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संजीव चतुर्वेदी के दिल्ली नियुक्ति आदेश को उत्तराखंड सरकार ने वापस लिया

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उत्तराखंड सरकार ने भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की दिल्ली में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी), विशेष कार्याधिकारी के पद पर की गई नियुक्ति का आदेश वापस ले लिया है।उत्तराखंड में ज्वॉइनिंग देने के ढाई महीने बाद गत शुक्रवार को ही सरकार ने उन्हें मुख्य स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली में विशेष कार्याधिकारी एनजीटी के पद पर नियुक्त किया था।

माना जा रहा है कि चतुर्वेदी अपनी सेवा उत्तराखंड में ही देना चाहते हैं और इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अपनी इच्छा भी जता चुके थे। उनकी नियुक्ति के बाद से ही सरकार के इस कदम पर सवाल उठने लगे और आदेश वापसी को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव एस. रामास्वामी को निर्देश दिया है कि चतुर्वेदी के संबंध में दिए गए पूर्व के आदेशों को वापस लिया जाए। संजीव चतुर्वेदी ने दिल्ली एम्स में विजिलेंस अधिकारी रहते हुए सराहनीय काम किये और २०१५ में उन्हें प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे एवार्ड से भी नावाजा गया।

बलूनी की चुनावी ललकार हरीश रावत के खिलाफ, सीएम ने जोड़े हाथ कहा- ‘मैं छोटा आदमी’

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देवभूमि के चुनावी दंगल में जब बीजेपी हरीश रावत यानि हरदा के खिलाफ चेहरा देने से बच रही है तब भी मुख्यमंत्री को मात देने के लिये पार्टी नेता हूंकार भर रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी ने प्रदेश नेताओं से एक कदम आगे बढ़कर हरदा को सीधे चुनावी जंग के लिये ललकार दिया है। बलूनी ने कहा कि मुख्यमंत्री की एकमात्र उपलब्धि परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है और प्रदेश की जनता इससे मुक्ति चाहती है। वैसे बलूनी से कुछ दिन पहले कांग्रेस से बग़ावत कर बीजेपी में आये हरक सिंह रावत भी धारचूला से हरीश रावत के खिलाफ चुनावी ख़म ठोकने की चाहत जता चुके हैं।

अनिल बलूनी ने ऐलान कर दिया है कि धारचूला से लेकर यमुनोत्री यानी प्रदेश की सत्तर की सत्तर सीटों में जहाँ से मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव लड़ेंगे वे उनके खिलाफ लड़ेंगे। बलूनी ने पार्टी आलाकमान से हरदा के खिलाफ टिकट माँग लिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने रावत सरकार पर आरोप लगाया है कि शराब और खनन की गंगा में गोते लगाती कांग्रेस सरकार के हिस्से एक भी उपलब्धि नहीं हैं। बलूनी के इस बयान को उनकी तरऱ से राज्य का राजनीति में अपने आप को स्थापित करने की दिशा में उठाया कदम भी कहा जा रहा है।

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बहरहाल, सियासत के अखाड़े में हर पहलवान के दाँव का पेंच विरोधी के साथ साथ कई बार अपनों को भी चित कर देता है। बलूनी के बयान को भी उसी नजरिये से देखा जा सकता है।

वैसे बलूनी के ताज़ा दाँव से पहले किशोर उपाध्याय और फिर हरीश रावत भी बीजेपी आलाकमान के ब्लू आई बलूनी को सीएम रेस में सब पर भारी बताकर गुगली खेल चुके। फिलहाल तो प्रदेश पॉवर कॉरिडोर में देहरादून बीजेपी पर दिल्ली बीजेपी के एक दावेदार के बढ़ते दबदबे के रूप में बलूनी के बयान को देखा जा रहा है।

