राजस्थान में एक अलग ही जादू है, वहाँ के महल, राजा रजवाड़ो की कहानियाँ हर किसी ने सुनी व पढ़ी है। राजस्थान ने अपनी एक अलग और अनोखी छाप यात्रियों के बीच छोड़ी है जिसकी वजह से सभी अपने छुट्टियों के दिनों में एक न एक बार राजस्थान की यात्रा करना पसंद करते ही हैं। यही कारण है कि इसे भारत के टॉप पर्यटक स्थलों की सूचि में शामिल किया गया है। आप सोच रहे होंगे आखिर ऐसी क्या दिलचस्प बात है राजस्थान में? ऐसा क्या छुपा हुआ आकर्षण है जो लोगों को अपनी ओर आने को लालायित करता है? कौन सी ऐसी चीज़ है जो इसे बाकि पर्यटक स्थलों से अलग बनाती है? इन सारे सवालों के जवाब आपको तब मिलेंगे जब आप अपनी व्यस्त जिंदगी मे से कुछ पल अपने और अपने चाहने वालो के लिए निकालेंगे। राजस्थान की यात्रा आप अपने दोस्तो के साथ भी कर सकते हैँ। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, पुष्कर, बीकानेर यह प्रमुख रुप से लोगो के बीच मशहूर है। राजस्थान की यात्रा एक ऐसी रंगीन यात्रा है जो आपको राजस्थान के नब्ज़ से वाकिफ कराएगी, अपनी संस्कृति और परंपरा के और करीब ले जाएगी, महलों से लेकर गाँव देहातों तक की सैर कराएगी। पुष्कर के ब्रह्रमा जी का मंदिर देश-विदेश में प्रचलित है जिसे देखने लोग दूर दूर से आते हैं। इतना ही नही जयपुर का हवा महल, आमेर किला भी लोगो को बीच मशहूर है। राजस्थान आपकी यात्रा डायरी का महत्वपूर्ण पन्ना बन सकता है।
त्रिउंड ट्रेक बन सकता है आपका कभी न भूलने वाला ट्रीप
हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियां के बारे में जीतना भी कहें वो कम है। हमेशा से ही यह जगह देश तो देश विदेश के पर्यटकों को भी अपनी ओर खींच लेती है। इन पर्यटकों और यात्रियों में बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिन्हें रोमांचक सफ़र का बहुत ज़्यादा शौक होता है। हर क्षेत्र व अपनी हर यात्रा में में वे कोइ न कोई रोमांचकारी कार्य ढूंढ ही लेते हैं। और अगर आप हिमाचल प्रदेश की यात्रा के साथ साथ रोमांच के शौक़ीन हैं तो फिर इससे अच्छी बात और क्या होगी। ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों, वादियों से घिरा प्रकृति का मनोहर दृश्य लोगों के मन में एक अलग एहसास जगाता है। सोचिए इस खूबसूरती के बीच कितना मज़ेदार होगा एक ट्रेकिंग वाला सफर, है कि नहीं ? जी हाँ आज हम आपको बताने वाले हैं ऐसे ही एक खूबसूरत ट्रेकिंग के बारे में जो आपकी हिमाचल की यात्रा में एक नए अनुभव और उत्साह के साथ इसमें चार चाँद लगाएगा । सोच क्या रहे इस वेकेशन कीजिए ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ की एक यादगार सैर। त्रिउंड, हिमाचल प्रदेश का ऐसा ट्रेकिंग सफ़र है जो हर एक रोमांच पसंद करने वालों को अपनी ओर आकर्षित करता है। झरनों पहाड़ों के साथ होता हुआ यह ट्रेकिंग सफ़र आपको प्रकृति के हर रंग से रूबरू कराता है। अगर आप अपनी भाग दौड़ और प्रदूषण की जिंदगी से थक चुके हैं तो त्रिउंड की ट्रेकिंग आपके लिए एक रिफ्रेशमेन्ट का काम करेगी और इतनी खूबसूरत यादों के साथ आप एक बार फिर ताजा-तरीन महसूस करेंगे।
कर्णप्रयाग रेल लाइन को 16 हजार 200 करोड़ की मंजूरी
केंद्र की मोदी सरकार ने उत्तराखंड राज्य की महत्वाकांक्षी रेल परियोजना ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के निर्माण के लिए 16 हजार 200 करोड़ बजट को मंजूरी दी है। पूर्व केंद्रीय रेल राज्यमंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कन्याकुमारी से कैलाश तीर्थ स्थलों को जोड़ने की यह पहल मील का पत्थर है। ये रेल लाइन सामरिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना के लिए भारी-भरकम बजट को मंजूरी दी गई है। केंद्र की भाजपा सरकार के इस कदम का पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सतपाल महाराज ने स्वागत किया है।
सतपाल महाराज ने बताया कि मोदी सरकार के इस कदम से रेल लाइन का निर्माण कार्य बगैर किसी बाधा के पूरा होगा। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों से होने वाला पलायन रुक सकेगा। पहाड़ की आर्थिकी के लिए इसे फायदेमंद करार देते हुए उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में महंगी माल ढुलाई रेल लाइन पहुंचने से सस्ती हो जाएगी।
