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सर्दियों और सूखे से निपटने की तैयारी रहे ज़िलास्तर पर : हरीश रावत

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मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सुखे की आशंका को देखते हुए सभी जिला अधिकारियों से कार्य योजना तैयार करने को कहा है। सर्दी से बचाव के लिए भी तैयारियों के निर्देश देते हुए उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को 2 से 5 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को देर रात मुख्यमंत्री ने शासन के उच्चाधिकारियों और सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से

  • प्रदेश में सूखे की स्थिति
  • सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को कृषि ऋण
  • फसल बीमा
  • फसल बुआई व पशु चारा की स्थिति
  • पेयजल, सिंचाई आदि व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
  • उन्होने जिलाधिकारियों से जनपदों में वर्षा, फसल बुवाई, फसल बीमा, कृषि ऋण, पशु चारे की स्थिति का पूरा विवरण तैयार करने को कहा। यदि आगामी 15 दिनों में वर्षा नहीं होती है तो उससे फसलों को होने वाले नुकसान, पेयजल, सिंचाई व नदियों के जल में होने वाली कमी की भी उन्होंने व्यापक समीक्षा करने को कहा है। खेती एवं किसानों को सूखे से होने वाले नुकसान आदि के लिए तात्कालिक राहत के लिए उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को एसडीआरएफ से 2 से 5 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश सचिव आपदा प्रबन्धन को दिए हैं। उन्होंने कहा कि
  • अधिक से अधिक किसानों को कृषि ऋण उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें फसल बीमा की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
  • किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली फसल बीमा के प्रीमियम का 50 प्रतिशत भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
  • जिलाधिकारी किसानों को समय पर खाद, बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे तथा
  • पेयजल, सिंचाई आदि योजनाओं के उपयोगिता प्रमाणपत्र शासन को शीघ्र उपलब्ध करायेंगे

उन्होने निर्देश दिये कि सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को उपलब्ध होने वाली सुविधाएं बाधित ना हो, उनके देयो एवं आवश्यक्ताओं की समय पर पूर्ति हो इसके लिए आरबीआई, एस0बी0आई0 व कोऑपरेटिव बैंक के अधिकारियों के साथ शासन स्तर पर समीक्षा की जाए तथा इसमें आ रही कठिनाइयों से भारत सरकार को अवगत कराया जाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि प्रदेश के सेवारत सैनिकों के परिवारों की समस्याओं के समाधान के लिए एक डेडीकेटेड नंबर की व्यवस्था के साथ ही इसके लिए प्रत्येक जनपद में एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। सेवारत सैनिकों के परिवारों की समस्याओं के त्वरित समाधान को जिलाधिकारी प्राथमिकता दें। एक सप्ताह के अंदर सभी जिलाधिकारी इसकी व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। उन्होंने आपदा में अनाथ हुए जनपद रुद्रप्रयाग के बच्चों के लिए रिवाल्विंग फंड के लिए एक करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत की। बैठक में मुख्य सचिव एस0 रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव डा0 रणवीर सिंह, सचिव अमित नेगी, डीएस गर्ब्याल, आर मीनाक्षी सुन्दरम, विजय कुमार ढोडियाल, अरविन्द सिंह ह्यांकी सहित आरबीआई, एस0बी0आई, कोपोरेटिव बैंक के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

आईएमए परेड कार्यक्रम के लिये डाइवर्ट होंगे कुछ रुट

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देहरादून में होने वाली आईएमए परेड और उससे जुड़ी तैयारियों के चलते राजधानी में यातायात को डाइवर्ट किया जाएगा जिससे शहर का ट्रैफिक सुचारु रुप से चल सके।

दिनांक 08.12.2016 से 10.12.2016 के बीच आईएमए परेड के कार्यक्रम दिवसों के दौरान यातायात डाइवर्ट प्लान इस तरीके से होगा-

