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हंस फांउडेशन की मंगला माताजी को मिला उत्तराखंड रत्न

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मंगलवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती मंगला माताजी को ‘‘उत्तराखंड रत्न’’ से सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में हंस फाउंडेशन, एक पार्टनर के तौर पर काम कर रहा है। विशेष तौर पर शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में इनका अमूल्य योगदान रहा है। मंगला माताजी, भोले जी महाराज व हंस फाउंडेशन से जरूरतमंदों के मन में आशा का संचार होता है कि कोई है,जो उनकी मदद के लिए खड़ा है।    

मुख्यमंत्री रावत ने मंगला माताजी को बधाई देने के साथ ही उत्तराखंड व यहां के जरूरतमंदों की सेवा के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ‘उत्तराखंड रत्न’ की परम्परा शुरू करके हमें बड़ी खुशी है।  राज्य सरकार से सम्मानित किए जाने पर मंगला माताजी ने मुख्यमंत्री व उत्तराखंड सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य में असंख्य लोग पूरे सेवा भाव से राज्य के विकास व गरीबों की मदद में लगे हैं। यह सम्मान उन सभी जाने-अनजाने लोगों को समर्पित है जिनके लिए नर सेवा ही नारायण सेवा है। हंस फाउंडेशन शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रभावितों की सेवा में काम कर रहा है और जहां भी राज्य सरकार के सहयोग की आवश्यकता होती है, वहां हमें सरकार से सहयोग मिलता है।  

श्रीमती मंगला माताजी ने पुरस्कार के साथ मिले 5 लाख रूपए की धनराशि में 6 लाख रूपए अपनी ओर से मिलाते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र हेतु सीएम कोष में 11 लाख रूपए की धनराशि प्रदान की। इस अवसर पर श्री भोले जी महाराज, केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, राजेंद्र सिंह भण्डारी, विधायक विक्रम सिंह नेगी, गणेश गोदियाल,  प्रमुख सचिव डा.उमाकांत पंवार आदि उपस्थित थे। 

उत्तरकाशी की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिये सरकार वचनबध्द: हरीश रावत

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जनपद उत्तरकाशी के तहसील मोरी में पंहुचे मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यह क्षेत्र संस्कृति की धरोहर है। यहां की संस्कृति को संजोए रखने के लिए राज्य संग्रालय में पर्वतीय भवन शैली,एवं रंवाई घाटी की शैली को संग्रालय में रखा जायेगा।  खेती,मकान, खान-पान, भाषा पहाड़ की पहचान है। इसकी मौलिकता बनायें रखने के लिए कार्य किया जा रहा है। वहीं राज्य सरकार कृषि को बढ़ावा देने के लिए फल उत्पादन एवं परम्परागत उत्पादन के लिए किसानों को अनुदान देकर लाभान्वित किया जा रहा है। मोरी में बन्दर बाड़ा बनेगा,राजकीय इंटर कालेज मोरी में दो-चार भवन के निर्माण के लिए धन दिया जायेगा, शांकरी में उप तहसील की स्वीकृति, हरकीदून के लिए ट्रेकिंग रूट, ताकला-ओसला मोटर मार्ग की स्वीकृति, सिदरी मोटर मार्ग की स्वीकृति, मोरी में झील बनायीं जायेगी, मोरी में हैलिपैड की स्वीकृति, कारगिल शहिद दिनेश रावत सड़क का डामरीकरण की स्वीकृति, पावर नदी पर छोटा पुल की स्वीकृति, मोरी में सब स्टेशन की स्वीकृति, उक्त घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राजकीय इंटर कालेज मोरी में जनता को संबोधित करते हुए की। वहीं उन्होने कमली देवी एवं जुनका देवी ग्राम विंगसारी को 20-20 हजार रूपयें की आर्थिक सहायता राशि वितरित की।

