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लेफ्ट जेन अनिल भट्ट होंगे सेना के डीजीएमओ; उत्तराखंड का नाम किया रोशन

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यूं तो उत्तराखंड और सेना का साथ दशकों पुराना है। राज्य के बारे में ये भी कहा जाता है कि यहां हर घर से एक व्यक्ति सेना मे  है। समय समय पर राज्य के वीर जवानों ने लड़ाई के मैदान में पराक्रम दिखाकर प्रदेश का नाम ऊंचा किया है। ऐसे ही गौरव का एक और मौका लड़ाई के मैदान से नही लेकिन सेना मुख्यालय से तब आया जब दिल्ली में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हई नियुक्ति समिति की बैठक में लेफ्ट जेन अनिल कुमार भट्ट का नाम अगले डाइरेक्टर जेनरल मिलिट्री आॅपरेशन (डीजीएमओ) के लिये चुना गया।

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गोरखा राइफ्ल में कमिश्न लेफ्ट जेन भट्ट डीजीएमओ का कार्यभार लेफ्ट जेन रणबीर सिंह से लेंगे। इस नियुक्ति से पहले भी लेफ्ट जेन भट्ट ने भारत की सर्वोत्तम अटैक फोर्स में से एक स्ट्राइक वन काॅर्प के जीओसी के साथ कई अन्य पद संभाले हैं। उत्तराखंड के साथ साथ ये खासतौर पर मसूरी के लिये खासे गर्व का विषय है क्योंकि भट्ट मसूरी के ही रहने वाले हैं। उन्होने अपनी पढाई मसूरी के प्रतिष्ठित सेंट जार्ज काॅलेज से की है। 1977 बैच के छात्र अनिल के काॅलेज के प्रिंसिपल ब्रदर जे सी कैरल भट्ट को एक बेहतरीन अफसर और होशियार छात्र के रूप में याद करते हैं।

भट्ट को करीब से जानने वाले और काॅलेज में उनसे कुछ साल सीनियर गणैश सैली कहते हैं कि “अनिल मसूरी के एक आम परिवार का खास बेटा है, जिसके दिल में हमेशा से ही कुछ कर गुजरने की लालसा थी।”

भारत में नोट बंदी से नेपाल का करोड़ों का नुकसान

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नेपाल सरकार ने 500 और 1000 के पुराने भारतीय नोटों के प्रचलन पर रोक लगा दी, लेकिन अभी तक 2000 और 500 के नए नोटों को अनुमति नहीं दी। इससे नेपाली व्यापारियों के करोड़ों रुपए बेकार हो गए हैं। जब तक विदेशी मुद्रा विनिमय के लिए कोई नया नोटिफिकेशन जारी नहीं होता तब तक इन नोटों को नेपाल में नहीं चलाया जा सकेगा।

नेपाल के एनआरबी ने अपने आदेश में कहा भारतीय नए नोट उनके देश में अवैध और अनधिकृत घोषित किए गए हैं। नेपाल सरकार के इस फैसले का असर सीमावर्ती नगरों और कस्बों के व्यवसाय पर पड़ेगा। अब तक सीमावर्ती नगरों और कस्बों में दोनों देशों की करेंसी समान रूप से प्रचलित थी। नेपाल के लोग 25 हजार रुपए तक की राशि भारतीय क्षेत्र में ले जा सकते थे। बताया गया कि अब नेपाल सरकार इसमें भी संशोधन की तैयारी में है।

एनआरबी के प्रवक्ता नारायण पोडेल ने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था पर किसी प्रकार का प्रतिकूल असर न पड़े इसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

कई भारतीय व्यापारियों का नेपाल में अच्छा खासा कारोबार है। ऐसे में उनके नोट भी यहां पर बदलने में समस्याएं आएंगी। इससे उनका कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित होगा। दोनों ही देशों की सरकारों को करेंसी एक्सचेंज काउंटर बनाने की दिशा में पहल करनी चाहिए।

नेपाल के कई नागरिक भारत में काम करते हैं। वह घर लौटने पर एकमुश्त रकम लाते हैं, ऐसे में उनकी करेंसी बदलने के लिए एक्सचेंज काउंटर न होने से सर्वाधिक असर पड़ा है।

ई बैंकिंग को बढ़ावा देगी सरकार; पर क्या हम हैं तैयार कैशलेस इकाॅनमी बनने को?

