ऋषिकेश में बड़े प्लॉट खरीदने वालों को मिलेगी सस्ती जमीन

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(ऋषिकेश) ऋषिकेश तहसील के अंतर्गत बड़े प्लाट खरीदने वालों को जमीन पहले के मुकाबले काफी सस्ती पड़ेगी, ऐसा राज्य सरकार द्वारा अकृषि भूमि का मानक कम किए जाने से हुआ है।
देहरादून जिले में भी नए सर्किल रेट को लेकर प्रशासन ने नए सिरे से स्थिति स्पष्ट कर दी है। इससे ऋषिकेश से सरकार को मिलने वाला राजस्व भी बढ़ जाएगा। यह जानकारी रजिस्ट्रार कार्यालय के उप निबंधक जितेंद्र कुमार ने देते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में कृषि भूमि का मानक अब 2000 वर्ग मीटर से घटाकर 500 मीटर कर दिया गया है ।इसी प्रकार शहर से सटे गांव नगर निगम में हाल में शामिल में अकृषि भूमि की सीमा 2000 वर्ग मीटर से घटाकर 1000 वर्ग मीटर कर दी गई है ,जिससे ग्रामीण क्षेत्र में 501 वर्ग मीटर और शहर से सटे गांव में 1001 वर्ग मीटर जमीन लेने वाले लोग भी कृषि श्रेणी का सर्किल रेट चुका पाएंगे, जबकि इससे छोटे प्लाट खरीदने वालों को अकृषि के रेट भी चुकाने होंगे जितेंद्र कुमार ने बताया कि कृषि श्रेणी के सर्किल रेट अकृषि के मुकाबले करीब आधे हो गए हैं इस तरह बड़े प्लाट खरीदने वाले अब ज्यादा फायदे में रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अब सरकार की नीति के कारण फ्लैट मकान खरीदने वालों को भी लाभ मिलेगा, जिन्हें बड़ी राहत देते हुए सरकार ने फ्लैट खरीदने वालों को भी फ्लैट निर्माण की लागत 15000 प्रति वर्ग मीटर की जगह 14000 प्रति वर्ग मीटर कर दी गई है। निर्माण लागत में संबंधित क्षेत्र के सर्किल रेट जुड़कर फ्लैट पर चुकाई जाने वाली कुल स्टांप ड्यूटी निकलती है। इस बार शहर की प्रमुख सड़कों पर इस बार सर्किल रेट नहीं बनाए गए हैं, जिससे निर्माण लागत कम होने से फ्लैट पर स्टांप ड्यूटी भी कम देनी पड़ेगी जितेंद्र कुमार ने यह भी बताया कि ऋषिकेश तहसील से राज्य सरकार द्वारा संपत्तियों की रजिस्ट्री से राजस्व प्राप्त करने के सरकार के 70 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष ऋषिकेश रजिस्ट्रार कार्यालय ने 50 करोड़ रुपए राजस्व वसूली के लक्ष्य को लगभग छू लिया है। जितेंद्र कुमार के अनुसार यह वसूली केंद्र सरकार के नोट बंदी से प्रभावित होने के बावजूद भी की जा रही है हालांकि नोटबंदी का प्रभाव संपत्ति खरीदने व बेचने वालों पर भी पिछले दिनों काफी पड़ा है, लेकिन उसके बावजूद भी ऋषिकेश रजिस्ट्रार कार्यालय अपने लक्ष्य को छूने में काफी सफल रहा है।