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक करीब 126 किमी रेल लाइन का निर्माण होना है। ये रेल लाइन देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिलों के कई स्थानों को जोड़ते हुए पर्यटन धाम तक पहुंचेगी। इस पर चंद्रभागा, शिवपुरी, गूलर नाला, व्यासी, कौड़ियाला, नाला, देवप्रयाग, पोखरी नाला, अलकनंदा नदी-लछमोली, अलकनंदा-श्रीनगर, धारी नाला-एक, धारी नाला-दो, नकरोटा, तिलणी, धोलतीर, अलकनंदा गौचर, सिंवई नाला पर कुल 16 पुल प्रस्तावित हैं। रेल लाइन में 16 सुरंग 104.990 किमी की होंगी। यह रेल लाइन 84 फीसद भूमिगत होगी। इस वजह से वर्षा ऋतु में होने वाले भूस्खलन के कारण अवरुद्ध होने वाले मोटर मार्ग का अच्छा विकल्प साबित होगी।
खाएं कच्ची हल्दी ये बहुत से रोगों से बचाती है
कच्ची हल्दी कैंसर से लड़ने में मददगार है। ये पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को कम करती है। ये साथ ही रेडिएशन के खतरे को कम करती है।
ये इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करती है। साथ ही कई तरह की बीमारियों से बचाती है।
ये गठिया के रोगियों के लिए भी वरदान है। गठिया के दर्द को झट कम करती है।
हल्दी कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बराबर रखती है जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
वहीं कच्ची हल्दी ऐसे गुण होते हैं जो किसी भी तरह के इफेक्शन से लड़ते है और त्वचा संबंधी बीमारियों को खत्म करते हैं।
संभल जाइए, हड्डियों को खोखला बना रही हैं खाने की ये चीजें
अधिक मात्रा में खाया गया चॉकलेट हड्डियों को कमजोर कर सकता है। इसको खाने से शरीर में शुगर और ऑक्सलेट की मात्रा बढ़ जाती है जिससे कैल्शियम शरीर में अवशोषित नहीं हो पाता।
ज्यादा मात्रा में नमक का इस्तेमाल भी हड्डियां को कमजोर करता हैं। दरअसल नमक में सोडियम होता है जो शरीर में जाने के बाद कैल्शियम को यूरीन के माध्यम से शरीर से बाहर निकाल देता है।
कोल्ड ड्रिंक्स में कार्बन डाई ऑक्साइड और फॉस्फोरस पाया जाता है जो हड्डियों को खोखला कर देता है।
शराब पीने से शरीर में कैल्शियम की मात्रा कम होने लगती है। जो हड्डियों की कमजोरी का कारण बनती है।
सीएम ने की मोदी से जनहित में नोटबंदी पर रियायत की मांग
खेल के विकास के लिये सरकार देगी ज्यादा फंड
देहरादून में हुई ग्रीन मैराथन
‘मुन्ना भाई 3′ में फिर हंसाने और गुदगुदाने आ रही है मुन्ना और सर्किट की जोड़ी
मुन्ना भाई एमबीबीएस’ और ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ से दीवाना बना चुकी संजय दत्त और अरशद वार्सी की जोड़ी एक बार फिर साथ में नजर आएगी। यह जोड़ी किसी और फिल्म में नहीं बल्कि ‘मुन्ना भाई 3’ में लोगों को हंसाने के लिए आ रही है। हांलाकि इसके पहले ‘मुन्ना भाई चले अमेरिका’ फिल्म आने की खूब चर्चा थी, लेकिन फिर फिल्म का निर्माण हो नहीं सका।
फिल्म में सर्किट का किरदार निभा चुके अरशद वार्सी ने बताया कि स्क्रिप्ट का आईडिया तैयार है। मैं इस फिल्म के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। अरशद ने बताया कि संजय दत्त की बायोपिक के खत्म होने के बाद ‘मुन्ना भाई 3’ पर काम शुरू होगा। राज कुमार हिरानी निर्देशित दोनों ही फिल्मों को दर्शकों ने खूब पसंद किया था।
उन्होंने कहा ‘मुन्ना भाई चले अमेरिका’ फिल्म नहीं बन पाने का दुख है मुझे, वह एक जबरदस्त कांसेप्ट था। लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि ‘मुन्ना भाई 3’ का निर्माण जरूर होगा।
कुहू गर्ग ने उत्तराखंड का नाम किया ऊंचा
जूनियर वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में उत्तराखंड की शटलर कुहू गर्ग ने मिश्रित युगल वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइनल तक जगह बनाई। हालांकि क्वार्टर फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन भारत की ओर से किसी भी वर्ल्ड चैंपियनशिप में यह अब तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले कोई भी जोड़ी क्वार्टर फाइनल तक नहीं पहुंच पाई। स्पेन में चल रही प्रतियोगता के मिश्रित युगल वर्ग में कुहू व सात्विक साईं राज की जोड़ी ने प्री-क्वार्टर फाइनल में जापान की माहिरो कनिको व मिनामी की जोड़ी को 21-17, 21-23 व 21-17 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। क्वार्टर फाइनल में मलेशिया की जोड़ी से उनका कांटे का मुकाबला हुआ।
पहले सेट में कुहू व सात्विक की जोड़ी 13-21 से हारी। दूसरे सेट में दोनों शानदार वापसी करते हुए 21-13 से सेट अपने नाम किया। तीसरे और फाइनल सेट में मलेशिया की चेन व तोह की जोड़ी ने कड़े संघर्ष में 19-21 से जीत हासिल कर मुकाबला अपने नाम किया।