जलभराव से शहर को नहीं मिल रही निजात

0
806

हरिद्वार। धर्मनगरी की सबसे बड़ी समस्याओं में शुमार बारिश के दौरान यहां होने वाला जलभराव है। जिसका मुख्य कारण राजाजी टाइगर रिजर्व और भेल से आने वाला बरसाती पानी है। नुकसान को देखते हुए अब शासन-प्रशासन इस आने वाले बरसाती पानी की रोकथाम में जुट गया है।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की पहल पर अब प्रशासन इस पानी को रोकने की रणनीति पर काम करने लगा है, जिसे लेकर कल से सर्वे भी शुरू हो गया है। वहीं पिछले कई वक्त से लोगों के लिए यह समस्या जी का जंजाल बनी हुई है, जिसका हल निकालना बेहद जरूरी है। बरसात के दौरान मध्य हरिद्वार जलमग्न हो जाता है।
वही राजाजी टाइगर रिजर्व से बरसात में आता है भारी पानी। भेल के नालों से होकर ये पानी चंद्राचार्य चैक पहुंचता है। जहां लोगों के लिए यह मुसीबत का सबब बन जाता है। इस पानी से मॉडल कॉलोनी, विवेक विहार, खन्ना नगर और नया हरिद्वार होता है सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। पिछले कई दशकों से इस समस्या का समाधान नहीं हुआ। हर साल बरसात के दौरान दुकानों और मकानों में पानी घुसता है।
वहीं, चार बार से लगातार बने विधायक मदन कौशिक पर इस समस्या से जनता को निजात दिलाने का बड़ा दबाव है। इसे देखते हुए उन्होंने निगम, प्रशासन और भेल के आला अधिकारियों से वार्ता कर इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने को कहा है। जिसके बाद मेयर मनोज गर्ग ने प्रशासन और भेल के अधिकारियों के साथ क्षेत्र का सर्वे भी किया।
मेयर का कहना है कि बाहर से कंसल्टिंग एजेंसी को भी बुलाया गया है, ताकि जलभराव की समस्या का स्थाई समाधान निकल सके। एडीएम ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि इस इलाके का टेक्निकल सर्वे कर लिया गया है। कई स्थानों पर जलभराव को रोकने पर अपने-अपने विचार भी दिए गए हैं। सर्वे के बाद इसका स्थाई निराकरण अवश्य होगा। गौर हो कि इस इलाके में होने वाले जलभराव को रोकने के लिए पहले भी कई बार सर्वे हो चुके हैं, लेकिन कभी समस्या का समाधान नहीं हुआ। वहीं, इस बार शहरी विकास मंत्री के खुद बीच में आने से क्षेत्र की जनता को कुछ उम्मीद जगी है कि अब इस समस्या का हल जरूर होगा। लेकिन देखने वाली बात ये होगी कि क्या इस बार शासन-प्रशासन जनता की उम्मीदों पर खरा उतर पाता है या नहीं?