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नोटबंदी के चलते लोगों को हो रही परेशानी से बचने के लिये राज्य सरकार ने ई-बैंकिग को बढ़ावा देने की तैयारी कर ली है। इसके लिये मुख्य सचिव ने सोमवार को सभी जिलाअधिकारियों को ई-बैंकिग और उस से जुड़ी सेवाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने  प्रदेशभर के जिलाधिकारियों से कहा कि भारत सरकार तथा नीति आयोग के निर्देशानुसार बदलते दौर में देशभर के साथ ही प्रदेश में भी ई-बैंकिग लेन-देन प्रणाली प्रभावी कर दी गयी है। इसका प्रचार-प्रसार करते हुए लोगों को ई-बैंकिग के माध्यम से जोडना है। उन्होनें कहा कि

  • ई-बैंकिग लेन-देन पर कोई भी रोक नहीं है।
  • कोई भी व्यक्ति आरटीजीएस, एनईएफटी, आईएमपीएस, पेटीएम, मोबाइल बैंकिग आदि के जरिए पैसे का लेन-देन कर सकता है।
  • किसी भी खाते के संचालन के लिए आधार नम्बर लिंक होना जरूरी है।
  • अभियान चलाकर सभी जिलाधिकारी विभिन्न बैंकों से समन्वय करते हुए शत-प्रतिशत खाताधारकों के आधार लिंक करायें।

उन्होनें कहा कि अब डिजीटल पैमेन्ट का समय आ गया है। इसके लिए प्री-पेड कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड को बढ़ावा दिया जाये साथ ही इसकी जानकारी विभिन्न शिविरों के माध्यम से लोगों को दी जाये। जागरूकता शिविरों के आयोजन के लिये बैंक अधिकारी एवं उत्तराखण्ड के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का सहयोग लिया जाए। डिजीटल पैमेन्ट की प्रक्रिया नीति आयोग की वेबसाईट से प्राप्त की जा सकती है। नीति आयोग की मंशा के अनुसार कैशलैस ट्रांजेक्शन होना है।

किसानों की सुवाधा के लिये किसानों को पैक्स में अंकित खातों को जिला काॅपरेटिव बैंक खाते खुलवाकर उनके रूपे कार्ड बनाने एवं उसके वितरण को भी अभियान के तहत चलाये जायेंगे, ताकि किसानों द्वारा डेबिट कार्ड के माध्यम से भी नकदी का आदान-प्रदान किया जा सकें।

इन सब कोशिशों से लोगों को राहत पहुंचाने की बात तो हो रही है लेकिन यहां कुछ मूल सवाल हैं जिनका जवाब तलाशना राज्य और देश को कैशलेस इकाॅनमी बनाने के लिये जरूरी है:

  • इन सभी सेवाओं के सुचारू रूप से चलने के लिये दुरुस्त आई टी सिस्टम होना बेहद जरूरी है। मौजूदा समय में 3जी और 4 जी जैसी सुविधाऐं शुरू तो कर दी गई हैं लेकिन अबी ये बड़े शहरों में सही तरह से स्थापित नहीं हो पाई हैं।
  • ज्यादातर कार्ड स्वाईपिंग मशीनें बिजली से चलती हैं। ऐसे में जिन इलाकों में बिजली की किल्लत है वहां किस तरह इनके उपयोग को प्रचलन में लाया जायेगा
  • दूर दराज के इलाकों और अशिक्षित लोगों को डिजिटल प्लेटफार्म चलाने की जानकारी देना चुनौती भरा रहेगा।
  • क्योंकि किसी भी डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर आपकी सारी वित्तिय जानकारी रहेगी इसलिये इसे अति सुरक्षित रखने की जरूरत है। लेकिन क्या साइबर क्राइम और हैकिंग के इस दौर में हमारे पास ये सुरक्षा ढांचा मौजूद है।

इसमें कोई दो राय नही है कि कैशलेस इकाॅनमी होना आज के समय की मांग है और दुनिया के काफी देश इस तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये ये जरूरी है कि इस राह में हमारे समने कौनसी चुनौतियां हैं और उन से कैसे निपटा जायेगा।

नोटबंदी पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं काले घन के हिमायती: रिजिजू