  • परेड के दौरान आईएमए की ओर कोई भी यातायात नहीं जायेगा तथा आईएमए की तरफ जीरो जोन रहेगा।
  •  बल्लूपुर से आने वाले समस्त यातायात रांगणवाला चौकी आईएमए के पास से डायवर्ट कर मीठीबैरी से होकर प्रेमनगर की ओर मुख्य मार्ग पर जा सकेगा।
  • प्रेमनगर की ओर से आने वाले यातायात को आईएमए एमटी सेक्शन गेट की ओर डाइवर्ट कर रांगणवाला बैरियर की ओर निकाला जायेगा। उक्त यातायात रांगणवाला बैरियर से बल्लूपुर पण्डितवाडी की ओर जा सकेगा।
  • विकासनगर की ओर से आने वाले भारी वाहनों को हर्बटपुर चौक से धर्मावाला चौक की ओर डाइवर्ट किया जायेगा। उक्त यातायात धर्मावाला चौक से शिमला बाई पास होते हुए शहर की ओर आ सकेगा।
  • देहरादून से विकासनगर हर्बटपुर होते हुए दिल्ली जाने वाले भारी वाहनों को शिमला बाईपास से डाइवर्ट कर विकासनगर धर्मावाला की तरफ भेजा जायेगा।
  • देहरादून की ओर से विकासनगर जाने वाले समस्त यातायात को बल्लूपुर से बल्लीवाला होते हुए जीएमएम रोड होते हुए कमला पैलेस की ओर से शिमला बाईपास की ओर निकाला जायेगा। उक्त यातायात शिमला बाईपास से विकासनगर की ओर जा सकेगा।
  • समस्त भारी वाहनों को पूर्णतः हर्बटपुर, शिमला बाईपास चौक तथा बल्लूपुर चौक से जीएमएस रोड की ओर डायवर्ट किया जायेगा।

इन स्थानों पर निम्न तिथियों में उनके सम्मुख समयावधि पर यातायात डायवर्ट किया जायेगाः-

  • दिनांक 08.12..2016- 07:00 बजे से 12:00 बजे तक व 04:30 बजे से 10:00 बजे तक समस्त भारी वाहन प्रातः 05:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक डायवर्ट किये जायेगें।
  • दिनांक 09.12.2016- 07:00 बजे से 10:00 बजे तक व 04:30 बजे से 10:00 बजे तक समस्त भारी वाहन प्रातः 05:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक डायवर्ट किये जायेगें।
  • दिनांक 10.12.2016- 0700 बजे से 1200 बजे तक समस्त भारी वाहन रात्रि 0100 बजे से डायवर्ट किये जायेगें।

प्रो डी.आर पुरोहित को मिलेगा इस साल का चंद्रकीर्ति सम्मान

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उत्तराखंड के लोक संस्कृति के प्रचारक प्रो डी आर पुरोहित को गढ़वाली लोक विरासत के प्रचार-प्रसार, संरक्षण और उनके अनुकरणीय योगदान के लिए इस साल के चन्द्रकीर्ति सम्मान दिया से नवाजा जाएगा। मशहूर पत्रकार चंद्र प्रकाश भट्ट की स्मृति में स्थापित किया गया, चन्द्रकीर्ति सम्मान पुरस्कार हर साल 13 दिसंबर को उल्लेखनीय, साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उपलब्धियों से लैस प्रतिष्ठित व्यक्तियों को दिया जाता है। 

पुरोहित एक अनुभवी लोक शोधकर्ता है, जो पिछले 2 दशकों से गढ़वाल की लोक परंपराओं जैसे की थिएटर कलाओं को खत्म होने से बचाने के लिए अथक काम कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तरों के लिए संगीत और रंगमंच के कई पारंपरिक रूपों का उत्पादन किया है जिसमे “चक्रव्यूह” और “बूढदेवा” सबसे उल्लेखनीय है।

इस वर्ष उनका नाम पुरस्कार के लिए पारित होने पर उन्होनें कहा कि “यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है कि अपने ही लोगों के बीच मुझे यह सम्मान प्राप्त हो रहा। उन्होंने कहा कि मेरे काम का ज्यादा हिस्सा केदार घाटी में हुआ है, और यह पुरस्कार मेरे लिए खास है। हालांकि, लोक विरासत संरक्षण,में अभी पुरस्कारों से भी अधिक मेहनत और समय लगेगा। कला को बचाने के लिए सामाजिक और प्रशासनिक मोर्चों पर सक्रिय प्रयासों की जरूरत है जिससे कला की असामयिक मृत्यु, और कलाकार को घोर गरीबी से बचाया जा सकता है।”

