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वाल पेंटिंग के जरिए लोगों के ज़हन में उतरना चाहता हैं यह ग्रुप “मैड”

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देहरादून की सड़कों पर चलते हुए अगर आपने कभी अपने दांए या बाई ओर ध्यान दिया होगा तो खाली दिवारों पर अतरंगी चित्रकारी देखी होगी, और अगर नहीं देखा तो अब ध्यान दिजिएगा। इन दिवारों पर की जाने वाली रंग बिरंगी चित्रकारी के पीछे कौन है और क्या हैं इनका उद्देश्य आइए जानते हैं।

दिवारों पर अलग अलग थीम पर पेंटिंग करने वाला ग्रुप है “मैड” जिसका मतलब है- “मेकिंग द डिफ्रेंस बाई बींग द डिफ्रेंस”। इस ग्रुप से जुड़े ज्यादातर लोग पढ़ाई करने वाले बच्चे हैं, जो कालेज के बाद अपना समय इस ग्रुप में देते हैं। आए दिन यह ग्रुप अलग अलग एक्टिविटी करता है जैसे कि कपड़े डोनेट करना, सफाई अभियान,वाल पेंटिंग आदि।

आज नेशविला रोड पर वाल पेटिंग करते हुए, करन ने बताया कि उनके जैसे बहुत से वालेंट्रि कलाकार हैं जो इस मुहिम का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि पहले ये दीवारें पोस्टर और गंदगी से भरी होती थी पर हमारी पेंटिग्स के जरिए हम एक बदलाव लाना चाहते हैं। इस बार उनकी वाल थीम है सेलिब्रेटिंग दून जिसमें ये लोग देहरादून की खासियत को पेटिंग की सीरीज़ के जरिए दिखाऐंगे। इस सीरीज़ की पहली पेंटिंग कैनाल रोड पर देखने को मिलेगी। इस पेंटिंग में ये लोग देहरादून की खासियत यहां की संस्कृति,पहाड़,नदियां,स्मारक,पकवान,एजुकेशनल इंस्टीट्यूट को दर्शाएंगें। उन्होंने बताया कि इन पेटिंग्स में आने वाला खर्चा वो अपनी पाकेट मनी से देते हैं।  ग्रुप की कोओरडिनेटर स्वाती सिंह ने बताया कि देहरादून में लगभग 40 वाल पेटिंग इनके ग्रुप ने बनाई हैं।इलके साथ ही हरिद्वार के शिव घाट पर भी इनकी बनाई हुई पेटिंग हैं। स्वाति कहती हैं की हम शब्दों के ज़रिए नहीं बल्कि अपनी पेंटिंग्स के जरिए लोगों के ज़हन में उतरना चाहते हैं।

उत्तराखंड को चाहिए कांग्रेस मुक्त राज्य,वो दिन दूर नहीं: भाजपा

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भाजपा परिवर्तन यात्रा के तहत चम्पावत पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला, दोनों नेताओं ने कहा कि 2017 में कांग्रेस मुक्त उत्तराखण्ड करने का समय आ गया है। वहीं भाजपा अध्यक्ष भट्ट ने कहा आमजनता नोट बन्दी के फैसले पर प्रधानमंत्री के साथ हैं।

अजय भट्ट ने कहा कि गुटबाजी कांग्रेस में हैं, जहां मुख्यमंत्री प्रदेश अध्यक्ष की और प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री की खिलाफत करते हैं। कांग्रेस में एकता नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की फूट उसे ले डूबेगी।

कांग्रेस नोटबंदी के खिलाफ देहरादून में सांकेतिक धरने में बैठे हैं, जो उनकी मानसकिता उजागर करती हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा में गुटबाजी से इनकार करते हुए अजय भट्ट ने कहा खण्डूरी, कोश्यारी, निशंक पार्टी के लिए काम कर रहे हैं,परिवर्तन यात्रा को सफल बना रहे है।

