्य में बीजेपी सत्तारूढ़ होती है तो विकास की गंगा बहेगी। परिवर्तन यात्रा के समापन में पहुंचे केंद्रीय रक्षा मंत्री ने जहां सर्जिकल स्ट्राइक व वन रैंक व वन पेंशन के मुद्दे पर जनता को रिझाने का प्रयास किया तो वहीँ रावत सरकार पर भी हमला किया। ये ही नहीं सभी केंद्रीय मंत्रियों के टारगेट पर सीएम हरीश रावत रहे। खनन, शराब, हॉर्स ट्रेडिंग, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर बीजेपी नेताओं ने रावत सरकार को जमकर घेरा।

2012 में बीजेपी एक सीट से उत्तराखंड की सत्ता की बाज़ी गंवा बैठी, लेकिन अब पार्टी कोई जोखिम मोल लेना चाहती है. ख़ासतौर से तब जब 18 मार्च के सियासी संकट के बाद पार्टी आला कमान के लिए उत्तराखंड की सत्ता और भी जरुरी हो गई है।

केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री व प्रदेश बीजेपी के चुनाव प्रभारी जे पी नड्डा भी रावत सरकार के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला। उन्होंने कहा की ये महज सत्ता का नहीं बल्कि राजनीति की संस्कृति का परिवर्तन है। अपने सबोधन में जेपी नड्डा ने भी बिना नाम लिए सीएम हरीश रावत के स्टिंग का जिक्र करते हुए उन पर वार किया। उन्होंने कहा कि कंग्रेस की संस्कृति कमीशन की है और बीजेपी की मिशन की। बीजेपी को पूरा यकीन है कि परिवर्तन यात्रा राज्य सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में सफल रही है। हालांकि पूरी यात्रा में इस बार किसी चेहरे को आगे करने की बजाय सामूहिक नेतृत्व को ही तरजीह दी।

अब राज्य भाजपा संगठन को उम्मीद है कि इस यात्रा के ज़रिये वो राज्य की जनता में पार्टी के प्रति विश्वास जगाने में कामयाब होंगे औऱ ये विश्वास चुनावों में वोट में भी बदलेगा।

मोदी सरकार का बिना सोचे समझे लिया नोटबंदी का फैसला भारी पड़ रहा : हुड्डा

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उत्तराखण्ड पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नोटबंदी को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर कड़े हमला किया। केंद्र ने दावा किया था कि इस फैसले से कालेधन पर तो रोक लगेगी ही साथ में आतंकवाद पर भी लगाम लगेगी। केंद्र अगर ये करने में सफल होता तो इससे अच्छी कोई बात नहीं थी, लेकिन इस फैसले की मार तो आम आदमी पर पड़ी है।

हुड्डा ने कहा कि केंद्र का ये फैसला बिना सोच समझ के लिया गया जिसकी वजह से आम जनता को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।हुड्डा ने उत्तराखंड के एक बीजेपी नेता द्वारा करोड़ों का सोना खरीदने का मामला भी उठाया। हुड्डा ने कहा ऐसे मामलों की तो गंभीरता के साथ जांच होनी चाहिए, हालांकि उत्तराखण्ड कांग्रेस में मची रार पर हुड्डा कुछ भी बोलने से बचते रहे।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ही जीतेगी। हरीश रावत सरकार ने जनता के लिए प्रदेश में कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं, जिसका लाभ पार्टी को चुनाव में मिलना तय है।

आशा की एक किरण,उत्तराखण्ड में फिर गूँजेगी ढोल की आवाज़

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श्रीनगर-गढ़वाल में बीच बज़ार खड़े हो कर किसी भी व्यस्त बाज़ार में होने के चलते मैं कुछ भी नहीं सुन पाती, बस बाजार की चहल-पहल और गाड़ियों का शोर। इस सब के बीच कुछ दूरी से शोर से अलग कानों में ढोल का संगीत पड़ता है। 35 वर्षीय सोहन लाल संगीत की मदहोशी में है। हो भी क्यों न, वो इस विलुप्त होने की कगार पर खड़ी कला के अाखिरी बचे 50 वादकों में  से हैं। मैं उन्हें लय और संगीत की दुनिया में खोए हुए देख सकती हूँ। वे उत्सुक छात्रों से घिरे हुए हैं जो उनके ढोल की ज़बरदस्त आवाज में खोये रहते हैं।

