कांग्रेस का हाथ अब नहीं है मल्ल के साथ,धनौल्टी में पार्टी देगी प्रीतम का साथ

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कांग्रेस हाईकमान ने शुक्रवार को दिल्ली में एक बैठक कर अपने धनौल्टी सीट पर उम्मीदवार वापस लेने का फ़ैसला किया। धनौल्टी सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रीतम पंवार को कांग्रेस ने समर्थन करने का फ़ैसला किया है। गौरतलब है कि इस सीट पर कांग्रेस ने मसूरी नगर पालिका चेयरमैन मनमोहन सिंह मल्ल को टिकट दिया था। मुख्यमंत्री हरीश रावत पहले से ही प्रीतम पंवार को बाहर से समर्थन करने और पार्टी का उम्मीदवार की तरह खड़ा करने की वकालत कर रहे थे। इसका साफ़ कारण था कि प्रीतम ने मुश्किल के वक़्त हरीश रावत का साथ दिया था। और ये रावत की तरफ़ से दूरगामी राजनीतिक चाल भी थी। लेकिन पार्टी के अंदर और ख़ासतौर पर प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय इसके पक्ष में नही थे। इसी वजह से पार्टी मे धनौल्टी में अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा था। लेकिन अब पार्टी के इस फ़ैसले से ये साफ़ है कि उत्तराखंड कांग्रेस में हरीश रावत खेमा बाक़ी बचे सभी नेताओं के साथ साथ कांग्रेस हाईकमान पर भी भारी पड़ रहा है।
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पार्टी हाईकमान नें धनौल्टी सीट पर प्रीतम पंवार को समर्थन देने का फैसला किया है जिसके कारण नामांकन के आखिरी दिन मनमोहन सिंह मल्ल का टिकट काट दिया गया है।वहीं मामला अब और दिलचस्प हो गया है क्योंकि मनमोहन मल्ल ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाख़िल कर दिया। इससे साफ़ है कि इस फ़ैसले पर मल्ल को भरोसे में नही लिया गया है।
कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता आर.पी रजूड़ी ने कहा कि मल्ल कांग्रेस के एक अच्छे और मजबूत प्रत्याशी थे और वह पार्टी के इस फैसले को समझेंगें और कांग्रेस का साथ देंगें।उन्होंने कहा कि मल्ल पार्टी के समर्पित प्रत्याशी है और इसके नाते मैं उम्मीद करता हूं कि वह इस फैसले में पार्टी का साथ देंगें।उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मल्ल इस फैसले से आहत होंगें क्योंकि कांग्रेस ने उन्हें बहुत सम्मान दिया है।और कभी कभी कुछ कारणों से कड़वा घूंट भी लेना पड़ता है क्योंकि कुछ इलाज की दवा कड़वी होती है और मल्ल खुद को इसके मुताबिक ढाल लेंगें।
अब देखने वाली बात यह होगी कि मनमोहन मल्ल का इस फ़ैसले पर क्या प्रतिक्रिया होती है? क्या वो पार्टी के फ़ैसले को मानेंगें या निर्दलीय मैदान में उतरेंगे?