अमित शाह की रैली के साथ कुमाँऊ में परिवर्तन यात्रा का समापन

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बुधवार को हल्द्वानी में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली सम्पन्न होने के साथ उत्तराखंड में भाजपा द्वारा कांग्रेस सरकार के खिलाफ चलाई जा रही परिवर्तन यात्रा का कुमाँऊ पड़ाव सम्पन्न हो गया। अब गढ़वाल की यात्रा का अंतिम चरण शेष है।

यात्रा में अपना दम खम दिखाने के लिये राज्य के भाजपा नेताओं ने कोई कसर नही छोड़ी । अपने भाषण में अमित शाह ने कांग्रेस के राज्य और केंद्रीय नेतृत्व को आड़े हाथों लिया। उत्तराखंड का फौज से गहरा नाता है और इसी को भुनाते हुए अमित शाह ने कहा कि “कांग्रेस सरकार ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ का काम क्यों नहीं किया। मोदी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन का वादा निभाया है”

वहीं देश में चल रहे नोटबंदी को सही और ज़रूरी बताते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि “परिवर्तन का मतलब भ्रष्टाचारी शासन को उखाड़ फेंकना और एक पारदर्शी सरकार जैसी नरेन्द्र मोदी जी चला रहे है” शाह ने कहा कि केंद्र की ही तर्ज पर अब समय आ गया है कि राज्य में भी भाजपा की सरकार बने ताकि प्रदेश को एक ईमानदार सरकार मिल सके। उन्होने कहा कि राज्य कि जनता कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार और विकास विरोधी अजेंडे से परेशान हो चुकी है। और अब समय आ गया है कि कांग्रेस मुक्त भारत के लिये राज्य की जनता कांग्रेस को बाहर का रास्ता दिखा दे।

प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ देवेंद्र भसीन ने बताया कि उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ व राज्य में अगले विधान सभा चुनाव में उत्तराखंड को कांग्रेस मुक्त बनाने के आह्वान के साथ शुरू की गयी परिवर्तन यात्रा का बुधलार को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की हल्द्वानी में शानदार रैली के होने के साथ कुमाँऊ में समापन हो गया। कुमाँऊ की यह यात्रा 12 नवंबर 2016 को देहरादून में प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट द्वारा रथ पूजन व 13 नवंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा यात्रा को ध्वज दिखा कर रवाना करने के साथ शुरू हुई थी और हरिद्वार होते हुए यात्रा ने 15 नवंबर को नादेही में कुमाँऊ मे प्रवेश लिया था। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज कुमाँऊ में यात्रा समाप्त हो गईं।

   उन्होंने बताया कि गढ़वाल में चल रही परिवर्तन यात्रा का अंतिम चरण 10 दिसंबर को शुरू होगा और 12 दिसम्बर को देहरादून में टपकेश्वर मैदान में रैली के साथ यात्रा सम्पन्न होगी। इस चरण में केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर जन सभाओं को संबोधित करेंगे। श्री पर्रिकर 12 दिसम्बर को टपकेश्वर मैदान में यात्रा की अंतिम जनसभा को सम्बोधित करने वाले हैं।

सुरक्षा बलों में महिला व पुरूष अनुपात कम से कम 40:60 का होना चाहिए: हरीश रावत

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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को ननूर खेड़ा में होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा संगठन के स्थापना दिवस पर आयोजित परेड की सलामी ली । परेड में कुल 6 प्लाटूनें शामिल हुई जिनमें 5 सशस्त्र पुरष तथा 1 सशस्त्र महिला प्लाटून थी। परेड में गढ़वाल तथा कुमाऊ मण्डलों के जनपदों से आये हुए होमगार्ड्स भी शामिल हुए। इस मौके पर बोलते हुए रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा होमगार्ड्स में महिलाओं के संख्या बढ़ाने प्रयास किए जा रहे है। सुरक्षा बलों में महिला व पुरूष अनुपात कम से कम 40:60 का होना चाहिए।  