सर्दिंयों की दोपहर में युनिर्वसिटी के लान में सोहन वहां बैठे सभी छात्रों को अपनी कला से परिचित करा रहे थे। जब समय की हवा चलती है तो सिर्फ यही है जो बचा रह जाता है । यह एक ऐसी कला है जो एक युग से दूसरे युग में आगे बढ़ते जाती है। लेकिन उनके अपने बच्चों ने निराशा में इस कला का दामन छोड़ दिया है। उन्होंने नौकरी और बेहतर ज़िंदगी के सपने के लिये दशकों पुराने इस ढोल को छोड़ दिया है।

दिल धड़काने वाले आधे घंटे के जबरदस्त धुन के बाद सोहन की सांस फूल जाती है और वह थोड़ा आराम करने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे बैठने जाते हैं। ढोल और उसकी स्टिक ढोल के किनारे साथ में रखे हुए है। मैं अपनी कलम और कागज उठाती हूँ जो मेरे हथियार हैं। वो समझ गए और उन्होंने कहा कि हम सब अनाड़ी, खफाअस्थिर और अव्यवस्थित हैं लेकिन समर्पण और अभ्यास से मैंने कुछ चीजें सीखी हैं। वो उन ढोल बजाने वालों में से एक हैं जिन्होंनें इस कला को जिंदा रखा है। ये अलग बात है कि गढ़वाल के हर गांव में एक ढोलकिये का परिवार रहता है, जिनमें से अधिकतर लोगों ने हार मान कर इस पेशे को छोड़ दिया कयोंकि ना तो इस पेशे में ज्यादा आमदनी हैं ना ही इज्ज़त।

इस दौरान वो अधीर हो उठे और फिर उन बच्चों के पास वापस जाते हैं अपने ढोल को गले में लटकाएं हुए और ड्रमस्टिक हाथ में लिए हुए। दो तेज स्वर, घाटी पर ध्वनि प्रतिध्वनि का माहौल बना देती है और एक साफ दोहरी आवाज जैसे कि कोई बेचैन होकर दरवाजा खटखटा रहा हो उनके धुन और ताल को पूरा करती है।

कुछ समय से डिपार्टमेंट आफ फोल्क परर्फामिंग आर्ट एंड कल्चर, श्रीनगर गढ़वाल युनिवर्सिटी ने कोशिश की है कि इस कला का प्रचार करे।युनिवर्सिटी की कोशिश है कि गढ़वाल की समृद्ध परंपरा से संबंध रखने वाले कोर्स जैसे कि थियेटर, फोल्क म्यूजिक और फोल्क फार्म आदि छात्रों को सीखने को मिले और उन्हें सोहन लाल जैसे लोग सिखाएं जो इन क्षेत्रों में उस्ताद हैं। प्रो. डी.आर पुरोहित पिछले दो दशक से लगातार इस कला को लोगों के सामने उजागर कर रहें। वो अब ढोल और ढोल बजाने वालों का संरक्षण कर रहें हैं।वो बताते हैं कि ” हम ईमानदारी और अपनी पूरी जान लगाकर ये प्रयास कर रहें हैं कि इस कला को आने वाली जेनरेशन तक पहुचांए। हम अपनें छात्रों को ट्रेनिंग दिलवाते हैं वो भी पारंपरिक फोल्क आर्ट फार्म के गुरुओं से जिन्हें इसके बदलें में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका तो मिलता ही है, साथ में उन्हें आर्थिक मदद भी मिल जाती है एक गेस्ट फैकल्टी की तरह काम करने पर।”

