देहरादून। ‘रिस्पना से ऋषिपर्णा नदी कार्यक्रम’ के तहत रिस्पना नदी की सफाई के लिए स्थापित किलवेस्ट मशीन का शुक्रवार को शुभारंभ किया गया। इस मौके पर सीएम ने एक मोबाइल ऐप का शुभारंभ भी किया। सीएम ने इस मौके पर कहा कि नदियों के संरक्षण के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ ही जनसहभागिता भी जरूरी है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विधानसभा के निकट आयोजित कार्यक्रम में मशीन का शुभारंभ किया। कार्यक्रम ईको टास्क फोर्स और उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र(यूसर्क) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री ने रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण अभियान से सम्बन्धित एक मोबाइल एप्लीकेशन का भी शुभारम्भ किया। यूसर्क द्वारा विकसित की गई इस एप्लीकेशन को गुगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि रिस्पना नदी के पुनर्जीवन के लिये दृढ़ राजनैतिक इच्छाशक्ति के साथ-साथ व्यापक जनसहभागिता की आवश्यकता होगी। रिस्पना और कोसी नदियों का पुनर्जीवन सरकार की प्रतिबद्धता है। स्वच्छता अभियान और नदियों के पुनर्जीवीकरण अभियान के लिए सरकार के साथ-साथ आमजन का व्यापक सहयोग जरूरी है। इस विषय में लोगों को ऐसे ही सोचना चाहिए जैसे वे अपने घर की स्वच्छता के बारे में सोचते हैं। मिशन रिस्पना से ऋषिपर्णा पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ही दिन में नदी के उद्गम से अन्तिम छोर तक स्वच्छता अभियान चलाने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर लोगों के सहयोग की जरूरत है। इसके लिए हर आयु वर्ग के लोगों को अपना सक्रिय सहयोग देना पड़ेगा। बच्चों को स्वच्छता अभियान एवं पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने के लिये सरकार ने जूनियर ईको टास्क फोर्स का गठन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए भविष्य के जल प्रबन्धन पर अभी से विचार करने की जरूरत है। वर्षा जल को एकत्रित करना आवश्यक है। हमारी नदियां जीवित रहें, सदा बहती रहें और हमारी आवश्यकता का बड़ा हिस्सा वर्षा जल संचय से पूरा हो। देहरादून शहर और आसपास की जनसंख्या के लिये ग्रेविटी बेस्ड जल आपूर्ति की व्यवस्था करने पर विचार किया जा रहा है।
स्थानीय विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’ ने कहा कि रिस्पना और बिन्दाल देहरादून की लाइफ लाइन हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि साबरमती नदी की तरह रिस्पना नदी भी अपने पुराने गौरव को प्राप्त करेगी। ईको टास्क फोर्स के कर्नल राणा ने बताया कि रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए माइक्रो प्लान बनाया जा रहा है। नदी के कैचमेंट एरिया का एरियल सर्वे भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगस्त-सितम्बर तक रिस्पना नदी काफी अच्छी स्थिति में दिखाई देगी। यूसर्क के निदेशक दुर्गेश पन्त ने कहा कि रिस्पना नदी की थ्री-डी मॉडलिंग और रिवर मॉर्फोलॉजी का काम चल रहा है। किलवेस्ट मशीन की जानकारी देते हुए बताया कि यह एक आधुनिक ईंधन मुक्त सॉलिड वेस्ट डिस्पॉजर है, जोकि पूर्णतः ईको फ्रेण्डली और कम लागत वाली है। यह मशीन नियंत्रित वायु आपूर्ति के माध्यम से नियंत्रित दहन(कम्बशन) प्रणाली पर कार्य करती है। कूड़े की मात्रा के अनुसार यह मशीन विभिन्न आकारों में निर्मित की जाती है। कार्यक्रम को परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानन्द मुनि और किलवेस्ट मशीन के निर्माता लक्ष्मण शास्त्री ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी धीरेन्द्र सिंह पंवार सहित अन्य गणमान्य एवं अधिकारी मौजूद थे।