देहरादून। देहरादून में क्लोरीन गैस सिलेण्डरों में हुए रिसाव की जांच पूरी कर ली गई है और इस मामले में अधीशासी अभियंता समेत तीन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दी जाएगी। जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक एसके गुप्ता ने जांच रिपोर्ट का अध्ययन कर कार्रवाई की संस्तुति कर दी है। जांच कमेटी के विवेचना के आधार पर सात बिन्दुओं में कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
महाप्रबंधक एसके गुप्ता ने सुदेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमिटी गठित की। जिसमें पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता एनएस बिष्ट और अधिशासी अभियंता इमरान अहमद को सदस्य बनाया गया है। कमेटी ने विवेचना कर रिपोर्ट प्रस्तुत की है। बुधवार को सीजीएम ने जांच रिपोर्ट का अध्ययन कर कार्रवाई की। उन्होंने तत्कालीन अधिशासी अभियंता यशवीर मल्ल, अवर अभियंता एके गुप्ता व फिल्टर हाउस अटेंडेंट फतेह सिंह को लापरवाही पर चार्जशीट दिए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही क्लोरीन गैस सिलेंडर सप्लाई करने वाली कंपनी के साथ करार निरस्त कर दिया गया है।
दिलाराम बाजार के समीप 17 अगस्त 2017 स्थित जल संस्थान परिसर में रखे क्लोरीन गैस के सिलेण्डरों से रिसाव हो गया था। जिससे आस-पास के लोगों प्रभावित हुए थे। कंपनी की ओर से जो सिलेंडर सप्लाय किए गए, उनका हाइड्रोलिक टेस्ट नहीं कराया गया। बिना हाइड्रोलिक टेस्ट के भेजे गए सिलेंडर को लेने से पहले जरूरी पड़ताल नहीं की गई।
अपनी रिपोर्ट में मुख्य महाप्रबंधक एसके गुप्ता ने शासन स्तर से एक समिति का गठन किए जाने की मांग की है। जो क्लोरीन के भविष्य में इस्तेमाल को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी। इस समिति में स्वास्थ्य, उद्योग, फॉयर, जल निगम व जल संस्थान के अफसरों को शामिल किया जाए।
पेय जल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा है कि क्लोरीन गैस प्रकरण में जिन लोगों की लापरवाही सामने आई है। उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। चार्जशीट देने के साथ ही कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में क्लोरीन इस्तेमाल को लेकर समिति का गठन होगा। मानवता की दृष्टि से क्लोरित गैस रिसाव से पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती हुए लोगों के इलाज के व्यय की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा की जाएगी।