लेकिन क्या इतना काफी हैकुछ साल पहले उत्तराखण्ड टूरिज्म काउंसिल, मसूरी की एक मीटिंग में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस परंपरागत ढोल वादन प्रक्रिया को निरंतर बनाएं रखने के लिए पाँच करोड़ रुपये की घोषणा की थी।  यह सोहन लाल जैसे लोक कलाकारों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है, यह एक तरह से उस उपेक्षा का भुगतान है जो उन्होंने इतने वर्षों तक झेली है। अभी भी एक आशा की किरण है कि उत्तराखण्ड के पहाड़ों में एक बार फिर ढोल की आवाज सुनाई देगी। लेकिन सही मायनों में ढोल और ऐसी ही कई अन्य परंपराऐं तब ही सही मायनों में बच सकेंगी जब सरकार अपनी घोषणाओं को अमली जामा पहना कर उनसे होने वाले फायदे को सीधे सोहनलाल जैसै उस्तादों तक पहुंचा सके।

ड्रग्स और करप्शन के खिलाफ जमकर दौड़ा उत्तराखंड

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“रन एगेंस्ट करप्शन, रन एगेंस्ट ड्रग्स” नाम की टैग लाइन से आयोजित मैराथान में उत्तराखंड के तमाम इलाकों से लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौड़ का आयोजन उत्तराखंड पुलिस ने किया था। रविवार को पुलिस लाइन स्टेडियम से मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरी झंडी दिखाकर धावकों को रवाना किया। इससे पहले ओलम्पियन मनीष रावत और एडीजी अशोक कुमार ने प्रतिभागियों को नशे और भ्रष्टाचार से दूर रहने की शपथ दिलाई।  मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में पुलिस अधिकारियो से कहा कि हर साल इसी दिन इस दौड़ का आयोजन सुनिश्चित किया जाये। नशे और भ्रष्टाचार के खिलाफ यह दौड़ एक जंग में बदलनी चाहिये। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से नशे से दूर रहने की अपील की। उन्होंने 2 किमी दौड़ में खुद भी दौड़कर प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाया।

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उत्तराखंड पुलिस की ओर से आयोजित देहरादून मैराथन की 21 किमी के पुरुष वर्ग में गोरखा ट्रेनिंग सेंटर हैदराबाद के शंकरभान थापा और महिला वर्ग में लखनऊ की मोनिक चौधरी विजेता बने। इन दोनों विजेताओं को एक एक लाख रूपये का चेक प्रदान किया गया। भ्रष्टाचार और नशे के खिलाफ इस दौड़ में देशभर से करीब 20,000 प्रतिभागियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। ये आयोजकों के हौंसले बढ़ाने की एक बड़ी वजह रही।

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कुल तीन वर्ग में आयोजित इस दौड़ का समापन पुलिस लाइन में हुआ। 21किमी दौड़ राजपुर रोड से किशनपुर स्तिथ आईपीएस कॉलोनी से वापस जबकि 7 किमी दौड़ सर्वे चौक से वापस पुलिस लाइन में संपन्न हुई। समापन पर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विजेताओं को पुरस्कार बाटें।