इस मौके पर होमगार्ड्स तथा नागरिक सुरक्षा विभाग के 12 अधिकारियों को उत्कृष्ट कार्यो के लिए प्रमाण पत्र दिये गए। मुख्यमंत्री ने ड्यूटी पर दिवंगत 4 होमगार्डस स्वयंसेवकों की आश्रित पत्नियों को पाॅंच-पाॅंच लाख रूपये की बीमा सहायता राशि भी दी गई। 

मुख्यमंत्री ने यहां बोलते हुए कहा कि होमगार्डस एवं नागरिक सुरक्षा संगठनों के कार्य और उनके द्वारा किये जाने वाले दायित्वों अत्यन्त सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि

  • अन्तर्जनपदीय संचरण के अवसर पर होमगार्ड्स को रू0 100 की अतिरिक्त राशि की जाती है तथा होमगार्ड्स स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण भत्ता ड्यूटी भत्ते की राशि के बराबर किया जाता है।
  • इसके अतिरिक्त होमगार्ड्स का नियतन 6411 से बढ़ाकर 10 हजार किया जाता है। उक्त रिक्तियां तीन चरणों में भरी जायेंगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि  होमगार्ड्स ने उत्कृष्टता को अपना मानक बनाया है।रावत ने कहा कि हमें सोशल प्रीपेडनेस के प्रयासों के अन्र्तगत किसी भी प्रकार की चुनौती के लिए अपनी तैयारी पूरी रखनी होगी। 

  • लगभग 1200 होमगार्ड्स द्वारा अर्धकुम्भ मेले व कांवड़ यात्रा में सराहनीय सहयोग किया गया।
  • इसके अतिरिक्त चारधाम यात्रा एवं प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में भी होमगार्ड्स की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
  • होमगार्ड्स वनाग्नि को नियंत्रित करने में वन विभाग व नागरिक संगठनों की सहायता कर रहे है।
  • यातायात कन्ट्रोल में भी होमगार्ड्स के जवान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।

राज्य सरकार द्वारा सरकारी उपक्रमों व संस्थानों में भी होमगार्ड्स व पीआरडी के जवानों की अधिक से अधिक तैनाती की जाएगी। रावत ने नागरिक सुरक्षा संगठनों के प्रयासों की भी प्रशंसा की । उन्होंने कहा कि राज्य के 5 जिलों में नागरिक सुरक्षा संगठन स्थापित किए जाएगें। उत्तराखण्ड की विषम भौगोलिक स्थितियों तथा आपदाओं के मामले में सवेंदनशील होने के कारण नागरिक सुरक्षा की अवधारणा को मोटो या स्लोगन के रूप में प्रचलित करना होगा। 

इस अवसर पर होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा मंत्री प्रीतम सिंह पंवार, जिलाधिकारी रविनाथ रमन, परिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वीटी अग्रवाल, कमाण्डेट जनरल होमगार्ड्स आर0 एस0 मीना, भारी संख्या में होमगार्ड्स तथा नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवक, राजकीय इन्टर कालेज व नवोदय विद्यालय से आये हुये बच्चे उपस्थित थे।  