ऐसे समय जब कई बीजेपी के दिग्गज सुरक्षित सीट की तलाश में अपने पुराने सियासी गढ़ छोड़ने का मन बना रहे हैं, तब बलूनी का दाँव कई पार्टी नेताओं को चित न कर डाले। खासकर कुमाऊँ के कुछ दिग्गज जो हरदा से दो-दो हाथ करने की बजाय सेफ़ सीट के लिये सर्वे का सहारा लेकर पलायन का प्लान बनाने में लगे हैं।

वहीं बलूनी की इस चुनौती को हरदा ने हल्के में लेते हुए चुटकी ली।भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी के सीएम के खिलाफ चुनाव लड़ने के सवाल पर सीएम रावत ने कहा कि सभी छोटे भाइयों को शुभकामनायें देता हूँ। सीएम ने व्यंग्य करते हुए कहा कि मैं तो बहुत छोटा आदमी हूं. मैं किसी को चुनौती देने की स्थिति में नहीं हूं. बल्कि हाथ जोड़ने की स्थिति में हूँ।

वाईनबर्ग एलेन स्कूल,मसूरी ने मनाई स्कूल की 128वीं वर्षगांठ

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 आज सुबह दि वाईनबर्ग एलेन स्कूल, मसूरी ने अपने 128 वर्ष पूरे होने पर अपना वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह 2016, सर किर्बी लैंग आडिटोरियम में आयोजित किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य लेज़ली टिन्डलें नें कहा कि आज का दिन बहुत गर्व और उपलब्धि का हैं स्कूल के स्टाफ, छात्रों और अभिभावकों के लिए। यहां के स्टूडेंट्स ने हमेशा अपने स्कूल की सफलता और उसके आदर्शों के लिए काम किया है। इस ढ़ाई घंटे के समारोह में उन स्टूडेन्टस को पुरस्कृत किया गया जिन्होंनें मार्च से शुरु होने वाले सेशन से लेकर अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। समारोह के मुख्य अतिथि, आई.ए.एस तेजवीर सिंह, ज्वाइंट डायरेक्टर, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय एकेडमी आफ एडमिनिस्ट्रेशन ने इस मौके पर कहां कि उन्हें गर्व है कि वो इस स्कूल का हिस्सा हैं, जो हमेशा साथ रहने वाले पहाड़ो के इतिहास का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आज के बच्चें अपने गुणों से कल का सुंदर भारत बनाने वाले हैं, उनकी कड़ी मेहनत, नम्रता, और उदारवाद से ही यह देश सपनों के भारत जैसा खूबसूरत बनेगा।

मार्च के पहले हफ्ते में स्कूल दुबारा खुलेगा। सर्दिंयों की छुट्टियों के लिए स्कूल तीन महीनें के लिए बंद हो गया है।

मुख्यमंत्री ने पत्र लिखकर जेटली से नोटबंदी पर जताई चिंत्ता

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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को पत्र लिखकर 1000 व 500 के नोटबंदी से राज्य के पर्यटन, कृषि व राजस्व पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों की जानकारी देते हुए राहत हेतु आवश्यक उपाय किए जाने का अनुरोध किया है। अपने पत्र में  रावत ने कहा कि काला धन के संबंध में विमुद्रीकरण एक अच्छा कदम है, परंतु इसके लिए तैयारियां भी उसी स्तर पर की जानी चाहिए थी। उत्तराखंड जैसे छोटे व अल्प संसाधनों वाले राज्यों पर इसका अधिक विपरीत असर पड़ रहा है। पहले से ही 14 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों से नुकसान में रहे उत्तराखण्ड पर नोटबंदी के कारण पर्यटन, राजस्व का नुकसान भारी पड़ रहा है। पर्वतीय राज्य जहां एक बड़ी आबादी सहकारी बैंकिंग सिस्टम पर निर्भर है, वहां सहकारी बैंकों पर पाबंदियों से जनजीवन व कृषि गतिविधियां भी प्रभावित होंगी।

