चुनावी मौसम के आते ही चित परिचित अंदाज में राजनीतिक दलों ने काम करना शुरू कर दिया है। सत्ता पक्ष ने घोषणाओं की बौछार कर दी है और विपक्ष ने उन घोषणाओं को चुनावी स्टंट करार देना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रामनगर में एक अरब छब्बीस करोड की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
- उन्होने 10 करोड 93 लाख की लागत से रामनगर मे एडीबी यूईएपी (रोड एण्ड ब्रिज) के अन्तर्गत स्वीकृत रामनगर-कालाढूगी-हल्द्वानी-काठगोदाम-चोरगलिया-सितारगंज-बिजटी मोटर मार्ग पुर्नस्थापना/पुर्न निर्माण कार्य,
- 15 करोड 51 लाख की लागत से रामनगर में एडीबी (रोड एण्ड ब्रिज) के अन्तर्गत रामनगर-कालाढूगी-हल्द्वानी-काठगोदाम-चोरगलिया-सितारगंज-बिजटी मोटर मार्ग पुर्नस्थापना/पुर्न निमार्ण कार्य लोकापर्ण,
- इसी कडी में एडीबी द्वारा वित्तपोषित रामनगर पेयजल पुनर्गठन एवं सुद्ढीकरण परियोजना की लागत लगभग 62 करोड की लागत से सम्पूर्ण रामनगर शहरी क्षेत्र की जनता लाभान्वित होगी।
- इसके अलावा अन्तर्राज्जीय बस टर्मिनल रामनगर लागत 16 करोड 50 लाख,
- बस स्टेशन बाजपुर लागत 4 करोड, बस स्टेशन किच्छा सौन्दर्यीकरण लागत 30 लाख
अपने सम्बोधन में प्रमुख सलाहकार रणजीत सिह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार गरीबो का विशेष ध्यान रख रही है। उन्होने कहा उत्तराखण्ड प्रदेश का पहला राज्य है जहां समाज कल्याण की विभिन्न पेंशन योजनाओं के अन्तर्गत लगभग 7.5 लाख गरीब पात्र लोगो को इन योजनाओं का लाभ मिल रहा है। वैसे तो चुनावी माहौल में घोषणाओं की परंपरा रही है पर ये कार्यक्रम इसलिये खास था क्योंकि रंजीत रावत के अपनी पारंपरिक सीट सल्ट की जगह रामनगर से चुनावी रण में उतरने की खबरें लंबे समय से आ रही हैं। ये घोषणाऐं कितनी पूरी होती हैं और चुनावों में कांग्रेस को कितना फायदा पहुंचाती है ये तो वक्त ही बतायेगा।