शिक्षक सकारात्मक रुख अपनाते हुए राज्य के विकास और विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण में अपना योगदान दें। शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेशभर के 4,000 शिक्षकों को सीधे संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को स्वाध्याय के प्रति प्रेरित करते हुए कहा कि एक शिक्षक के एक घंटे के स्वाध्याय का परिणाम औसतन 160 घंटे का अध्यापन होता है।
मंगलवार को सचिवालय के सभागार शिक्षक दिवस पर राज्य के शिक्षकों से संवाद किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों की अपेक्षा प्राइवेट स्कूलों में अभिभावकों व शिक्षकों के रुझान पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में प्रति बच्चे पर व्यय देश में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में सर्वश्रेष्ठ अध्यापक होने के बाद भी सरकारी स्कूलों के प्रति विश्वास में कमी है। सरकारी शिक्षकों की सेवा शर्ते, वेतन इत्यादि भी प्राइवेट स्कूलों से बेहतर है। प्राइवेट स्कूलों में जहां औसतन 25 बच्चों पर एक अध्यापक होता है, वहीं सरकारी स्कूलों में 12 बच्चों पर एक अध्यापक होता है। उन्होंने राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों का आह्वान किया कि वे अपनी क्षमता एवं लगन से सरकारी विद्यालयों के प्रदर्शन को और बेहतर बनाएं। उन्होंने कहा कि राज्य में कुल मिलाकर 14,985 प्राइमरी स्कूल और 5088 उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। इसके अतिरिक्त 2259 माध्यमिक स्कूल हैं। प्राइमरी स्कूलों में 4,88,833 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, इनमें 2,22,792 बालक और 2,66,041 बालिकाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य के प्राइमरी स्कूलों में बालिकाओं के बढ़ते प्रतिशत पर संतोष व्यक्त किया लेकिन उन्होंने राज्य में बालिकाओं के अपेक्षाकृत कम लिंगानुपात पर चिन्ता भी व्यक्त की। उन्होंने शिक्षक समुदाय को इस दिशा में समाज को जागृत करने के लिए आगे आने की अपील की। सीएम ने कई स्कूलों में एक भी विद्यार्थी नहीं होने और कई स्कूलों में 10 से भी कम विद्यार्थी होने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए विद्यालयों की क्लबिंग का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों की क्लबिंग करके हम शिक्षकों और अन्य संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने शिक्षक संगठनों से भी अपील की है कि वे सरकार और समाज को अपना रचनात्मक सहयोग दें। सरकार सभी शिक्षक संगठनों का सम्मान करती है और उनकी सभी मांगों एवं सुझावों को लेकर संवेदनशील है। मुख्यमंत्री ने शिक्षक समुदाय के चुनाव, जनगणना जैसी विभिन्न लोक कल्याणकारी गतिविधियों में दिए जा रहे योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि भविष्य में ‘आधार योजना‘ और तकनीक के विस्तार से इन अतिरिक्त कार्यों में कमी आएगी। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को आगे आकर अपनी बात रखने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वे mygov.in के उत्तराखण्ड चैप्टर पर अपने सुझाव दे सकते हैं। साथ ही वे [email protected] पर भी अपने सुझाव भेज सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी 13 जनपदों के शिक्षकों को सम्बोधित किया। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जनपद, ब्लॉक और तहसील के 114 स्वान सेन्टर, 94 कामन सर्विस सेन्टर, 13 जिला डायट केन्द्र और 13 जिला एनआईसी केंद्र जुड़े थे। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के शिक्षक भी सीधे जुड़े। सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में मुख्यमंत्री के साथ शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह, शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा आदि मौजूद रहे।