राज्य के ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों का बड़ा हिस्सा सहकारी बैंकों पर निर्भर है। बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका खाता केवल सहकारी बैंकों में है। भारत सरकार ने सहकारी बैंकों द्वारा 500 व 1000  के पुराने नोट लेने पर रोक लगाई है। खरीफ की फसल के बाद जिन किसानों के पास नकदी थी, वे इस नकदी को अपने खाते में जमा नहीं कर पा रहे हैं। रबी फसल की बुवाई का समय भी प्रारम्भ हो गया है। परंतु क्योंकि अधिकांश किसान सहकारी बैंकों से जुड़े हैं, रबी फसल के लिए बीज, उर्वरक व ऋण नहीं ले पा रहे हैं। इससे फसल के उत्पादन में गिरावट आना स्वाभाविक है। जिसका परिणाम भविष्य में खाद्य पदाथों की बढ़ती कीमतों के रूप में देखने को मिलेगा। इसलिए सहकारी बैंकों को 500 व 1000 के नोट स्वीकार किए जाने को तत्काल मंजूरी दी जानी चाहिए। 

मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने पत्र में केंद्रीय मंत्री का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट किया है कि सहकारी बैंकों में नकदी के अभाव से इसके उपभोक्ताओं द्वारा खातों से अधिक आहरण किए जाने की प्रवृत्ति बढ़ेगी, जिससे सहकारी बैंकों पर अधिक दबाव पड़ेगा। इससे समूचा सहकारी बैंकिंग सिस्टम चरमरा सकता है। सहकारी बैंकों ने अपने पास स्थित 500 व 1000 के पुराने बंद किए गए नोट के नकदी शेष का उपयोग कर लिया है जिससे वे बैंकिंग नेटवर्क में उन्हें जमा कराने में असमर्थ हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा है कि नकदी के अभाव से राज्य में बिक्री, वस्तुओ व सेवाओं के विनिमय, पर्यटन सहित अन्य संबंधित गतिविधियों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार के वैट संग्रहण व अन्य आय स्त्रोंतों पर नकारात्मक प्रभाव हुआ है। व्यापार, स्टाम्प व रजिस्ट्रेशन फीस में भी बहुत कमी आई है। इससे राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर विपरीत असर पड़ रहा है, विशेष तौर पर पूजीगत व विकास व्यय प्रभावित हो रहे हैं। विमुद्रीकरण योजना से केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष करों में बढ़ोतरी होगी, इसका लाभ राज्य सरकार के साथ भी साझा करना चाहिए। विभिन्न पर्यावरणीय कारणों से दूसरे राज्यों की तुलना में बहुत सी विकास योजनाएं व आर्थिक गतिविधियां संचालित नहीं हो पाती हैं। इसलिए विमुद्रीकरण से उत्तराखंड राज्य बुरी तरह से प्रभावित होगा।  इसलिए विमुद्रीकरण से राज्य को हो रहे नुकसान पर केंद्र सरकार ध्यान दे।

मुख्यमंत्री ने पत्र लिखकर जेटली से नोटबंदी पर जताई चिंत्ता

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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को पत्र लिखकर 1000 व 500 के नोटबंदी से राज्य के पर्यटन, कृषि व राजस्व पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों की जानकारी देते हुए राहत हेतु आवश्यक उपाय किए जाने का अनुरोध किया है। अपने पत्र में  रावत ने कहा कि काला धन के संबंध में विमुद्रीकरण एक अच्छा कदम है, परंतु इसके लिए तैयारियां भी उसी स्तर पर की जानी चाहिए थी। उत्तराखंड जैसे छोटे व अल्प संसाधनों वाले राज्यों पर इसका अधिक विपरीत असर पड़ रहा है। पहले से ही 14 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों से नुकसान में रहे उत्तराखण्ड पर नोटबंदी के कारण पर्यटन, राजस्व का नुकसान भारी पड़ रहा है। पर्वतीय राज्य जहां एक बड़ी आबादी सहकारी बैंकिंग सिस्टम पर निर्भर है, वहां सहकारी बैंकों पर पाबंदियों से जनजीवन व कृषि गतिविधियां भी प्रभावित होंगी।