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले का विरोध वही लोग कर रहे हैं, जो सालों से कालाधन की पैरेलल इकाॅनमी को बढ़ा रहे हैं। दुसरी तरफ आम आदमी मोदी सरकार के इस फैसले से खुश है।किरन रिजिजू लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी पहुंचे थे। यहां सेवारत फेज-3 व 4 के प्रशासनिक अधिकारियों के रिफ्रेशर कोर्स की शुरुआत के मौके पर बोलते हुए उन्होंने माना कि शुरुआती दिनों में कुछ परेशानी हुई, लेकिन अब स्थिति सुधर रही है। उन्होंने कहा कि ‘भारत बंद’ को भी कालाधन रखने वालों ने ही हवा दी।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर देश को अस्थिर करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। नोट बंदी का विरोध और भारत बंद उन लोगों के दिमाग की देन है, जो नहीं चाहते कि देश से काले घन का खात्मा हो।उन्होंने ये भी कहा कि ये लोग आम जनता को गुमराह कर इस ऐतिहासिक कदम से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं।

 

विमुद्रीकरण के असर को आंकने के लिये सरकार ने बनाई समिति

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सोमवार को बीजापुर हाउस में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विमुद्रीकरण से राज्य की अर्थव्यवस्था व राज्य सरकार के राजस्व पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। समिति विमुद्रीकरण से राज्य पर विपरीत प्रभावों को कम करने के उपायों पर भी विचार विमर्श करेगी। समिति में वित्त, कृषि, व्यापार कर, पर्यटन, राजस्व, स्वास्थ्य, यातायात सहित अन्य संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव व सचिव सदस्य होंगे। 

मुख्यमंत्री श्री रावत ने पिछले दो-तान माह में बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदने वालों की सूची भी तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि सभी जिलाधिकारी, मजदूरों व श्रमिकों के बैंक खाते खोलने के लिए कैम्प आयेाजित कर रहे हैं। 

मुख्यमंत्री श्री रावत ने सीएसडी कैंटीन में राज्य सरकार द्वारा मदिरा पर लगाए जाने वाले आबकारी शुल्क को पूर्व सैनिकों के लिए कम करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में जैविक मांस (organic meat) के कन्सेप्ट पर कार्ययोजना तैयार करने को भी कहा। इसके लिए आर्गेनिक बोर्ड के तहत आर्गेनिक मीट विपणन बोर्ड बनाया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आर्गेनिक मीट की अधिक कीमत मिलने से विशेष तौर पर बकरी पालन को लाभकारी बनाया जा सकता है

छात्र ने हॉस्टल में फांसी लगाकर दी जानः जवाहर नवोदय विद्यालय

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उत्तराखंड के पौड़ी जिले में सतपुली के निकट जवाहर नवोदय विद्यालय की 12वीं क्लास के एक छात्र के संदिग्ध परिस्थितियों में हॉस्टल में फांसी लगाकर जान दे दी। छात्र के इस तरह खुदकुशी करने के मामले ने कई सवालों को जन्म दे दिया है।

सतपुली तहसील के खौरासैंण में छात्र अभिषेक की संदिग्ध मौत से स्कूल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, अभिषेक शुक्रवार रात को दूसरे छात्रों के साथ अन्य दिनों की भांति खाना खाकर सोने चला गया था। लेकिन शनिवार सुबह उसका शव बाथरूम की खिड़की से लटकता हुआ मिला,हालांकि, आनन-फानन में विद्यालय प्रशासन द्वारा अभिषेक को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

दरअसल, श्रीनगर निवासी 12वीं क्लास के छात्र अभिषेक ने अपने हॉस्टल के बाथरूम की खिड़की से लटकर जान दे दी और स्कूल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। मामले की गम्भीरता को देखते हुए बाद में डीएम पौड़ी ने खुद घटनास्थल का दौरा कर इस पूरे मामले के जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं। देश के प्रतिष्ठित विद्याल से मामला जुड़े होने के चलते डीएम पौड़ी ने तत्काल मामले की जांच के निर्देश जारी करते हुए छात्र के पोस्टमार्टम के लिए एक डॉक्टरों की टीम भी गठित कर दी। इतना ही नहीं मामले में किसी प्रकार की कोई लापरवाही न बरती जाए इसके लिए पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी के भी डीएम द्वारा जांच के आदेश दे दिए गए।

उधर, दूसरी ओर मृतक छात्र के कमरे की जब तलाशी ली गई तो वहां राजस्व पुलिस को एक डायरी भी मिली जिसमें उसने इस कदम के लिए अपनी मां से माफी भी मांगी है।

