हाई कोर्ट ने प्रदेश में नाबालिगों की तस्करी के बढ़ते मामलों पर कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने रुद्रपुर निवासी नाबालिग बालक के पूर्णागिरी मेला चम्पावत से गायब होने के मामले में प्राथमिकी दर्ज न करने तथा जांच में ढिलाई पर पुलिस को जमकर लताड़ लगाई है। साथ ही सरकार से पूछा है कि नाबालिगों की मानव तस्करी रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जुविनाइल पुलिस फोर्स के गठन पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है।
गुरुवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ के समक्ष रुद्रपुर आदर्श नगर निवासी धर्मवीर की याचिका पर सुनवाई हुई। धर्मवीर के अनुसार पिछले माह वह पूर्णागिरी मंदिर दर्शन को गया था। जहां उसका 17 वर्षीय बेटा संजीव कुमार लापता हो गया। 24 मई को टनकपुर थाने में गुमशुदगी की तहरीर दी, मगर पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।
बाद में आठ व 13 जून को दोबारा प्रत्यावेदन दिया लेकिन पुलिस ने फिर भी रिपोर्ट दर्ज नही की। परिजनों ने व्यक्तिगत तौर पर पंपलेट बांटकर बेटे का पता लगाया लेकिन कुछ पता नहीं चला। याचिका में मामले की सीबीसीआइडी जांच की मांग की गई है। कोर्ट ने पुलिस को इस मामले में अपना पक्ष रखने, अब तक की कार्रवाई रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने तथा सरकार को जुवेनाइल पुलिस के गठन मामले में जवाब दाखिल करने के आदेश पारित किए हैं।