Page 922

सर्दियों में तंदुरुस्त रहने के लिए सेंके धूप और पीएं खूब पानी

0

सर्दियां अपने साथ स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव भी लेकर आती हैं, ऐसे में खुद को बीमारियों से कैसे बचाएं और सर्दियों का पूरा मजा कैसे लें, यह अच्छी तरह जान लेने की जरूरत है।

चिकित्सक की सलाह है कि सर्दियों में खूब धूप सेकें, क्योंकि ऐसा न करना विटामिन-डी की कमी, अवसाद, जोड़ों के दर्द, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी का कारण बनता है। दिन की शुरुआत नाश्ते से पहले आधा लीटर पानी पीकर करें और हर घंटे बाद उचित मात्रा में पानी पीते रहें।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मनोनीत अध्यक्ष डॉ.के.के. अग्रवाल ने कहा, “यह माना हुआ तथ्य है कि सर्दियों में दिल और दिमाग के दौरे या कार्डियक अरेस्ट की वजह से मौतों के मामले बढ़ने लगते हैं।

इसके कई कारण हैं.

ठंडे मौसम में दिल की धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे दिल को रक्त और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।

दूसरा दिन छोटे हो जाते हैं, जिससे हार्मोन में असंतुलन पैदा होता है और शरीर में विटामिन-डी की कमी आती है,इससे दिल और दिमाग के दौरे की आशंका रहती है।

सर्दियों के अवसाद से पीड़ित लोग अक्सर ज्यादा चीनी, ट्रांस फैट और सोडियम व ज्यादा कैलोरी वाला आरामदायक भोजन खाने लगती हैं जो डायबिटीज और हाईपरटेंशन से पीड़ित लोगों के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है,ठंडे मौसम में खास कर उम्रदराज लोगों को अवसाद घेर लेता है, जिससे उनमें तनाव और हाईपरटेंशन काफी बढ़ जाता है।

 

क्यों हैं महिलाएं मल्टी टैलेंटेड, खुल गया राज

0

महिलाओं को एक साथ कई काम करते या फिर एक काम बीच में रोककर दूसरा काम आसानी से निपटाते हुए हम हर रोज देखते हैं। लेकिन कभी सोचा है कि यह महिलाओं के लिए यह इतना आसान कैसे होता है? जबकि पुरूषों के लिए यह मुश्किल भरा होता है।

रूस के नेशनल रिसर्च यूनिवर्सिटी हायर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि महिलाओं और पुरूषों के मस्तिष्क में अलग-अलग भाग ज्यादा सक्रिय होते हैं।

अध्ययन में 140 स्वस्थ स्वयंसेवकों को शामिल किया गया था जिनमें 69 पुरूष और 71 महिलाएं थीं. इन सभी की उम्र 20 से 65 वर्ष के बीच थी. अध्ययन के दौरान इन्हें विभिन्न काम दिए गए और फंक्शनल एमआरआई सहित उनपर विभिन्न मेडिकल परीक्षण किए गए। इससे पता चला कि एक साथ कई काम करने या एक काम रोककर तत्काल दूसरा काम करने के दौरान महिलाओं को ज्यादा उर्जा खर्च नहीं करनी पड़ती।

नए अध्ययन का कहना है कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कई काम एक साथ करने के लिए पुरूषों को अपने मतिष्क को ज्यादा सक्रिय बनाना पड़ता है और अधिक उर्जा खर्च करनी पड़ती है,वहीं महिलाओं का मस्तिष्क एक काम रोककर तत्काल दूसरा काम करने में माहिर होता है।

पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं खस्ता, भगवान भरोसे लोगों की जिंदगी

0

 पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारने के लिेए सरकार भले ही कई प्रयास कर रही है, लेकिन हालात हैं कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। पहाड़ों की विकट परिस्थितियों के कारण बांड के बावजूद डॉक्टर यहां टिकने को तैयार नहीं हैं।लंबे समय से डॉक्टरों की कमी झेल रहे टिहरी जिले को अप्रैल 2016 में 42 डॉक्टर मिले जिन्हें जिन्हें बांड के अनुसार 5 सालों तक ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देनी थी जिनकी आवश्यकता अनुसार सभी 9 विकासखंडों में तैनाती दी गई। लेकिन एक माह बाद भी 42 में से सिर्फ 30 डॉक्टरों ने ज्वानिंग ली, जिसमें से अभी केवल 6 डॉक्टर ही शेष हैं।

दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई डॉक्टरों ने तो सीएमओ ऑफिस में ज्वाइनिंग भी ली और पोस्टिंग स्थल पर जाकर एक या दो दिन गुजार कर वापसी कर ली।

जिले के सीमान्त क्षेत्र बूढ़ाकेदार, खंडोगी, दल्ला, मैंडखाल और न्यूली तो एसे क्षेत्र हैं जहां पहली बार डॉक्टर के पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन इस वर्ष भी इन क्षेत्रों में डॉक्टर पहुंच नहीं सके. जिससे ग्रामीण मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

केदारनाथ आपदा पीडितों को मिले ज्यादा मुआवजा: हाई कोर्ट

0

2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान मारे गए लोगों के शवों का दाह संस्कार करवाने सम्बन्धी जनहित याचिका पर उच्च न्यायलाय की खण्डपीठ ने फैसला सुनाते हुए मृतकों के मुआवजे को 50 प्रतिशत बड़ाने, लावारिस पड़े शवों को रीती रिवाज से दाह संस्कार कराने समेत न्यायालय ने एस.एस.पी.स्तर के अधिकारियों की पांच विशेष जांच टीमें बनाकर लावारिश शव तलाशने के साथ डी.एन.ए.कराने के निर्देश दिए हैं । दिल्ली निवासी आचार्य अजय गौतम ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि केदारनाथ में आई आपदा में 3500 लोगों की गुमशुदगी दिखाई गई थी जबकी सरकार द्वारा अबतक केवल 450 लोगो के शव ही खोज सकी है ।

गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रदेश सरकार कि मुश्किलें तब बढ गई थीं जब केदारनाथ के रास्ते में नर कंकाल मिलने लगे थेय़ सरकार ने आनन फानन में शवों की तलाश का काम तो शुरू करा दिया था लेकिन चुनावी माहौल में ये सरकार और खासतौर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिये परेशानी का सबब बन गया था।

ट्रेनिंग पर जा रहे आर्मी के जवानों को हुई फ़ूड पोयजनिंग, 19 जवान अस्पताल में

0

लखनऊ से बनबसा ट्रेनिंग पर जा रहे आर्मी के जवानों को खटीमा में हुई फ़ूड पोज्निंग यूपी के लखनऊ से चम्पावत जिले के बनबसा आर्मी ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग के लिए जा रहे आर्मी के जवानो की तबियत अचानक खटीमा में बिगड़ गयी।आनन – फानन में जवानों को खटीमा सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया  है । 19 आर्मी के जवानों को खटीमा सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है,  जहा उनका प्राथमिक उपचार कर रहे डोक्टर के अनुसार भर्ती सभी 19 जवानों को उलटी – दस्त व पेट दर्द की शिकायत हो रही है। जिससे यह लगता है कि यह केस फ़ूड पोज्निंग का है। वही साथी जवानों के अनुसार शाम को सभी ने आर्मी द्वारा दिया गया पैक्ड भोजन पैकेट जिसमें अंडा – ब्रेड था खाया। जिसके एक घंटे बाद सभी के पेट के दर्द और उलटी की शिकायत शुरु हो गयी। जिसके बाद तुरंत ही उन्हें खटीमा सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसकी सुचना मिलते ही एसडीएम और पुलिस अधिकारी सरकारी अस्पताल पहुच गये  और बीमार जवानों का हाल जाना।

देहरादून पुलिस पहुंची लोगोॆ के बीच

0

 देहरादून के शहरी क्षेत्र के सभी प्रभारी निरीक्षकों/ थानाध्यक्षों द्वारा अपने अपने थाना क्षेत्र के मुख्य चौराहो पर जनता की सहायता के लिए पुलिस हेल्प डेस्क स्थापित किये गए। जिस पर एक महिला उपनिरीक्षक व एक कांस्टेबल को प्रातः 11:00 से सायं 7:00 बजे तक नियुक्त किया गया है। पुलिस हेल्प डेस्क स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य जनता के साथ समन्वय स्थापित कर उनसे सुझाव प्राप्त करना व उनसे प्राप्त शिकायतों का त्वरित निस्तारण करना है। प्रत्येक पुलिस हेल्प डेस्क में प्राप्त होने वाली शिकायतों को प्रतिदिन संबंधित थाना क्षेत्र में नियुक्त प्रभारी निरीक्षक/ थानाध्यक्ष द्वारा स्वयं चैक किया जाएगा तथा उस पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उक्त आदेश के अनुपालन में थाना कोतवाली नगर क्षेत्र में घंटाघर चौक, थाना डालनवाला क्षेत्र में दिलाराम चौक, थाना वसंत विहार क्षेत्र में अनुराग चौक, आदि स्थानों पर पुलिस हेल्प डेस्क स्थापित किए गए।