चुनावी माहौल में रामनगर के हिस्से आई घोषणाओं की सौगात

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चुनावी मौसम के आते ही चित परिचित अंदाज में राजनीतिक दलों ने काम करना शुरू कर दिया है। सत्ता पक्ष ने घोषणाओं की बौछार कर दी है और विपक्ष ने उन घोषणाओं को चुनावी स्टंट करार देना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रामनगर में एक अरब छब्बीस करोड की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।

  • उन्होने 10 करोड 93 लाख की लागत से रामनगर मे एडीबी यूईएपी (रोड एण्ड ब्रिज) के अन्तर्गत स्वीकृत रामनगर-कालाढूगी-हल्द्वानी-काठगोदाम-चोरगलिया-सितारगंज-बिजटी मोटर मार्ग पुर्नस्थापना/पुर्न निर्माण कार्य,
  • 15 करोड 51 लाख की लागत से रामनगर में एडीबी (रोड एण्ड ब्रिज) के अन्तर्गत रामनगर-कालाढूगी-हल्द्वानी-काठगोदाम-चोरगलिया-सितारगंज-बिजटी मोटर मार्ग पुर्नस्थापना/पुर्न निमार्ण कार्य लोकापर्ण,
  • इसी कडी में एडीबी द्वारा वित्तपोषित रामनगर पेयजल पुनर्गठन एवं सुद्ढीकरण परियोजना की लागत लगभग 62 करोड की लागत से सम्पूर्ण रामनगर शहरी क्षेत्र की जनता लाभान्वित होगी।
  • इसके अलावा अन्तर्राज्जीय बस टर्मिनल रामनगर लागत 16 करोड 50 लाख,
  • बस स्टेशन बाजपुर लागत 4 करोड, बस स्टेशन किच्छा सौन्दर्यीकरण लागत 30 लाख

अपने सम्बोधन में प्रमुख सलाहकार रणजीत सिह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार गरीबो का विशेष ध्यान रख रही है। उन्होने कहा उत्तराखण्ड प्रदेश का पहला राज्य है जहां समाज कल्याण की विभिन्न पेंशन योजनाओं के अन्तर्गत लगभग 7.5 लाख गरीब पात्र लोगो को इन योजनाओं का लाभ मिल रहा है। वैसे तो चुनावी माहौल में घोषणाओं की परंपरा रही है पर ये कार्यक्रम इसलिये खास था क्योंकि रंजीत रावत के अपनी पारंपरिक सीट सल्ट की जगह रामनगर से चुनावी रण में उतरने की खबरें लंबे समय से आ रही हैं। ये घोषणाऐं कितनी पूरी होती हैं और चुनावों में कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाती है  ये तो वक्त ही बतायेगा।

नम आँखों से शहीद को दी गई विदाई

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कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए पिथौरागड़ के शहीद चंद्र सिंह का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद चन्द्र सिंह का पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से पहुँचा सेना के पिथौरागड़ बिग्रेड मुख्यालय, आर्मी मुख्यालय में शहीद को दी गई अंतिम सलामी, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा भी श्रद्धाजंलि देने पहुँचे साथ ही प्रदेश सरकार की तरफ़ से श्रम मंत्री हरीश दुर्गापाल भी है मौजूद रहे। इसके बाद पार्थिव शरीर को सिंह के साथ ही पैतृक गांव  ले जाया गया।

26 नवंबर को उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के नायदखाई इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना सेना को मिली थी। इस पर 13 राष्ट्रीय रायफल्स और पुलिस की एसओजी टीम ने इलाके की घेराबंदी की।

सुरक्षा बलों के सर्च ऑपरेशन के दौरान घेरा सख्त होता देख छिपे आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इस पर की गई जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मार गिराए गए। इस दौरान नायक चंद्र सिंह शहीद हो गए।

संजीव चतुर्वेदी के दिल्ली नियुक्ति आदेश को उत्तराखंड सरकार ने वापस लिया

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उत्तराखंड सरकार ने भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की दिल्ली में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी), विशेष कार्याधिकारी के पद पर की गई नियुक्ति का आदेश वापस ले लिया है।उत्तराखंड में ज्वॉइनिंग देने के ढाई महीने बाद गत शुक्रवार को ही सरकार ने उन्हें मुख्य स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली में विशेष कार्याधिकारी एनजीटी के पद पर नियुक्त किया था।