ओएनजीसी-जीएसपीसी मुद्दे पर कांग्रेस का प्रदर्शन

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गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कारपोरेशन (जी.एस.पी.सी) के तीस हजार करोड़ के कर्ज को ओ.एन.जी.सी पर डालने के मुद्दे पर पर सवाल उठाते हुए ओएनजीसी के गेट पर प्रदेश महिला कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की अगुवाई वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने की। चरखा, तकली व सूत आंदोलन से शुरू हुए धरने में बोलते हुए उन्होंने कहा कि चरखे व सूत की ताकत ने अंग्रेज साम्राज्य को भारत छोड़ने पर मजबूर कर आजादी दिलायी है, हम इस सूत की ताकत से ओएनजीसी को भी बचाएंगे।उन्होने ने दस्तावेजों की एक बुकलेट जारी करी, जिसमे जीएसपीसी के गठन में मात्र 64 डालर से बनाई गई कम्पनी “जियों ग्लोबल रिसोर्स (जीजीआर)” को अपने हित दे दिए है। उन्होने कहा कि ओएनजीसी एक नवरत्न विश्व विख्यात निगम है जिसके गठन में राज्य का बहुत बड़ा योगदान रहा है,  राज्य में ओएनजीसी मुख्यालय देहरादून में होने के कारण राज्य की अर्थ व्यवस्था में भी ओएनजीसी का भारी योगदान रहा है परन्तु केन्द्र सरकार ओएनजीसी पर गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कारपोरेशन, गुजरात सरकार के उपक्रम को अधिग्रहण करने का दबाव बना रही है जिससे ओएनजीसी सीधे-सीधे लगभग तीस हजार करोड़ के घाटे में आ जाएगा, वर्तमान में जीएसपीसी ने 2011 से और 2015 के बीच में 19,716 करोड़ का  कर्जा ले रखा है जिस पर लगभग 1,804 करोड़ का ब्याज 2014-15 में दिया गया है, यह बात सीएजी (कैग) रिर्पोट में आई है। जीएसपीसी की वार्षिक रिर्पोट में भी इस उपक्रम को बहुत लाभकारी नही माना गया है। तकनीकि व आर्थिक रिर्पोटों के आधार पर भी ओएनजीसी को इससे कर्ज के भुगतान के साथ-साथ पेट्रोलियम की नई खोज व उत्पादन करने के लिए हजारों करोडों रुपया और खर्च करना पड़ेगा, जो लगभग तीस हजार करोड़ तक पहुॅच जाएगा।  ओ0एन0जी0सी0 द्वारा नियुक्त की गई अर्न्तराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा इस पर सवाल खड़ें किए गये है फिर भी ओएनजीसी पर गुजरात सरकार के उपक्रम को अधिग्रहण का दबाव बनाया गया है। जब कि ओएनजीसी के पास राज्य के एक मात्र महाराणा प्रताप स्पोर्टस स्टेडियम को पचास करोड़ की निर्माण के लिए अपनी सहमति देने के बावजूद कुछ नही दिया गया।

उन्होंने कहा कि हमारा सीधा-सीधा मानना है कि जीएसपीसी के घाटे को अधिग्रहण कर ओएनजीसी स्वंय घाटे की कम्पनी बन जाएगा। उन्होने कहा कि मोदी जी ने अपने चुनाव में पूरे देश की जनता को कहा कि था कि गुजरात का किसान अपने खेतों में पेट्रोल व डीजल की खेती करेगा अब क्यों गुजरात का यह उपक्रम तीस हजार करोड़ के घाटे में चला गया है। आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने भाजपा के राज्य के पाचों सांसदों से भी ओएनजीसी के बचाव में आगे आने की पहल करने का आग्रह किया है।

न्यूजीलैंड की सबसे ऊंची चोटी फतह कर ताशी-नुंग्शी ने अपने नाम किया एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड

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दुनिया की सात सबसे ऊंची चोटियां फतह करने का अनोखा रिकॉर्ड बनाने के बाद दून की जुड़वा बहनों ताशी-नुंग्शी ने एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। नुंग्शी-ताशी यह कामयाबी हासिल करने वाली दुनिया की पहली जुड़वा बहनें हैं।दून के जोहड़ी गांव निवासी कर्नल विरेंद्र सिंह मलिक (सेवानिवृत्त) की दोनों बेटियां इसके पहले दुनिया की सात सबसे ऊंची चोटियों (सेवेन समिट्स) पर चढ़ाई करने वाली दुनिया की पहली जुड़वा बहनें होने का गिनीज रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी हैं। दोनों बहनों ने न्यूजीलैंड की सबसे ऊंची और खतरनाक पर्वत चोटी माउंट कुक (3,724 मीटर) पर भी तिरंगा फहरा दिया है।