राज्य के ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों का बड़ा हिस्सा सहकारी बैंकों पर निर्भर है। बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका खाता केवल सहकारी बैंकों में है। भारत सरकार ने सहकारी बैंकों द्वारा 500 व 1000  के पुराने नोट लेने पर रोक लगाई है। खरीफ की फसल के बाद जिन किसानों के पास नकदी थी, वे इस नकदी को अपने खाते में जमा नहीं कर पा रहे हैं। रबी फसल की बुवाई का समय भी प्रारम्भ हो गया है। परंतु क्योंकि अधिकांश किसान सहकारी बैंकों से जुड़े हैं, रबी फसल के लिए बीज, उर्वरक व ऋण नहीं ले पा रहे हैं। इससे फसल के उत्पादन में गिरावट आना स्वाभाविक है। जिसका परिणाम भविष्य में खाद्य पदाथों की बढ़ती कीमतों के रूप में देखने को मिलेगा। इसलिए सहकारी बैंकों को 500 व 1000 के नोट स्वीकार किए जाने को तत्काल मंजूरी दी जानी चाहिए। 

मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने पत्र में केंद्रीय मंत्री का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट किया है कि सहकारी बैंकों में नकदी के अभाव से इसके उपभोक्ताओं द्वारा खातों से अधिक आहरण किए जाने की प्रवृत्ति बढ़ेगी, जिससे सहकारी बैंकों पर अधिक दबाव पड़ेगा। इससे समूचा सहकारी बैंकिंग सिस्टम चरमरा सकता है। सहकारी बैंकों ने अपने पास स्थित 500 व 1000 के पुराने बंद किए गए नोट के नकदी शेष का उपयोग कर लिया है जिससे वे बैंकिंग नेटवर्क में उन्हें जमा कराने में असमर्थ हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा है कि नकदी के अभाव से राज्य में बिक्री, वस्तुओ व सेवाओं के विनिमय, पर्यटन सहित अन्य संबंधित गतिविधियों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार के वैट संग्रहण व अन्य आय स्त्रोंतों पर नकारात्मक प्रभाव हुआ है। व्यापार, स्टाम्प व रजिस्ट्रेशन फीस में भी बहुत कमी आई है। इससे राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर विपरीत असर पड़ रहा है, विशेष तौर पर पूजीगत व विकास व्यय प्रभावित हो रहे हैं। विमुद्रीकरण योजना से केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष करों में बढ़ोतरी होगी, इसका लाभ राज्य सरकार के साथ भी साझा करना चाहिए। विभिन्न पर्यावरणीय कारणों से दूसरे राज्यों की तुलना में बहुत सी विकास योजनाएं व आर्थिक गतिविधियां संचालित नहीं हो पाती हैं। इसलिए विमुद्रीकरण से उत्तराखंड राज्य बुरी तरह से प्रभावित होगा।  इसलिए विमुद्रीकरण से राज्य को हो रहे नुकसान पर केंद्र सरकार ध्यान दे।

भाजपा का उत्तराखण्ड सरकार पर एक और निशाना, कहा- सेस का पैसा ठिकाने लगा रही है सरकार

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जैसे-जैसे प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घंड़ी नजदीक आ रही है कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग तेज होती जा रही है। कांग्रेस जहां प्रदेश में सतत विकास यात्रा चला रही है वही भाजपा परिवर्तन यात्रा कर रही है।

