मुख्यमंत्री ने जनता मिलन हाॅल में क्षय रोगियों के उपचार के लिए नई उपचार पद्यति ’डेली रिजीम’ का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कार्यक्रम में उपस्थित कुछ क्षय रोगियों को नई उपचार पद्धति की दवाइयां देकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
’लॉंच ऑफ डेली रेजीम फॉर टीबी ट्रीटमेंट’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि 2025 तक भारत को ट्यूबरक्लोसिस से मुक्त करना है। उत्तराखण्ड की जागरुकता के स्तर को देखते हुए राज्य में यह लक्ष्य 2024 तक पाया जा सकता है। क्षय रोग अब किसी डर का विषय नहीं है और चिकित्सा शास्त्रीयों ने इस पर विजय प्राप्त कर ली है। परंतु इस रोग के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है और इसका चिकित्सकीय परामर्श के साथ नियमित उपचार बहुत जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “उत्तराखंड राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए सरकार गंभीर है और इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। अभी हाल ही में पौड़ी मुख्यालय में प्रदेश के कुल 12 अस्पतालों में टेली रेडियोलॉजी की सेवा शुरू कर दी गई है और शेष 23 अस्पतालों में जल्द शुरू कर दी जाएगी।विदेशों में भी टेली रेडियोलॉजी और टेली मेडिसिन का प्रयोग दूरस्थ क्षेत्रों में उपचार पहुंचाने के लिए किया जाता है।”
उन्होंने कहा कि तकनीकी के प्रयोग से हमें हिचकना नहीं चाहिए चिकित्सा क्षेत्र में शोध कार्य निरंतर चलते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में युवा पीढ़ी पहले की तुलना में अधिक अपडेट है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं सहित सभी युवाओं से कहा कि वे सीधे फेसबुक, ट्विटर और ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री को अपने सुझाव दे सकते हैं।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.अर्चना ने बताया कि, “पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत डेली रेजीम उपचार पद्धती प्रारंभ की जा रही है। इस पद्धति के शुरू होने पर प्रदेश से ट्यूबरक्लोसिस का समूल नाश संभव हो सकेगा। इस पद्धति के लिए सभी जनपदों में प्रशिक्षण प्रदान कर दिया गया है और औषधियां पहुंचा दी गई हैं। टीवी नेट डायग्नोस्टिक तकनीक जो पहले प्राइवेट अस्पतालों में मरीज को 2 से रू.3000 खर्च करने पर मिलती थी अब प्रदेश के 9 जनपदों में सरकारी अस्पताल में उपलब्ध करा दी गई है। शेष 4 जनपद पौड़ी टिहरी उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में 3 महीने में उपलब्ध करा दी जाएगी।”