ताशी और नुंग्शी की उपलब्धियों में सबसे कम उम्र में एक्सप्लोरर्स ग्रैंड स्लैम (लास्ट डिग्री) पूरा करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है।एवरेस्ट ट्विन नाम से मशहूर जुड़वा बहने इसके बाद न्यूजीलैंड की सबसे ऊंची चोटी माउंट कुक को फतह करने का लक्ष्य बनाया। इसके साथ ही दोनों ध्रुवों (नार्थ और साउथ पोल) पर तिरंगा फहराकर एक बार फिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया। कर्नल मलिक ने बताया कि इस अभियान के लिए ताशी और नुंग्शी ने दो सप्ताह का कड़ा प्रशिक्षण लिया था। प्रशिक्षण के दौरान ताशी के चोटिल हो गई थी, लेकिन दोनों ने हिम्मत नहीं हारी।

ये दोनों बहने देशभर और खासतौर पर उत्तराखंड के खिलाड़ियों और साहसिक खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के लिये प्रेरणा बन गई हैं।

नए साल की शुरुआत पहाड़ों की रानी मसूरी के साथ

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2016 खत्म होने को है ओर नया साल दस्तक देने वाला है। नये साल का स्वागत करने के लिये अगर आप हर साल की तरह इस साल भी दोस्तों और परिवार के साथ कहीं बाहर जाना चाहते हैं लेकिन नोटबंदी ने आपकी तैयारियों में ब्रेक लगा दिया है तो आपके पास आपके बजट को सूट करने वाले आॅप्शन भी है। अगर आपने अब तक यह नहीं सोचा है कि इस नये साल पर आप कहां जाने वाले हैं तो पहाड़ों की रानी मसूरी, आप सभी पर्यटकों के स्वागत के लिए बिल्कुल तैयार है। नये साल की शुरुआत मसूरी के साथ।

आकाश में एक मील उचे बैठे मसूरी, हिमालय की पहली पहाड़ियों में आता है, सर्दी की धूप सबसे पहले यहां बहती है। यहां का मशहूर माॅल रोड सूरज की किरणों से और य़हां के लोगों के हँसते मुस्कुरोते चेहरों से हजारों पर्यटकों को पूरे साल अपनी और आकर्षित करता है लेकिन इसका आकर्षण सबसे ज्यादा साल के अंत में होता है, लोग अपनी रोजमर्रा की भागदौड़ छोड़ कर यहां साल का आखिरी दिन मनाने के लिए आते हैं।

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जैसा कि दिल्ली के स्मिताभ और उनके दोस्त बताते हैं कि “हम सब इस साल कुछ नया करना चाहते थे, तब हम आठ लोगों ने सोचा कि हमें किसी हिल स्टेशन पर जाना चाहिए और नये साल की शुरुआत करनी चाहिए, और फिर क्या था हमने क्रिसमस की शाम से मसूरी रहने का प्लान बना लिया।” चार साल के गौरव की एक छोटी सी ख्वाहिश है कि इस बार मसूरी में बर्फ गिरे ताकि वो एक वाइट क्रिसमस मना सके और मौसम तो हम भगवान पर छोड़तें हैं, फेस्टिव सीजन के साथ शहर के सारे होटलों में एक से एक आकर्षक पैकेज दे रहे हैं। सा में एक मस्ती से भरा विकेंड देने का वादा कर रहें हैं जो कि थीम पार्टी, तोहफे, संगीत और डांस से भरा होगा। पिछले साल तक लगभग सभी होटल दिसंबर के पहले हफ्ते में ही बुक हो जाते थे, लेकिन इस साल नोटबंदी की वजह से इसमें थोड़ी कमी आई है। होटल मालिक रजत अग्रवाल बताते हैं कि “नोटबंदी ने भले ही इस सीजन में बाधा डाली है, लेकिन क्रिसमस और नया साल हमेशा की तरह इस साल भी उतने ही धूमधाम से मनाया जाएगा।” दुकानदार अपनी दुकानें सजाने में और अपना स्टाॅक भरने में व्यस्त हैं ताकि इस सीजन में ज्यादा से ज्यादा कमाई कर सकें। ज्यादातर दुकानदारों ने आॅनलाइन पेमेंट लेने के इंतजाम कर लिये हैं और जो ये नहीं कर पा रहे हैं खासतौर पर छोटे दुकानदार वो अन्य कैशलेस पेमेंट के प्लेटफाॅर्म पर जा रहे हैं।