ये हैं विजेता

  • 21किमी ओपन पुरुष वर्ग में हैदराबाद के शंकरमान थापा प्रथम, बलिया के अनिल कुमार द्वितीय और हरी सिंह तृतीय स्थान पर रहे।
  • 21किमी ओपन महिला वर्ग में लखनऊ की मोनिक चौधरी प्रथम, लुधियाना की अमनदीप कौर द्वितीय और मुजफ्फरनगर की अर्पित सैनी तृतीय स्थान पर रही।
  • 7 किमी ओपन पुरुष वर्ग में उत्तराखंड पुलिस के मुकेश रावत प्रथम, पौंटा साहिब के पंकज द्वितीय और साई सेटर काशीपुर के मोहन सिंह तृतीय स्थान पर रहे।
  • किमी ओपन महिला वर्ग में ग़ाज़ियाबाद की नेहा प्रथम, शामली की नेहा पंवार द्वितीय और दिल्ली की जयंती थपलियाल तृतीय स्थान पर रही।
  • किमी 45प्लस पुरुष वर्ग में एलबीएस अकादमी मसूरी के राजकुमार, नैशविला रोड के जीतेन्द्र गुप्ता और मनोज कुमार तीसरे स्थान पर रहे।
  •  7 किमी महिला वेटरन वर्ग में उत्तराखंड पुलिस की विजया चौधरी पहले, शशि बडोला दूसरे और डॉ.अलकनंदा अशोक तीसरे स्थान पर रही।
  • किमी अंडर 18 बालक वर्ग में स्पोर्ट्स कॉलेज के शुभम राणा, पवन कुमार और अनु कुमार क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
  • किमी अंडर 18 बालिका वर्ग में खटीमा की पारवती प्रथम, प्रियंका द्वितीय और सुल्ताना तीसरे स्थान पर रही।
  • 21 किमी वेटरन वर्ग में दिनेश कुमार, जगदीश राणा और लाल सिंह विजेता रहे।

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पुलिस लाइन ग्राउंड में दौड़ शुरु होने के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।  बॉलीवुड गायक जुबिन नौटियाल ने रूबरू, दिल दे दिया है जान भी देंगे, गुलाबी आंखे जो तेरी देखी गीत गाकर प्रतिभागियों की थकान मिटायी। माहौल मे रमते हुए सीएम ने स्टेज पर पहुचकर जुबिन की टोपी खुद पहनी और ठुमके लगाये। सीएम ने सभी प्रतिभागियों के साथ खूब सेल्फी खिंचवाई। इससे पहले जुम्बा भी किया गया। उत्तराखंड पुलिस भी इस दौड़ की सफलता और इसमें शिरकत करने वाले देशभर के धावकों का उत्साह देखकर इसे कम से कम सालाना ईवेंट बनाने की तैयारी में हैं।

चुनावी मौसम में आखिरकार आई.एस.बी.टी फ्लाईओवर खुला यातायात के लिये

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रविवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आई.एस.बी.टी. फ्लाईओवर का लोकार्पण किया। विशेष आयोजनागत सहायता(एसपीए) के अंतर्गत नेशनल हाईवे संख्या 72 आई.एस.बी.टी. देहरादून में बने इस फोर लेन फ्लाईओवर की लागत 50 करोड़ 39 लाख रूपए है। 

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि 983 मीटर लम्बाई का मल्टी एप्रोच फ्लाईओवर उत्तराखण्ड के लिए बड़ी उपलब्धि है। इसके बनने से हमारा कान्फिडेंस बढ़ा है। हमारी योजना ऐसे आठ दस फ्लाईओवर और बनाने की है। उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग को इसके लिए कार्ययोजना बनाने के लिए निर्देशित किया। 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून पहले जेएनएनयूआरएम का फायदा नही उठा पाया था। हम देहरादून की तस्वीर बदलने की कोशिश कर रहे हैं। रिस्पना व बिंदाल रिवर फ्रंट डेवलपमेंट इसी दिशा में की गई पहल है। बल्लीवाला फ्लाईओवर शुरू किया जा चुका है जबकि बल्लुपुर फ्लाईओवर भी जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। 

चुनावी मौसम में सरकार औऱ खासतौर पर मुख्यमंत्री ने लोकार्पण और घोषणाओं की झड़ी लगा रखी है। ये घोषणाऐं कितना लोगों के वोट दिलाने में कामयाब रहती हैं ये तो चुनावी रण में ही पता चलेगा।