 रावत ने जनसभा को संबोधित करते हुए ये भी बताया कि राज्य भर में विकास के कामों में तेजी लाई जा रही है।

  • किसानों की खेती को जंगली सुअर क्षति न पंहुचायें इसके लिए 100 करोड़ की लागत से सुरक्षा दिवार बनायीं जा रही है।
  • महिलाओं को सशक्त करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूह को अपनी खेती करने के लिए 5 हजार तथा 20 हजार दिया जा रहा है।
  • अपने खेत में कार्य कर रही महिला को मनरेगा के तहत जोड़ा जायेगा, उन्हें मनरेगा से लाभान्वित कर सशक्त बनायें जाने का प्रयास किया जा रहा है।

    इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पूर्व विधायक राजेश जुवांठा, जिला कांग्रेस कमेटी  रंवाई घाटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राणा ने भी जनता को संबोधित किया।

उत्तराखंड में शूट हो रही है तिगमांशु धूलिया की “राग देश”

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अपने प्राकृतिक सौंदर्य और खूबसरती से उत्तराखंड किसी भी देशी विदेशी पर्यटक स्थल को टक्कर देता है। लेकिन लंबे समय से राज्य को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वो पहचान नही मिल पा रही थी जिसका शायद वो हकदार है।पिछले कुछ समय से ये स्थिति बदलती जरूर दिख रही है। खासतौर पर फिल्मकारों और प्राॅडक्शन हाउसों के बीच उत्तराखंड एक पसंदीदा शूट डेस्टिनेशन की तरह उभर रहा है।

चर्चित फिल्म निर्देशक तिगमांशु धूलिया इन दिनों फिर से राज्य की खूबसूरत वादियों में शूट करने के लिये लौटे हैं। “राग देश” नाम की ये टेली डाॅक्यूमेन्ट्री एक घंटे की है और स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस और उनकी इंडियन नेशनल आर्मी की लड़ाई और कानूनी मुकदमों पर बन रही है। इस फिल्म को राज्य सभा टीवी के लिये बनाया जा रहा है।इस फिल्म की शूटिंग के लिये कई जगहों की लंबे समय तक रेक्की की गई और उसके बाद ही उत्तराखंड के लोकेशन फाइनल हुए। फिल्म की शूटिंग रुड़की, डोईवाला, एफ.आऱ.आई, देहरादून के अन्य हिस्सों में हो रही है। करीब महीने भर का शूट शेड्यूल आने वाले कुछ दिनों में खत्म हो जायेगा। जहां रंग दे बसंती फेम के कुणाल कपूर और सुल्तान में काम कर चुके अमित साद इस फिल्म में मुख्य भूमिका में दिखेंगे वहीं फिल्म में कई नये चेहरे भी अपनी अदाकारी का जलवा दिखायेंगे।

तिगमांशु धूलिया का उत्तराखंड से गहरा संबंध है।  उनकी माता जो कि मूल रूप से उत्तराखंड के कोटद्वार की रहने वाली हैं अब यहीं रहती हैं। तिगमांशु खुद भी मुंबई को अपनी कर्म भूमि और पहाड़ों को अपना दिल मानते हैं। उत्तराखंड में तिगमांशु की ये चौथी फिल्म है। इससे पहले वो बहुचर्चित फिल्म पान सिंह तोमर की शूटिंग यहां कर चुके हैं। साथ ही “यारा” की शूटिंग उत्तराखंड में तकरीबन 40 प्रतिशत पूरी हो चुकी है और फिल्म अगले साल रिलीज होगी।

