देहरादून। जन एकता जन अधिकार आंदोलन समिति 30 अक्टूबर को कैंडल मार्च निकालकर केन्द्र व राज्य सरकार का विरोध करेगी। शनिवार को आंदोलन समिति की आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। कैंडल मार्च कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आंदोलन समिति के संयोजक सुरेन्द्र सिंह सजवाण ने कहा कि केंद्र में भाजपा अच्छे दिन और सबका साथ-सबका विकास के नाम पर सत्तासीन हुई लेकिन चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादे भूल गई।
उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्यों में भाजपा की सरकार आरएसएस के एजेंडे को लागू करते हुए लोगों के हक पर हमले कर रही है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को संस्थागत चेहरा दिया जा रहा है, देशी व विदेशी कंपनियों में दलाल पूंजी पतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। भाजपा के शासनकाल में अपने विचार वेबाकी से प्रकट करने व विरोधियों की आजादी पर हमले किए जा रहे हैं। सरकार की नीतियों से असहमति को राष्ट्र विरोध माना जा रहा है और आरएसएस के कट्टरपंथी प्रतिगामी पुरातनपंथी वह अवैज्ञानिक विचार धाराओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि सरकार के विरुद्ध जनता की सभी मेहनतकश वर्ग किसानों,मजदूरों, छात्रों, नौजवानों, महिलाओं तथा व्यापारियों में बढ़ रहे आक्रोश में आंदोलित संगठनों को एक मंच पर लाने के लिए 18 सितंबर को दिल्ली स्थित मावलंकर हॉल में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर जन एकता जन अधिकार आंदोलन का गठन किया गया है, जिसमें आम जनता से जुड़े 26 सूत्री मांग पत्र जारी कर 30 अक्टूबर को पूरे देश में मशाल जलूस में कैंडल मार्च आयोजित कर जन जागरण किए जाने का निर्णय लिया गया है।
इसी क्रम में देहरादून में भी एकता जन अधिकार आंदोलन की एक संचालन समिति का गठन किया गया है, जिसमें तय किया गया कि 30 को 5:30 बजे शाम घंटाघर बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कैंडल मार्च प्रारंभ कर रात भर रोते हुए गांधी पार्क में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति के समक्ष समापन किया जाएगा।