शक्तिमान मामले से विधायक जोशी को मिली राहत

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    देहरादून, कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में देहरादून पुलिस के घोड़े ‘शक्तिमान’ की टांग तोड़ने के आरोपों को लेकर चर्चाओं में आए मसूरी विधायक गणेश जोशी का अब इस मामले से पीछा छूट गया। उनकी पार्टी भाजपा ने सत्ता में आने के बाद उनपर इस मामले में दर्ज मुकदमा वापस ले लिया है। मंगलवार को इसकी आधिकारिक जानकारी दी गई।

    कांग्रेस सरकार के समय भी कई नेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस हुए थे। कई गंभीर प्रकरणों में दर्ज मुकदमें वापस लेने को लेकर कांग्रेस सरकार पर सवालिया निशान भी लगे थे। इधर, सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह स्पष्ट किया था कि भाजपा के जिन कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक द्वेष के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाएगा। सरकार ने सत्ता में आते ही भाजपा विधायक और कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी सरकार बनने के छह महीने बाद ही विधायक गणेश जोशी पर दर्ज मुकदमा वापस ले लिया गया है।

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    क्या था शक्तिमान घोड़ा मामलाः 2016 में 14 मार्च को बजट सत्र के दौरान भाजपा ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा तक रैली निकाली थी। इस दौरान पुलिस कर्मियों और भाजपा समर्थकों के बीच झड़पें हुईं। आरोप है कि इस दौरान भाजपा विधायक गणेश जोशी ने पुलिस की लाठी छीन कर फटकारी, जिसके चलते पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग टूट गई। उनका वीडियो भी सामने आया था। बाद में घोड़े शक्तिमान की मौत हो गई थी। यह मामला सदन में भी खूब गूंजा। दिल्ली तक भी इसकी गूंज सुनाई दी। पुलिस ने इस मामले में विधायक गणेश जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। यहां तक कि इस मामले की सीबीसीआइडी जांच के आदेश भी दिए गए थे। अब इस मामले में सरकार की ओरे से मुकदमा वापस लिया गया है।

    अपनी प्रतिक्रिया देते हुये, विधायक गणेश जोशी ने सीएम रावत और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का आभार व्यक्त किया और कहा, “जब घटना घटी थी तब मैनें कहा था कि मैं निर्दोष हूं, अगर दोषी हूं तो मेरी भी टांग काट दी जाए, यह बात एक सच्चा इंसान ही कह सकता है, सबसे बङा न्याय जनता का विशवास होता है, मुझे न्याय तब मिल गया था जब हरीश रावत जी दोनों सीटों से हार गए थे, और मुझे मेरी जनता ने भारी बहुमत से चुना।”