सरकारी कामों में पार्दर्शिता और जवाबदेही लायेगा “उत्कर्ष”: मुख्यमंत्री

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उत्तराखंड सरकार के कामों में तेजी और जवाबदेही लाने के मकसद से राज्य सरकार ने सोमवार को उत्कर्ष नाम की एक और डिजिटल पहल की। इस ऑनलािन डैशबोर्ड के जरिये सरकारी कामों पर नजर रखी जा सकेगी। इस मौके पर सीएम ने कहा कि सीएम डैशबोर्ड से सरकार के कार्यों में पारदर्शिता व गतिशीलता आयेगी। इसके माध्यम से आम जनता तक सरकार की योजनाओं व कार्यों की भी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी तथा जनसेवाओें को पारदर्शिता के साथ लागू करने, व्यवस्थित व सकारात्मक ढ़ंग से लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।”

सीएम डैशबोर्ड का नाम ‘‘उत्कर्ष’’(UttaraKhand Achieving Results in Systematic and Holistic Way) रखा गया है। इस डैशबोर्ड को राज्य आईटीडीए और निजि कंपनी के ाथ मिलकर तैयार किया गया है। अगले तीन साल तक ये निजि कंपनी इस डेशबोर्ड के रख रखाव का काम भी करेगी।

आखिर क्या है डैशबोर्ड उत्कर्ष 

  • डैशबोर्ड एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां से सभी सरकारी योजनाओं की प्रगति पर एक साथ नजर रखी जा सकती है।
  • किस किस योजना की क्या प्रगति है, लोगों को उस योजना का कितना फायदा मिल रहा है, विभाग किस गति से काम कर रहे हैं, किन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है इन तमाम बातों पर मुख्यमंत्री एक ही जगह से नजर रख सकते हैं।
  • सीएम डैशबोर्ड पूरी तरह आईटी पर आधारित है और यहां सारे विभाग ऑनलाइन जुड़े होते हैं।
  • यह डैशबोर्ड सेल्फ असेसमेंट के जरिए परिणाम प्राप्त करने का एक माध्यम है।
  • अभी इसकी शुरुआत में 14 अलग अलग विभाग इस डैशबोर्ड के साथ जुड़े हैं। भविष्य में अन्य विभागों को भी इसमें शामिल किया जाना है।
  • डैशबोर्ड से मुख्यमंत्री पता कर सकते हैं कि, किस विभाग की कौन सी योजना की क्या प्रगति है।
  • विभागों और योजनाओं के लिए स्वीकृत बजट में कितना खर्च हुआ है, और कहां कहां खर्च हुआ है।
  • डैशबोर्ड से यह भी पता लग सकता है कि, राज्य में मानव विकास सूचकांक, इकोनॉमिक इंडेक्स आदि सूचनाओं की क्या स्थिति है। मसलन पेयजल विभाग के तहत कितने घरों में पानी के कनेक्शन दिए गए हैं…कितने घरों में बिजली पहुंच चुकी है।
  • यानि राज्य में योजनाओं का वास्तविक लाभ जनता को मिल रहा है या नहीं और अगर मिल रहा है तो कहां तक मिला है, यह सब डैशबोर्ड से पता किया जा सकेगा।
  • उत्तराखंड की भौगोलिक स्थितियों के कारण कई बार अधिकारियों के साथ एक जगह पर बैठक नहीं हो पाती, लेकिन डैशबोर्ड के जरिए उनके कामकाजों की समीक्षा आसानी से हो जाएगी।
  • अगर किसी विभाग में भ्रष्टाचार कि शिकायत होती है, या उसके कामकाज को लेकर सवाल उठते हैं तो, मुख्यमंत्री को यह बात विभाग की परफॉरमेंस रिपोर्ट देखकर पता चल जाएगी।
  • यानी सचिवालय से लेकर जिलों तक किसी भी विभाग या अधिकारी ने लापरवाही बरती तो उस पर सीधी नजर रखी जा सकेगी।

इस मौक पर मुख्य सचिव ने कहा कि विभागों को दिये जाने वाले बजट व भौतिक लक्ष्यों की प्राप्ति, इससे लाभान्वित होने वाली जनता तथा योजनाओं के धरातलीय आंकड़ों की मोनिटरिंग डैशबोर्ड के माध्यम से हो सकेगी। सड़क, परिवहन, पुलिस व जिला प्रशासन को समेकित प्रयासोें से 2020 तक सड़क दुर्घाटनाओं को आधा करना है। इसी प्रकार स्वास्थ्य सेवाओं के विकास, लिगांनुपात के अन्तर को कम करने, नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की उपलब्धता आदि के पर्यवेक्षण की दिशा में कार्य करने तथा सोच में परिवर्तन लाने की प्रक्रिया में यह डैशबोर्ड मददगार होगा।”