क्यों मुकर गये मुख्यमंत्री

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हल्द्वानी- मंत्री के जनता दरबार में जहर खाकर जान देने वाले ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे के परिजनों को आर्थिक सहायता देने के आश्वासन से सरकार ने भले ही अपना पल्ला झाड़ लिया हो, मगर कालाढूंगी के भाजपा विधायक बंशीधर भगत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर उन्हें याद दिलाया है कि उनसे वार्ता हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने दस लाख रुपये देने का आश्वासन दिया था। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर मुख्यमंत्री झूठ क्यों बोल रहे हैं?

गौरतलब है कि प्रकाश पांडे का शव जब उनके काठगोदाम स्थित आवास पर लाया गया था तो परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया था। उन्होंने मुआवजे और नौकरी की मांग रख दी थी। नैनीताल के जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी व क्षेत्रीय विधायक व नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश की बंद कमरे में बैठक हुई थी। तकरीबन 75 मिनट तक चली वार्ता के बाद प्रकाश पांडे की पत्नी कमला पांडे को संविदा पर नौकरी देने तथा 12 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान जिलाधिकारी ने किया था। डीएम के आश्वासन पर शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। जिलाधिकारी ने विभिन्न संगठनों की मदद से दो लाख रुपये परिजनों को दे दिए थे। बाद में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने मृतक की पत्नी को नौकरी देने एवं दस लाख रुपये की सहायता देने के मामले में यह कह दिया कि शासन ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है। आर्थिक सहायता व नौकरी देने के आश्वासन से जब सरकार ने पल्ला झाड़ लिया तो अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई।

उधर, कालाढूंगी के विधायक बंशीधर भगत ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में भगत ने कहा है कि प्रकाश पांडे की जहरीले पदार्थ के सेवन से हुई मौत के बाद हल्द्वानी क्षेत्र में उत्पन्न आक्रोश के संबंध में 10 जनवरी को उनके द्वारा मुख्यमंत्री से वार्ता की गई थी। उन्होंने वार्ता का स्मरण कराते हुए कहा कि प्रकाश पांडे के परिजनों की मांग के अनुरूप दस लाख रुपये देने की घोषणा मुख्यमंत्री के आश्वासन के उपरांत ही की थी। जिसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार शांतिपूर्वक कर दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि उनके द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुरूप मानवीय दृष्टि से दस लाख रुपये की धनराशि पांडे की पत्नी कमला पांडे को प्रदान करने की कृपा की जाए, ताकि मृतक के परिवार का भरण पोषण उचित प्रकार से हो सके तथा बच्चों को उचित शिक्षा उपलब्ध हो सके। भगत का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अब सवाल यह है कि यदि भगत ने मुख्यमंत्री से वार्ता कर उनके आश्वासन पर घोषणा कराई तो अब मुख्यमंत्री क्यों झूठ बोल रहे हैं?