 देहरादून में लोगों को बैंको व atm से पैसा निकालने में हो रही दिक्कतों के मद्देनजर आज दिनांक 19/11/16 को जनपद पुलिस द्वारा एस0बी0आई0 बैंक के सहयोग से घंटाघर के पास मिनी ए0टी0एम0 लगाकर लोगों को रुपया निकालने में सहायता प्रदान की। स्थानीय लोगो द्वारा पुलिस द्वारा किये गए इस कार्य की प्रशंसा की गई।

एटीएम की लंबी लाइनें और कैश कम, कैसे होगा गुजारा?

0

नेशविला रोड स्थित स्टेट बैंक आफ इंडिया के एटीएम का आलम कुछ ऐसा था कि बैंककर्मी ने कैश डाला भी नहीं था की पैसे निकालने वालों की लाइन तैयार हो गई थी। आते जाते जो भी एटीएम के बाहर लाइन देखता वो अपनी गाड़ी सड़क के किनारे लगा कर लाइन में खड़ा हो जाता। हर किसी के जुबान पर बस यही बोल थे कि हे भगवान हमारा नंबर आने तक कैश न खत्म हो। आज लगभग 70-80 लोगों ने एटीएम से पैसे निकाले। एक एटीएम कार्ड से केवल दो हजार ही निकल रहे थे तभी शायद इतने लोगों ने पैसे निकाल लिए। हर किसी को ये भी डर था की कल रविवार है तो कल कैश मिलना मुश्किल हैं तो आज चाहें घंटो लाइन में खड़ा रहना पड़े वो रह लेंगे पर कैश लेकर ही जाऐंगे। कल देहरादून के लगभग सभी बैंक आउट आफ कैश हो गए थे और एटीएम भी खाली थे ऐसे में किसी भी एटीएम में पैसे होना बिल्कुल ऐसा है मानों डूबते को तिनके का सहारा। लाइन में खड़ी कुछ छात्राओं ने बताया की 500-1000 के नोट बंद होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा क्योंकि सुबह उन्हें कालेज जाना होता है और जब तक वो वापस आती हैं लगभग सभी एटीएम में कैश खत्म हो जाता है, पर फिर भी वो सरकार के साथ हैं। लाइन में खड़ी बी.एसी.सी की छात्रा अर्पिता नेगी ने कहा की बदलाव कभी भी आसान नहीं होता ऐसे में पूरे देश को धैर्य से काम लेना होगा।

“थिंग्स टू लीव बिहाइंड”, नमिता गोखले की नई किताब का देहरादून में विमोचन

0

भारतीय प्रख्यात लेखिका व साहित्यकार नमिता गोखले की नयी पुस्तक थिंग्स टू लीव बिहाइंड का विमोचन आज देहरादून में विश्व प्रसिद्ध भारतीय लेखक रस्किन बोंड ने किया। यह लोकार्पण कार्य्रकम दून रीडींग ने दून लाइब्रेरी एंड रिर्सच सेंटर तथा पैंगुइन रैंडम हाउस के साथ मिलकर आयोजित किया था। यह किताब पैंगुइन रैंडम हाउस द्वारा प्रकाशित की गई है। बाद में नमिता गोखले और नीता गुप्ता ने इसपर परिर्चचा भी की।

उन्होंने बताया की यह किताब 1840 से 1912 की कहानी है जो अपने आप में एक मिली जुली कहानी है। यह एक दमदार एतिहासिक उपन्यास है जो हिमालयन त्रय रचना की आखिरी कड़ी है और लेखिका की सबसे महत्वाकांक्षी रचना है। 1856 की खूबसूरत कुमाऊँ का वर्णन,उनके पहनावे का वर्णन,उस समय उनके ऊपर हुए अत्याचार का वर्णन, अंग्रेजों का भारतीयों के लिए रवैया, 1857 की बगावत और बहुत कुछ अपने में समेटे हुए हए है यह किताब।