कांग्रेस सरकार की वजह से राज्य से पलायन बढ़ा: राजनाथ सिंह

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केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को भगवानपुर में एक जनसमूह को संबोधित करते हुए राज्य की हरीश रावत सरकार पर हमला बोला। उन्होने  कहा कि अागामी विधान सभा चुनावों में उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनेगी और भाजपा यहां प्रचण्ड बहुमत से जीतेगी।

गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के भ्रष्टाचार और कुशासन से जनता तंग आ चुकी है। हरिद्वार के भगवानपुर में परिवर्तन रैली में शामिल होने आये गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश बनाने में भाजपा की प्रमुख भूमिका थी। उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिबद्धता के कारण ही उत्तराखंड का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा की वजपेयी के काल से ही देश में विकास की योजनाएं संचालित हो रही हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों से लेकर चौड़ी सड़कों का निर्माण हुआ। उसका फायदा देश का निरंतर हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत का नाम पूरी दुनिया में ऊँचा किया है ।

उन्होने ये भी कहा की राज्य की हरीश रावत सरकार भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद की पर्याय बन गई है। उन्होने आरोप लगाया कि रावत सरकार की लोक विरोधी नितियों के कारण ही पहाड़ों से हो रहा पलायन रुक नही पा रहा है बल्कि लगातार इसमें इजाफा ही हो रहा है। राजनाथ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि राज्य के संपूर्ण विकास के लिये ये ज़रूरी हो गया है कि केंद्र की ही तर्ज़ पर राज्य में भी भाजपा की सरकार हो।

उत्तराखंड के पांच ज़िले हुए खुले में शौच से मुक्त

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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि स्वच्छता के हमारी आदत बन जाने तक, स्वच्छ भारत मिशन की लगातार माॅनिटरिंग जरूरी है। राज्य के 5 जिले व 51 विकासखण्डों के खुले में शोच से मुक्त होने(ओ.डी.एफ.) होने पर संबंधित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व कार्मिकों को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अगले वर्ष से नाॅन फंक्शनल शौचालयों को फंक्शनल बाने के लिए बजट में प्राविधान कर दिया जाएगा।

राज्य के पांच जिले चमोली, चम्पावत, नैनीताल, उत्तरकाशी व ऊधमसिंहनगर को ‘खुले में शौच की प्रथा से मुक्त’’ (ओडीएफ) किया जा चुका है। विकासखण्डों में चमोली जिले के दशोली, देवाल, गैरसैंण, घाट, जोशीमठ, कर्णप्रयाग, नारायणबगड़, पोखरी व थराली, चम्पावत जिले के चम्पावत, बाराकोट, लोहाघाट व पाटी, नैनीताल जिले के बेतालघाट, भीमताल, धारी,  हल्द्वानी, कोटाबाग, ओखलकांडा, रामगढ व रामनगर, ऊधमसिंहनगर के बाजपुर, गदरपुर, जसपुर, काशीपुर, खटीमा, रूद्रपुर व सीतारगंज, उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी, चिन्यालीसौड़, डूंडा, मोरी, नौगांव व पुरोला, अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना, नमगडा, ताकुला व ताडीखेत, पौड़ी जिले के पौड़ी व कोट, टिहरी जिले के चम्बा व देवप्रयाग, पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग, डीडीहाट, गंगोलीहाट, कनालीछीना व मुनाकोट, रूद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ जबकि देहरादून जिले के रायपुर, सहसपुर व डोईवाला ओडीएफ घोषित किये जा चुके है। 

 मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें हर हाल में 26 जनवरी 2017 तक पूरे राज्य को ओडीएफ बनाना है। इसके लिए सभी को जुटना होगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों व प्रशासनकि अधिकारियों को आगे बढकर अपनी भूमिका निभानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडीएफ गांव, ब्लाॅक व जिले बने रहें, इसके लिए बजट में एक हैड खोल दिया जाएगा। इससे नाॅन फंक्शनल शौचालयों को दुबारा फंक्शनल बनाने के लिए राशि उपलब्ध करवाई जाएगी।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 97 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर चुके हैं, शेष 3 प्रतिशत भी हासिल कर 26 जनवरी तक प्रदेश को ओडीएफ बनाना है। यह काम कठिन अवश्य है, परंतु हर हाल में हमें इसे करना है। श्रमिकों के लिए आवश्यकतानुसार मोबाईल शौचालयों की व्यवस्था की जा रही है। 

