अलग अलग फर्जी एकाउंट के जरिये सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणीयों से लोगों को परेशान करने वाले लोगों की अब पहचान हो सकेगी। अमेरिका के सैन एंटोनियो युनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास (यूटीएसए) के शोधकर्त्ताओं की ओर से तैयार की गई सांख्यिकीय विधि लेखनी के विभिन्न नमूनों की जांच कर सकती है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि कोई भी लेखक चाहे जितना अपनी लेखनी के अंदाज को छिपा लें। ये नई विधि इसे पहचान ही लेगी। फर्जी टिप्पणी करने वालों के शब्द चयन, विराम चिह्न और संदर्भों के जरिये उसकी पहचान की जा सकती है। यही नहीं चाहे कोई भी टिप्पणी एक व्यक्ति या उससे ज्यादा ने भी लिखी हो।
लिखने वाले की पहचान करने में ये विधि सक्षम होगी। शोधकर्त्ताओं ने ऑनलाइन पर ऐसे लोगों की लेखनी का पता लगाया जो सबसे ज्यादा टिप्पणी करते हैं।