उत्तराखंड बीजेपी के राज्य प्रभारी जेपी नड्डा ने या साफ कर दिया है कि अगर बीजेपी राज्य में सरकार बनाती है तो मुख्यमंत्री चुने हुए विधायकों में से ही बनेगा। सोमवार को देहरादून में पत्रकारों से बात करते हुए नड्डा ने कहा कि बीजेपी के 25 उम्मीदवारों ने अब तक नामाकन भप दिया है और पार्टी के सभी उम्मीदवार घर घर जा कर लोगों से संपर्क बना रहे हैं। नड्डा ने कहा कि पार्टी की राज्य में स्थिति बहुत मजबूत है और वो निश्चित ही सरकार बनायेंगे। सरकार बनने की सूरत में नड्डा ने या साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री का चुनाव विधायकों द्वारा ही किया जायेगा और मुख्यमंत्री विधायकों में से ही चुना जायेगा। लंबे समय से राजनीतिक गलियारों में ये कयास लग रहे थे कि चुनाव जीतने की सूरत में पार्टी दिल्ली से कोई पैराशूट मुख्यमंत्री ने भेज दे। इन अटकलों पर आज नड्डा ने फिलहाल तो विराम लगा दिया है।नड्डा के इस बयान के चलते पार्टी में निशंक, कोसियारी और खंडूरी जैसे नेताओं के सीएम का कुर्सी तक पहुंचने के कदमों को ब्रेक लग गया है।
वहीं नड्डा ने ये भी कहा कि कुछ सीटों पर उम्मीदवारों में बदलाव भी हो सकता है। इसमें खास संभावना उन सीटों की हो सकती हैं जिन पर कांग्रेस के हेवी वेट उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
हरीश रावत और कांग्रेस पर हमला करते हुए नड्डा ने कहा कि हरीश रावत को खुद अपनी जीत को लेकर आश्वसत नहीं हैं इस लिये वो दो जगहों से चुनाव लड़ रहे हैं।साथ ही उन्होने हरीश रावत पर आरोप लगाया कि वो पहाड़ की राजनीति और नेतृत्व करने का दम तो भरते हैं लेकिन जिन दो सीचों पर वो चुनाव सलड़ रहे हैं उनमे से कोई भी पहाड़ की नहीं है। इसका सीधा मतलब है कि रावत पहाड़ छोड़ कर मैदान की तरफ भाग गये हैं।
जहां एक तरफ बीजेपी ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा में कांग्रेस को पीछे छोड़ा वहीं कांग्रेस की लिस्ट जारी होते ही पार्टी को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन सभी कांग्रेसी बागियों को टिकट देकर बीजेपी ने भी कई पार्टी के नेताओं को अपने खिलाफ कर लिया है। ऐसे में फिलहाल उत्तराखंड का चुनावी मुकाबला बराबरी का दिख रहा है हांलाकि दोनों ही दल अपनी तरफ एडवांटेज बता रहे हैं।