देहरादून। उत्तराखंड में भिक्षावृत्ति पर प्रदेश सरकार रोक लगा चुकी है, लेकिन राज्य में अभी भी भिक्षावृत्ति पूरी तरह सक्रिय हैं। सड़कों पर लोगों से भीख मांगते बच्चे आए दिन नजर आते हैं। इस पर रोक लागाने के लिए मंगलवार को देहरादून की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने चाइल्ड प्रोटेक्शन अधिकारी, चाइल्ड लाइन देहरादून, आशरा ट्रस्ट एवं बचपन बचाओं आन्दोलन के कार्यकर्ता के साथ मिलकर एक अभियान चलाया।
अभियान के तहत राजधानी देहरादून के घंटाघर, दर्शन लाल चौक, गांधी पार्क, लैंसडाउन चौक परेड ग्राउन्ड, एस्ले होल चौक आदि स्थानों पर भीख मांगने वाले बच्चों के सम्बन्ध में जानकारी एकत्र की गई। भिक्षावृत्ति कर रहे बच्चे को साथ लेकर परेड ग्राउन्ड में रह रहे, उनके परिजनों को हिदायत दी गई कि उनके द्वारा बच्चों से भिक्षावृत्ति न करवाई जाए अन्यथा उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
परेड ग्राउन्ड में रह रहे करीब 30 बच्चों के परिजनों ने अभियान चला रही टीम को विश्वास दिलाया है कि अब उनके द्वारा अपने बच्चों को पढ़ाई कराए जाने के लिए नजदीकी ओपन शेल्टर होम में भेजा जाएगा, उनसे भिक्षावृत्ति नहीं कराया जाएगा। टीम ने कहा कि बच्चों की भिक्षावृत्ति की रोकथाम के लिए आगे भी समस्त सम्बन्धित विभागों से समन्वय स्थापित कर अभियान चलाया जाएगा।