उत्तराखंड में चार धाम यात्रा अपने चरम पर है, लगातार यात्रियों की संख्या लाखों में पहुँचती जा रही है। ऐसे में ट्रेवलर्स बसों की फिटनेस की अनदेखी कर उन्हें चार धाम यात्रा पर भेज रहे है जो कि यात्रा में किसी अनहोनी को न्योता देने के बराबर है, जबकि प्रशाशन ने सिर्फ फिट बसों को ही यात्रा पर भेजने के निर्देश दिए है। उत्तराखंड के चार धाम बद्री-केदार-गंगोत्री यमुनोत्री की यात्रा को शुरु हुए 1 महीना होने वाला है, और यात्रियों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पहाड़ो पर यात्रा को सुचारू रूप से चलाया जा सके इसके लिए प्रशासन द्वारा पहले ही ये निर्देश जारी कर दिए गए थे की यात्रा रूटों पर जाने वाले सभी वाहनों की फिटनेश की जांच होना अनिवार्य है साथ ही सभी बस स्वामी और बस संचालक सुरक्षा मानकों का विशेष रूप से ध्यान रखे। लेकिन जिस तरह से यात्रा में यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है और बसों की कमी सामने आयी है इसका लाभ उठाने के लिए वाहन स्वामी और ट्रेवल एजेंट नियमों को ताक पर रख रहे है । यात्रियों की बढ़ती संख्या के साथ ही बस मालिकों द्वारा नियमों को दर किनारे कर खराब बसों को यात्रा पर भेजा जा रहा है जो कि यात्रा की दृष्टि से सही नही है। श्राद्धालुयओं के मन मे भी बसों को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे है, उनका मानना है कि सही और फिट बसों को ही यात्रा पर भेजा जाए ताकि यात्रा के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी न हो।
चार धाम यात्रा में सबसे बड़ी चुनोती सड़क मार्ग पर दुर्घटना रोकना होता है जिस में हर साल बड़ी संख्या में कई लोग जान गवां बैठते है। पिछले अनुभव को देखते हुए संभागीय परिवन विभाग ने ग्रीन कार्ड के कड़े मानक बना दिए है जिसके बाद ही गाड़िया चार धाम यात्रा में जा पाऐंगी बावजूद इसके सिर्फ कुछ रुपए के लालच में परिवहन स्वामी तय संख्या से ज्यादा यात्रियों ओर अनफिट बसों को यात्रा पर भेज देते है। वहीं संयुक्त रोटेशन अधिकारी सुधीर राय का कहना है कि यात्रा के लिए सिर्फ फिट गाड़ियों को ही लिया जा रहा है और अनफिट गाड़ियों की सर्विस करने के बाद ही यात्रा पर भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि अगर कोई वाहन स्वामी बिना सर्विस के वाहन को यात्रा पर लेकर जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा।
उत्तराखंड के चारों धामो में दर्शन के लिए जाने वाले यात्रियों को पहाड़ी रास्तो से होकर जाना पड़ता है , इसलिए प्रशासन द्वारा यात्रा पर जाने वाली गाड़ियों के लिए कई कड़े नियम बनाए गए है जिससे यात्रा सुरक्षित हो सके लेकिन फिर भी कुछ ट्रेवल एजेंट चंद रुपयों के लालच के लिए नियमो से खिड़वाल कर यात्रियों की जान को जोखिम में डालते है और जिसका खामियाजा यात्रियों को ही भुगतना पड़ता है।