भट्ट ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार आना तय है क्योंकि उन्हें काफी जनसमर्थन मिल रहा है। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि इस परिवर्तन यात्रा को अपना सहयोग देकर इसे सफल बनाएं।

 

उत्तराखंड को इस नोटबंदी से लगभग 700 करोड का नुकसानः हरीश रावत

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रविवार को कहा कि नोटबंदी के बाद नकदी की कमी होने से प्रदेश में बाजार की गतिविधियां खत्म हो गयी हैं। एक मोटे अनुमान के मुताबिक इससे राज्य को 500-700 करोड रूपये का नुकसान होने जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘काला धन खत्म करने के लिये बड़े नोट बंद कर दिये गये हैं. लेकिन महाराज बाजार में नये नोट तो लाइये. बाजार की गतिविधियां खत्म हो गयी हैं।’ रावत ने कहा कि उनके अनुमान के मुताबिक, नोटबंदी के कारण उत्तराखंड को 500-700 करोड रूपये का नुकसान होने जा रहा है।

यहां संवाददाताओं द्वारा इस संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक लाख, दो लाख और चार लाख रुपये की सालाना आय वाले रेहड़ी वाले, पटरी वाले, ठेली वाले, किसान, छोटे दुकानदार और निम्न आय वर्ग के लोगों के पास तो काला धन नहीं है, लेकिन उन्हें परेशानी हो रही है।

नोटबंदी के चलते लोगों की मदद के लिये राज्य सरकार ने उठाये कदम

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मुख्य सचिव मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने विमुद्रीकरण से आम जन को कोई समस्या न हो इसके बारे में सोमवार को सचिवालय में सभी बैंकर्स के साथ समन्वय बैठक की। रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया(आर.बी.आई.) द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य में 50 प्रतिशत एटीएम कार्य कर रहे है। जो एटीएम काम नही कर रहे है, वो जल्द ही कार्य करने लगेंगे। बताया गया कि कैश की कोई कमी नही है। जिन जनपदों में कैश की कमी है, वहां जल्द दूर कर दी जायेगी। बैठक में वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को बताया गया कि सहकारी बैंको के बारे में समन्वय कर समाधान निकाले। किसानो को बीज और खाद्य की कोई कमी नही होनी चाहिए। सहकारी बैंको के बारे में शासन स्तर पर अलग से बैठक कर समाधान निकाला जायेगा।

आर.बी.आई. ने बताया कि जिनके यहा शादी है, वे 2.50 लाख रूपये तक धन की निकासी कर सकते है। इसके लिए पैन नम्बर देना अनिवार्य होगा। इस बारे में राज्य सरकार ने भारत सरकार से मांग कि है कि किसानों को आयकर की अनिवार्यता से छूट है, इसलिए किसानों को पैन नम्बर देना अनिवार्य न किया जाए।  सभी सरकारी करो, बिल, डूयूटीज, रायल्टी आदि का भुगतान 1000 व 500 के नोट से किया जा सकता है। वृद्ध, निःशक्त, मरीज, शादी आदि के लिए धन निकासी या जमा करने के लिए बैंक अलग से व्यवस्था करेंगे। इसके लिए सुबह 9.30 से 10.00 बजे तक का समय तय किया गया है। 

बैठक के दौरान सभी जिलाधिकारियों को राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति के उपमहाप्रबंधक और आर.बी.आई के वरिष्ठ अधिकारियों का फोन नम्बर दिया गया। जिससे कि विमुद्रीकरण से लोगों को कोई दिक्कत न हो।

  • पुलिस विभाग में जब्त की गई चोरी की धनराशि जो कि कोर्ट में विचाराधीन है, उनमें कोर्ट के आदेश के तहत कार्यवाही की जायेगी।
  •  किसी भी सरकारी अस्पताल में अगले तीन महीने तक कोई यूजर चार्ज नही लिया जायेगा।
  • बिजली के बिल 24 नवम्बर, 2016 तक एक हजार व पांच सौ के नोट में जमा हो सकेंगे।
  • किसान ट्यूबवेल के बिल का 50 प्रतिशत जमा कर सकते है। शेष 50 प्रतिशत 30 जून, 2017 तक जमा कर सकते है। बिल का कोई सरचार्ज नही लिया जायेगा। 