लेफ्ट जेन अनिल भट्ट होंगे सेना के डीजीएमओ; उत्तराखंड का नाम किया रोशन

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यूं तो उत्तराखंड और सेना का साथ दशकों पुराना है। राज्य के बारे में ये भी कहा जाता है कि यहां हर घर से एक व्यक्ति सेना मे  है। समय समय पर राज्य के वीर जवानों ने लड़ाई के मैदान में पराक्रम दिखाकर प्रदेश का नाम ऊंचा किया है। ऐसे ही गौरव का एक और मौका लड़ाई के मैदान से नही लेकिन सेना मुख्यालय से तब आया जब दिल्ली में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हई नियुक्ति समिति की बैठक में लेफ्ट जेन अनिल कुमार भट्ट का नाम अगले डाइरेक्टर जेनरल मिलिट्री आॅपरेशन (डीजीएमओ) के लिये चुना गया।

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गोरखा राइफ्ल में कमिश्न लेफ्ट जेन भट्ट डीजीएमओ का कार्यभार लेफ्ट जेन रणबीर सिंह से लेंगे। इस नियुक्ति से पहले भी लेफ्ट जेन भट्ट ने भारत की सर्वोत्तम अटैक फोर्स में से एक स्ट्राइक वन काॅर्प के जीओसी के साथ कई अन्य पद संभाले हैं। उत्तराखंड के साथ साथ ये खासतौर पर मसूरी के लिये खासे गर्व का विषय है क्योंकि भट्ट मसूरी के ही रहने वाले हैं। उन्होने अपनी पढाई मसूरी के प्रतिष्ठित सेंट जार्ज काॅलेज से की है। 1977 बैच के छात्र अनिल के काॅलेज के प्रिंसिपल ब्रदर जे सी कैरल भट्ट को एक बेहतरीन अफसर और होशियार छात्र के रूप में याद करते हैं।

भट्ट को करीब से जानने वाले और काॅलेज में उनसे कुछ साल सीनियर गणैश सैली कहते हैं कि “अनिल मसूरी के एक आम परिवार का खास बेटा है, जिसके दिल में हमेशा से ही कुछ कर गुजरने की लालसा थी।”

भारत में नोट बंदी से नेपाल का करोड़ों का नुकसान

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नेपाल सरकार ने 500 और 1000 के पुराने भारतीय नोटों के प्रचलन पर रोक लगा दी, लेकिन अभी तक 2000 और 500 के नए नोटों को अनुमति नहीं दी। इससे नेपाली व्यापारियों के करोड़ों रुपए बेकार हो गए हैं। जब तक विदेशी मुद्रा विनिमय के लिए कोई नया नोटिफिकेशन जारी नहीं होता तब तक इन नोटों को नेपाल में नहीं चलाया जा सकेगा।

नेपाल के एनआरबी ने अपने आदेश में कहा भारतीय नए नोट उनके देश में अवैध और अनधिकृत घोषित किए गए हैं। नेपाल सरकार के इस फैसले का असर सीमावर्ती नगरों और कस्बों के व्यवसाय पर पड़ेगा। अब तक सीमावर्ती नगरों और कस्बों में दोनों देशों की करेंसी समान रूप से प्रचलित थी। नेपाल के लोग 25 हजार रुपए तक की राशि भारतीय क्षेत्र में ले जा सकते थे। बताया गया कि अब नेपाल सरकार इसमें भी संशोधन की तैयारी में है।

एनआरबी के प्रवक्ता नारायण पोडेल ने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था पर किसी प्रकार का प्रतिकूल असर न पड़े इसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

कई भारतीय व्यापारियों का नेपाल में अच्छा खासा कारोबार है। ऐसे में उनके नोट भी यहां पर बदलने में समस्याएं आएंगी। इससे उनका कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित होगा। दोनों ही देशों की सरकारों को करेंसी एक्सचेंज काउंटर बनाने की दिशा में पहल करनी चाहिए।

नेपाल के कई नागरिक भारत में काम करते हैं। वह घर लौटने पर एकमुश्त रकम लाते हैं, ऐसे में उनकी करेंसी बदलने के लिए एक्सचेंज काउंटर न होने से सर्वाधिक असर पड़ा है।

ई बैंकिंग को बढ़ावा देगी सरकार; पर क्या हम हैं तैयार कैशलेस इकाॅनमी बनने को?