मगर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार सेस की धनराशि को लेबर के उत्थान के नाम पर खर्च कर रही है। उनका कहना है कि प्रदेश में सरकार नियमों को ताक पर रखकर काम कर रही है. इस तरह से देखा जा सकता है कि प्रदेश में आखिर सरकार कैसे मनमाने तरीके से काम कर रही है। उनका कहना है कि इसके लिए करीब 250 करोड़ रुपये का फंड जुटाया जा रहा है, जिसको मनमाने तरीके लेबर के उत्थान के नाम पर खर्च किया जाना है ।

उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव से इस पूरे मामले में तत्काल रोक लगाने की मांग की है। भाजपा का कहना है कि बिना रजिस्टर्ड मजदूरो को भी साइकिल और अन्य सामानों की किट बांटी जा रही है, जिसका कोई हिसाब किताब नहीं है। इस तरह से भाजपा सरकार के खिलाफ तल्ख तेवर अपना रही है।

एक बार फिर इस फिल्म में डबल रोल में दिखेंगे अर्जुन कपूर

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अनीस बज्मी की फिल्म ‘मुबारकां’ की पहली झलक लॉन्च कर दी गई है। इसमें अर्जुन कपूर डबल रोल में दिख रहे हैं। फिल्म ‘मुबारकां’ में वो पहली बार सरदार के किरदार में दिखेंगे।आपको बता दें कि अर्जुन इससे पहले ‘औरंगजेब’ में भी डबल रोल निभा चुके हैं.

फिल्म में अर्जुन के अलावा उनके रीयल लाइफ चाचा यानी कि अनिल कपूर भी हैं। खबरों की मानें तो फिल्म में अनिल कपूर, अर्जुन के चाचा ही बने हैं। वहीं अर्जुन दो जुड़वे भाई चरण और करण का किरदार कर रहे हैं।

फिल्म में पंजाबी भाषा का जमकर इस्तेमाल हुआ है और इसके ज्यातर हिस्सों की शूटिंग चंडिगढ़ में की जा रही है, बाकी शूटिंग लंदन में होनी है। अगले साल 28 जुलाई को रिलीज होने वाली फिल्म ‘मुबारकां’ के अलावा अर्जुन कपूर, चेतन भगत की किताब पर आधारित फिल्म ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ में भी दिखेंगे।

अर्जुन ने ट्विटर पर पहली झलक जारी करते हुए कहा है ‘मिलें करणवीर और चरणवीर सिंह से.’ फोटो में अर्जुन अपने सरदार लुक में दिख रहे हैं।

वरुण धवन और रणवीर सिंह के साथ करियर की शुरुआत करने वाले अर्जुन कपूर की कामयाबी का ग्राफ इनकी तुलना में कुछ पीछे रह गया है। ऐसे में बज्मी की इस कॉमेडी फिल्म से अर्जुन कपूर को बहुत उम्मीदें हैं.

 

 

गढ़वाल की मंडियों में नोटबंदी के चलते सड़ रहे हैं फल और सब्जियां

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नोटबंदी का असर गढ़वाल के सबसे बड़ी सब्जी मंडी पर पड़ रहा है,  रखे-रखे सड़ रही लाखों कुंटल सब्जियां। नोटबंदी ने रोकी फल-सब्जियों की आवाक।  केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद से ही नोटबंदी का असर लगभग हर तरफ देखा जा रहा है, अब नोटबंदी ने पहाड़ी इलाकों के किसानो की मुश्किलें बड़ा दी है, जिसका नतीजा अब ऋषिकेश सब्जी मंडी में साफ़ देखा जा रहा है जहाँ मंडी में नोटबंदी के बाद 75 फीसदी गिरावट आयी है जिससे फुटकर विक्रेता को बड़े परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

500-1000 के नोट बंद होने के बाद से ही हर जगह इसके अलग अलग असर देखने को मिल रहे हैं, एक और जहाँ इससे आम लोग परेशान है वहीँ दूसरी और मंडी पर भी इसका खासा असर देखने को मिल रहा है , खुले पैसें न होने के कारण मंडी में रखी लाखों कुंटल सब्जियां सड़ रही है जिससे बाजार में 75 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है।  