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में सभी की सामूहिक भागीदारी से हम तेरहवें स्थान से तीसरे स्थान पर आ गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री औप राज्य को आश्वस्त किया कि 26 जनवरी तक पूरा प्रदेश ओडीएफ हो जाएगा। 

उत्तराखंड ने 2 साल में ओडीएफ की प्रतिशत 70  से बढ़कर 97 प्रतिशत हो गई है। इस अवसर पर परियोजना निदेशक आशीष जोशी, अपर निदेशक आशीष श्रीवास्तव, स्वच्छ भारत मिशन के यूनिट कोर्डिनेटर एस0एस0बिष्ट सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे। 

आई.एम.ए से भारतीय सेना को मिले जांबाज़ अधिकारी

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भारतीय सैन्य अकादमी के रेगयुलर विंटर कोर्स को पास करने के बाद भारतीय सेना को आज 401 नये अदिकारी मिले। ऐतिहासिक चेटवुड हाॅल के प्रांगण में सर्दी की खिलखिलाती घूप में हुई पासिंग आउट परेड में 401 भारतीय कैडेटों के साथ साथ 8 मित्र देशों से आये 53 कैडेटस कोर्स पूरा कर के अधिकारी बन गये।

परेड की सलामी ली लेफ्ट जेन नरेंद्र पाल सिंह हीरा (एवीएसएम, एसएम) ने ली जो कि खुद नेशनल डिफेंस अकादमी, पुणे के पास आउट हैं औऱ इस समय सिख लाइट इंफेंट्री में तैनात हैं। उनके साथ आई.एम.ए के आॅफिशियेटिंग कमांडेंट लेफ्ट जेन एस के सैनी (वाईएसएम, वीएसएम) भी मौजूद रहे।

परेड की एकाग्रता और तालमेल देखते ही बन रहा था। इस परफेक्ट परेड ने इसकी तैयारी और कोर्स के दौरान कैडेटस के द्वारा की गई मैहनत और फौज की डिसिप्लिन ज़िदगी को साफ दर्शाया।

जैसे ही कैडेस ने परेड पुरी कर “अंतिम पग” को पार किया वो कैडेटस से अधिकारी बन गये और ये सचमुच हर कैडेट के लिये यादगार लम्हा रहा। इस पल को कैमरों और अपनी यादों में कैद करने के लिये मीडिया और कैडेटस के परिवार के लोग मौजूग रहे।

तीन घंटे चली इस परेड के मुख्य आकर्षण रहे परेड निरीक्षण, स्वाॅर्ड आॅफ हाॅनर, पाईपिंग और ओथ टेकिंग सेरेमनी जो कि चेटवुड हाॅल के लाॅन मे हुई। इसके बाज सभी नये अधिकारियों ने  “कदम कदम बढ़ाये जा” के स्वरों से आसमान भर दिया और सेना में मौजूद जोश और जज़्बे की मिसाल पेश करी। एक बार फिर भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून ने भारतीय सेना को वीरों से वीर अधिकारी देने के अपने चलन को बरकरार रखा और ये साबित कर दिया कि आईएमए आज भी दुनिया के बेहतरीन सैनिक ट्रैनिंग इंस्टिट्यूटों मे से एक है।

आईएमए पीओपी के चलते सारे देहरादून को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। आईएमए के आसपास का सारा इलाका आम यातायात के लिये बंद था वहीं शहर के कई अन्य रास्तों में फेर बदल किया गया था।