माना जा रहा है कि चतुर्वेदी अपनी सेवा उत्तराखंड में ही देना चाहते हैं और इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अपनी इच्छा भी जता चुके थे। उनकी नियुक्ति के बाद से ही सरकार के इस कदम पर सवाल उठने लगे और आदेश वापसी को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव एस. रामास्वामी को निर्देश दिया है कि चतुर्वेदी के संबंध में दिए गए पूर्व के आदेशों को वापस लिया जाए। संजीव चतुर्वेदी ने दिल्ली एम्स में विजिलेंस अधिकारी रहते हुए सराहनीय काम किये और २०१५ में उन्हें प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे एवार्ड से भी नावाजा गया।

बलूनी की चुनावी ललकार हरीश रावत के खिलाफ, सीएम ने जोड़े हाथ कहा- ‘मैं छोटा आदमी’

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देवभूमि के चुनावी दंगल में जब बीजेपी हरीश रावत यानि हरदा के खिलाफ चेहरा देने से बच रही है तब भी मुख्यमंत्री को मात देने के लिये पार्टी नेता हूंकार भर रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी ने प्रदेश नेताओं से एक कदम आगे बढ़कर हरदा को सीधे चुनावी जंग के लिये ललकार दिया है। बलूनी ने कहा कि मुख्यमंत्री की एकमात्र उपलब्धि परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है और प्रदेश की जनता इससे मुक्ति चाहती है। वैसे बलूनी से कुछ दिन पहले कांग्रेस से बग़ावत कर बीजेपी में आये हरक सिंह रावत भी धारचूला से हरीश रावत के खिलाफ चुनावी ख़म ठोकने की चाहत जता चुके हैं।

अनिल बलूनी ने ऐलान कर दिया है कि धारचूला से लेकर यमुनोत्री यानी प्रदेश की सत्तर की सत्तर सीटों में जहाँ से मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव लड़ेंगे वे उनके खिलाफ लड़ेंगे। बलूनी ने पार्टी आलाकमान से हरदा के खिलाफ टिकट माँग लिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने रावत सरकार पर आरोप लगाया है कि शराब और खनन की गंगा में गोते लगाती कांग्रेस सरकार के हिस्से एक भी उपलब्धि नहीं हैं। बलूनी के इस बयान को उनकी तरऱ से राज्य का राजनीति में अपने आप को स्थापित करने की दिशा में उठाया कदम भी कहा जा रहा है।

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बहरहाल, सियासत के अखाड़े में हर पहलवान के दाँव का पेंच विरोधी के साथ साथ कई बार अपनों को भी चित कर देता है। बलूनी के बयान को भी उसी नजरिये से देखा जा सकता है।

वैसे बलूनी के ताज़ा दाँव से पहले किशोर उपाध्याय और फिर हरीश रावत भी बीजेपी आलाकमान के ब्लू आई बलूनी को सीएम रेस में सब पर भारी बताकर गुगली खेल चुके। फिलहाल तो प्रदेश पॉवर कॉरिडोर में देहरादून बीजेपी पर दिल्ली बीजेपी के एक दावेदार के बढ़ते दबदबे के रूप में बलूनी के बयान को देखा जा रहा है।

ऐसे समय जब कई बीजेपी के दिग्गज सुरक्षित सीट की तलाश में अपने पुराने सियासी गढ़ छोड़ने का मन बना रहे हैं, तब बलूनी का दाँव कई पार्टी नेताओं को चित न कर डाले। खासकर कुमाऊँ के कुछ दिग्गज जो हरदा से दो-दो हाथ करने की बजाय सेफ़ सीट के लिये सर्वे का सहारा लेकर पलायन का प्लान बनाने में लगे हैं।

वहीं बलूनी की इस चुनौती को हरदा ने हल्के में लेते हुए चुटकी ली।भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी के सीएम के खिलाफ चुनाव लड़ने के सवाल पर सीएम रावत ने कहा कि सभी छोटे भाइयों को शुभकामनायें देता हूँ। सीएम ने व्यंग्य करते हुए कहा कि मैं तो बहुत छोटा आदमी हूं. मैं किसी को चुनौती देने की स्थिति में नहीं हूं. बल्कि हाथ जोड़ने की स्थिति में हूँ।