ऋषिकेश मंडी पुरे ग्रामीण इलातकों से आने वाली सब्जियों का मुख्य केंद्र है जहाँ पर से फल- सब्जियां बाकि इलाको में पहुंचाई जाती है। ऐसे में ऐसे में यहाँ रोजाना हजारों ग्राहकों की भीड़ देखने को मिलती थी लेकिन नोट बंदी के बाद से ही यहाँ के हाल बहुत ही बुरे है। लाखों कुंटल सब्जियां रोजाना सड़ रही है जिसे सब्जी बिक्रेता उन्हें फेंकने को मजबूर हो रहे है । यहाँ के फुटकर बिक्रेताओं  कहना है की हर कोई 500-1000 के नोट लेकर मंडी में आता है तो उन्हें इसके खुले देने में परेशानी होती है , जैसा सामान घर से आता है वैसे ही उसे वापस ले जाना पड़ रहा है 

नोट बंदी के फैसले से जहाँ व्यापार घट रहा है तो वहीँ अब इसका सीधा असर मंडियों पर भी साफ़ देखा जा रहाहै ग्राहकों की कमी  चलते मंडियों से सामान नही बिक पा रहा है जिससे फुटकर बिक्रेता मायूस है।

आलिया भटृ और शाहरुख खान की “डियर जिंदगी” थोड़ी हट कर, आपको आएगी पसंद

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गौरी शिन्दे की एक और बेहतरीन पेशकश है डियर जिंदगी जो आज सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। गौरी शिन्दे की बतौर डायरेक्टर यह दूसरी फिल्म है। अपनी पहली फिल्म इंग्लिश विंग्लिश से दर्शकों की वाह-वाही लुट चुकी गौरी एक बार फिर से दर्शकों के बीच एक अलग फिल्म के साथ आईं हैं।

फिल्म में मुख्य भूमिका में कियारा उर्फ कोको (आलिया भटृ) एक सिनेमेटोग्राफर का किरदार निभा रहीं हैं जो यकीनन ही उनके लिए मुश्किल रहा होगा। हमेशा कैमरे के आगे काम करने वाली आलिया ने एक ऐसा किरदार निभाया है, जिसका सारा काम कैमरे के पीछे होता है। फिल्म में डॉ जग्स उर्फ जहांगीर (शाहरुख खान) भी अहम भूमिका में हैं, उन्होंने एक साइकोलॉजिस्ट की भूमिका निभाई है। इसके अलावा फिल्म में सिड (अंगद बेदी), रघुवेंद्र (कुणाल कपूर) और रुमी (अली जफर) भी हैं।

फिल्म में कियारा अपने करियर को लेकर एकदम फोक्सड हैं और अपने रिलेशनसीप को लेकर, कन्फ्यूज हैं, वो सिड (अंगद बेदी) के साथ रिलेशन तोड़ देती है क्योंकि उसे सिंगापुर में शूट के दौरान रघुवेंद्र (कुणाल कपूर) से प्यार हो जाता है। बाद में वो रघुवेंद्र के साथ भी रिलेशनशिप को लेकर कन्फयूज हो जाती है, और फिर ब्रेकअप। कियारा अपनी जिंदगी,कमिटमेंट,रिलेशनशिप को लेकर सोच में पड़ जाती है तभी उन्हें गोवा अपने घर जाना पड़ता है। कियारा की गोवा में मुलाकात एक म्यूजीशियन (अली जफर) से भी होती है।

गोवा में वह एक फैमिली फ्रेंड के होटल का वीडियो शूट करने निकलती है तब उनकी एकतरफा मुलाकात होती हैं, डॉ जग्स उर्फ जहांगीर (शाहरुख खान) से जिसके बाद फिल्म एक अलग मोड़ पर चली जाती है। कियारा की जिंदगी में काफी सवाल अधूरे हैं जिसके लिए वह डॉ जग्स से मिलती हैं,क्या इन सब सवालों के लिए डॉ जग्स की थेरेपी काम आएगी?