किताब की लेखिका ने कहा कुछ चीजें छूटकर भी नहीं छूटती और कुछ बातें भूलकर भी नहीं भूलती और इन्हीं सबका मिश्रण है थिंग्स टू लीव बिहाइंड। नीता गुप्ता और नमिता गोखले ने अपनीं कुमाऊँ की कुछ पुरानी यादें ताजा की।

समारोह में रस्किन बोंड ने कहा की ऐतिहासिक किताब लिखना किसी भी लेखक के लिए आसान नहीं पर नमिता गोखले ने इसे बड़ी सहजता और आत्मविश्वास से लिखा है। उन्होंने कहा लेखिका अपनी हर किताब से और निखरती जा रही।

अमिट स्याही की वजह से बैंको में लाइन हुई छोटी, कैश की कमी के कारण जनता परेशान

0

भारत सरकार के नोट बंदी स्ट्राइक के नौ दिन हो गए उसके बाद भी देहरादून में कैश की कमी बनी हुई है। लगभग सभी बैंक आउट आफ कैश हो चुके हैं। बैंक तो बैंक एटीएम के भी यहीं हाल हैं। पंजाब नेशनल बैंक पलटन बाजार, एस्ले हाल में आज छोटी लाईनें देखकर लोगों ने यह अंदाजा लगाया की शायद इस ब्रांच में कैश है, और लोग कैश लेकर जा रहे। लेकिन ब्रांच मैनेजर बी.डी भाटिया से बातचीत में उन्होनें बताया कि कल अपनी शाखा से उन्होंने लगभग 40 लाख कैश दिया और आज उनकी शाखा भी आउट आफ कैश हो गई है। उन्होंने कहां कि संभावना है कि आज शाम तक एटीएम में कैश उपलब्ध होगा। आज बैंको में भीड़ डिपाजीट लाइन में थी क्योंकि लोगों के पास और कोई विकल्प नहां बचा। जो लोग कैश निकालने आ रहे उन्हें भी मात्र दो हजार रुपये दिये जा रहें है। ब्रांच मैनेजर ने बताया की अमिट स्याही भी एक वजह हैं कम भीड़ होने की अब तक एक आदमी पाँच छः बार नोट बदल रहा था पर स्याही लगाने की वजह से नोट बदलने की धांधली भी खत्म हो गई है, और तो और सभी बैंको ने यह अनिर्वाय कर दिया की वह केवल उनको कैश देंगे जिनका उनके ब्रांच में अकाउंट होगा। आज शहर के लगभग सभी एटीएम खाली थे और जिनमें कैश था उसमें इतनी लंबी कतार थी की लोग लाइन देख के ही घबरा जा रहें थे और जो लाइन में लगे थे उनका नंबर आने तक एटीएम से कैश नदारद था।

 

एस रामास्वामी ने संभाला मुख्य सचिव का कार्यभार

0

नव नियुक्त मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने शाम को पदभार संभाल लिया।१९८६ बैच के आईएएस रामास्वामी ने कहा कि वो ऐसी नीतिसोॆ पर काम करेंगे जिस से राज्य का विकास हो।

पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति की जा चुकी है। वह शनिवार को राजभवन में सुबह दस बजे मुख्य सूचना आयुक्त पद का पदभार ग्रहण करेंगे। शत्रुघ्न सिंह को 31 दिसंबर को मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त होना था, लेकिन नया पदभार मिलने के बाद वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले रहे हैं।

प्रदेश में मुख्य सचिव पद की दौड़ में यूं तो 1981 बैच के अमरेंद्र सिन्हा, 85 बैच के अनूप वधावन, 86 बैच के उत्पल कुमार सिंह, एस रामास्वामी और डॉ. रणबीर सिंह को शामिल माना जाता रहा है लेकिन अमरेंद्र सिन्हा, अनूप वधावन और उत्पल कुमार सिंह अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। 1986 बैच के उत्पल कुमार सिंह मुख्य सचिव पद की दौड़ में आगे बताए जा रहे थे, लेकिन उनकी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति छोड़कर राज्य में तैनाती को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय से मंजूरी के बारे में राज्य को अब तक जानकारी नहीं मिली है।