बैठक में अपर मुख्य सचिव डाॅ.रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव ऊर्जा उमाकांत पंवार, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पंवार, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव परिवहन एन.एस.नपलच्याल, सचिव गृह विनोद शर्मा, आर.बी.आई. के महाप्रबंधक सुब्रत दास, श्रीमती के.एस.ज्योत्सना, उपमहाप्रबंधक आरबीआई, सुबीर कुमार मुखर्जी आदि उपस्थित है।

स्टेट बैंक की उम्दा पहल, अस्पताल में जाकर बदलें जरुतमंदों के नोट

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स्टेट बैक ने शनिवार को जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों के पुराने नोट के बदले नए नोट दिए। स्टेट बैंक की इस पहल को मरीजों के परिजनों ने खब सराहा।

शनिवार को सुबह स्टेट बैक की मैन शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक बालम सिह तोमर अपनी टीम के साथ जिला चिकित्सालय पहुंचे। यहां मरीजों से मिलकर उनके पुराने नोट को लेकर इसके बदले नए नोट दिए। लगभग जिला चिकित्सालय में भर्ती 20 से अधिक मरीजों के नोट बदले गए।

स्टेट बैंक की इस पहल से मरीजों के परिजन भी काफी खुश हुए। वहीं बैंक प्रबधक श्री तोमर ने कहा कि बैंक का उद्देश्य आम लोगों को कोई परेशानी न हो, इसलिए जिला चिकित्सालय पहुंचकर यह कदम उठाया गया।

 

नोटबंदी से देहरादून का बाजार हुआ फीका,व्यापार में गिरावट

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नोटबंदी के 12 दिन बीत चुके हैं। इस अंतराल में शहर के बाजारों में व्यापार नाममात्र का रह गया है। जहां पहले रोजाना करीब 100 करोड़ का व्यापार होता था, वहीं अब यह 20 करोड़ पर आ गया है। दुकानों पर ग्राहक तो आ रहे हैं, लेकिन दुकानदारों के पास उन्हें खरीदारी पर लौटाने को छोटे नोट नहीं हैं। नोट बंदी के शुरुआती दिनों में ग्राहक पुराने नोट लेकर ही खरीदारी करने पहुंचते रहे। दो हजार का नोट आने के बाद भी व्यापारियों की समस्या कम नहीं हुई।

पुराने नोट बंद होने का दून के व्यापार पर खासा असर पड़ा है। छोटे नोट की कमी और नई करेंसी का चलन न बढ़ने के कारण व्यापार 20 फीसद रह गया है। हालांकि, व्यापारियों को उम्मीद है कि करेंसी की कमी दूर होने के बाद इस माह के आखिर तक बाजार में गति आएगी। वे इस उम्मीद में भी हैं कि बाजार में जल्द ही 500 का नया नोट उपलब्ध हो जाए ताकि ग्राहकों की मांग के अनुरूप उन्हें पैसा लौटाया जा सके।वजह है छोटे नोटों की कमी। बाजार में दो हजार के नोट का चलन बढ़ने से व्यापार भी थोड़ा गति पकड़ने लगा है।

व्यापार पर काफी असर पड़ा है। आने वाले दिनों में इसमें सुधार की उम्मीद है। नई करेंसी का चलन बढ़ने में समय लगेगा। उम्मीद हैं कि 500 का नया नोट भी जल्द मार्केट में आएगा, इससे बाजार में भी गति आएगी।

 