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नोटबंदी के चलते लोगों को हो रही परेशानी से बचने के लिये राज्य सरकार ने ई-बैंकिग को बढ़ावा देने की तैयारी कर ली है। इसके लिये मुख्य सचिव ने सोमवार को सभी जिलाअधिकारियों को ई-बैंकिग और उस से जुड़ी सेवाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने  प्रदेशभर के जिलाधिकारियों से कहा कि भारत सरकार तथा नीति आयोग के निर्देशानुसार बदलते दौर में देशभर के साथ ही प्रदेश में भी ई-बैंकिग लेन-देन प्रणाली प्रभावी कर दी गयी है। इसका प्रचार-प्रसार करते हुए लोगों को ई-बैंकिग के माध्यम से जोडना है। उन्होनें कहा कि

  • ई-बैंकिग लेन-देन पर कोई भी रोक नहीं है।
  • कोई भी व्यक्ति आरटीजीएस, एनईएफटी, आईएमपीएस, पेटीएम, मोबाइल बैंकिग आदि के जरिए पैसे का लेन-देन कर सकता है।
  • किसी भी खाते के संचालन के लिए आधार नम्बर लिंक होना जरूरी है।
  • अभियान चलाकर सभी जिलाधिकारी विभिन्न बैंकों से समन्वय करते हुए शत-प्रतिशत खाताधारकों के आधार लिंक करायें।

उन्होनें कहा कि अब डिजीटल पैमेन्ट का समय आ गया है। इसके लिए प्री-पेड कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड को बढ़ावा दिया जाये साथ ही इसकी जानकारी विभिन्न शिविरों के माध्यम से लोगों को दी जाये। जागरूकता शिविरों के आयोजन के लिये बैंक अधिकारी एवं उत्तराखण्ड के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का सहयोग लिया जाए। डिजीटल पैमेन्ट की प्रक्रिया नीति आयोग की वेबसाईट से प्राप्त की जा सकती है। नीति आयोग की मंशा के अनुसार कैशलैस ट्रांजेक्शन होना है।

किसानों की सुवाधा के लिये किसानों को पैक्स में अंकित खातों को जिला काॅपरेटिव बैंक खाते खुलवाकर उनके रूपे कार्ड बनाने एवं उसके वितरण को भी अभियान के तहत चलाये जायेंगे, ताकि किसानों द्वारा डेबिट कार्ड के माध्यम से भी नकदी का आदान-प्रदान किया जा सकें।

इन सब कोशिशों से लोगों को राहत पहुंचाने की बात तो हो रही है लेकिन यहां कुछ मूल सवाल हैं जिनका जवाब तलाशना राज्य और देश को कैशलेस इकाॅनमी बनाने के लिये जरूरी है:

  • इन सभी सेवाओं के सुचारू रूप से चलने के लिये दुरुस्त आई टी सिस्टम होना बेहद जरूरी है। मौजूदा समय में 3जी और 4 जी जैसी सुविधाऐं शुरू तो कर दी गई हैं लेकिन अबी ये बड़े शहरों में सही तरह से स्थापित नहीं हो पाई हैं।
  • ज्यादातर कार्ड स्वाईपिंग मशीनें बिजली से चलती हैं। ऐसे में जिन इलाकों में बिजली की किल्लत है वहां किस तरह इनके उपयोग को प्रचलन में लाया जायेगा
  • दूर दराज के इलाकों और अशिक्षित लोगों को डिजिटल प्लेटफार्म चलाने की जानकारी देना चुनौती भरा रहेगा।
  • क्योंकि किसी भी डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर आपकी सारी वित्तिय जानकारी रहेगी इसलिये इसे अति सुरक्षित रखने की जरूरत है। लेकिन क्या साइबर क्राइम और हैकिंग के इस दौर में हमारे पास ये सुरक्षा ढांचा मौजूद है।

