एरा इंफ्रा को केंद्र से मिले 280 करोड़ रुपये, राज्य में रुके प्रॉजेक्टस के लिये जगी उम्मीद

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(देहरादून) एरा इंफ्रा को केंद्र से मिले 280 करोड़ रुपये के ‘अभयदान’ के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) कंपनी के साथ नया एमओयू साइन करेगी। इस एमओयू के बाद ही कंपनी को यह ग्रांट जारी की जा सकेगी। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक यह कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी और नए साल से चौड़ीकरण का कार्य गति पकड़ने लगेगा।
हरिद्वार से देहरादून के बीच करीब 39 किलोमीटर दूरी को फोरलेन करने का काम इरा इंफ्रा कंपनी ने नवंबर 2011 में शुरू किया था। यह कार्य कंपनी को बीओटी (बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर/बनाना, चलाना और हस्तांतरण) मोड में आवंटित किया गया था। यानी कि कंपनी को अपने खर्चे पर चौड़ीकरण कार्य करना था और 20 साल की अवधि तक इसका संचालन, रखरखाव भी करना था। इसकी एवज में राजमार्ग पर टोल टैक्स के जरिये होने वाली आमदनी कंपनी को मिलनी थी। चौड़ीकरण का काम अक्टूबर 2013 तक पूरा किया जाना था, जबकि इसके बाद सितम्बर 2016 व दिसम्बर 2017 की संशोधित डेडलाइन मिलने के बाद भी कार्य की प्रगति 53 फीसद से आगे नहीं बढ़ पाई। जबकि परियोजना की लागत 1020 करोड़ की जगह अब 1400 करोड़ को पार कर गई है। इसके लिए कंपनी ने विभिन्न बैंकों से 736 करोड़ रुपये का ऋण लिया था और यह राशि भी ब्याज समेत 800 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। इसी वित्तीय संकट के कारण इरा इंफ्रा ने चौड़ीकरण कार्य से हाथ खड़े करते हुए सरकार से 280 करोड़ रुपये की मदद मांगी थी। जबकि केंद्र सरकार निर्माण कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी कर चुकी थी। हालांकि कंपनी को ऋण देने वाले बैंकों ने सरकार से ऐसा न करने का आग्रह किया था, क्योंकि उन्हें डर था कि इससे कर्ज डूब जाएगा। हाल ही में केंद्र ने भी तमाम स्तर पर मंथन करने के बाद कंपनी के लिए 280 करोड़ रुपये की ग्रांट स्वीकार कर दी। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक पीएस गुसाईं के अनुसार इस राशि को कंपनी को देने के लिए दिसम्बर माह के अंत तक एमओयू साइन कर लिया जाएगा। एमओयू कंपनी को ऋण देने के वाले बैंक ऑफ इंडिया व अन्य बैंकों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में साइन किया जाएगा। इसी के अनुरूप कंपनी को अधूरा काम पूरा करने के लिए एक वर्ष की अवधि की नई डेडलाइन जारी की जाएगी।
चौड़ीकरण कार्य पर एक नजर
कार्य : हरिद्वार-दून राजमार्ग का चौड़ीकरण
लंबाई: 39.025 किमी
चौड़ीकरण के बाद लंबाई: 36.52 किमी
कार्य शुरू: नवम्बर 2011
कार्य समाप्ति की अवधि: अक्टूबर 2013
समय विस्तार: सितम्बर 2016
नई डेडलाइन: दिसम्बर 2017
कार्य प्रगति: 53 फीसद