प्रत्याशी घोषित करने के लिए आचार संहिता तक का समय

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि चुनाव टिकट वितरण में किसी प्रकार की देरी नही होगी। पार्टी के संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत अंतिम निर्णय हाइकमान लेगा। जल्द ही प्रत्याशियों की घोषणा कर दी जाएगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आचार संहिता लगने से पहले सभी सीटों पर प्रत्याशी की घोषणा कर दी जाएगी। पार्टी के अंदर किसी प्रकार की कोई गुटबाजी नही है। सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे।

प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि कांग्रेस सरकार गैरसैंण राजधानी के नाम पर जनता से खिलवाड़ कर रही है। मुख्यमंत्री रावत पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके राज में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। एक के बाद एक घोटाले हो रहे हैं। कांग्रेस के लोग धरना प्रदर्शन कर अपने पास कालाधन होने पर मुहर लगा रही है। जनता इसका जवाब आने वाले चुनावों में देगी।

उन्होंने कहा कि पार्टी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। दूसरे दलों से भी लोग पार्टी में आ रहे है। सबकी महत्वाकांक्षा होती है। लेकिन जब टिकट फाइनल हो जाऐंगे तो सभी एक साथ मिलकर पार्टी प्रत्याशी को विजयी बनाएंगे।

विदेशी मेहमान को दिल्ली मे मिले असली दिलवाले

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ईरिश्मान डियरड्रे केनेडी लगभग दो दशक से भारत आ रहीं और उन्हें भारत से प्यार है। 9 नवंबर को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में नोटबंदी की घोषणा के बाद मानो थोड़ी अशांति हो गई। यह तो बस शुरुआत थी आगे की कहानी दिल को छुने वाली है। बिना पैसों के और क्रेडिट कार्ड वो भी हैक किया हुआ, जब वह इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर उतरी उसी पल उन्हें यह ट्रिप मनहूस लगने लगा।

डियरड्रे या डी प्रेमपूर्वक बोले जाना वाला नाम और वो नोर्वे में काम करती हैं, अपने सामान को निकालते हुए वह अपने रंगीन सलवार कुर्ते को देखते हुए बताती हैं कि ये उन्होंने पाँच साल पहले मसूरी से लिया था जिसके साथ उनकी तस्वीर है अपने मसूरी के कुछ दोस्तों के साथ, उन्हें घर की याद आ रही थी और वो बताती हैं कि वो नई दिल्ली से देहरादून की फ्लाइट का इंतजार कर रही थी ।

नोरवे से नई दिल्ली की टिकट उन्हें एक आस्ट्रेलियन दोस्त ने उपहार स्वरुप दिया था और ये हवाई टिकट उनके लिए किसी सपने का पूरा होने जैसा था। उन्होंने अपने लिए पहाड़गंज में होटल बुक करवाया और सभी चीजों का ध्यान रखते हुए वो निकल पड़ी।

उन्हें भारत में हुए विमुद्रीकरण के बारे में कुछ पता नहीं था, जैसे ही डी एयरपोर्ट निकास द्वार से बाहर आई, उन्हें उनके आइरिश क्रेडिट कार्ड कंपनी से एक एस.एम.एस प्राप्त हुआ जिसमें उन्हें बताया गया था की किसी ने अमेरिका में  उनके कार्ड से दो हजार डालर की खरीदारी कर ली है और बस इतना ही नहीं दिल्ली में सभी ए टी एम बंद, उनकी पहले से बुकिंग के ड्राइवर का कहीं नामों निशान भी नहीं था, उनके पास बदलने का लिए करैंसी तक नहीं थी और उसपर से भारत में आते ही उनका ए टी एम कार्ड भी बंद, इससे बुरा कुछ हो सकता है????  “तभी मैनें उसे देखा… एक ड्राइवर जिसने एक नेमप्लेट पकड़ रखा था जिसपे मोटे अक्षरों में लिखा था डियरड्रे केनेडी। मैं उसे देख कर मुस्कराई और वो मुझे देख कर और भी ज्यादा मुस्कराया, मुझे पता था सब कुछ नहीं खोया   