इसमें कोई दो राय नही है कि कैशलेस इकाॅनमी होना आज के समय की मांग है और दुनिया के काफी देश इस तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये ये जरूरी है कि इस राह में हमारे समने कौनसी चुनौतियां हैं और उन से कैसे निपटा जायेगा।

नोटबंदी पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं काले घन के हिमायती: रिजिजू

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले का विरोध वही लोग कर रहे हैं, जो सालों से कालाधन की पैरेलल इकाॅनमी को बढ़ा रहे हैं। दुसरी तरफ आम आदमी मोदी सरकार के इस फैसले से खुश है।किरन रिजिजू लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी पहुंचे थे। यहां सेवारत फेज-3 व 4 के प्रशासनिक अधिकारियों के रिफ्रेशर कोर्स की शुरुआत के मौके पर बोलते हुए उन्होंने माना कि शुरुआती दिनों में कुछ परेशानी हुई, लेकिन अब स्थिति सुधर रही है। उन्होंने कहा कि ‘भारत बंद’ को भी कालाधन रखने वालों ने ही हवा दी।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर देश को अस्थिर करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। नोट बंदी का विरोध और भारत बंद उन लोगों के दिमाग की देन है, जो नहीं चाहते कि देश से काले घन का खात्मा हो।उन्होंने ये भी कहा कि ये लोग आम जनता को गुमराह कर इस ऐतिहासिक कदम से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं।

 

विमुद्रीकरण के असर को आंकने के लिये सरकार ने बनाई समिति

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सोमवार को बीजापुर हाउस में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विमुद्रीकरण से राज्य की अर्थव्यवस्था व राज्य सरकार के राजस्व पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। समिति विमुद्रीकरण से राज्य पर विपरीत प्रभावों को कम करने के उपायों पर भी विचार विमर्श करेगी। समिति में वित्त, कृषि, व्यापार कर, पर्यटन, राजस्व, स्वास्थ्य, यातायात सहित अन्य संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव व सचिव सदस्य होंगे। 

मुख्यमंत्री श्री रावत ने पिछले दो-तान माह में बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदने वालों की सूची भी तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि सभी जिलाधिकारी, मजदूरों व श्रमिकों के बैंक खाते खोलने के लिए कैम्प आयेाजित कर रहे हैं। 

मुख्यमंत्री श्री रावत ने सीएसडी कैंटीन में राज्य सरकार द्वारा मदिरा पर लगाए जाने वाले आबकारी शुल्क को पूर्व सैनिकों के लिए कम करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में जैविक मांस (organic meat) के कन्सेप्ट पर कार्ययोजना तैयार करने को भी कहा। इसके लिए आर्गेनिक बोर्ड के तहत आर्गेनिक मीट विपणन बोर्ड बनाया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आर्गेनिक मीट की अधिक कीमत मिलने से विशेष तौर पर बकरी पालन को लाभकारी बनाया जा सकता है

छात्र ने हॉस्टल में फांसी लगाकर दी जानः जवाहर नवोदय विद्यालय

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उत्तराखंड के पौड़ी जिले में सतपुली के निकट जवाहर नवोदय विद्यालय की 12वीं क्लास के एक छात्र के संदिग्ध परिस्थितियों में हॉस्टल में फांसी लगाकर जान दे दी। छात्र के इस तरह खुदकुशी करने के मामले ने कई सवालों को जन्म दे दिया है।

सतपुली तहसील के खौरासैंण में छात्र अभिषेक की संदिग्ध मौत से स्कूल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, अभिषेक शुक्रवार रात को दूसरे छात्रों के साथ अन्य दिनों की भांति खाना खाकर सोने चला गया था। लेकिन शनिवार सुबह उसका शव बाथरूम की खिड़की से लटकता हुआ मिला,हालांकि, आनन-फानन में विद्यालय प्रशासन द्वारा अभिषेक को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

