मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किसान भवन में उर्वरकों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर(डीबीटी) प्रणाली का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने किसानों को डीबीटी के माध्यम से उर्वरक एवं उर्वरक डीलरों को पीओएस मशीन का वितरण किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कृषकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, “उत्तराखण्ड उन पांच राज्यों में शामिल है जहां पर आज डीबीटी प्रणाली का शुभारम्भ किया जा रहा है, यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने ‘डिजिटल इंडिया’ की दिशा में बढ़ाया गया एक और कदम है। उत्तराखंड की अधिकांश जनता अभी भी कृषि पर निर्भर है, राज्य सरकार का प्रयास है कि कृषकों को अधिक से अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। इसके लिए सभी कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड को आधार से जोड़ा जाएगा।” डीबीटी के माध्यम से खाद्य पर सब्सिडी सीधे कृषकों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी, इसके लिए सबका आधार कार्ड बनना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “प्रत्येक किसान का मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनकर आधार से जुड़ जाएगा तो 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में सहायक सिद्ध होगा। राज्य सरकार द्वारा लघु एवं सीमान्त कृषकों को एक लाख रुपये तक का ऋण दो प्रतिशत ब्याज पर दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के 2022 तक नए भारत के सपने को साकार करने एवं देश और समाज को आगे बढ़ाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति का योगदान जरूरी है।”
सचिव कृषि डी. सेंथिल पांडियन ने जानकारी दी कि, “प्रदेश में चार लाख 80 हजार किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बन चुके हैं, जबकि 70 हजार मृदा स्वास्थ्य कार्डों को आधार से लिंक किया जा चुका है। मार्च 2018 तक सभी को आधार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, प्रधानमंत्री के संकल्प से सिद्धि के तहत डीबीटी एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।”