शनिवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून में बीजेपी पर आँकड़ों और संकल्प पत्रों से हमला बोला। राज्य में कांग्रेस सरकार बनने पर उन्होंने साल 2020 तक के लिये संकल्प पत्र जारी किया।
इस पत्र के मुताबिक़ः
- मलिन बस्तियों का नियमितीकरण का कानून बना के लोगो को मालिकाना हक़,साथ ही साथ 2017 मे मलिन बस्तियों का अधिकार पत्र दिया जाएगा।
- उन युवाओं को जिनको सरकार रोज़गार देने में नाकामयाब रही उनको 2500 रुपये का बेरोजगार भत्ता जब तक उन्हें नौकरी नहीं मिलती।
- उत्तराखंड के प्रत्येक घर से सरकारी या अर्धसरकारी नौकरी, 2020 तक सरकार का हर परिवार में एक कमाऊ सदस्य देने का वादा
- महिलाओं को सरकारी नौकरी में 33% का आरक्षण
- आपदा के खिलाफ मजबूत ढाल बनेगा प्रदेश
- बिजली,पानी और सड़कों पर होगा काम
- 2022 तक का रोड मैप भी हुआ तैयार
वहीं मुख्यमंत्री ने राज्य में अब तक रही तमाम बीजेपी सरकारों को भी निकम्मा बताया। इसके लिये रावत ने आँकड़े जारी किये। इन आँकड़ों के मुताबिक़
- राज्य स्थापना के बाद बाद बीजेपी ने 6 साल 3 महीने के कार्यकाल में लगभग 2554 घोषणाएं की लेकिन सीएम रावत ने पौने तीन साल में कुल 3823 घोषणाएं की और उनपर काम भी किया
- सीएम रावत की घोषणाएं सिर्फ कागज पर नहीं हुई,2170 घोषणाएं पूरी भी हो गई।
- पूर्व मुख्यमंत्री निशंक के कार्यकाल में कुल 1245 घोषणाएं ऐसी रही जिनपर कोई काम नहीं हुआ
- बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में लगभग 48.75 प्रतिशत घोषणाएं अपूर्ण रहीं और सीएम रावत के कार्यकाल में केवल 7.06 प्रतिशत घोषणाएं अपूर्ण रही।
कांग्रेस ने संकल्प पत्र में अपनी उपलब्पधियां गिनाने के साथ ही बीजेपी के पिछले सभी घोषणाओं का काला चिट्ठा खोल दिया है।बहरहाल आँकडें और संकल्प लोगों के बीच कितना जगह बना पाते हैं इसका पता तो आने वाले चुनावों में चल ही जायेगा।