सीएम की नसीहत पर टूटी लिंगानुपात पर नींद

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कल तक कन्या भ्रुण हत्या रोकने के उपायों पर गंभीरता न दिखाने वाले स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों को अब अपनी कार्यशैली में सुधार करने के लिए मजबूर हो गया है।

गली कूचों में बगैर पंजीकरण के दर्जनों अल्ट्रासाउंड व सोनोग्राफी सेंटरों के संचालन को रोकने के लिए अब विभागीय चिकित्साधिकारी गंभीरता से पहल करने को मंथन कर रहे हैं। वजह सोमवार को सीसीआर सभागार में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की नसीहत। हालांकि जून महीने में जिलाधिकारी ने चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया था कि वे स्टिंग ऑपरेशन कर कन्या भ्रुण हत्या रोकने में जुटें लेकिन अभी तक कोई स्टिंग हुआ नहीं।
जिले में प्रति एक हजार पुरुषों पर हैं 906 बच्चियों के लिंगानुपात को सुधारने में अब पूरी संजीदगी दिखाने की नौबत आ गई है। जिले में पुरूष व महिलाओं के लिंगानुपात में असमानता को खत्म करने के लिए पीसीपीएनडीटी का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है। विभाग की नाक के तले शहर से लेकर देहात तक बगैर पंजीकरण के कई सोनोग्राफी केंद्र संचालित हो रहे हैं। जहां चोरी छिपे लिंग जांच का काम किया जाता है। लेकिन विभाग इस पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा है। यह आलम तब था जब जून महीने में जिलाधिकारी दीपक रावत ने पीसीपीएनडीटी समिति की बैठक में कलक्ट्रेट सभागार में कन्या भ्रुण हत्या रोकने के लिए चिकित्साधिकारियों को अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर स्टिंग ऑपरेशन करने को कह चुके हैं। लेकिन करीब दो ढाई महीने बीतने के बाद भी एक भी स्टिंग ऑपरेशन विभागीय अधिकारियों ने नहीं किया जिससे इनके संचालन बेरोकटोक चलते रहे। लेकिन अब सीएम की नसीहत के बाद विभाग नींद से जाग गया है।
सीएमओ ने एडिशनल सीएमओ डॉ. एचडी शाक्य को पीसीपीएनडीटी के नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।