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महंगा पड़ रहा नोटबंदी के सीजन में शादी करना

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नोटबंदी का असर शादी की तैयारियों पर तो पड़ ही रहा है, आलम ये है कि लोग या तो सालों से चले आ रहे इन शगुन से बच रहे हैं या फिर दुकानदारों से उधारी के लिए मिन्नते कर रहे हैं। देहरादून में शादी के मौसम में कभी गुलजार रहने वाले पल्टन बाजार में पसरे सन्नाटे को देखकर नोट बंदी का असर का अंदाजा लगाया जा सकता है , यंहा खाली बैठे दुकानदार ग्राहकों की बाट जोह रहे हैं और जो इक्का दुक्का ग्राहक बाजार में खरीददारी करने आ भी रहे है तो उनके नोट लेकर ये अपने लिए और मुसीबत खड़ी नहीं करना चाहते। इसके चलते दुकानदार तो परेशान है ही ग्राहक भी धक्के खाने को मजबूर है । शादी के इस मौसम में दुल्हे को नये नोटों की माला पहनाने का शगुन भी अब पहले से ज्यादा मंहगा हो गया है, दरअसल नये नोटों की कमी के चलते बाजार में मिलने वाली नोटों की माला का कमीशन 10 प्रतिशत से बढ़कर 25 – 30 प्रतिशत हो गया है । गुरबचन कहते है लोगों के पास रूपये नहीं है ऐसे में उनकी नये नोटों की माला पहले जैसी नहीं बिक रही है और दूसरा ओर असलम कह रहे है की नोटबंदी से 60 से 70 प्रतिशत दुकानदारी में गिरावट आई है,जबकि शादी का सिजन है। कुछ दिन बाद दिनेश की शादी है वो अपने चाचा के साथ टिहरी गढवाल से देहरादून शादी का सामान खरीदने आए है, नये नोट, पगडी,सेहरा जैसी कई समान ले तो रहे है, लेकिन उनका कहना की जिस तरह से नोटबंदी का दौर चल रहा है ऐसे में तंगी उन्हें अभी से परेशान कर रही हैं। सरकार द्वारा शादी वाले घरों के लिए की गयी ढाई लाख रुपये की निकासी की छूट भी लोगों के जी का जंजाल बन गयी है ‘रमेश कहते है बिना व्यवस्था के बैंक चल रहे है,शादी वालों को ढाई लाख निकालने की राहत धरातल पर नहीं है.’ शादियों के इस सीजन में नोटबंदी का असर अब दूल्हे और दुल्हन की सजावट पर साफ देखने को मिलेगी । नए नोट मार्किट में न आने की वजह से शगुन के तौर पर पहनाई जाने वाली मालाओं की बिक्री में काफी कमी महसूस की गयी है।

Hello world!

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मुलहठी पर आयी नयी शोध खोलेगी आयुर्वेद की इस औषधी के गुणों कई परतें

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हाल के दिनों में औषधीय पौधों के गुणों पर कई नए शोध सामने आये हैं Iमुलेठी जिसे ‘लिकोरिस’ के नाम से भी जाना जाता है पर दो वैज्ञानिक शोध रेप्रोडकटिव टोक्सिकोलोजी एवं प्लांट जर्नल मे प्रकाशित हुए हैं Iरेप्रोडकटिव टोक्सिकोलोजी में प्रकाशित शोध निष्कर्षों के अनुसार मुलेठी में पाया जानेवाला आएसोलिक्व्रीटीजेनिन चूहों की ओवरी में सेक्स हारमोन के प्रोडक्शन को बाधित कर देता है यह इस रसायन के ओवरी पर होनेवाले प्रभावों पर किया गया पहला अध्ययन है Iवैज्ञानिकों की मानें तो मुलेठी में पाए जानेवाले इस रसायन जिसे ‘आईसो ” नाम दिया गया है के अत्यधिक एक्सपोजर से सेक्स हारमोन प्रोडक्शन के लिए उत्तरदायी मुख्य जीन का एक्सप्रेशन कम हो जाता है फलस्वरूप टेस्टिसटीरोन को एरोमेटज़ में बदलनेवाले एन्जाईम एरोमेटेज की मात्रा 50 प्रतिशत से भी नीचे चली आती है I इस हारमोन की कमी होने से प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ता है I एस्ट्रोजन की उचित मात्रा स्वस्थ मस्तिष्क,स्वस्थ हड्डियों एवं ह्रदय के लिए आवश्यक है अतः इसके स्तर में आयी लगातार कमी का दुष्प्रभाव इन अंगों पर पड सकता है Iएस्ट्रोजन की 50 प्रतिशत की मात्रा से अधिक आयी कमी मनुष्य की प्रजनन क्षमता पर भी प्रतिकूल  प्रभाव उत्पन्न कर सकती है I जापान के वैज्ञानिकों ने भी चीन में पायी जानेवाली मुलेठी की प्रजाति ग्लाईसीराईजा यूरेलेंसिस के जीनोम को डीकोड करने का दावा किया है I मुलेठी की इस प्रजाति में उच्च मात्रा में ग्लाईसीराईजिन पाया जाता है जिसे एंटी-एलर्जिक,एंटी-वाईरल,एंटी-कैंसर गुणों के कारण चाईनीज ट्रेडिशनल मेडिसिन में प्रयोग किया जाता रहा है I भारत में भी आयुर्वेद के विशेषज्ञं मुलेठी का औषधीय प्रयोग सदियों से करते आ रहे हैं