चौथी बार छत्तीसगढ़ की झांकी को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

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नई दिल्ली, केन्द्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन नेराष्ट्रीय रंगशाला शिविर में आयोजित एक समारोह में छत्तीसगढ़ की झांकी को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया। यह चौथा मौका है जब राज्य की झांकी को राष्ट्रीय स्तर पर यह सम्मान मिला है। 69वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर निकली छत्तीसगढ़ की यह झांकी रामगढ़ की प्राचीन नाट्यशाला पर आधारित थी।

जनसंपर्क विभाग की ओर से अपर संचालक उमेश मिश्रा और संयुक्त संचालक धनंजय राठौर ने यह पुरस्कार प्राप्त किया। पुरस्कार प्रदान करते समय केन्द्रीय रक्षा मंत्री ने छत्तीसगढ़ के कलाकारों के प्रदर्शन की सराहना की। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इस उपलब्धि के लिए राज्य की जनता का बधाई दी है।

जनसंपर्क विभाग के विशेष सचिव और संचालक राजेश टोप्पो ने बताया कि छत्तीसगढ़ के लिए यह गौरव की बात है कि राज्य की समृद्ध प्राचीन संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवपूर्ण स्थान मिला। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और आसियान देशों राष्ट्राध्यक्षों के समक्ष छत्तीसगढ़ की झांकी को प्रदर्शन का अवसर प्राप्त हुआ। किसी भी राज्य की झांकी को राजपथ पर प्रतिनिधित्व मिलना ही गौरव की बात होती है। पुरस्कार मिलने से यह खुशी दोगुनी हो गयी। उन्होंने बताया कि यह चौथी बार है जब राज्य की झांकी को राष्ट्रीय स्तर पर यह सम्मान मिला है। इसके पहले वर्ष 2006, 2010 और 2013 में भी राज्य की झांकी को यह सम्मान मिला था।

राजेश टोप्पो ने बताया कि जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने पिछले छह माह से इसके लिए अथक परिश्रम किया था। झांकी के साथ इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने झांकी की विषय वस्तु प्रसिद्ध कवि कालिदास की विश्वविख्यात रचना मेघदूतम को जिसे उन्होंने रामगढ़ की पहाडि़यों में बनी इस नाट्यशाला में ही मूर्तरूप प्रदान किया था, अपने संगीत और नृत्य के माध्यम सजीव रूप प्रदान किया।