शाहरुख खान की एक्टिंग के बारे में इतना जरुर है कि इस फिल्म में शाहरुख ने बेहतर अदाकारी की है, यह फिल्म बाकी फिल्मों से हटकर है और इसमें शाहरुख आपको रोमांस करते नहीं नजर आएंगे लेकिन उनका ये रोल काफी रिफ्रेशिंग है। डियर जिंदगी की सिनेमेटोग्राफी किसी ट्रीट से कम नहीं है । आपको पूरी फिल्म में एक से बढ़कर एक सीन देखने मिलेंगे जिसे देखकर आपको मजा आएगा।

 फिल्म के वन लाइनर्स और डायलॉग इतने मजेदार हैं । डियर जिंदगी एक ऐसी फिल्म है जो बिल्कुल आम लोगों और उनके जीवन से जुड़ी है। अगर आप कनेक्ट कर जाते हैं तो फिल्म अच्छी लगेगी।

500 और 1000 रुपये के पुराने नोट अब नहीं बदलेंगे बैंक

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25 नवंबर से बैंकों में 500 और 1000 के पुराने नोट नहीं बदले जाएंगे जबकि अस्पतालों, पेट्रोल पंपों, रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर अब 15 दिसबंर तक केवल 500 के पुराने नोट लिए जाएंगे। 1000 के नोट केवल बैंकों में जमा कराए जा सकेंगे, यह अब कहीं भी नहीं चल सकेंगे।

  • अस्पताल, पेट्रोल पंप, मेट्रो और सरकारी ट्रांसपोर्ट में अब 15 दिसंबर तक केवल 500 के पुराने नोट लिए जाएंगे।
  • सरकार ने सार्वजनिक सेवाओं के लिए पुराने नोट के उपयोग की अवधि 15 दिसंबर तक बढ़ाई।
  • बैंक के काउंटरों से पुराने करेंसी नोट बदलने की सुविधा बंद की गई।
  • प्रीपेड मोबाइल के टॉप अप के लिए भी 500 का पुराना नोट इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • 2 दिसंबर रात 12 बजे तक तभी टोल फ्री रहेंगे, लेकिन 3 से 15 दिसंबर तक 500 के पुराने नोटों से टोल टैक्स चुकाए जा सकेगा।
  • पुराने नोटों के इस्तेमाल के लिए मिली छूट की किसी भी श्रेणी में 1000 का नोट अब स्वीकार नहीं किया जाएगा।
  • सरकारी स्कूलों में एक छात्र के फीस के तौर पर 2000 रुपये तक का भुगतान 500 के पुराने नोटों से किया जा सकेगा।
  • केवल बिजली और पानी के बिल अब 500 के पुराने नोटों से भरे जा सकेंगे।
  • केंद्रीय भंडार से अब 5000 तक की ही खरीदारी पुराने नोटों से की जा सकेगी ।
  • सेंट्रल और राज्य सरकार के कॉलेजों में भी फीस के तौर पर पुराने 500 के नोट 15 दिसंबर तक लिए जाएंगे।
  • भारत आने वाली सैलानी अब हर हफ्ते 5000 रुपये तक करेंसी एक्सचेंज करा पाएंगे। हालांकि इसके लिए उन्हें जानकारी पासपोर्ट के साथ दर्ज करानी होगी। आरबीआई इसके बारे में निर्देश जारी करेगा।

इस बीच नोटबंदी का मामला संसद के दोनों सदनों में सरकार और विरोधी दलों के लिये टकराव का कारण बना हुआ है। नोटबंदी पर प्रधानमंत्री से संसद में बयान की मांग पर अड़े विरोधी दलों ने संसद में जमकर हंगामा किया।