नैनीताल- डोईवाला विधानसभा चुनाव दोबारा कराने संबंधी याचिका के मामले में सीएम की ओर से हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया। हाई कोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद नियत कर दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से तीन सप्ताह के भीतर प्रति शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
डोईवाला विधानसभा क्षेत्र की निर्दलीय प्रत्याशी रही हेमा पुरोहित ने चुनाव याचिका दायर कर कहा था कि नामांकन पत्र में दस्तखत करना छूट गए थे, मगर दस्तखत करने का मौका दिए बगैर नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया। याचिका में इस सीट पर दोबारा चुनाव की मांग की गई है। याचिका में प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी रहे व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी पक्षकार बनाया है। पूर्व में कोर्ट ने विपक्षीगणों को शपथ पत्र प्रस्तुत करने के आदेश पारित किए थे। गुरुवार को सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री की ओर से शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें याचिका को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 तथा हाई कोर्ट के रूल्स के विपरीत बताते हुए खारिज करने की मांग की गई है।
शपथ पत्र में करप्ट प्रेक्टिस के आरोप को गलत करार देते हुए कहा गया है कि याची की ओर से ऐसा कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया है। यह भी कहा है कि याचिकाकर्ता ने जानबूझकर गलत नामांकन पत्र भरा, याचिकाकर्ता की मंशा चुनाव लड़ने की थी ही नहीं, बल्कि चुनाव प्रक्रिया को चुनौती देने की थी। यही वजह थी कि मौका मिलने के बाद भी नामांकन पत्र की गलती को नहीं सुधारा गया।
इधर, शपथ पत्र में विकास नगर के विधायक मुन्ना सिंह की ओर से दायर हलफनामे में ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप को गलत व निराधार करार दिया है। हलफनामे में कहा गया है कि याची की ओर से कई मतदाता की ओर से एक से अधिक बार मतदान का आरोप लगाया गया है, जबकि कहा गया है कि जीत का बड़ा अंतर इस आरोप को खारिज करने के लिए पर्याप्त है। यहां उल्लेखनीय है कि विकास नगर के कांग्रेस प्रत्याशी नवप्रभात ने भी याचिका दायर की है। मुख्यमंत्री की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश थपलियाल, ललित शर्मा व संजय भट्ट की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया और वह अदालत में मौजूद रहे।