दरअसल, श्रीनगर निवासी 12वीं क्लास के छात्र अभिषेक ने अपने हॉस्टल के बाथरूम की खिड़की से लटकर जान दे दी और स्कूल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। मामले की गम्भीरता को देखते हुए बाद में डीएम पौड़ी ने खुद घटनास्थल का दौरा कर इस पूरे मामले के जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं। देश के प्रतिष्ठित विद्याल से मामला जुड़े होने के चलते डीएम पौड़ी ने तत्काल मामले की जांच के निर्देश जारी करते हुए छात्र के पोस्टमार्टम के लिए एक डॉक्टरों की टीम भी गठित कर दी। इतना ही नहीं मामले में किसी प्रकार की कोई लापरवाही न बरती जाए इसके लिए पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी के भी डीएम द्वारा जांच के आदेश दे दिए गए।

उधर, दूसरी ओर मृतक छात्र के कमरे की जब तलाशी ली गई तो वहां राजस्व पुलिस को एक डायरी भी मिली जिसमें उसने इस कदम के लिए अपनी मां से माफी भी मांगी है।

चुनावी माहौल में रामनगर के हिस्से आई घोषणाओं की सौगात

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चुनावी मौसम के आते ही चित परिचित अंदाज में राजनीतिक दलों ने काम करना शुरू कर दिया है। सत्ता पक्ष ने घोषणाओं की बौछार कर दी है और विपक्ष ने उन घोषणाओं को चुनावी स्टंट करार देना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रामनगर में एक अरब छब्बीस करोड की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

  • उन्होने 10 करोड 93 लाख की लागत से रामनगर मे एडीबी यूईएपी (रोड एण्ड ब्रिज) के अन्तर्गत स्वीकृत रामनगर-कालाढूगी-हल्द्वानी-काठगोदाम-चोरगलिया-सितारगंज-बिजटी मोटर मार्ग पुर्नस्थापना/पुर्न निर्माण कार्य,
  • 15 करोड 51 लाख की लागत से रामनगर में एडीबी (रोड एण्ड ब्रिज) के अन्तर्गत रामनगर-कालाढूगी-हल्द्वानी-काठगोदाम-चोरगलिया-सितारगंज-बिजटी मोटर मार्ग पुर्नस्थापना/पुर्न निमार्ण कार्य लोकापर्ण,
  • इसी कडी में एडीबी द्वारा वित्तपोषित रामनगर पेयजल पुनर्गठन एवं सुद्ढीकरण परियोजना की लागत लगभग 62 करोड की लागत से सम्पूर्ण रामनगर शहरी क्षेत्र की जनता लाभान्वित होगी।
  • इसके अलावा अन्तर्राज्जीय बस टर्मिनल रामनगर लागत 16 करोड 50 लाख,
  • बस स्टेशन बाजपुर लागत 4 करोड, बस स्टेशन किच्छा सौन्दर्यीकरण लागत 30 लाख

अपने सम्बोधन में प्रमुख सलाहकार रणजीत सिह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार गरीबो का विशेष ध्यान रख रही है। उन्होने कहा उत्तराखण्ड प्रदेश का पहला राज्य है जहां समाज कल्याण की विभिन्न पेंशन योजनाओं के अन्तर्गत लगभग 7.5 लाख गरीब पात्र लोगो को इन योजनाओं का लाभ मिल रहा है। वैसे तो चुनावी माहौल में घोषणाओं की परंपरा रही है पर ये कार्यक्रम इसलिये खास था क्योंकि रंजीत रावत के अपनी पारंपरिक सीट सल्ट की जगह रामनगर से चुनावी रण में उतरने की खबरें लंबे समय से आ रही हैं। ये घोषणाऐं कितनी पूरी होती हैं और चुनावों में कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाती है  ये तो वक्त ही बतायेगा।