 वो अपने होटल पहाड़गंज पहुंची, लेकिन अगली सुबह भी कुछ खास अच्छी नहीं थी। डी एक नेक इंसान से मिली जिसने उन्हें विमुद्रीकरण के बारे में बताया और ये भी बताया की उनके जैसे बहुत से पर्यटकों को करेंसी की समस्या से जूझना पड़ रहा। उसने एक टैक्सी ड्राइवर को बुलाया जिसने डी की मदद की, ये जानते हुए की वो उसको पैसे देंगी या नहीं। मैंने उसको एक चुइंगम दिया और यह जानते हुए की मेरे पास पैसे नहीं है उसने मुझे भारत सरकार के पर्यटन विभाग के आफिस में छोड़ा ताकि मुझे कुछ पैसे मिल सके।

वो भी काम नहीं आया, लेकिन आफिस में एक अंजान आदमी ने बताया की मुझे कनाट प्लेस के जम्मू एंड कश्मीर बैंक में जाना चाहिए, तब एक बार फिर एक आटो ड्राइवर नें अपनी मर्जी से मुझे बिना पैसों के छोड़ा। जब तक वो वहाँ पहुची बैंक और ए टी एम दोनों आउट आफ कैश हो चुके थे, लेकिन सहायक बैंक मैनेजर ने उन्हें अपने बटुए से 120 रुपए दिए।

अपने पर्स में सिर्फ दस रुपये लेकर बड़ी ही बहादुरी से डी ने फ्लाइट पकड़ी, जहां उनकी हिंदुस्तानी दोस्त मसूरी से उन्हें लेने आईं थीं।अपने घर से दूर दूसरे घर मसूरी में आकर उन्होंने अपने दोस्तों से पैसे उधार लेकर अपना बाकी समय निकाला। उनसे पूछने पर की उनका अनुभव कैसा रहा वो मुस्कुराती हैं और कहती हैं कि इन सबमें उनका दिल्ली के दयालु लोगों के साथ अनुभव जबरदस्त था!! दिल्ली एक ऐसी जगह है जहां लोग हम जैसे टूरिस्ट से ज्यादा पैसे मांगते हैं। बिना पैसों के ऐसे लोगों का मिलना  जिसपे आप विश्वास कर सके और उन लोगों का आपकी मदद करना एक अद्भुत अनुभव था। यह आपको फिर से इंसानियत में विश्वास करने पर मजबूर कर देता है!!!”

नोटबंदी से परेशान जनता की हर संभव मदद करे प्रशासन: रावत

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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक में नोटबंदी के बाद राज्य में आम जनता को हो रही परेशानियों को कम करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्डधारकों को मुफ्त मिलने वाली जांच सुविधाएं, उन लोगों को भी तीन माह तक मुफ्त उपलब्ध करवाई जाएं जो मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत नहीं आते हैं, परंतु जिनके पास उत्तराखंड की कोई आईडी हो। प्राईवेट अस्पतालों को चैक भी स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया जाए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में किसानों को खाद, बीज आदि खरीदने में बहुत अधिक परेशानी हो रही है। उन्होंने ऊर्जा विभाग को निर्देश दिए कि जो किसान अपने बिजली बकाया  का 50 प्रतिशत भुगतान कर देते हैं, उनसे शेष 50 प्रतिशत की वसूली वर्तमान में न की जाए। ताकि किसान अपनी नकदी का उपयोग बीज, खाद खरीदने में कर सके। किसानों के ऊपर भार को कम से कम करने का प्रयास किया जाए। 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बैंकों के साथ समन्वय बनाकर आम जनता को अधिक से अधिक राहत पहुंचाने के लिए निर्देशित किया। बुजुर्गों, मेडिकल बिल व घर में विवाह के लिए नकदी चाहने वालों के लिए अलग लाईन की व्यवस्था की जाए। बैंकों से दूरवर्ती क्षेत्रों में मोबाईल एटीएम की व्यवस्था करने का अनुरोध किया जाए। प्रशासन द्वारा इसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। 

