सीबीएसई ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखा था कि बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में ही कराई जाए, जिससे जल्दी रिजल्ट आ जाए और छात्र-छात्राएं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो सकें। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा था कि इस बार बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में कराई जा सकती हैं। सूत्रों के अनुसार कई दौर की मीटिंग के बाद बोर्ड ने अपना फैसला बदल दिया है। हालांकि परीक्षाएं जल्दी पूरी करवाने के लिए दो पालियों में परीक्षाएं कराने का फैसला अमल में लाया जा सकता है।
मंजू जोशी, को-ऑर्डिनेटर, सीबीएसई ने बताया कि पिछले तीन-चार साल से सीबीएसई में दसवीं का बोर्ड समाप्त कर दिया गया था। इस बार फिर से 10वीं के लिए बोर्ड अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में बोर्ड में छात्र संख्या बढ़ेगी। उसकी तैयारी के लिए भी सीबीएसई को समय चाहिए। इसकी वजह से बोर्ड परीक्षा मार्च में कराने पर सहमति बनी है।