एक और शानदार सूर्यास्त हमें नये साल की शाम के और पास ला रहा, जो रह गए उनके पास अभी भी समय है कि वो अपने बैग पैक करें और मसूरी के लिए निकल जाएं ताकि 2017 की शुरुआत वो यहां कर सकें।

पूर्व मुख्य सचिव डाॅ टोलिया का निधन; नम आंखों से दी राज्य ने विदाई

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उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव डाॅ आर.एस टोलिया का अंतिम संस्कार हरिव्दार में कर दिया गया। डा. टोलिया का निधन आज सुबह लगभग 4:30 बजे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में हुआ। 71 साल के डाॅ टोलिया पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। डाॅ टोलिया का जन्म देहरादून में 15 नवंबर, 1947 को हुआ था। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार, भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। उन्होंने उत्तराखंड के पहले मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर भी काम किया ।

डाॅ टोलिया ने अपने जीवन में बहुत सी उपलब्धियां प्राप्त की हैं। एनटीपीसी के अध्यक्ष होने के साथ वो दून विश्वविद्यालय के सार्वजनिक नीति के लिए काम कर रहे थे। अपना ज्यादातर समय वो पहाड़ के विकास के एजेंडे के लिए कायक्रमों से जुड़े रह कर व्यतीत करते थे और वह भारतीय पर्वतों से संबंधित कुछ समितियों के सदस्य के रूप में भी काम कर रहे थे।

डाॅ टोलिया ने विभिन्न पदों पर कई बहुपक्षीय कार्य शैक्षिक और नागरिक समाज संगठनों जैसे की इंटरनेशनल सेंटर फार इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट(आईसीआईएमओडी), काठमांडू, नेपाल, सर रतन टाटा ट्रस्ट (एसआरटीटी), मुंबई, टेरी, कुमाऊं विश्वविद्यालय, सीएचईऐ(CHEA), एसोसिएशन आफ ब्रिटिश इस्कालर इंडिया, एलआईऐआर (NIAR) में भी काम किया है।

उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं। जिसमें से उनकी तीन पुस्तकों की ट्राइलॅजी (i) फुड फार थाट एंड एक्शन (ii) पटवारी, घरटऔर चाय, (iii) इन्साइड उत्तराखंड टुडे बहुत लोकप्रिय रहीं है। उनकी दो किताबेंए हैंडबुक फार द पब्लिक ईंफारमेशन आफिसरऔर लोकसभा अधिकारों की हस्तपुस्तिका में उत्तराखंड के प्रशासनिक  इतिहास के कुछ पहलुओं को भी दर्शाया  है।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूर्व मुख्य सचिव डॉ आरएस टोलिया के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है।

नहीं रहीं “अम्मा”!! जयललिता का लंबी बीमारी के बाद निधन

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तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और देश की ताकतवर महिला राजनेत्रियों में से एक जयललिता का चेन्नई के अपोलो अस्पताल में सोमवार रात निधन हो गया। वह 68 वर्ष की थीं और तकरीबन पिछले 3 माह से अस्पताल में भर्ती थीं। जयललिता को रविवार शाम दिल का दौरा पड़ा। इसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया। अपोलो के डॉक्‍टरों ने उनके निधन की पुष्टि एक प्रेस रिलीज़ जारी कर किया।
जब पहली बार सितंबर में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था तो उनकी पार्टी ने कहा था कि उन्हें डिहाइड्रेशन और बुखार है लेकिन जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि उनकी हालत गंभीर है। उन्हें कई सप्ताह तक रेस्परटोरी सपोर्ट पर रखा गया। लंदन और दिल्ली से विशेषज डॉक्टरों को भी उनकी निगरानी के लिए बुलाया गया था। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों भी उन्हें देखने अस्पताल आए थे।उनकी पार्टी ने कहा था कि वह महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दे रही है और कभी-कभी उनसे मिलने वाले लोगों से बात कर रही हैं।