मुख्यमंत्री  ने कहा कि आम जनता के साथ संबंधित संस्थाओं व अधिकारियों को यह स्पष्ट कर दिया जाए कि सरकारी वसूलियों, लाईसेंस फीस, बिजली व पानी के बिल में पुराने नोट स्वीकार किए जाएंगे। नोटबंदी के बाद राज्य को स्टाम्प, वैट सहित अन्य राजस्व, पर्यटन, निर्माण क्षेत्र में होने वाले नुकसान का आंकलन करने के भी निर्देश दिए। 

बैठक में मुख्य सचिव एस रामास्वामी, प्रमुख सचिव ओमप्रकाश, डा. उमाकांत पंवार, सचिव अमित नेगी, डीएस गब्र्याल, अरविंद सिंह ह्यांकि सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

नोटबंदी से परेशान विदेशी पर्यटकों की मदद के लिये लोग आये सामने

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बैंको और एटीएम की लंबी लंबी लाइनें,करेंसी को बदलवाने के लिए घण्टों का इंतज़ार ये नजारा आजकल पुरे देश में आम हो चला है। पर्यटन और योग नगरी ऋषिकेश में रोज़ाना बढ़ती तादात में विदेशी सैलानी आते है और यहाँ कई दिन गुजारते है। करेंसी की कमी इन सैलानियो के लिए कई मुसीबतें लेकर आयी है। ऐसे में कुछ स्थानीय व्यापारी इन विदेशियो के लिए देवदूत की तरह उम्मीद बन कर आये है अतिथि देवो भवः ये परम्परा अब स्लोगन के रूप में नजर आती है लेकिन सात समंदर पर से योग और अध्यात्म की धरती पर शांति की तलाश में आये विदेशी नागरिको के लिए अतिथि देवो भवः की पम्परा को स्थानीय लोग बढ़ी शिद्दत के साथ निभा रहे है ।

शिवानंद जो की स्थानीय व्यापारी हैं उनका मानना हैं कि इस नोटबंदी से जो हमारे पर्यटक ऋषिकेश आते है उन्हें दिनभर डालर लेकर भटकना पड़ता है और जबकि इनका खर्चा ज्यादा होता है और एटीएम से ये केवल दो हजार निकाल पाते हैं ऐसे में स्थानीय लोग इन्हें करेंसी देते है।”नोट बंदी के चलते जहाँ आम आदमी परेशान हैं वहीं विदेशी पर्यटकों की परेशानियों को देखते हुए स्थानीय लोगो और व्यापारियों ने इनकी मदद का बेड़ा उठाया है, कोई पानी बाँट रहा, तो कोई खाना बाँट रहा है तो कोई खुले पैसे देकर इन पर्यटकों की मदद कर रहे है ।

‘एन्टोनियों’ स्पेन से हर साल ऋषिकेश आते हैं, उन्होंने बताया की उन्हें किसी ने पाँच सौ के नोट के बदले सौ सौ के नोट दिए तो पैसे न होने पर किसी ने उन्हें बिन पैसों के खाना भी खिलाया। ‘जोए और जेन’ का पहला भारत ट्रिप नोटबंदी के कारण कुछ ज्यादा अच्छा नहीं रहा क्योंकि उन्हें कई दिन एटीएम और बैंकों की लाइन में बिताना पड़ा लेकिन उन्हें भी यहां की खासियत,लोगों का प्यार और योगदान हमेशा याद रहेगा। जोए बताते हे कि यहां के रेस्तरां में हमें खाना तक मुफ्त मिला और लोगों ने हमारी काफी मदद की।

ऋषिकेश की पहचान विश्व में अंतरास्ट्रीय योग नगरी के रूप में है। जिसके कारण साल भर देशी विदेशी पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है ,लेकिन नोट बंदी के चलते यहाँ आये हुए पर्यटकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है ऐसे में स्थानीय लोगों का यह प्रयास विदेशियों के दिलों में भारत की अतिथि देवो भवः की परम्परा को और मजबूत कर रहा हैं।