2014 में भ्रष्टाचार के एक मामले में उनकी गिरफ्तारी हो जाने के बाद भी उनके लाखों समर्थकों का ‘अम्मा’ से भरोसा नहीं डिगा। शोक प्रकट करने के लिए सैकड़ों समर्थकों ने अपने सिर मुड़ा लिए थे और जयललिता के प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित किया था। समर्थकों द्वारा गुस्से में आकर बसें जलाए जाने के बाद उन्होंने जेल से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की थी।

फिल्मी दुनिया से राजनीति की दुनिया तक का समय तय करने वाली जयललिता तमिलनाडु की चार बार मुख्यमंत्री बनीं और डीएमके पार्टी का राज्य में विकल्प बनीं। इस वर्ष मई में भारी बहुमत से जीत दर्ज करके उन्होंने इतिहास रच। पिछले तीन दशक में यह पहला मौका था जब किसी मुख्यमंत्री को लगातार दूसरी बार जीत मिली थी.

2014 में, आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें अदालत द्वारा दोषी करार दिया गया। इस केस का ट्रायल पड़ोसी राज्य कर्नाटक में चला था और उनकी प्रतिद्वंदी पार्टी डीएमके द्वारा केस दायर किया गया था। 9 माह बाद कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। इसके बाद उन्होंने फिर से राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाल लिया था।

जयललिता के निधन पर राष्ट्रपति,उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कांग्रेस अद्ययक्ष, उापाध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश के तमाम नेताओं ने दुख व्यक्त किया।
जयललिता के जीवन के कुछ पड़ाव

  • जयललिता को उनके प्रशंसक और उनकी पार्टी एआईएडीएमके के नेता, समर्थक प्यार से ‘अम्मा’ या मां कहते थे। उन्हें पुरात्चि थलाइवी (क्रांतिकारी नेत्री) भी कहा जाता था।
  • जयललिता का जन्म 24 फरवरी, 1948 को कर्नाटक राज्य के मैसूर में हुआ था। उन्होंने बेंगलुरु के बिशप कॉटन गर्ल्स से हाई स्कूल की शिक्षा प्राप्त की। बाद में जब उनकी मां ने तमिलनाडु की फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेत्री के तौर पर करियर शुरू किया तो उन्होंने चेन्नई के प्रजेंटेशन कॉन्वेंट में दाखिला लिया।
  • जयललिता के पिता ने निधन होने के बाद उनका परिवार चेन्नई में रहने लगा।
  • जयललिता पढ़ाई में अच्छी रहीं और वह वकील बनना चाहती थीं लेकिन परिवार की आर्थिक तंगी के चलते उन्हें 15 वर्ष की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री ज्वाइन करनी पड़ी।
  • उन्होंने तमिल, कन्नड़, मलयालम और बॉलीवुड की कुछ फिल्मों में काम किया।
  • उनकी पहली फिल्म चिन्नाडा गोम्बे बहुत सफल रही थी। जयललिता ने उस समय के सुपरस्टार एमजी रामचंद्रन उर्फ एमजीआर के सथ 28 फिल्मों में काम किया जो उनके राजनीतिक मार्गदर्शक हुआ करते थे। एमजी रामचंद्रन ने ही एआईएडीएमके की स्थापना की थी।
  • 1982 में, 34 वर्ष की उम्र में जयललिता ने एआईएडीएमके पार्टी ज्वाइन कर ली। उन्हें प्रचार विभाग का सचिव नियुक्त किया गया और जल्द ही उन्हें राज्य सभा के लिए मनोनीत कर दिया गया।
  •  तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे एमजी रामचंद्रन की 1987 में निधन हो गया। अगले वर्ष एआईएडीएमके पार्टी टूट गई क्योंकि पार्टी के कुछ लोग रामचंद्रन की पत्नी का समर्थन कर रहे थे तो कुछ लोग जयललिता के समर्थन में थे। 1991 में जयललिता पहली बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं।
  •  इसके बाद 2001 में वह तमिलनाडु की दूसरी बार मुख्यमंत्री बनी। इसके बाद  2011 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं।
  • 2014 में, भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें सजा हुई। इसके चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
  • बाद में उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया था और उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल ली थी।